एक साल पहले, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व में आतंकवादियों ने इज़राइल के नेतिव हा’सारा और कम से कम दर्जनभर अन्य गांवों पर हमला किया, गांवों में आग लगाई, निवासियों को उनके घरों में मार डाला और कई बंधकों को गाजा ले गए। इज़राइली अधिकारियों के अनुसार इस आतंकवादी हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। लगभग 250 लोगों को बंधक बनाया गया था।
इस हमले के बाद सबसे बुरी तरह प्रभावित गांवों के अधिकांश निवासी अब भी अन्यत्र रह रहे हैं, कुछ होटल या सरकार द्वारा वित्तपोषित अस्थायी आवास में। जो कुछ लोग, जैसे कि मिस गिलर, वापिस अपने गांव लौटने का साहस कर चुके हैं, उन्हें युद्ध की कठिन वास्तविकताओं का सामना करना पड़ रहा है और 7 अक्टूबर की उस दर्दनाक घटना की रोज़ाना यादें घेरती हैं।
7 अक्टूबर को इज़राइल ने इस दिन की पहली वर्षगांठ मनाई, जिसे देश के इतिहास का सबसे घातक दिन माना जाता है। हमास के हमलों ने इज़राइल और गाजा के बीच संघर्ष को भड़का दिया, जो पिछले एक साल से चला आ रहा है और यह अरबों और यहूदियों के बीच एक सदी से चले आ रहे संघर्षों में अब तक का सबसे घातक और लंबा युद्ध बन गया है।यह युद्ध 1949 में इज़राइली राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने वाले संघर्ष के बाद से सबसे लंबा है, और अब तक का सबसे घातक साबित हुआ है।
इस दौरान, 1,500 से अधिक इज़राइली मारे गए, जिनमें से अधिकांश हमास के 7 अक्टूबर के हमले के दौरान मारे गए थे। लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। वहीं, इज़राइल के जवाबी हमले में अब तक 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। यह जवाबी हमला आधुनिक युद्ध इतिहास के सबसे तीव्र बमबारी में से एक था।
इस युद्ध ने इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों के लोगों को गहरे दुःख और पीड़ा में डाल दिया है, जहां एक तरफ इज़राइल अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हमास के खिलाफ अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी तरफ गाजा में फिलिस्तीनी नागरिक इस संघर्ष के कारण अत्यधिक विनाश और मौत का सामना कर रहे हैं। वही अब लेबनान में भी नया युद्ध चालू हो गया है और रोज ईरान के साध बड़े युद्ध के शुरू होने का डर है।
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