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  • न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अखबारों में से एक, न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जो चीख-चीख कर बता रही हैं कि भारत का हमला कितना सटीक था, कितना अचूक था और कितना भीतर था!

    NYT चूँकि अपने लेखों के लिए पैसे माँगता है, इसीलिए मैं एक-एक कर उन ‘Before And After’ पहले और बाद वाली सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण के साथ ही समझाता हूँ कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल रहा।

    ये दिखाता है कि हम जब जहाँ चाहें पाकिस्तान में उसी क्षण वार कर सकते हैं। आइए…

    भोलारी एयरबेस

    भोलारी एयरबेस: ये सारी की सारी HD सैटेलाइट तस्वीरें हैं। ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी पोर्ट सिटी कराची से 100 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ भारत ने एक एयरक्राफ्ट हैंगर को उड़ा दिया। ये वो इमारत थी जहाँ एयरक्राफ्ट को रखा और मेंटेन किया जाता है। अंदर रखे एयरक्राफ्ट्स का क्या हुआ होगा, समझ जाइए।भारत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है!

    नूर खान एयरबेस

    आइए, अब चलते हैं नूर खान एयरबेस की तरफ: ये पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील इलाक़ों में से एक है। पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय और वहाँ के प्रधानमंत्री का दफ्तर से ये कुछ ही दूरी पर स्थित है। साथ ही यहाँ से कुछ ही दूरी पर पाकिस्तान का परमाणु जखीरा है, उसकी देखभाल करने वाली यूनिट है। यहाँ की एक महत्वपूर्ण इमारत को भी भारत ने एकदम सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया।

    रहीम यार खान एयरफील्ड

    रहीम यार खान एयरफील्ड:10 मई को पाकिस्तान ने एक नोटिस जारी करके कहा कि रहीम यार खान एयरबेस का रनवे चालू नहीं है। कारण – भारत ने रनवे को ही तबाह कर दिया। बनाते रहे अब…जहाँ जो चाहे हमने उसे उड़ा दिया!

    सरगोधा एयरबेस

    सरगोधा एयरबेस: ये पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है।यहाँ रनवे के एक नहीं बल्कि दो हिस्से को हमारे हवाई हमले से उड़ा दिया गया। फिर भी हमारे अपने ही देश के लोग हमारी ही वायुसेना पर शक कर रहे थे और दुनिया भर में पाकिस्तान के दावे को सच मान रहे थे।

    उधमपुर एयरबेस

    अब अगर मैं भारत की बात नहीं करूँगा तो लोग कहेंगे कि एक ही पक्ष का दिखाया, दूसरे का क्या? पाकिस्तान ने उधमपुर एयरबेस को निशाना बनाए जाने का दावा किया। पता है आपको, सैटेलाइट इमेज में क्या निकला? उस एयरपोर्ट पर एक तिनका भी नहीं हिला है। सब वैसे का वैसे ही है।

    जो जम्मू के उधमपुर एयरबेस का कुछ नहीं कर पाए, वो और भीतर क्या उखाड़ पाए होंगे, सोचिए न।

    इन सबके बावजूद अगर कोई भारतीय सेना की क्षमता पर शक करता है तो वो देशद्रोही है, और कुछ नहीं!

    भारतीय सेना ने तो सबूत दिया सो दे ही दिया, पाकिस्तान के दावों पर हमारे अपने लोग कैसे विश्वास कर सकते हैं? हमारी ताक़त वैसी है जहाँ हम अब चीन को भी ठोकने की स्थिति में हैं। हमारा एयर डिफेंस ऐसा है जो इजरायल के ‘आयरन डोम’ को टक्कर देता है।

    – सिद्धार्थ गौड़ (संपादक, न्यूज सेवा)

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    नई दिल्ली, 12 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज हर आतंकी यह जान चुका है कि भारत की बेटियों और बहनों के सिन्दूर से खेलने का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को न्याय की दिशा में देश का अडिग संकल्प बताया।

    प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निर्दोषों पर नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और सामाजिक एकता पर भी हमला था। उन्होंने बताया कि कैसे छुट्टियां मना रहे नागरिकों को उनके धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने मौत के घाट उतारा गया। इस अमानवीय कृत्य ने देश को झकझोर कर रख दिया और सभी वर्गों ने एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 6 और 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे वैश्विक आतंक के अड्डों को नष्ट किया गया। इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें कई दशकों से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले शामिल थे।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जवाबी हमले में भारत के स्कूलों, मंदिरों, गुरुद्वारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की और भारत से डी-एस्केलेशन की मांग की।

    प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई और आतंकवाद तथा सैन्य हमलों को बंद करने का वादा किया। भारत ने फिलहाल अपनी जवाबी कार्रवाई को स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। भारत पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थायी नीति का प्रतीक है। उन्होंने भारत की सुरक्षा नीति के तीन स्तंभों की घोषणा की:

