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  • सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    आज भारत को तोड़ने की जो साज़िशें चल रही हैं, वे केवल बाहरी नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक युद्ध के रूप में हमारे समाज के भीतर ज़हर घोलने का काम कर रही हैं। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI लगातार कोशिश कर रही है कि भारत के साहसी,  देशभक्त समुदायों में से एक, सिख समुदाय, को भ्रमित किया जाए और देश से अलग करने की भावनाएं भड़काई जाएं।

    हाल ही में पाकिस्तान ने यह झूठ फैलाया कि भारतीय वायुसेना ने पंजाब में एक गुरुद्वारा पर हमला किया। सच्चाई इससे बिलकुल अलग थी। यह एक झूठा प्रचार था ताकि पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में भ्रम और गुस्सा फैलाया जा सके। पाकिस्तान जानता है कि अगर पंजाब अस्थिर होगा तो भारत को अंदर से चोट दी जा सकती है। यही वजह है कि अब वे कश्मीर के साथ-साथ पंजाब का नाम लेने लगे हैं।

    पाकिस्तान ने एक बार फिर वही पुरानी और घिनौनी साजिश दोहराई है, भारत को तोड़ने की, सिख और हिन्दू समुदायों में फूट डालने की। हाल ही में पाकिस्तान के DG ISPR (Inter Services Public Relations) ने एक झूठा और बेबुनियाद बयान दिया कि भारत के अधमपुर एयरबेस से अफगानिस्तान में सिख धर्मस्थलों पर 6 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। यह दावा न केवल हास्यास्पद है, बल्कि गहरी साजिश का हिस्सा भी है।

    इस दावे को खुद अफगानिस्तान ने खारिज कर दिया है। जमीन पर न कोई मिसाइल गिरी, न कोई धमाका हुआ, न कोई सिख स्थल नष्ट हुआ, और न ही कोई सबूत है। पाकिस्तान का इरादा स्पष्ट है, सिख भाइयों और बहनों के मन में भारत के खिलाफ गलतफहमी और गुस्सा पैदा करना।

    आज भी जब पाकिस्तान या ISI “खालिस्तान” की बातें करता है, तो उसका मकसद सिखों का भला नहीं, बल्कि भारत का विघटन होता है। अगर उन्हें सिख धर्म का सच में सम्मान होता, तो वे अपने देश में गुरुद्वारों को न उजाड़ते, न सिखों पर अत्याचार करते। उन्हें न गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से मतलब है, न खालसा के उस बलिदान से जो धर्म और इंसानियत की रक्षा के लिए हुआ था।

    लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। यह वही सरकार है, यह वही भारत है, जिसने सिखों की शान को सिर आंखों पर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आदमपुर एयरबेस पर उतरे थे, वहीं से जहाँ पर पाकिस्तान ने झूठा आरोप लगाया। उन्होंने एयरफोर्स कर्मियों को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का ज़िक्र किया और पंजाब के वीरों को याद किया।

    मोदी जी ने कहा: “चिड़ियाँ ते मैं बाज तुड़ावां, गिद्धां तो मैं शेर बनावां, सवा लाख से एक लड़ावां, तबे गोविंद सिंह नाम कहावां।”

    यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, यह एक संदेश था, सिख परंपरा, उनकी बहादुरी और भारत के प्रति उनके समर्पण का सम्मान। एक प्रधानमंत्री जो सिख बलिदानों को खुले मंच से सम्मान देता है, वही पाकिस्तान के झूठे प्रचार के सामने असली जवाब है।

    पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए, भारत की सिख और हिन्दू आत्माएं एक हैं। हमें कोई भी अलग नहीं कर सकता। यह भूमि गुरु नानक की भी है और राम की भी। यह वही संस्कृति है जिसमें भेद नहीं, समरसता है। और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

