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  • सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    आज भारत को तोड़ने की जो साज़िशें चल रही हैं, वे केवल बाहरी नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक युद्ध के रूप में हमारे समाज के भीतर ज़हर घोलने का काम कर रही हैं। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI लगातार कोशिश कर रही है कि भारत के साहसी,  देशभक्त समुदायों में से एक, सिख समुदाय, को भ्रमित किया जाए और देश से अलग करने की भावनाएं भड़काई जाएं।

    हाल ही में पाकिस्तान ने यह झूठ फैलाया कि भारतीय वायुसेना ने पंजाब में एक गुरुद्वारा पर हमला किया। सच्चाई इससे बिलकुल अलग थी। यह एक झूठा प्रचार था ताकि पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में भ्रम और गुस्सा फैलाया जा सके। पाकिस्तान जानता है कि अगर पंजाब अस्थिर होगा तो भारत को अंदर से चोट दी जा सकती है। यही वजह है कि अब वे कश्मीर के साथ-साथ पंजाब का नाम लेने लगे हैं।

    पाकिस्तान ने एक बार फिर वही पुरानी और घिनौनी साजिश दोहराई है, भारत को तोड़ने की, सिख और हिन्दू समुदायों में फूट डालने की। हाल ही में पाकिस्तान के DG ISPR (Inter Services Public Relations) ने एक झूठा और बेबुनियाद बयान दिया कि भारत के अधमपुर एयरबेस से अफगानिस्तान में सिख धर्मस्थलों पर 6 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। यह दावा न केवल हास्यास्पद है, बल्कि गहरी साजिश का हिस्सा भी है।

    इस दावे को खुद अफगानिस्तान ने खारिज कर दिया है। जमीन पर न कोई मिसाइल गिरी, न कोई धमाका हुआ, न कोई सिख स्थल नष्ट हुआ, और न ही कोई सबूत है। पाकिस्तान का इरादा स्पष्ट है, सिख भाइयों और बहनों के मन में भारत के खिलाफ गलतफहमी और गुस्सा पैदा करना।

    आज भी जब पाकिस्तान या ISI “खालिस्तान” की बातें करता है, तो उसका मकसद सिखों का भला नहीं, बल्कि भारत का विघटन होता है। अगर उन्हें सिख धर्म का सच में सम्मान होता, तो वे अपने देश में गुरुद्वारों को न उजाड़ते, न सिखों पर अत्याचार करते। उन्हें न गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से मतलब है, न खालसा के उस बलिदान से जो धर्म और इंसानियत की रक्षा के लिए हुआ था।

    लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। यह वही सरकार है, यह वही भारत है, जिसने सिखों की शान को सिर आंखों पर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आदमपुर एयरबेस पर उतरे थे, वहीं से जहाँ पर पाकिस्तान ने झूठा आरोप लगाया। उन्होंने एयरफोर्स कर्मियों को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का ज़िक्र किया और पंजाब के वीरों को याद किया।

    मोदी जी ने कहा: “चिड़ियाँ ते मैं बाज तुड़ावां, गिद्धां तो मैं शेर बनावां, सवा लाख से एक लड़ावां, तबे गोविंद सिंह नाम कहावां।”

    यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, यह एक संदेश था, सिख परंपरा, उनकी बहादुरी और भारत के प्रति उनके समर्पण का सम्मान। एक प्रधानमंत्री जो सिख बलिदानों को खुले मंच से सम्मान देता है, वही पाकिस्तान के झूठे प्रचार के सामने असली जवाब है।

    पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए, भारत की सिख और हिन्दू आत्माएं एक हैं। हमें कोई भी अलग नहीं कर सकता। यह भूमि गुरु नानक की भी है और राम की भी। यह वही संस्कृति है जिसमें भेद नहीं, समरसता है। और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

    भिंडरांवाले का मुद्दा आज भी पंजाब में कई लोगों के लिए भावनात्मक है, लेकिन अब ज़्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि उसे 1980 के दशक में कांग्रेस और इंदिरा गांधी द्वारा, अकाली दल को कमजोर करने के लिए उभारा गया। लेकिन यह आग बाद में बेकाबू हो गई। यह भी सच है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे कदम को शायद और संवेदनशीलता से संभाला जा सकता था, लेकिन एक बड़ा सवाल है, उस समय पंजाब में हथियार कौन पहुँचा रहा था? जवाब है, पाकिस्तान की ISI।