    1. निर्णायक प्रतिकार – भारत पर किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा, आतंक के मूल स्रोतों पर हमला करेगा।
    2. परमाणु धमकियों की कोई मान्यता नहीं – परमाणु हमले की आड़ में छिपे आतंकी ठिकानों पर भी सटीक जवाब दिया जाएगा।
    3. आतंकी और उनके संरक्षकों में कोई भेद नहीं – अब भारत आतंकी संगठनों और उन्हें संरक्षण देने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखेगा।

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना के अधिकारी खुलेआम मारे गए आतंकियों के जनाज़ों में शरीक होते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद में लिप्त है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों की सजगता और वीरता की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत अब रेगिस्तानी, पहाड़ी और आधुनिक डिजिटल युद्ध क्षमताओं में अग्रणी बन चुका है और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों ने हाल की कार्रवाई में अपनी प्रभावशीलता साबित की है।

    बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए कहा कि शांति की राह शक्ति से होकर जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई भी इसी भावना से लड़ी जाएगी।

    अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने फिर से भारतीय सैनिकों की बहादुरी को नमन किया और देशवासियों की एकता को सलाम करते हुए कहा कि यह भारत की नई रणनीतिक दिशा है – न आतंक बर्दाश्त होगा, न आतंकवादियों को बख्शा जाएगा।

  • ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

    ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

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    मोदी पहुंचे सेना से मिलने:

  • कितने भी सबूत दे लो, कांग्रेस के लिए काफी नहीं

    कितने भी सबूत दे लो, कांग्रेस के लिए काफी नहीं

    भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद सीमा पर स्थिति थोड़ी स्थिर हुई है, लेकिन कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने पहलगाम घटना पर अपने बेवजह और असंवेदनशील बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया है। जब देश सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर क्षेत्र के सांसद ने इस गंभीर मुद्दे को हल्के में लिया।

    भास्कर की खबर के अनुसार बेनीवाल ने अपनी ताजा टिप्पणी में पर्यटकों की हत्या के घटनाक्रम पे सवाल उठाए है, जिसमें उनका उनके धर्म पूछने के बाद हत्या कर दी गई थी। उनका तर्क है कि ऐसा कोई सवाल पूछा गया इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। क्या सच में, बेनीवाल जी, कितने सबूत चाहिए?

    इस घटना में अनेक लोगों को उसकी पत्नी के सामने धर्म पूछकर मारा गया, और कुछ मामलों में तो लोगों को नंगा करके धर्म की जांच भी की गई। क्या इन घटनाओं को नकारना उचित है, जब इतने सारे लोग इसी तरह मारे गए? क्या यह पर्याप्त सबूत नहीं है, बेनीवाल जी? क्या विधवाएं गलत बोल रही है? बेनीवाल यह तक कह रहे हैं कि मोदी को इस घटना के बारे में बताना वाला बयान भी गलत है! 

    क्या यह वाकई उचित है? क्या उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि जब सेना ऑपरेशन करती है, तो क्या उन्हें यह पता होता है कि कैमरा लेकर सबूत भी जुटाने होंगे? कांग्रेस का एकमात्र काम है, हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेना और जनता में भ्रम पैदा करना। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने दुश्मन को माकूल जवाब दिया, बलिदान भी दिया, लेकिन फिर भी कुछ विपक्षी नेताओं के लिए सबूत जुटाना जरूरी था जो उन्होंने जुटाया।

    बेनीवाल के बयान सिर्फ इस घटना के प्रति असंवेदनशीलता ही नहीं, बल्कि देश में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ कार्रवाई को भी कमजोर करते हैं। कांग्रेस के नेताओं के लिए हर मुद्दे पर सवाल उठाना एक बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है। क्या कांग्रेस इन घटनाओं को नकारकर यह संदेश दे रही है कि धर्म के आधार पर हत्या कोई बड़ी बात नहीं है? राहुल गांधी कहते है हम सरकार के साथ खड़े है, ये साथ खड़े है आप?

    पाकिस्तान को कुछ कहने की जरूरत नहीं है, हमारे खुद कुछ नेता ही बातों को तोड़ मरोड़ के पेश करने के लिए काफी है। यह देश के अंदर ही असहमति और भ्रम फैलाने का काम करता है। हमें इस तरह के बयानों का विरोध करना चाहिए और उन लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए जो इन हिंसक घटनाओं का शिकार हुए हैं।

    यह असंवेदनशीलता है। इस घटना को केवल एक सुरक्षा चूक कहकर, यह कहना कि यह सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते खतरे को नहीं दिखाता, उन पीड़ितों के साथ अन्याय है। हमें अब और बहस नहीं चाहिए, हमें कार्रवाई, जिम्मेदारी और न्याय चाहिए थी उन लोगों के लिए जिनकी जान इतनी बेरहमी से ली गई। और ऑपरेशन सिंदूर में वो हासिल हुई।

