मदनगंज किशनगढ़ इंडो यूरोपियन चैबर ऑफ़ स्मॉल एंड मीडियम एंट्रप्राइजेज कि ओर से नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम कामधेनु चेयर फॉर विश्व गुरु भारत महिला प्रतिष्ठा समारोह में जयपुर की वरिष्ठ समाज सेविका नीलम मिश्रा एवं किशनगढ़ से समाज सेविका संतोष पारीक को IECSME की कॉर्डिंनेटर ऑफ़ राजस्थान श्रीमति विशाला शर्मा ने शॉल व मूमेंटो देकर सम्मानित किया.
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परिंदों के लिए परिंडे, गर्मियों में पक्षियों के लिए एक सराहनीय पहल
झालावाड़ में राजस्थान ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में तेज गर्मी को ध्यान में रखते हुए पक्षियों के लिए परिंडे बांधे गए। इस कार्यक्रम का आयोजन तिलक नगर स्थित भोले नाथ के मंदिर पर किया गया। जिलाध्यक्ष दुर्गेश नंदन ने बताया कि इस पहल के तहत पक्षियों को गर्मी में पानी मिल सकेगा, जिससे उन्हें राहत मिलेगी।इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष मंजू शर्मा, रजनी बाला व्यास, तहसील अध्यक्ष ममता शर्मा, तरुणा शर्मा, सुधा, नंदकंवर, गिरजा, ज्योति और अन्य महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
इसके अलावा, आगामी 10 मई को परशुराम जन्मोत्सव के लिए घर-घर जाकर पीले चावल और निमंत्रण कार्ड भी बांटे गए।कार्यक्रम के समापन पर जिलाध्यक्ष दुर्गेश नंदन ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी इसी प्रकार के सहयोग की अपेक्षा की। इस अवसर पर श्रीमती यशोदा शर्मा और अन्य कार्यकारिणी सदस्य भी उपस्थित रहे।
इस प्रकार के सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों से समुदाय में जागरूकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलता है। गर्मियों में पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना एक सराहनीय कदम है, जिससे उनकी जीवन रक्षा संभव हो सकेगी। इस प्रकार की पहल अन्य संगठनों और व्यक्तियों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।
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परशुराम जन्मोत्सव बूंदी: ब्राह्मण समाजजनों ने 31 यूनिट रक्तदान किया
यहां सर्व ब्राह्मण महासभा समिति संबद्ध राजस्थान ब्राह्मण महासभा की ओर से परशुराम जन्मोत्सव सप्ताह के तहत जिला अस्पताल ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर लगाया गया। इसमें समाज बंधुओं ने 31 यूनिट रक्तदान किया। वहीं परशुराम वाटिका में गत रात संगीतमयी सुंदरकांड पाठ हुआ। आज भी धार्मिक व सामाजिक सरोकार के कार्य होंगे।
सीडीईओ महावीर कुमार शर्मा और डीईओ माध्यमिक राजेंद्र कुमार व्यास ने कहा कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। जरूरत के समय मरीजों को ब्लड नहीं मिलता है और मरीज की जान चली जाती है। इस अवसर पे पीआर ज्योतिशंकर शर्मा, जयंती संयोजक हनुमान सहाय शर्मा ने कहा कि यह अच्छी बात है कि विप्रबंधु तेज गर्मी के बाद भी रक्तदान के लिए परिवार पधारे। चर्मेश शर्मा, गौरव शर्मा और अतिथियों ने भगवान परशुरामजी की तस्वीर पर दीप प्रज्वलित कर शिविर आरंभ किया।
