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  • गोपेंद्र नाथ भट्ट राजस्थान विधानसभा पत्रकार दीर्घा मंत्रणा समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत

    गोपेंद्र नाथ भट्ट राजस्थान विधानसभा पत्रकार दीर्घा मंत्रणा समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत

    नीति गोपेंद्र भट्ट जयपुर/नई दिल्ली। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर राजस्थान सरकार के सूचना एवं जन संपर्क विभाग से मान्यता प्राप्त अधिस्वीकृत स्वतंत्र पत्रकार गोपेंद्र नाथ भट्ट को राजस्थान विधानसभा पत्रकार दीर्घा मंत्रणा समिति का विशेष आमंत्रित सदस्य मनोनीत किया गया है।

    राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा के हस्ताक्षर से राजस्थान विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी पत्र में यह जानकारी दी गई है।विधानसभा में उप निदेशक (जनसंपर्क) डॉ लोकेश चंद्र शर्मा ने बताया कि स्वतंत्र पत्रकार गोपेंद्र नाथ भट्ट को राजस्थान विधानसभा के प्रमुख सचिव द्वारा प्रेषित पत्र में कहा गया है कि राजस्थान विधानसभा की पत्रकार दीर्घा में समाचार पत्रों एवं एजेंसियों के प्रतिनिधियों के प्रवेश को विनियमित करने संबंधी नियमों के नियम 1 की धारा (1) के अंतर्गत माननीय अध्यक्ष ने पत्रकार दीर्घा मंत्रणा समिति के वर्ष 2024-25 एवं अग्रिम आदेशों की अवधि के लिए गठित समिति में आपको विशेष आमंत्रित सदस्य के रुप में मनोनीत किया गया है।

    उल्लेखनीय है कि गोपेंद्र नाथ भट्ट राजस्थान सूचना एवं जन संपर्क विभाग राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी रहें है और पीआरओ से अतिरिक्त निदेशक तक के विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने अपनी उल्लेखनीय सेवाएँ दी है। विशेष कर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में मुख्यमंत्री, राजस्थान के प्रेस अटैची और सेवानिवृत्ति के पश्चात् केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री के सीनियर मीडिया कन्सल्टेंट और कई मीडिया समूहों एवं संस्थाओं से जुड़े रहते हुए उन्होंने अपनी एक अलग ही पहचान बनाई हैं।

  • राजस्थान विधानसभा में 15 नई समितियों का गठन, सभापतियों और सदस्यों की सूची जारी

    राजस्थान विधानसभा में 15 नई समितियों का गठन, सभापतियों और सदस्यों की सूची जारी

    जयपुर: राजस्थान विधानसभा के सचिव की ओर से शुक्रवार 17 मई को 15 नई समितियों का गठन किया गया है और इन समितियों के सभापति और सदस्यों की नियुक्ति की गई है। पहली बार विधायक बने रविंद्र सिंह भाटी, अंशुमान सिंह भाटी, डॉ. शिखा बराला, अभिमन्यू सिंह पूनिया, मनीष यादव और नौक्षम चौधरी को विभिन्न समितियों में शामिल किया गया है।

    15 में से 13 समितियों के सभापति भाजपा विधायक, कांग्रेस के केवल दो

    विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के लिए हर बार 21 अलग-अलग समितियों का गठन किया जाता है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पिछले दिनों 4 समितियों का गठन किया गया था और अब 15 और समितियों का गठन किया गया है। अब तक 19 समितियों का गठन हो चुका है। शुक्रवार को गठित 15 समितियों में से केवल 2 समितियों के सभापति कांग्रेस विधायकों को बनाया गया है, जबकि शेष 13 समितियों के सभापति भाजपा विधायकों को बनाया गया है। कांग्रेस विधायकों में हरीश चौधरी को सदाचार समिति और डॉ. दयाराम परमार को पर्यावरण संबंधी समिति का सभापति बनाया गया है।

    सभी 15 समितियों के सभापतियों और सदस्यों की पूरी जानकारी

    नियम समिति

      • सभापति: माननीय अध्यक्ष (पदेन)
      • सदस्य: वसुन्धरा राजे, अशोक गहलोत, सुश्री सिद्धि कुमारी, हनुमान बेनीवाल, मुरारी लाल मीना, सचिन पायलट, प्रताप लाल भील, दीप्ति किरण माहेश्वरी

      सदाचार समिति

        • सभापति: हरीश चौधरी
        • सदस्य: कल्पना देवी, सुरेश मोदी, हंसराज पटेल, बालमुकुन्दाचार्य, जयदीप बिहाणी, उमेश मीणा, भगवाना राम सैनी, अभिमन्यु पूनिया

        स्थानीय निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं संबंधी समिति

          • सभापति: हरिसिंह रावत
          • सदस्य: जुबेर खान, कालूराम, कंवरलाल, रामस्वरूप लाम्बा, वीरेन्द्र सिंह (दांता रामगढ़), लादु लाल पितलिया, कुलदीप, चेतन पटेल कोलाना, विद्याधर सिंह, विनोद कुमार

