हिंदू धर्म विश्व के सबसे प्राचीन और विविध धार्मिक परंपराओं में से एक है, जिसकी जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं। इस धर्म की गहराई और व्यापकता को समझने के लिए इसके पवित्र ग्रंथों का अध्ययन अत्यंत आवश्यक है। हिंदू धर्म के ग्रंथ दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित हैं – श्रुति (जो सुनी गई) और स्मृति (जो स्मरण में रखी गई)। आइए इन ग्रंथों को विस्तार से समझें।
1. श्रुति (श्रवण परंपरा के ग्रंथ)

श्रुति ग्रंथ सबसे प्राचीन और दिव्य माने जाते हैं, जिन्हें ऋषियों ने ईश्वर की प्रेरणा से “सुना” और पीढ़ी दर पीढ़ी मौखिक रूप से संजोया। इन ग्रंथों को सर्वोच्च सत्य का वाहक माना गया है।
वेद – चार मूल ग्रंथ
- ऋग्वेद
- सबसे प्राचीन वेद।
- इसमें 1,028 सूक्त (स्तोत्र) हैं जो अग्नि, इंद्र, वरुण आदि देवताओं की स्तुति में हैं।
- सामवेद
- इसमें ऋग्वेद के मंत्रों को संगीतबद्ध किया गया है।
- यह यज्ञों में गाया जाने वाला वेद है।
- यजुर्वेद
- यज्ञों में प्रयोग होने वाले कर्मकांड और मंत्रों का संग्रह।
- यह वेद दो शाखाओं में विभाजित है – शुक्ल यजुर्वेद और कृष्ण यजुर्वेद।
- अथर्ववेद
- जीवन के व्यावहारिक पहलुओं से संबंधित – जड़ी-बूटियाँ, रोगों की चिकित्सा, तंत्र-मंत्र आदि।
- इसमें सामाजिक और घरेलू जीवन की झलक मिलती है।
वेदों के अंग (प्रत्येक वेद में चार भाग)
- संहिता – मूल मंत्र।
- ब्राह्मण – यज्ञ-विधि और कर्मकांड की व्याख्या।
- आरण्यक – तपस्वियों द्वारा जंगलों में किया गया चिंतन।
- उपनिषद – आत्मा, ब्रह्म और मोक्ष पर गहन दार्शनिक विचार।
2. स्मृति (स्मरण परंपरा के ग्रंथ)
स्मृति ग्रंथ मानव द्वारा रचित माने जाते हैं लेकिन फिर भी अत्यंत पवित्र और मार्गदर्शक हैं। इनमें धर्म, आचरण, कथा और भक्ति का समावेश होता है।
इतिहास ग्रंथ (महाकाव्य)
- रामायण –
- लेखक: महर्षि वाल्मीकि।
- श्रीराम के जीवन, आदर्श, वनवास, रावण वध और अयोध्या वापसी की गाथा।
- महाभारत –
- लेखक: महर्षि वेदव्यास।
- कौरव-पांडव युद्ध की कथा।
- इसमें भगवद गीता शामिल है – भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया अमर उपदेश।
पुराण (18 मुख्य और कई उपपुराण)
- पुराणों में सृष्टि, देवताओं की कथाएँ, अवतार, धर्म और भक्ति का वर्णन है।
- प्रमुख पुराण:
- भागवत पुराण (कृष्ण भक्ति पर केंद्रित)
- विष्णु पुराण, शिव पुराण, मार्कण्डेय पुराण, देवी भागवत, आदि।
धर्मशास्त्र
- जीवन के विभिन्न चरणों में धर्म, कर्तव्यों और आचार का निर्धारण।
- प्रमुख ग्रंथ:
- मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, नारद स्मृति।
3. वेदांग – वेदों के सहायक ग्रंथ
वेदों के गूढ़ ज्ञान को समझने के लिए इन 6 वेदांगों की रचना हुई:
- शिक्षा (उच्चारण)
- व्याकरण (संस्कृत भाषा का व्याकरण – जैसे पाणिनि का अष्टाध्यायी)
- निरुक्त (शब्दों की व्याख्या)
- छंद (वेदों की छंद रचना)
- कल्प (यज्ञ की विधि)
- ज्योतिष (गणना और काल निर्धारण)
4. दर्शन शास्त्र – भारतीय दर्शन के छह प्रमुख मत
हिंदू दर्शन की गहराई छह ‘आस्तिक’ (वेद मान्य) दर्शनों में व्यक्त की गई है:
- न्याय – तर्क और प्रमाण पर आधारित।
- वैशेषिक – पदार्थों और तत्वों का वर्गीकरण।
- सांख्य – प्रकृति और पुरुष का द्वैत।
- योग – पतंजलि योगसूत्र आधारित आत्मसाधना।
- पूर्व मीमांसा – कर्मकांड और यज्ञ की महत्ता।
- वेदांत (उत्तर मीमांसा) – उपनिषदों और ब्रह्मसूत्रों पर आधारित – अद्वैत, द्वैत, विशिष्टाद्वैत आदि में विभाजन।
5. आगम और तंत्र ग्रंथ
विशेषतः शैव, वैष्णव और शाक्त परंपराओं में पूजन, ध्यान, मंदिर निर्माण, मूर्ति स्थापना आदि के लिए आगम और तंत्र ग्रंथों का महत्व है।
6. भक्ति साहित्य (प्रादेशिक भाषाओं में)
हिंदू धर्म के विभिन्न संतों और भक्तों ने सरल भाषा में अद्वितीय भक्ति रचनाएँ कीं:
- रामचरितमानस – गोस्वामी तुलसीदास (अवधी)
- सूरदास, मीरा, कबीर, तिरुवल्लुवर, नामदेव, एकनाथ, तुकाराम आदि।



Leave a Reply