    पाकिस्तान ने 1980 और 90 के दशक में सिख युवाओं को गुमराह करने के लिए हथियार, ट्रेनिंग और धन दिया। उस हिंसा में हजारों निर्दोष लोग मारे गए। सीमा पार से आज तक ड्रग्स पंजाब में आ रही है, क्यों? हमारे सिख नौजवानों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए। यही साजिश अलग रूप में दोहराई जा रही है, सोशल मीडिया, विदेशों से बैठे एजेंट्स और झूठे प्रचार के ज़रिए।

    सच्चाई यह है कि सिख और हिन्दू सिर्फ दो धर्म नहीं हैं, वे एक ही सांस्कृतिक जड़ से पनपे हैं, जिसे हम ‘सनातन संस्कृति’ कह सकते हैं। यह वह संस्कृति है जो गुरु नानक देव जी से लेकर कबीर, नामदेव, रविदास तक सभी को एक साथ जोड़ती है। यह संस्कृति हमें सिखाती है कि धर्म कोई दीवार नहीं, बल्कि एक पुल है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है, न कि तोड़ता।

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने जब खालसा पंथ बनाया, तो वह किसी दूसरे धर्म के विरोध में नहीं था, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक था। उनके चारों साहिबज़ादों ने धर्म और देश की रक्षा में बलिदान दिया, यह बलिदान किसी सीमित सोच या खुद के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रवाद और एक सार्वभौमिक न्याय की भावना का था।

    हमारा भारत वह देश है जहां गुरु अर्जुन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए प्राण दिए। वो हिन्दू बच्चों को जबरन मुसलमान बनाने के खिलाफ खड़े हुए, उन्होंने किसी एक धर्म के लिए नहीं, बल्कि पूरे मानव धर्म के लिए बलिदान दिया। यही भावना सिख धर्म और हिन्दू धर्म को एक सूत्र में पिरोती है।

    आज वही विरासत हमें पुकार रही है कि किसी झूठे प्रचार या बाहरी साज़िश का शिकार न बनें। पाकिस्तान में सिखों की हालत किसी से छुपी नहीं है, वहां गुरुद्वारों की स्थिति, जबरन धर्मांतरण और असमानता की घटनाएं आम हैं। जबकि भारत में, सिख समुदाय को सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार मिले हैं, चाहे वो राजनीति हो, सेना हो या समाज का कोई और क्षेत्र।

    भारतीय सेना में सिखों की भागीदारी गर्व की बात है। सिख रेजिमेंट भारत की सबसे वीर रेजिमेंटों में गिनी जाती है। कारगिल से लेकर आज तक सिख जवानों ने भारत के लिए अपनी जान दी है। क्या पाकिस्तान या कोई और देश उन्हें इतनी इज्जत दे सकता है?

    आज ज़रूरत है कि हम इस षड्यंत्र को पहचानें। पंजाब और सिखों को अलग दिखाने वाली हर सोच दरअसल भारत को कमजोर करने की कोशिश है। हमें यह याद रखना चाहिए, हम सिख हों, हिन्दू हों, मुसलमान हों, ईसाई हों, हम सभी भारतीय हैं, और हमारी जड़ें एक ही सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हैं।

    भाईचारा, एकता और न्याय, यही असली खालसा की पहचान है। यही सनातन संस्कृति का सार है। झूठे प्रचार और नफरत फैलाने वाली ताकतों को नकारिए, एक-दूसरे का हाथ थामिए, और मिलकर कहिए, हम सब एक हैं। अगर हम अपनी सांझी विरासत को याद रखें, अगर हम अपने पूर्वजों के बलिदानों को समझें, तो कोई ताकत हमें न तो तोड़ सकती है, न झुका सकती है।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    नई दिल्ली, 12 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज हर आतंकी यह जान चुका है कि भारत की बेटियों और बहनों के सिन्दूर से खेलने का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को न्याय की दिशा में देश का अडिग संकल्प बताया।

    प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निर्दोषों पर नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और सामाजिक एकता पर भी हमला था। उन्होंने बताया कि कैसे छुट्टियां मना रहे नागरिकों को उनके धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने मौत के घाट उतारा गया। इस अमानवीय कृत्य ने देश को झकझोर कर रख दिया और सभी वर्गों ने एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 6 और 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे वैश्विक आतंक के अड्डों को नष्ट किया गया। इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें कई दशकों से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले शामिल थे।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जवाबी हमले में भारत के स्कूलों, मंदिरों, गुरुद्वारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की और भारत से डी-एस्केलेशन की मांग की।