ब्लडबैंक परिसर में आयोजित शिविर में सुनील गौतम बॉबी, लोकेश दाधीच, नूतन तिवारी, पीयूष शर्मा, धनंजय शर्मा, मंथन पंचोली, परशुराम चिकित्सा प्रकोष्ठ के राजेन्द्र शर्मा, सुनीत शर्मा, दीपक दाधीच, लोकेश सुखवाल, भैरु प्रकाश शर्मा, नम्रता व्यास, अंकुर शर्मा, विशाल शर्मा, प्रियांशु गौतम, गौरव शर्मा, मोहित जोशी, देवराज, अंकित दाधीच, राजेश शर्मा, नरोत्तम शर्मा, विशाल शर्मा समेत अन्य समाजबंधुओं ने उत्साह से रक्तदान किया। इसमें परशुराम चिकित्सा प्रकोष्ठ की टीम का अहम योगदान रहा। सर्व ब्राह्मण महासभा समिति के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश शर्मा के साथ उनके बेटे प्रियांशु शर्मा ने पहली बार रक्तदान किया।रक्तदाताओं का राजेश चतुर्वेदी,अवधेश शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा हौसला बढ़ाया।
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व्यक्तित्व: दिल्ली की 26 साल की पूजा शर्मा कर चुकी है हजारों लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार
पूजा कहती है की लड़कियों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहिए। वो मात्र 26 साल की है और हजारों लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं। वो मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उन्हें सम्मानजनक विदाई देने का काम कर रही हैं। पूजा ने मां और भाई की मौत के बाद इस काम का बेड़ा उठाया। उनकी ये कहानी हर किसी के प्रेरक है।
पूजा ने लावारिस लाशों के अंतिम संस्कार करने का बेड़ा तब उठाया जब उन्हें अपने परिवार के बगैर ही भाई का अंतिम संस्कार करना पड़ा था। 2022 से अब तक पूजा 4 हजार से ज्यादा लावारिस शवों को सम्मान से अंतिम विदाई दे चुकी हैं। पूजा का ये सफर उसके इकलौते भाई की उसकी आंखों के सामने गोलीमार कर की गई हत्या से शुरू हुआ। पूजा की मां का बीमारी के कारण निधन हो गया। इस दुख से परिवार उबर भी नहीं पाया तब तक एक विवाद में हुए झगड़े में उनके भाई की मौत हो गई। पूजा के पिता कोना में थे, ऐसे में परिवार में कोई पुरुष नहीं था, जो उनके भाई का अंतिम संस्कार करता। परिवार के ऐसे हालात में पूजा ने हिम्मत नहीं हारी और पगड़ी पहनकर खुद ही अपने भाई का अंतिम संस्कार किया।
इस पूरे घटनाक्रम से उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि जिन लोगों के परिवार में कोई नहीं है उनका अंतिम संस्कार कैसे होता होगा। इसके बाद पूजा ने न जाति देखी न धर्म और लावारिस शवों के अंतिम संस्कार करने का बेड़ा उठा लिया। वो पिछले दो सालों में लगभग 4000 हजार लाशों को सम्मानजनक विदाई दे चुकी हैं। वो इस बात का भी ख्याल रखती हैं कि मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ही उसका अंतिम संस्कार किया जाए। पूजा दो साल से ये काम बिना किसी स्वार्थ के कर रही हैं।
उनके इस काम पर किसी का ध्यान नहीं गया। लेकिन पिछले साल, एक अज्ञात मृतक व्यक्ति के परिवार ने उनसे संपर्क किया और उनके बेटे के अंतिम संस्कार करने के लिए आभार जताया। इस बात से पूजा को एहसास हुआ कि उनकी ये पहल लोगों के जीवन में बदलाव ला रही है।इस सेवा कार्य के चलते उनकी सगाई टूट गई और उनके होने वाले पति ने शादी या सेवा में से जब एक को चुनने की शर्त रखी तो पूजा ने सेवा को चुना। पूजा की ये कहानी धर्म के नाम पर ढकोसला करने वालों, जाति के नाम पर नफरत करने वालों और महिलाओं को कमजोर समझने वालों के लिए एक सबक है।
पूजा शर्मा का कहना है कि लड़कियों को सिर्फ शारीरिक ही नहीं मानसिक रूप से भी मजबूत होने की जरूरत है तभी उनकी समस्याओं का अंत होगा।अपने मिशन को पूजा करने के लिए पूजा अस्पतालों के मुर्दाघरों के संपर्क में रहती हैं, जहां से उन्हें लावारिस लाशों के बारे में जानकारी मिलती रहती है। इसके बाद वो शव को निकटतम श्मशान घाट तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करती हैं। एक एंबुलेंस को किराए पर लेने और अंतिम संस्कार करने करीब 2 हजार रुपये का खर्चा आता है।