    बेनीवाल के बयान भारतीय राजनीति में अब भी मौजूद अस्वीकृति की जहरीली संस्कृति को दर्शाते हैं। यह समय है कि कांग्रेस अपनी सोच, नेतृत्व और अपनी जिम्मेदारी की पुनः मूल्यांकन करे। एक दुनिया में जहां हर सबूत, हर जीवित गवाह की कहानी और हर पीड़ित की प्रार्थना मायने रखती है, यह दुखद है कि एक जन प्रतिनिधि जमीन पर हो रही वास्तविकता से इतना दूर है।

  • भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी पहल पर युद्धविराम की घोषणा की गई। ट्रंप ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाते देख दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से व्यक्तिगत संपर्क किया और कुछ ही घंटों में संघर्षविराम लागू हो गया, हालांकि पाकिस्तान मानने वाला नहीं था।

    यह कदम ऐसे समय में आया जब भारत ने पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों पर आक्रामक कार्रवाई की थी, और युद्ध का खतरा वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गया था।

    सीजफायर का उल्लंघन: पाकिस्तान ने चार घंटे में तोड़ा भरोसा

    शांति का यह क्षण मात्र चार घंटे ही टिक पाया। रात 9 बजे के करीब, पाकिस्तान ने जम्मू, पुंछ, और राजौरी सेक्टरों में भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। भारतीय गांवों और पोस्टों को निशाना बनाया गया। यह सीधा उल्लंघन उस युद्धविराम का था जो अमेरिकी हस्तक्षेप से लागू हुआ था।

    पाकिस्तान की इस हरकत ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह न शांति चाहता है, न समझौतों का सम्मान करता है। भारत ने पहले संयम दिखाया लेकिन जैसे ही आक्रामकता बढ़ी, जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई।

    दूसरी बार सीजफायर: जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान झुका

    भारत ने न सिर्फ सीमावर्ती पोस्टों पर, बल्कि पाकिस्तान के भीतर गहरे सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार किया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने चकलाला (नूर खान), रफीकी और रहरयार खान जैसे एयरबेस को निशाना बनाया, ये सभी पाकिस्तान की सामरिक क्षमताओं के केंद्र हैं।

    पाक के विभिन्न सैन्य ठिकाने जिन्हें भारतीय सेना ने निशाना बनाया।

    नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद से महज़ 10 किमी दूर है, पाकिस्तान के VIP और सामरिक परमाणु बलों का संचालन केंद्र माना जाता है। यहां लड़ाकू विमानों में हवा में ही ईंधन भरने वाले विमान भी है, जिनका सफाया होना पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की रेंज कम कर देता। इसके अलावा, भारत ने उनके मिलिट्री कम्युनिकेशन नेटवर्क और एयर डिफेंस सिस्टम को भी ध्वस्त किया।

    अमेरिकी और चीनी सैन्य तकनीक की विफलता: भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत की कार्रवाइयों में एक और बड़ी बात उभरकर सामने आई है, पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए अमेरिकी और चीनी हथियार तंत्र की विफलता। पाकिस्तानी पोस्ट्स पर तैनात अमेरिकी और चीन के डिटेक्शन रडार भारत के लो-फ्लाइंग ड्रोन्स और स्टील्थ मिसाइलों को पकड़ने में असफल रहे।

    यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान द्वारा दागी गई एक चीनी-निर्मित एयर-टू-एयर मिसाइल रेगिस्तान में जा गिरी और उसे DRDO की टीम ने कब्जे में लेकर रिसर्च के लिए सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि इस मिसाइल का निष्क्रिय होना न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए भी बड़ी शर्मिंदगी है।

    भारत ने इन विफल तकनीकों का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान की वायुसेना की सप्लाई और कंट्रोल लाइनों को पूरी तरह ठप कर दिया। इससे पहले ही, अमेरिका के ऊर्जा विभाग का एक विशेष विमान, जो माना जाता है कि परमाणु विकिरण की ट्रैकिंग करता है, पाकिस्तान में लैंड करता देखा गया; क्या भारत ने कोई संवेदनशील परमाणु साइट को निशाना बनाया? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व की घबराहट और अमेरिकी हस्तक्षेप का अचानक सक्रिय हो जाना, शायद इसका संकेत देता है।

    अमेरिकी ऊर्जा विभाग का प्लेन पाकिस्तान पहुंचा।

    नाली चाहे सोने की हो, बहता तो मल ही है

    भारत में इन घटनाओं के बाद आम जनमानस में पाकिस्तान को लेकर फिर वही पुरानी कहावतें गूंजने लगीं: “कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं होती”, “कितना भी सुंदर समझौता हो, पाकिस्तान उसे तोड़ेगा ही” और “नाली चाहे सोने की बना दो, बहेगा तो मल ही”।