    भिंडरांवाले का मुद्दा आज भी पंजाब में कई लोगों के लिए भावनात्मक है, लेकिन अब ज़्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि उसे 1980 के दशक में कांग्रेस और इंदिरा गांधी द्वारा, अकाली दल को कमजोर करने के लिए उभारा गया। लेकिन यह आग बाद में बेकाबू हो गई। यह भी सच है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे कदम को शायद और संवेदनशीलता से संभाला जा सकता था, लेकिन एक बड़ा सवाल है, उस समय पंजाब में हथियार कौन पहुँचा रहा था? जवाब है, पाकिस्तान की ISI।

    पाकिस्तान ने 1980 और 90 के दशक में सिख युवाओं को गुमराह करने के लिए हथियार, ट्रेनिंग और धन दिया। उस हिंसा में हजारों निर्दोष लोग मारे गए। सीमा पार से आज तक ड्रग्स पंजाब में आ रही है, क्यों? हमारे सिख नौजवानों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए। यही साजिश अलग रूप में दोहराई जा रही है, सोशल मीडिया, विदेशों से बैठे एजेंट्स और झूठे प्रचार के ज़रिए।

    सच्चाई यह है कि सिख और हिन्दू सिर्फ दो धर्म नहीं हैं, वे एक ही सांस्कृतिक जड़ से पनपे हैं, जिसे हम ‘सनातन संस्कृति’ कह सकते हैं। यह वह संस्कृति है जो गुरु नानक देव जी से लेकर कबीर, नामदेव, रविदास तक सभी को एक साथ जोड़ती है। यह संस्कृति हमें सिखाती है कि धर्म कोई दीवार नहीं, बल्कि एक पुल है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है, न कि तोड़ता।

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने जब खालसा पंथ बनाया, तो वह किसी दूसरे धर्म के विरोध में नहीं था, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक था। उनके चारों साहिबज़ादों ने धर्म और देश की रक्षा में बलिदान दिया, यह बलिदान किसी सीमित सोच या खुद के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रवाद और एक सार्वभौमिक न्याय की भावना का था।

    हमारा भारत वह देश है जहां गुरु अर्जुन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए प्राण दिए। वो हिन्दू बच्चों को जबरन मुसलमान बनाने के खिलाफ खड़े हुए, उन्होंने किसी एक धर्म के लिए नहीं, बल्कि पूरे मानव धर्म के लिए बलिदान दिया। यही भावना सिख धर्म और हिन्दू धर्म को एक सूत्र में पिरोती है।

    आज वही विरासत हमें पुकार रही है कि किसी झूठे प्रचार या बाहरी साज़िश का शिकार न बनें। पाकिस्तान में सिखों की हालत किसी से छुपी नहीं है, वहां गुरुद्वारों की स्थिति, जबरन धर्मांतरण और असमानता की घटनाएं आम हैं। जबकि भारत में, सिख समुदाय को सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार मिले हैं, चाहे वो राजनीति हो, सेना हो या समाज का कोई और क्षेत्र।

    भारतीय सेना में सिखों की भागीदारी गर्व की बात है। सिख रेजिमेंट भारत की सबसे वीर रेजिमेंटों में गिनी जाती है। कारगिल से लेकर आज तक सिख जवानों ने भारत के लिए अपनी जान दी है। क्या पाकिस्तान या कोई और देश उन्हें इतनी इज्जत दे सकता है?

    आज ज़रूरत है कि हम इस षड्यंत्र को पहचानें। पंजाब और सिखों को अलग दिखाने वाली हर सोच दरअसल भारत को कमजोर करने की कोशिश है। हमें यह याद रखना चाहिए, हम सिख हों, हिन्दू हों, मुसलमान हों, ईसाई हों, हम सभी भारतीय हैं, और हमारी जड़ें एक ही सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हैं।

    भाईचारा, एकता और न्याय, यही असली खालसा की पहचान है। यही सनातन संस्कृति का सार है। झूठे प्रचार और नफरत फैलाने वाली ताकतों को नकारिए, एक-दूसरे का हाथ थामिए, और मिलकर कहिए, हम सब एक हैं। अगर हम अपनी सांझी विरासत को याद रखें, अगर हम अपने पूर्वजों के बलिदानों को समझें, तो कोई ताकत हमें न तो तोड़ सकती है, न झुका सकती है।

  • न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अखबारों में से एक, न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जो चीख-चीख कर बता रही हैं कि भारत का हमला कितना सटीक था, कितना अचूक था और कितना भीतर था!