    प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई और आतंकवाद तथा सैन्य हमलों को बंद करने का वादा किया। भारत ने फिलहाल अपनी जवाबी कार्रवाई को स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। भारत पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थायी नीति का प्रतीक है। उन्होंने भारत की सुरक्षा नीति के तीन स्तंभों की घोषणा की:

    1. निर्णायक प्रतिकार – भारत पर किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा, आतंक के मूल स्रोतों पर हमला करेगा।
    2. परमाणु धमकियों की कोई मान्यता नहीं – परमाणु हमले की आड़ में छिपे आतंकी ठिकानों पर भी सटीक जवाब दिया जाएगा।
    3. आतंकी और उनके संरक्षकों में कोई भेद नहीं – अब भारत आतंकी संगठनों और उन्हें संरक्षण देने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखेगा।

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना के अधिकारी खुलेआम मारे गए आतंकियों के जनाज़ों में शरीक होते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद में लिप्त है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों की सजगता और वीरता की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत अब रेगिस्तानी, पहाड़ी और आधुनिक डिजिटल युद्ध क्षमताओं में अग्रणी बन चुका है और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों ने हाल की कार्रवाई में अपनी प्रभावशीलता साबित की है।

    बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए कहा कि शांति की राह शक्ति से होकर जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई भी इसी भावना से लड़ी जाएगी।

    अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने फिर से भारतीय सैनिकों की बहादुरी को नमन किया और देशवासियों की एकता को सलाम करते हुए कहा कि यह भारत की नई रणनीतिक दिशा है – न आतंक बर्दाश्त होगा, न आतंकवादियों को बख्शा जाएगा।

  • ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तानी पंजाब प्रोविंस में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से की गई, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

    भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को सटीक हमले बताया है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। हमलों में बियोंड-विज़ुअल-रेंज हथियारों और घूमने वाले गोला-बारूद (लुटेरिंग म्यूनिशन) का प्रयोग किया गया और पहली बार राफेल लड़ाकू विमान से हमला किया गया, जो भारतीय वायुक्षेत्र से 1:44 AM IST पर छोड़े गए।

    पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध का कृत्य बताया है। पाकिस्तानी रिपोर्टों के अनुसार, मुज़फ़्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित कई स्थानों पर आठ लोगों की मौत हुई और 35 घायल हुए हैं, जिनमें कुछ नागरिक भी शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मजबूत जवाब देने की चेतावनी दी है। बयान है कि भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों में नागरिक इलाकों और एक मस्जिद को निशाना बनाया गया।

    पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है, जिसे भारतीय वायुसेना ने खंडन करते हुए कहा है कि सभी विमान और पायलट सुरक्षित हैं। सारी फोटो पुरानी क्रैश की निकली है।

    22 अप्रैल के हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 24 अप्रैल से नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों की सेनाओं में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं।

    इस सैन्य कार्रवाई के बाद उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह और धर्मशाला, को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

    भारत ने पानी छोड़ा, पाकिस्तान में 15 बहे

    चिनाब नदी में पानी क बहाव रोकने के बाद अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया गया है। इससे पाक के हेड मराला पर जलस्तर तेजी से बढ गया। कुछ घंटे पहले तक नदी लगभग सुखी थी और लोग इसे पैदल पार कर रहे थे। रिपोटर्स के मताबिक, पानी की तेज लहर में कम से कम 15 लाग बह गए। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बाढ का भी खतरा बढ़ गया है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अधिकतम सैन्य संयम की मांग की है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को हमलों की जानकारी दी।

    विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि परमाणु हथियारों से लैस इन दो पड़ोसी देशों के बीच यह स्थिति खतरनाक रूप ले सकती है। 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद यह एक बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। भारत के कदम की कई हलकों में कैलिब्रेटेड रिस्पॉन्स के रूप में सराहना हो रही है।

    टिप्पणी: यह लेख विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार स्रोतों की जानकारी का संक्षिप्त और संतुलित संयोजन है। चूंकि हालात अभी भी बदल रहे हैं, इसलिए ताजातरीन और विश्वसनीय जानकारी के लिए सरकारी और अंतरराष्ट्रीय आधिकारिक बयानों की पुष्टि करते रहें।

  • पहलगाम हमला: पाकिस्तान की नाकामी की बौखलाहट का खतरनाक चेहरा!