    यह शब्द महज कहावतें नहीं, बल्कि भारत के दशकों के अनुभव का निचोड़ हैं। पाकिस्तान ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह किसी भी भरोसे या शांति प्रक्रिया के योग्य नहीं है।

    आखिरी चेतावनी: अगली हरकत, सीधा युद्ध

    भारत सरकार और सेना ने अब यह साफ कर दिया है कि आगे किसी भी प्रकार का आतंकी हमला, चाहे वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए हो या ISI-प्रायोजित ग्रुप्स द्वारा, सीधे युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।

    अब भारत “स्ट्रैटजिक पेशेंस” की नीति से बाहर आ चुका है। हमारा रुख साफ हो चुका है, अगली बार “शुरू पाकिस्तान करेगा, लेकिन खत्म भारत करेगा।”

    यह संघर्ष अब सिर्फ सीमाओं या घाटी तक सीमित नहीं है यह सैन्य रणनीति, तकनीकी श्रेष्ठता, और वैश्विक मान्यता की लड़ाई बन चुकी है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि बार-बार सीजफायर तोड़ने और आतंकी संगठनों को पनाह देने की कीमत बहुत भारी पड़ेगी।

  • भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    शनिवार शाम एक बड़े घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) घोषित कर दिया गया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीजफायर शनिवार शाम 5 बजे से लागू हो गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब दोनों देश जमीन, आकाश और समुद्र; तीनों क्षेत्रों में एक-दूसरे पर कोई सैन्य हमला नहीं करेंगे।

    12 मई को फिर होगी DGMO स्तर की बातचीत

    भारतीय और पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच अगली औपचारिक बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे होगी। इस संवाद का उद्देश्य युद्धविराम को स्थायी शांति की दिशा में ले जाना है।

    अमेरिका की मध्यस्थता, ट्रंप का ट्वीट

    इस सीजफायर के पीछे अमेरिका की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। शनिवार शाम 5:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके इस समझौते की जानकारी सार्वजनिक की। उन्होंने लिखा कि “दो परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष को रोकना विश्व शांति के लिए अनिवार्य है। अमेरिका इस दिशा में प्रयास करता रहेगा।”

    इसमें कोई शक नहीं कि युद्धविराम करवाने पाकिस्तान भागा भागा अमेरिका के पास गया है।

    परमाणु युद्ध की आशंका और वैश्विक चिंता

    भारत और पाकिस्तान, दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। बीते कुछ दिनों में स्थिति इतनी तेजी से बिगड़ी कि वैश्विक समुदाय को भय सताने लगा कि कहीं यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में न बदल जाए। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ शक्तिशाली हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का प्रदर्शन किया, जिससे तबाही के स्तर को लेकर आशंकाएं गहराने लगीं।

    दुनिया किसी भी कीमत पर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच सीधा युद्ध नहीं झेल सकती।

    भारतीय रक्षा प्रणाली की सफलता, पाकिस्तानी प्रयास विफल

    इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से रूस से आयातित S-400 प्रणाली, स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और ‘ध्रुव’ रडार नेटवर्क, ने अद्वितीय दक्षता से कार्य किया। पाकिस्तान की ओर से की गई मिसाइल और ड्रोन गतिविधियां भारतीय रक्षा तंत्र द्वारा कुशलतापूर्वक निष्क्रिय कर दी गईं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, न तो भारत की सैन्य संरचना को और न ही नागरिक ढांचे को कोई खास क्षति पहुंची।

    पाकिस्तान की घरेलू चुनौतियाँ और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की याचना

    पाकिस्तान इस समय बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में विद्रोहों से जूझ रहा है। घरेलू मोर्चे पर विफलता, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तानी सेना और राजनीतिक तंत्र को भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध के दौरान मिली नाकामी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने अमेरिका की शरण ली ताकि खुद को, अपनी सरकार को और सैन्य प्रतिष्ठान की ‘साख’ को बचाया जा सके।

    भारत की चेतावनी: आतंकी हमला मतलब युद्ध

    हालांकि यह एक युद्धविराम है, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह शत्रुता का अंत नहीं है। शनिवार शाम को विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा कि भविष्य में भारत पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध का कारण माना जाएगा। भारत सरकार और आम जनमानस अब ‘परोक्ष युद्ध’ (Proxy War) को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    क्या पाकिस्तान अब सुधरेगा?