पूजा पढ़ी लिखी हैं। उनके पास सोशल वर्क में मास्टर डिग्री है। उन्होंने अपने मिशन को पूरी तरह समय देने के लिए HIV काउंसलर की नौकरी छोड़ दी। पूजा अपने मिशन को परिवार की मदद से पूरा करती हैं। उनकी दादी अपनी पेंशन का पैसा उन्हें देती हैं और उनके पिता जो ड्राइविंग का काम करते हैं, वह भी मदद के लिए पैसे देते हैं। इसके अलावा पूजा को समाजिक कार्यों से जुड़े कुछ लोगों ने भी आर्थिक मदद की है, जो उनके काम से प्रेरित हुए हैं।
लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के इस काम के अलावा पूजा ने ‘ब्राइट द सोल फाउंडेशन’ नाम के एनजीओ को शुरू किया है। इस एनजीओ के जरिए वो लोगों को प्रेरित और सशक्त बनाना चाहती हैं। पूजा का एनजीओ और उनका निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने का महान मिशन दुनिया के लिए एक सकारात्मक उदाहरण है।
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जयपुर में नशे के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बना, नशा मुक्ति का व्यापक अभियान चलेगा
सर्व समाज संयुक्त मोर्चा नशे के खिलाफ एक बड़ा आंदोलन चालू करने जा रहा है जो की एक बैनर तले सब को साथ लेके चलेगा। जयपुर में 22 अप्रैल को बांस की पुलिया पर इसके तहत चाय की दुकानों पर बिक रहे नशे की रोकथाम के लिए वार्ड नंबर 29 अजीज भाई लोहार के कारखाने में हुई मीटिंग में ग्रुप के सभी साथी शामिल हुए। सभी साथियों ने इस मुहिम पर अपने अनुभव साझा किए।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए आगामी 10 दिनों में वार्ड 26 29 30 के संबंधित थाना गलता गेट प्रभारी जयपुर शहर के पुलिस कमिश्नर, डीजीपी, एसपी, एसओजी, इलाके के विधायक रफीक खान व विधायक आमीन कागजी की एक सयुक्त मीटिंग स्थान तय करके रखी जाएगी और प्रशासन के सहयोग द्वारा इन सभी चाय की दुकानों को समय सीमा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार संचालित करने और बंद करने के आदेश पारित करवाए जाएंगे।
मीटिंग में सभी पार्षदों द्वारा ये भी तय किया गया की जो भी दुकान संचालक गाइडलाइन की अनुसार नहीं रहेगा उस पर कानूनी कार्रवाई होगी। नशे जैसी बुराई को रोकने के लिए ग्रुप और समाज के सभी सदस्यों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। उक्त जानकारी अब्दुल हमीद अध्यक्ष नशा मुक्ति जागरूकता अभियान एवम शेख खलील जावेद सेठी डिप्टी मेयर ने दी है।
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बढ़ती गर्मी में गायों की सेवा को आगे आया समाज
परवतसर में जाने माने वैद्य ओमप्रकाश दाधीच ने गायों की सेवा के लिए गो सेवा में भजन संध्या का आयोजन किया और गायों को एक क्विंटल लस्सी खिलायी और मरीजों भाइयों की चिकित्सा की तथा सभी गऊ सेवकों को भोजन प्रसादी कराई गई। गर्मी के बड़ते प्रकोप से जानवरो का बुरा हाल है। लोग इनकी सेवा के लिए बड़ चढ़ कर आगे आ रहे है।
वैद्य ने साथ ही लोगो के स्वास्थ्य संबंधित मुद्दों पे भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने बताया को जानलेवा डी जे साउंड एक परेशानी बना हुआ है। हाल में यहां एक वैवाहिक कार्यक्रम में डीजे बजाने से हुए कंपन से मकान की दीवार भरभरा कर गिर पड़ी और कई लोग उसमें दब गए। सौभाग्य से अधिकांश को निकाल लिया गया परंतु बहुत से पुरुष और महिलाएं और बच्चे बुरी तरह घायल। क्या समाज इस घटना से सबक लेगा?