          विशेषाधिकार समिति

            • सभापति: पुष्पेन्द्र सिंह
            • सदस्य: सिद्धि कुमारी, प्रताप लाल भील, मनोज कुमार (सादुलपुर), रमीला खड़ीया, पुष्कर लाल डांगी, अशोक चांदना, लालाराम बैरवा, शंकरलाल डेचा, मांगेलाल मीणा

            अधीनस्थ विधान संबंधी समिति

              • सभापति: अनिता भदेल
              • सदस्य: शान्ती धारीवाल, कैलाश चन्द वर्मा, कालूराम, रोहित बौहरा, अशोक चांदना, विश्वराज सिंह मेवाड़, उदयलाल डांगी, प्रशान्त शर्मा, रविन्द्र सिंह भाटी

              याचिका समिति

                • सभापति: हमीर सिंह भायल
                • सदस्य: कंवरलाल, वीरेन्द्र सिंह (दांता रामगढ़), गणेश घोगरा, जेठानन्द व्यास, राधेश्याम बैरवा, ताराचन्द, संजय कुमार, मोतीराम, गणेशराज बंसल

                सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति

                  • सभापति: जितेन्द्र कुमार गोठवाल
                  • सदस्य: मुरारी लाल मीना, नाना लाल निनामा, गोविन्द प्रसाद, रामस्वरूप लाम्बा, अमित चाचाण, अंशुमान सिंह भाटी, देवी सिंह शेखावत, मनीष यादव, अशोक कुमार कोठारी

                  प्रश्न एवं संदर्भ समिति

                    • सभापति: संदीप शर्मा
                    • सदस्य: जब्बर सिंह सांखला, गोपीचन्द मीणा, अमित चाचाण, पुष्कर लाल डांगी, मुकेश भाकर, दर्शनसिंह, अंशुमान सिंह भाटी, देवेन्द्र जोशी, मनीष यादव

                    पर्यावरण संबंधी समिति

                      • सभापति: डॉ. दयाराम परमार
                      • सदस्य: रामनिवास गावड़िया, रोहित बौहरा, भागचन्द टांकड़ा, अतुल भंसाली, विरेन्द्र सिंह (मसूदा), राजेन्द्र, विक्रम सिंह जाखल, डूंगरराम गेदर, अशोक कुमार कोठारी

                      पुस्तकालय समिति

                      • सभापति: सुरेन्द्र सिंह राठौड़
                      • सदस्य: गोपीचन्द मीणा, रामनिवास गावड़िया, दीपचन्द खैरिया, जसवन्त सिंह गुर्जर, लक्ष्मण राम, महेन्द्र पाल मीना, देवेन्द्र जोशी, पूसाराम गोदारा, पितराम सिंह काला

                      महिलाओं एवं बालकों के कल्याण संबंधी समिति

                      • सभापति: शोभा चौहान
                      • सदस्य: कल्पना देवी, दीप्ति किरण माहेश्वरी, रमीला खड़ीया, नौक्षम चौधरी, डॉ. शिखा मील बराला, शिमला देवी, सुशीला रामेश्वर डूडी, डॉ. प्रियंका चौधरी, डा. ऋतु बनावत

                      पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति

                      • सभापति: केसाराम चौधरी
                      • सदस्य: दीपचन्द खैरिया, जसवन्त सिंह गुर्जर, डॉ. शैलेश सिंह, सुभाष मील, उदयलाल भडाणा, हरलाल सहारण, सुरेश गुर्जर

                      अनुसूचित जाति कल्याण समिति

                      • सभापति: डॉ. विश्वनाथ मेघवाल
                      • सदस्य: चुन्नीलाल सी.एल. प्रेमी बैरवा, मनोज कुमार (सुजानगढ़), सोहन लाल नायक, आदू राम मेघवाल, लालाराम बैरवा, विक्रम बंशीवाल, रामावतार बैरवा, राम सहाय वर्मा (रेगर), गीता बरवड़, अनीता जाटव

                      अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति

                      • सभापति: फूल सिंह मीणा
                      • सदस्य: नाना लाल निनामा, जब्बर सिंह सांखला, कैलाशचन्द्र मीणा, इन्द्रा, लक्ष्मण, घनश्याम, हंसराज मीना, रामबिलास, शंकरलाल डेचा, मांगेलाल मीना, थावर चंद

                      अल्पसंख्यकों के कल्याण संबंधी समिति

                      • सभापति: पब्बाराम विश्नोई
                      • सदस्य: मनोज कुमार (सादुलपुर), हाकम अली खां, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, गोविन्द प्रसाद, रुपिन्द्र सिंह कुन्नर, उदयलाल डांगी, ताराचन्द जैन, प्रताप पुरी, गुरवीर सिंह
                      1. सदन में सार्थक चर्चाओं से जनहित में आएंगे बेहतर परिणाम, लोकतंत्र भारत की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा: प्रबोधन कार्यक्रम का समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष

                        सदन में सार्थक चर्चाओं से जनहित में आएंगे बेहतर परिणाम, लोकतंत्र भारत की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा: प्रबोधन कार्यक्रम का समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष

                        जयपुर, 16 जनवरी। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि सदनों में सार्थक चर्चाएं होने से ही जनता के हित में बेहतर परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि जन आकांक्षाओं पर खरा उतरें और जनकल्याण का दायित्व निभाएं। पक्ष-विपक्ष मिलकर जनता के हित में कार्य करेंगे तो ही राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर कर पाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने सत्र की अध्यक्षता की जबकि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

                        लोकसभा अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनता ने इस विश्वास के साथ आपको चुनकर भेजा है कि आप अपने संवैधानिक दायित्वों का भली प्रकार से निर्वहन करेंगे। विधायक जितना अधिक समय सदन में देंगे, वे उतनी ही अधिक तार्किकता से अपनी बात रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा की गौरवशाली परम्पराएं और परिपाटियां रहीं हैं। यह देश के अन्य विधान मंडलों के लिए भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाती रही है। उन्होंने कहा कि यह साबित हो चुका है कि लोकतंत्र ही शासन की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है और यह भारत की जीवनशैली का हिस्सा रही है। लोकतंत्र की कार्यशैली हमारे विचारों और कार्यों में भी झलकती है। हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं पूरी दुनिया के लिए मिसाल है।

                        श्री बिरला ने कहा कि विधायक केवल अपने क्षेत्र के मुद्दों और समस्याओं तक ही सीमित नहीं रहें बल्कि उन्हें राज्य के प्रमुख मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रतिपक्ष के मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। श्री बिरला ने सदन में गतिरोध को अनुचित बताते हुए कहा कि सार्थक चर्चाओं से ही सरकार के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता आ पाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों द्वारा अपने क्षेत्रों में किये गए नवाचारों पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए। इससे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम नई तकनीकों को अपनाएं। हम जितना अधिक तकनीक का उपयोग करेंगे उतना ही बेहतर संवाद कर पाएंगे।

                        श्री बिरला ने कहा कि विधानसभा में प्रश्न लगाने की प्रक्रिया ऑनलाइन तथा विधानसभा पेपरलेस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधान मंडल का प्रमुख कार्य कानून बनाना है। कानून और नियम बनते समय सदस्यों को विशेष रूप से ध्यान देकर व्यापक चर्चा करनी चाहिए। कानून पर जितनी अधिक चर्चा होगी, वह उतना ही कल्याणकारी और प्रभावी बनेगा।

                        विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सोलहवीं विधानसभा में प्रथम बार निर्वाचित सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण है। उन्हें इससे लोकहित के मुद्दे उठाने, विधेयक पारित कराने तथा अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी मिलेगी। विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी से संसदीय कार्यप्रणाली के बारे में उनकी समझ बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सदन में मर्यादित आचरण और सदन का समय बहुत महत्वपूर्ण है। सदन की कार्यवाही सुचारू रुप से चलाना पक्ष और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है। श्री देवनानी ने कहा कि सदन में जनता की समस्याएं उठाने के लिए आपको पूरा समय मिलेगा, लेकिन सदन की कुछ मर्यादाएं भी हैं जिनका आपको पालन करना होगा।श्री देवनानी ने कहा कि विधानसभा में 21 समितियां गठित होती हैं, जिनका सदस्य और सभापति बनने का अवसर विधायकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये समितियां शक्तिशाली होती हैं, इन्हें और अधिक प्रभावी बनाना आप पर निर्भर है। उन्होंने विधायकों से इन समितियों में सक्रिय रूप से भूमिका निभाने का आह्वान किया।

                        मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विभिन्न सत्रों में हुई सार्थक चर्चा में संसदीय प्रक्रियाओं, विधियों, कार्य संचालन नियमों और समितियों के कार्यों की जानकारी से हमें प्रदेश के विकास के लिए दिशा मिली है। कार्यक्रम में वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा साझा किए अनुभवों से हमें सदन के बहुमूल्य समय का सर्वोत्तम उपयोग करने में मदद मिलेगी। श्री शर्मा ने उपराष्ट्रपति के उद्बोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की होती है। इसलिए हमारा आचरण अनुकरणीय और आदर्श होना चाहिए। हमें भारत की संविधान सभा से प्रेरणा लेनी चाहिए। श्री शर्मा ने सदन के सदस्यों की तरफ से उपराष्ट्रपति को विश्वास दिलाया कि सदन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली में पारंगत होने के लिए निरंतर सीखते रहना चाहिए। जनप्रतिनिधि के रूप में हमें जनहित के मुद्दों को नियमों के तहत उठाना चाहिए।

                        संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कार्यक्रम में सभी का आभार व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने पौधा भेंट कर लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने लोकसभा अध्यक्ष एवं संसदीय कार्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, विधायकगण तथा संसदीय नियम एवं प्रक्रियाओं के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।