    सवाल अब यही है; क्या पाकिस्तान इस बार अपनी हरकतों से बाज आएगा? क्या यह युद्धविराम लंबे समय तक टिका रहेगा या यह सिर्फ एक अस्थायी ठहराव है? भारत की तरफ से रुख स्पष्ट है, अब कोई भी उकसावे की कार्रवाई सीधे जवाबी हमले में बदलेगी।

    यह युद्धविराम निश्चित ही एक राहतभरी खबर है, लेकिन इसे स्थायी शांति का संकेत मान लेना जल्दबाज़ी होगी। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, आत्मरक्षा और प्रतिशोध में अब कोई संकोच नहीं रहेगा। दुनिया देख रही है कि क्या पाकिस्तान इस बार वाकई बदलने को तैयार है या एक और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।

  • ऑपरेशन सिंदूर पर RSS का बयान: केंद्र सरकार और सेना को बधाई, देशवासियों से एकता और सतर्कता की अपील

    ऑपरेशन सिंदूर पर RSS का बयान: केंद्र सरकार और सेना को बधाई, देशवासियों से एकता और सतर्कता की अपील

    पहुलगाम में निहत्थे हिन्दू पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक सशक्त बयान जारी किया है। संघ ने इस सर्जिकल कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों को बधाई देते हुए कहा है कि इस कदम से पूरे देश की आत्मगौरव और मनोबल को नई ऊंचाई मिली है।

    संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा जारी इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों और उनके समर्थन तंत्र के विरुद्ध की गई यह निर्णायक सैन्य कार्रवाई न केवल न्याय सुनिश्चित करती है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक और अपरिहार्य है।

    धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्तियों पर हमलों की निंदा
    संघ ने भारतीय सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक क्षेत्रों पर पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे बर्बर हमलों की तीव्र निंदा की है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। संघ ने इन्हें अमानवीय और क्रूर हमला बताया जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।

    संघ की देशवासियों से अपील
    इस संकट की घड़ी में, संघ ने सभी देशवासियों से सरकार और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूर्ण पालन करने की अपील की है। साथ ही नागरिकों से आह्वान किया है कि वे सजग रहें और समाज में एकता और सौहार्द बनाए रखें ताकि राष्ट्रविरोधी ताकतों की कोई भी साजिश सफल न हो पाए।

    बयान में यह भी कहा गया है कि हर नागरिक को अपनी देशभक्ति का परिचय देना चाहिए और सेना एवं नागरिक प्रशासन के साथ जहाँ भी, जैसे भी आवश्यकता हो, सहयोग के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह समय है जब हमें राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।

    मुख्य बातें:

    • संघ ने “ऑपरेशन सिंदूर” का स्वागत किया
    • पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई को बताया आवश्यक
    • धार्मिक स्थलों पर पाक हमलों की निंदा
    • नागरिकों से सतर्कता, सहयोग और एकता बनाए रखने की अपील
  • भारत सरकार ने जारी की सैन्य फोटो वीडियो प्रसारण पर रोक की सूचना

    भारत सरकार ने जारी की सैन्य फोटो वीडियो प्रसारण पर रोक की सूचना

    सैन्य फोटो वीडियो के प्रसारण पर रोक की सूचना:

    संख्या: 41015/3/2024-बीसी-III
    भारत सरकार
    सूचना और प्रसारण मंत्रालय
    ‘ए’ विंग, शास्त्री भवन,
    नई दिल्ली – 110001
    दिनांक: 26 अप्रैल, 2025

    परामर्श

    प्रति: सभी मीडिया चैनलों को

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    पूर्व की घटनाओं जैसे करगिल युद्ध, मुंबई आतंकवादी हमले (26/11), और कंधार अपहरण ने जिम्मेदार रिपोर्टिंग के महत्व को उजागर किया है।

    मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तिगत उपयोगकर्ता राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कानूनी दायित्वों के अलावा, यह एक साझा नैतिक जिम्मेदारी भी है कि हमारे सामूहिक कार्य ongoing अभियानों या सुरक्षा बलों की सुरक्षा को खतरे में न डालें।

    सूचना और प्रसारण मंत्रालय पहले भी सभी टीवी चैनलों को केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के नियम 6(1)(प) का पालन करने के लिए परामर्श जारी कर चुका है। नियम 6(1)(प) के अनुसार:

    “कोई भी ऐसा कार्यक्रम केबल सेवा में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए जिसमें सुरक्षा बलों द्वारा किसी आतंकवाद विरोधी अभियान की लाइव कवरेज हो। ऐसे मामलों में मीडिया कवरेज को केवल संबंधित सरकार द्वारा नामित अधिकारी की समय-समय पर दी जाने वाली जानकारी तक सीमित रखा जाना चाहिए, जब तक कि ऑपरेशन समाप्त न हो जाए।”

    ऐसा प्रसारण केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 का उल्लंघन माना जाएगा और उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसलिए, सभी टीवी चैनलों को राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में सुरक्षा बलों की गतिविधियों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की लाइव कवरेज न करने की सलाह दी जाती है। मीडिया कवरेज को केवल अधिकृत अधिकारी की समय-समय पर दी गई जानकारी तक सीमित रखा जाए।

    सभी हितधारकों से अनुरोध है कि वे रिपोर्टिंग के दौरान सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बनाए रखें तथा राष्ट्र सेवा में उच्चतम मानकों का पालन करें।