    पहलगाम हमला: पाकिस्तान की नाकामी की बौखलाहट का खतरनाक चेहरा!

    पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि पाकिस्तान की फितरत कभी नहीं बदल सकती!
    जब भारत आगे बढ़ता है, जब कश्मीर शांति और विकास की राह पर चलता है, तभी पाकिस्तान जैसे बौखलाए दुश्मन अपनी नापाक हरकतों पर उतर आते हैं।

    जेडी वेंस का भारत दौरा बना परेशानी की जड़!

    अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस अपने भारत दौरे पर थे। उनकी पत्नी भारतीय मूल की हैं। वेंस, जिनका रवैया अन्य विश्व नेताओं के मुकाबले भारत के प्रति कहीं ज़्यादा सकारात्मक है, इस दौरे में व्यापार और रक्षा साझेदारी पर चर्चा कर रहे थे।

    पाकिस्तान को यह साफ दिखाई दे रहा था, अमेरिका में भी भारत की पकड़ मज़बूत होती जा रही है।

    मोदी का सऊदी अरब दौरा भी बना पाकिस्तान की जलन का कारण

    उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा अहम दौरा सऊदी अरब में चल रहा था। तेल, सुरक्षा और निवेश जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त समझौते हो रहे थे। ऐसे समय में जब अमेरिका रूस से तेल लेने वालों पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। भारत का हर कदम पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी अकेला कर रहा था।

    घाटी में बहती विकास की हवा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची

    धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने जो सपना देखा था, घाटी में आग, खून, विद्रोह, वो चकनाचूर हो गया।

    आज कश्मीर में पर्यटन के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, नौजवान सेना और पुलिस में भर्ती हो रहे हैं,
    और अब तो वंदे भारत ट्रेन से कश्मीर भी जल्द पूरे देश से जुड़ने जा रहा है।

    घाटी अब टूरिज्म हब बन रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो रहा है, और सेना की तेज़ तैनाती भी संभव हो रही है, ये सब बातें पाकिस्तान की रातों की नींद हराम कर रही हैं!

    घाटी जल्द ही रेल्वे से पूरे देश से जुड़ जाएगी।

    पाकिस्तान समर्थक तत्वों की आखिरी कोशिश!

    पहलगाम हमला उन बचे-खुचे पाकिस्तान समर्थकों की आखिरी कोशिश है जो घाटी को फिर से हिंसा में झोंकना चाहते हैं। लेकिन हम सब समझते है कि:

    पूरा कश्मीर आतंकी नहीं है।
    हमें उन लोगों को अलग करना है जो पाकिस्तानी एजेंडे पर काम करते हैं।
    पर अगर हम सब कश्मीरियों से नफरत करेंगे तो वहां न रोजगार रहेगा, न विकास। और जब काम और रोटी नहीं होती, तो फिर खाली हाथ क्या थामेंगे… आप समझ सकते हैं।

    पाकिस्तान अब डर के साए में!

    पहलगाम का जवाब अब बहुत जल्द मिलने वाला है।
    सूत्रों के मुताबिक:

    • भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर पाकिस्तान के नज़दीक बढ़ रहा है,
    • अर्जुन टैंक युद्ध अभ्यास में जुटे हैं,
    • राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं।

    पाकिस्तान ने एलओसी पर बौखलाहट में फायरिंग बढ़ा दी है, उनके फाइटर जेट बेस से उधम मचा रहे हैं। पर कब 10-15 ब्रह्मोस मिसाइलें पीओके के आतंकी अड्डों पर कब कहर बरपाएंगी, पाकिस्तान को खबर भी नहीं होगी!

    भारत देगा हर हमले का मुँहतोड़ जवाब!

    अब नया भारत है। चोट सहेगा नहीं — सीधा वार करेगा!
    कश्मीर भारत का था, है और रहेगा!
    आतंकवादियों के साथ जो खड़े हैं, उनके लिए अब कोई रहम नहीं!