    NYT चूँकि अपने लेखों के लिए पैसे माँगता है, इसीलिए मैं एक-एक कर उन ‘Before And After’ पहले और बाद वाली सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण के साथ ही समझाता हूँ कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल रहा।

    ये दिखाता है कि हम जब जहाँ चाहें पाकिस्तान में उसी क्षण वार कर सकते हैं। आइए…

    भोलारी एयरबेस

    भोलारी एयरबेस: ये सारी की सारी HD सैटेलाइट तस्वीरें हैं। ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी पोर्ट सिटी कराची से 100 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ भारत ने एक एयरक्राफ्ट हैंगर को उड़ा दिया। ये वो इमारत थी जहाँ एयरक्राफ्ट को रखा और मेंटेन किया जाता है। अंदर रखे एयरक्राफ्ट्स का क्या हुआ होगा, समझ जाइए।भारत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है!

    नूर खान एयरबेस

    आइए, अब चलते हैं नूर खान एयरबेस की तरफ: ये पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील इलाक़ों में से एक है। पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय और वहाँ के प्रधानमंत्री का दफ्तर से ये कुछ ही दूरी पर स्थित है। साथ ही यहाँ से कुछ ही दूरी पर पाकिस्तान का परमाणु जखीरा है, उसकी देखभाल करने वाली यूनिट है। यहाँ की एक महत्वपूर्ण इमारत को भी भारत ने एकदम सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया।

    रहीम यार खान एयरफील्ड

    रहीम यार खान एयरफील्ड:10 मई को पाकिस्तान ने एक नोटिस जारी करके कहा कि रहीम यार खान एयरबेस का रनवे चालू नहीं है। कारण – भारत ने रनवे को ही तबाह कर दिया। बनाते रहे अब…जहाँ जो चाहे हमने उसे उड़ा दिया!

    सरगोधा एयरबेस

    सरगोधा एयरबेस: ये पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है।यहाँ रनवे के एक नहीं बल्कि दो हिस्से को हमारे हवाई हमले से उड़ा दिया गया। फिर भी हमारे अपने ही देश के लोग हमारी ही वायुसेना पर शक कर रहे थे और दुनिया भर में पाकिस्तान के दावे को सच मान रहे थे।

    उधमपुर एयरबेस

    अब अगर मैं भारत की बात नहीं करूँगा तो लोग कहेंगे कि एक ही पक्ष का दिखाया, दूसरे का क्या? पाकिस्तान ने उधमपुर एयरबेस को निशाना बनाए जाने का दावा किया। पता है आपको, सैटेलाइट इमेज में क्या निकला? उस एयरपोर्ट पर एक तिनका भी नहीं हिला है। सब वैसे का वैसे ही है।

    जो जम्मू के उधमपुर एयरबेस का कुछ नहीं कर पाए, वो और भीतर क्या उखाड़ पाए होंगे, सोचिए न।

    इन सबके बावजूद अगर कोई भारतीय सेना की क्षमता पर शक करता है तो वो देशद्रोही है, और कुछ नहीं!