    यह परामर्श मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति से जारी किया गया है।

    (क्षितिज अग्रवाल)
    उप निदेशक

    प्रतिलिपि:

    केबल टेलीविजन (संशोधन) नियम, 2021 के तहत पंजीकृत टीवी चैनलों की स्व-नियामक संस्थाओं को।

    इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संगठन/संस्थाओं को।

    ब्रॉडकास्ट सेवा पोर्टल को।

    (अंग्रेजी से हिंदी में अनुवादित)

  • पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    भारत-पाक तनाव के बीच राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीती रात पाकिस्तान ने जैसलमेर, पोकरण, पठानकोट और जम्मू सेक्टर में ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने जैसलमेर और पोकरण में घुसपैठ की कोशिश कर रहे ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।

    पाकिस्तान की ओर से जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहरों पर मिसाइलें दागी गईं। भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इन हमलों के बाद सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट की घोषणा की गई है। राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जिलों में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक बिजली बंद रखने का आदेश दिया गया है। गुजरात के भुज और कश्मीर के कई हिस्सों में भी पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया।

    भारतीय जवाबी कार्रवाई में 17 भारतीय कमिकाज़ी ड्रोन पाकिस्तान के लाहौर, शेखुपुरा, सियालकोट, गुजरांवाला, नारोवाल और चकवाल जैसे शहरों पर हमले कर चुके हैं। इन हमलों के जरिए भारतीय सेना पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली की प्रतिक्रिया की जांच कर रही है। पाकिस्तान के छह शहरों में ये हमले सफल माने जा रहे हैं।

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान का एक अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान भारतीय सेना द्वारा जम्मू सेक्टर में मार गिराया गया है। वहीं, चीन निर्मित जेएफ-17 विमान के गिराए जाने की भी अपुष्ट रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

    सरकार ने जनता से अपील की है कि वे सैन्य गतिविधियों की कोई भी फोटो या वीडियो न लें और न ही सोशल मीडिया पर साझा करें। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों को न्यूनतम ईंधन स्टॉक बनाए रखने का आदेश दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहा जा सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कोई अफरा-तफरी का समय नहीं है, बल्कि सतर्कता और संयम से काम लेने का है।

    धर्मशाला में चल रहे आईपीएल मैच को रद्द कर दिया गया है। मैच के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे और दर्शकों को सुरक्षित स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया।

    इस समय देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौकस है और भारत हर मोर्चे पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे अफवाहों से दूर रहें, आधिकारिक सूत्रों से ही खबरों की पुष्टि करें और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें।

    – F16 photo is representative.

  • भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत-पाकिस्तान के बीच इस समय युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। भारत ने पहलगाम हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने हमारे सैन्य बेस पर हमला करने की नाकाम कोशिश की।

    ऐसे समय में हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि हम इन तीन बातों का सख्ती से पालन करें और देशहित में अपने कर्तव्य को निभाएं:

    1. सेना के किसी भी मूवमेंट, बेस, कार्रवाई या उपकरण का वीडियो या फोटो ना खींचें, ना सोशल मीडिया पर डालें और ना ही किसी के साथ शेयर करें। इससे सुरक्षा में सेंध लग सकती है और दुश्मन को फायदा मिल सकता है।
    2. सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी जानकारी को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं। केवल सरकारी स्रोतों या प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों की वेबसाइट और खबरों से ही पुष्टि करें। जैसे कि अभी कई पुरानी जेट गिरने की तस्वीरें “अभी की” बताकर फैलाई जा रही हैं। इसके अलावा आपको कई फर्जी प्रोफाइल भी मिलेंगी जो भारतीय लगेंगी, हिंदी नाम, सेना से जुड़े बायो, सामान्य सी फोटो, लेकिन वे पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा फैलाने का काम कर रही होंगी। ऐसे झूठ और भ्रम से दूर रहें।
    3. सीमा पर सैनिक अपना फर्ज निभा रहे हैं, हमें अपने घर, कॉलोनी, शहर या गाँव में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के हर निर्देश को गंभीरता से लें और हर बात को बारीकी से समझें। कल ब्लैकआउट में लोगों का जबरदस्त सहयोग दिखा, पर फिर भी कहीं-कहीं लाइटें जलती रहीं। हमें एक-दूसरे को समझाना होगा, जागरूक करना होगा। बच्चों को भी तैयार करना होगा। घर में खाना, पानी, दवाइयाँ, टॉर्च, मोमबत्तियाँ आदि की व्यवस्था रखें, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सारा सामान जमा कर लें और ज़रूरतमंदों को कुछ ना मिले।

    यह वास्तव में नाज़ुक और गंभीर समय है। जीत हमेशा सच और सही की होती है, और पूरी दुनिया जानती है, हर भारतीय जानता है, यहाँ तक कि पाकिस्तान भी जानता है: सच और सही भारत है।