  • पहलगाम हमले के बाद भारत का ऑल-आउट एक्शन शुरू। कई आतंकियों की मौत, घर जलकर खाक।

    पहलगाम हमले के बाद भारत का ऑल-आउट एक्शन शुरू। कई आतंकियों की मौत, घर जलकर खाक।

    पहलगाम टूरिस्ट हमले के बाद भारत ने सुरक्षा रणनीति को हाई अलर्ट पर कर दिया है। छह आतंकियों के घरों को गिराने के बाद अब सैन्य तैयारी अपने चरम पर है। सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर के कई ज़िलों में तलाशी अभियान जारी है, और इसके समानांतर भारतीय सेनाएं ऑल-आउट मिलिट्री मूवमेंट शुरू कर चुकी हैं।

    भारतीय नौसेना का INS Vikrant विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर पाकिस्तान की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही थार रेगिस्तान में अर्जुन टैंकों की बड़ी युद्धाभ्यास गतिविधियाँ देखी गई हैं। भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई और तेजस जैसे फाइटर जेट्स ने दिनभर सीमावर्ती इलाकों में गश्त की।

    विशेषज्ञों के अनुसार, यह “प्रेशर बिल्डिंग ऑपरेशन” है, जिससे न केवल पाकिस्तान को कूटनीतिक संदेश दिया जा रहा है, बल्कि संभावित घुसपैठ या युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए पूरी तैयारी भी की जा रही है।

    आतंकियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ एक्शन

    अब तक लश्कर और जैश से जुड़े 6 आतंकियों के घरों को गिराया जा चुका है — जिनमें आसिफ शेख, आदिल ठोकर, हारिस अहमद (लश्कर) और अहसान उल हक (जैश) प्रमुख नाम हैं। ये सभी या तो पहलगाम हमले से जुड़े थे या पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटे थे।

    सेना और जनता की साझा चेतावनी

    The Resistance Front (TRF) द्वारा हमले की जिम्मेदारी पहले ली गई, फिर इनकार कर देना एक बार फिर आतंक के नकाब को उजागर करता है। वहीं आम कश्मीरियों के बीच डर और गुस्से का माहौल है, पर इस बार देश के बहुसंख्यक वर्ग में संवेदनशीलता के साथ संयम और सख्ती दोनों की मांग उठ रही है।

  • आतंक का जवाब अब निर्णायक होगा – मधुबनी से प्रधानमंत्री की हुंकार

    आतंक का जवाब अब निर्णायक होगा – मधुबनी से प्रधानमंत्री की हुंकार

    मधुबनी, बिहार (राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के मधुबनी में पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर तीखा संदेश दिया। उन्होंने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि भारत की आत्मा पर वार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

    प्रधानमंत्री ने कहा, “भारत आतंकियों, उनके हैंडलर्स और उनके समर्थकों को पहचानकर सजा देगा। हम उन्हें धरती के आखिरी छोर तक पीछा करके सज़ा दिलाएंगे।”

    उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, “जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने भारत की आत्मा पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।”

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि आतंकवाद भारत की भावना और आत्मा को कभी झुका नहीं सकता। देश अब पहले से ज्यादा संगठित, सजग और सक्षम है।

    सभा में उपस्थित हजारों लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट और “भारत माता की जय” के नारों के साथ प्रधानमंत्री के इस संकल्प का समर्थन किया।

  • पहल्गाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार के कड़े फैसले: सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की सुगबुगाहट

    पहल्गाम आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार के कड़े फैसले: सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की सुगबुगाहट

    नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है। हमले में नौसेना के जवानों समेत कई सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए, और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। इस हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान पर पांच कड़े कदम उठाए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब केवल निंदा तक सीमित नहीं रहेगा।

    मोदी सरकार के 5 बड़े फैसले:

    1. सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है। अब पाकिस्तान को मिलने वाला पानी रोका जाएगा और उसका उपयोग जम्मू-कश्मीर व पंजाब में किया जाएगा।
    2. अटारी बॉर्डर सील: पंजाब में भारत-पाक सीमा पर अटारी बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यात्री और मालवाहक आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
    3. पाक नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश: देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। इसमें छात्र, पर्यटक और व्यापारी सभी शामिल हैं।
    4. पाक डिफेंस अटैचेज निष्कासित: दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा संबंधी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
    5. डिप्लोमैटिक स्टाफ घटाकर 30 किया जाएगा: भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के राजनयिक स्टाफ को 30 तक सीमित करने का निर्णय लिया गया है।

    सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की सुगबुगाहट

    सूत्रों की मानें तो सीमापार जवाबी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है। सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमा के पास सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं और सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

    सरकार का स्पष्ट संदेश

    गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी डटे हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार समन्वय चल रहा है। केंद्र सरकार का रुख साफ है, अब आतंकवाद के प्रति “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर सख्ती से अमल किया जाएगा।

    देश भर में आक्रोश

    देश के कोने-कोने से वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग एक सुर में सरकार से करारा जवाब देने की मांग कर रहे हैं। इस बार सिर्फ जवाब नहीं, बदलाव की उम्मीद की जा रही है।

    भारत शांति चाहता है, लेकिन आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेगा।

  • पहलगाम में नरसंहारः आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत, एक नौसेना अधिकारी भी शामिल

    पहलगाम में नरसंहारः आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत, एक नौसेना अधिकारी भी शामिल

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक विनाशकारी आतंकवादी हमले के परिणामस्वरूप नौसेना के एक अधिकारी और खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी सहित 26 लोगों की मौत हुई, जो हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे घातक हमलों में से एक है। आतंकवादियों ने एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, उनसे उनका धर्म पूछा, कुछ से कलमा बोलने को कहा, फिर गोलियां चलाई जिससे कई लोग मारे गये और अन्य पीड़ित रह गए और व्यापक दहशत और संकट पैदा हो गया।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी यात्रा को कम कर दिया और भारत लौट आए, हमले की कड़ी निंदा की और आतंकवाद से लड़ने का संकल्प लिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक के लिए श्रीनगर पहुंचे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित विभिन्न विश्व नेताओं ने भारत के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की।

    यह हमला चरम पर्यटन मौसम के दौरान और अमरनाथ यात्रा की तैयारियों के बीच हुआ, जिससे क्षेत्र में आने वाले आगंतुकों की सुरक्षा के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा हुईं।

    पीड़ितों में महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा सहित विभिन्न भारतीय राज्यों के पर्यटक भी शामिल थे, जिन्होंने त्रासदी के व्यापक प्रभाव को उजागर किया। हमले के बाद, अपराधियों को बेअसर करने के लिए एक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया था, और घटना की पूरी सीमा निर्धारित करने और जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए जांच जारी है।

    अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में हैं; प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब की अपनी तीसरी यात्रा पर हैं; वंदे भारत श्रीनगर तक चलने वाली है, और अमरनाथ यात्रा निकट आ रही है। यह हमें डराने-संदेश भेजने के लिए हमला और योजना बनाई गई थी। अब हमें भी एक संदेश भेजने की जरूरत है। पीड़ितों के परिवारों के प्रति हमारी संवेदनाएँ।

  • बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दो आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार

    बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट के दो आरोपी कोलकाता से गिरफ्तार

    NIA ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट मामले में कोलकाता से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब हैं। NIA के मुताबिक, 2 मार्च को शाजिब ने कैफे में IED रखा था, जबकि ताहा ने इसका पूरा प्लान तैयार किया था।

    मुसाविर हुसैन शाजिब मुख्य आरोपी और अब्दुल मतीन ताहा सह-आरोपी है। मुसाविर ही कैफे में विस्फोटक लेकर गया था। दोनों ही शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। NIA ने दोनों की तलाश में कर्नाटक, तमिलनाडु और यूपी के 18 ठिकानों पर छापेमारी की थी। 29 मार्च से दोनों पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित है।

    NIA का कहना है कि साई का कैफे ब्लास्ट के आरोपियों से कनेक्शन है। 9 मार्च को NIA ने आरोपी की तस्वीर जारी की थी। शाजिब और ताहा दोनों ही ISIS मॉड्यूल का हिस्सा हैं। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था।

    NIA ने मुख्य आरोपी की पहचान आसपास के एक हजार से अधिक CCTV कैमरों की जांच करके की थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक, ताहा हमेशा टोपी पहनता था, जो उसने चेन्नई में रहने के दौरान खरीदी थी। संदिग्ध हमलावर शाजिब को विस्फोट के दिन वही टोपी पहने देखा गया था। जांच में पाया गया कि इस टोपी के सिर्फ 400 पीस ही बेचे गए थे।