    भारतीय सेना ने तो सबूत दिया सो दे ही दिया, पाकिस्तान के दावों पर हमारे अपने लोग कैसे विश्वास कर सकते हैं? हमारी ताक़त वैसी है जहाँ हम अब चीन को भी ठोकने की स्थिति में हैं। हमारा एयर डिफेंस ऐसा है जो इजरायल के ‘आयरन डोम’ को टक्कर देता है।

    – सिद्धार्थ गौड़ (संपादक, न्यूज सेवा)

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    नई दिल्ली, 12 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज हर आतंकी यह जान चुका है कि भारत की बेटियों और बहनों के सिन्दूर से खेलने का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को न्याय की दिशा में देश का अडिग संकल्प बताया।

    प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निर्दोषों पर नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और सामाजिक एकता पर भी हमला था। उन्होंने बताया कि कैसे छुट्टियां मना रहे नागरिकों को उनके धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने मौत के घाट उतारा गया। इस अमानवीय कृत्य ने देश को झकझोर कर रख दिया और सभी वर्गों ने एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 6 और 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे वैश्विक आतंक के अड्डों को नष्ट किया गया। इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें कई दशकों से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले शामिल थे।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जवाबी हमले में भारत के स्कूलों, मंदिरों, गुरुद्वारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की और भारत से डी-एस्केलेशन की मांग की।

    प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई और आतंकवाद तथा सैन्य हमलों को बंद करने का वादा किया। भारत ने फिलहाल अपनी जवाबी कार्रवाई को स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। भारत पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थायी नीति का प्रतीक है। उन्होंने भारत की सुरक्षा नीति के तीन स्तंभों की घोषणा की:

    1. निर्णायक प्रतिकार – भारत पर किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा, आतंक के मूल स्रोतों पर हमला करेगा।
    2. परमाणु धमकियों की कोई मान्यता नहीं – परमाणु हमले की आड़ में छिपे आतंकी ठिकानों पर भी सटीक जवाब दिया जाएगा।
    3. आतंकी और उनके संरक्षकों में कोई भेद नहीं – अब भारत आतंकी संगठनों और उन्हें संरक्षण देने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखेगा।

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना के अधिकारी खुलेआम मारे गए आतंकियों के जनाज़ों में शरीक होते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद में लिप्त है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों की सजगता और वीरता की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत अब रेगिस्तानी, पहाड़ी और आधुनिक डिजिटल युद्ध क्षमताओं में अग्रणी बन चुका है और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों ने हाल की कार्रवाई में अपनी प्रभावशीलता साबित की है।

    बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए कहा कि शांति की राह शक्ति से होकर जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई भी इसी भावना से लड़ी जाएगी।

    अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने फिर से भारतीय सैनिकों की बहादुरी को नमन किया और देशवासियों की एकता को सलाम करते हुए कहा कि यह भारत की नई रणनीतिक दिशा है – न आतंक बर्दाश्त होगा, न आतंकवादियों को बख्शा जाएगा।

  • ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

    ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

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    ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    Live:

    मोदी पहुंचे सेना से मिलने:

  • भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी पहल पर युद्धविराम की घोषणा की गई। ट्रंप ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाते देख दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से व्यक्तिगत संपर्क किया और कुछ ही घंटों में संघर्षविराम लागू हो गया, हालांकि पाकिस्तान मानने वाला नहीं था।

    यह कदम ऐसे समय में आया जब भारत ने पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों पर आक्रामक कार्रवाई की थी, और युद्ध का खतरा वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गया था।

    सीजफायर का उल्लंघन: पाकिस्तान ने चार घंटे में तोड़ा भरोसा

    शांति का यह क्षण मात्र चार घंटे ही टिक पाया। रात 9 बजे के करीब, पाकिस्तान ने जम्मू, पुंछ, और राजौरी सेक्टरों में भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। भारतीय गांवों और पोस्टों को निशाना बनाया गया। यह सीधा उल्लंघन उस युद्धविराम का था जो अमेरिकी हस्तक्षेप से लागू हुआ था।

    पाकिस्तान की इस हरकत ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह न शांति चाहता है, न समझौतों का सम्मान करता है। भारत ने पहले संयम दिखाया लेकिन जैसे ही आक्रामकता बढ़ी, जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई।