    जय हिन्द।

  • 24 से 36 घंटे में पाकिस्तान पर हमला कर सकता हैं भारत

    24 से 36 घंटे में पाकिस्तान पर हमला कर सकता हैं भारत

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़ ने सोमवार को दावा किया कि उनके पास “ठोस और विश्वसनीय खुफिया जानकारी” है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत यह हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बहाने कर सकता है।

    टारड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पाकिस्तान को विश्वसनीय खुफिया सूचना मिली है कि भारत निराधार और झूठे आरोपों के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है।”

    इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को “दुष्ट राष्ट्र (rogue state)” करार दिया था और उसके रक्षा मंत्री के बयानों को “चौंकाने वाला नहीं” बताया था। भारत का आरोप है कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान गई थी, में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों का हाथ है।

    पाकिस्तान के इस नए बयान ने दोनों देशों के बीच पहले से ही गर्म माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। भारत की ओर से अभी इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

    पृष्ठभूमि में क्या चल रहा है?

    • भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित किया है।
    • वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया गया है।
    • कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और कई पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया है।
    • पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है और भारतीय नागरिकों को वीज़ा जारी करना भी रोक दिया है।

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
    संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत से समाधान निकालने की अपील की है।

    क्या होगा आगे?
    अगले 24 से 36 घंटे बेहद संवेदनशील हो सकते हैं। यदि पाकिस्तान का दावा सच होता है, तो दक्षिण एशिया एक बार फिर सैन्य टकराव की कगार पर खड़ा है। लेकिन भारत की चुप्पी और रणनीति क्या होगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

  • इजरायल गाज़ा युद्ध को हुआ एक साल। रुकने का कोई नाम नहीं। लेबनान में नया फ्रंट खुला।

    इजरायल गाज़ा युद्ध को हुआ एक साल। रुकने का कोई नाम नहीं। लेबनान में नया फ्रंट खुला।

    एक साल पहले, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व में आतंकवादियों ने इज़राइल के नेतिव हा’सारा और कम से कम दर्जनभर अन्य गांवों पर हमला किया, गांवों में आग लगाई, निवासियों को उनके घरों में मार डाला और कई बंधकों को गाजा ले गए। इज़राइली अधिकारियों के अनुसार इस आतंकवादी हमले में करीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग विस्थापित हो गए थे। लगभग 250 लोगों को बंधक बनाया गया था।

    इस हमले के बाद सबसे बुरी तरह प्रभावित गांवों के अधिकांश निवासी अब भी अन्यत्र रह रहे हैं, कुछ होटल या सरकार द्वारा वित्तपोषित अस्थायी आवास में। जो कुछ लोग, जैसे कि मिस गिलर, वापिस अपने गांव लौटने का साहस कर चुके हैं, उन्हें युद्ध की कठिन वास्तविकताओं का सामना करना पड़ रहा है और 7 अक्टूबर की उस दर्दनाक घटना की रोज़ाना यादें घेरती हैं।

    7 अक्टूबर को इज़राइल ने इस दिन की पहली वर्षगांठ मनाई, जिसे देश के इतिहास का सबसे घातक दिन माना जाता है। हमास के हमलों ने इज़राइल और गाजा के बीच संघर्ष को भड़का दिया, जो पिछले एक साल से चला आ रहा है और यह अरबों और यहूदियों के बीच एक सदी से चले आ रहे संघर्षों में अब तक का सबसे घातक और लंबा युद्ध बन गया है।यह युद्ध 1949 में इज़राइली राज्य की सीमाओं को निर्धारित करने वाले संघर्ष के बाद से सबसे लंबा है, और अब तक का सबसे घातक साबित हुआ है।

    इस दौरान, 1,500 से अधिक इज़राइली मारे गए, जिनमें से अधिकांश हमास के 7 अक्टूबर के हमले के दौरान मारे गए थे। लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। वहीं, इज़राइल के जवाबी हमले में अब तक 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं। यह जवाबी हमला आधुनिक युद्ध इतिहास के सबसे तीव्र बमबारी में से एक था।

    इस युद्ध ने इज़राइल और फिलिस्तीन दोनों के लोगों को गहरे दुःख और पीड़ा में डाल दिया है, जहां एक तरफ इज़राइल अपने नागरिकों की रक्षा के लिए हमास के खिलाफ अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी तरफ गाजा में फिलिस्तीनी नागरिक इस संघर्ष के कारण अत्यधिक विनाश और मौत का सामना कर रहे हैं। वही अब लेबनान में भी नया युद्ध चालू हो गया है और रोज ईरान के साध बड़े युद्ध के शुरू होने का डर है।

  • क्या अमेरिका लगा सकता है इजरायल पर सैन्य प्रतिबंध?

    क्या अमेरिका लगा सकता है इजरायल पर सैन्य प्रतिबंध?

    इजरायल गाज़ा युद्ध के बीच सूत्रों के अनुसार खबर है की संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल के वेस्ट बैंक में एक सैन्य ऑपरेशन के दौरान मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपी एक या एक से अधिक इज़राइली सैन्य बटालियनों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।ऐसा पहली बार होगा की अमरीका इजरायल या उसकी सेना पे कोई प्रतिबंध लगाए। दोनो मित्र देश है। ऐसे प्रतिबंध केवल ईरान, रूस पे भारी विवादों में देखे गए है।

    वही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू सहित इज़राइली नेताओं ने शनिवार को बिडेन प्रशासन द्वारा इस तरह के प्रतिबंध लगाने की संभावना को “बेतुकापन की पराकाष्ठा और नैतिक पतन” कहा, ऐसे समय में जब इज़राइली सेना गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध लड़ रही है। श्री नेतन्याहू ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उनकी सरकार इस तरह के किसी भी कदम के खिलाफ “हर तरह से जवाबी कार्रवाई करेगी”।

    एक दिन पहले है अमेरिकी सदन ने इज़राइल के लिए 26 बिलियन डॉलर और गाजा सहित संघर्ष क्षेत्रों में नागरिकों के लिए मानवीय सहायता को मंजूरी दी थी। यदि प्रतिबंध लगाए जाते हैं, तो अमेरिकी कांग्रेस में अभी-अभी स्वीकृत सैन्य सहायता को रोका नहीं जाएगा।

    वही रविवार को, वेस्ट बैंक में फिलिस्तीनियों ने शरणार्थी शिविर पर एक इज़राइली सैन्य छापे का विरोध करने के लिए आम हड़ताल की। शनिवार को हुई छापेमारी में कम से कम 10 लोग मारे गए थे।

  • क्या 2024 में यूक्रेन की हार से खत्म होगा युद्ध?

    क्या 2024 में यूक्रेन की हार से खत्म होगा युद्ध?

    यूक्रेन पिछले दो सालों से रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण का डटकर सामना कर रहा है। हालाँकि, ब्रिटेन की संयुक्त सेना कमान के पूर्व कमांडर ने चेतावनी दी है कि यूक्रेन को 2024 में रूस से हार का सामना करना पड़ सकता है।

    जनरल सर रिचर्ड बैरन ने बीबीसी को बताया है कि यूक्रेन के लिए इस युद्ध को हारने का एक गंभीर जोखिम है। उनका कहना है कि यूक्रेन के पास जीतने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं और जब वह हार के करीब पहुँचेगा, तो रूसी सेना यूक्रेन के क्षेत्रों में घुसपैठ कर सकती है जहाँ यूक्रेनी सशस्त्र बल उन्हें रोक नहीं पाएँगे।

    रूस के पास यूक्रेन पर हमला करने के लिए कई विकल्प हैं। वह खार्किव, डोनबास या ज़ापोरिज़्ज़िया पर हमला कर सकता है। खार्किव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और रूसी सीमा के करीब स्थित है। डोनबास पूर्वी यूक्रेन का एक क्षेत्र है जो 2014 से युद्ध में है। ज़ापोरिज़्ज़िया दक्षिणी यूक्रेन का एक शहर है जो रूसी फ्रंट लाइन के करीब स्थित है।

    रूस का रणनीतिक उद्देश्य क्षेत्रीय भी नहीं हो सकता है। यह केवल यूक्रेन की लड़ाई की भावना को कुचलने और अपने पश्चिमी समर्थकों को समझाने के लिए हो सकता है कि यह युद्ध एक खोया कारण है। उसे यूरोप में शक्ति प्रदर्शन और अपने पूर्व देशों में दखल से रोका न जाए।

    जनरल बैरन को संदेह है कि यूक्रेन अब खुद को जिस गंभीर स्थिति में पाता है की उसे इस युद्ध में से जीत चाहिए ही, वो इससे पीछे नहीं हट सकता। पुतिन हार का सामना नहीं कर सकते। पर वो यूक्रेन वासियों का मनोबल तोड़ने में कामयाब नही हुए है।

    एक बात निश्चित है: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का यूक्रेन पर अपने हमले को छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। वह एक पोकर खिलाड़ी की तरह है जो जीत पर अपने सभी चिप्स जुआ खेलता है। वह यूक्रेन को खुद की रक्षा करने के लिए पर्याप्त साधन प्रदान करने में विफल रहा है। सभी नाटो शिखर सम्मेलनों, सभी सम्मेलनों और सभी उत्तेजक भाषणों के बावजूद, एक मौका है कि वह सही हो सकता है। यूक्रेन की संभावित हार नाटो, अमरीका और यूरोप के नागरिकों के लिए हताशा और सरकारी के लिए बेहद खतरनाक होगा और ये यूरोप में एक नए सैन्य युग की शुरुआत होगी।