    दूसरी बार सीजफायर: जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान झुका

    भारत ने न सिर्फ सीमावर्ती पोस्टों पर, बल्कि पाकिस्तान के भीतर गहरे सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार किया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने चकलाला (नूर खान), रफीकी और रहरयार खान जैसे एयरबेस को निशाना बनाया, ये सभी पाकिस्तान की सामरिक क्षमताओं के केंद्र हैं।

    पाक के विभिन्न सैन्य ठिकाने जिन्हें भारतीय सेना ने निशाना बनाया।

    नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद से महज़ 10 किमी दूर है, पाकिस्तान के VIP और सामरिक परमाणु बलों का संचालन केंद्र माना जाता है। यहां लड़ाकू विमानों में हवा में ही ईंधन भरने वाले विमान भी है, जिनका सफाया होना पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की रेंज कम कर देता। इसके अलावा, भारत ने उनके मिलिट्री कम्युनिकेशन नेटवर्क और एयर डिफेंस सिस्टम को भी ध्वस्त किया।

    अमेरिकी और चीनी सैन्य तकनीक की विफलता: भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत की कार्रवाइयों में एक और बड़ी बात उभरकर सामने आई है, पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए अमेरिकी और चीनी हथियार तंत्र की विफलता। पाकिस्तानी पोस्ट्स पर तैनात अमेरिकी और चीन के डिटेक्शन रडार भारत के लो-फ्लाइंग ड्रोन्स और स्टील्थ मिसाइलों को पकड़ने में असफल रहे।

    यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान द्वारा दागी गई एक चीनी-निर्मित एयर-टू-एयर मिसाइल रेगिस्तान में जा गिरी और उसे DRDO की टीम ने कब्जे में लेकर रिसर्च के लिए सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि इस मिसाइल का निष्क्रिय होना न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए भी बड़ी शर्मिंदगी है।

    भारत ने इन विफल तकनीकों का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान की वायुसेना की सप्लाई और कंट्रोल लाइनों को पूरी तरह ठप कर दिया। इससे पहले ही, अमेरिका के ऊर्जा विभाग का एक विशेष विमान, जो माना जाता है कि परमाणु विकिरण की ट्रैकिंग करता है, पाकिस्तान में लैंड करता देखा गया; क्या भारत ने कोई संवेदनशील परमाणु साइट को निशाना बनाया? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व की घबराहट और अमेरिकी हस्तक्षेप का अचानक सक्रिय हो जाना, शायद इसका संकेत देता है।

    अमेरिकी ऊर्जा विभाग का प्लेन पाकिस्तान पहुंचा।

    नाली चाहे सोने की हो, बहता तो मल ही है

    भारत में इन घटनाओं के बाद आम जनमानस में पाकिस्तान को लेकर फिर वही पुरानी कहावतें गूंजने लगीं: “कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं होती”, “कितना भी सुंदर समझौता हो, पाकिस्तान उसे तोड़ेगा ही” और “नाली चाहे सोने की बना दो, बहेगा तो मल ही”।

    यह शब्द महज कहावतें नहीं, बल्कि भारत के दशकों के अनुभव का निचोड़ हैं। पाकिस्तान ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह किसी भी भरोसे या शांति प्रक्रिया के योग्य नहीं है।

    आखिरी चेतावनी: अगली हरकत, सीधा युद्ध

    भारत सरकार और सेना ने अब यह साफ कर दिया है कि आगे किसी भी प्रकार का आतंकी हमला, चाहे वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए हो या ISI-प्रायोजित ग्रुप्स द्वारा, सीधे युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।

    अब भारत “स्ट्रैटजिक पेशेंस” की नीति से बाहर आ चुका है। हमारा रुख साफ हो चुका है, अगली बार “शुरू पाकिस्तान करेगा, लेकिन खत्म भारत करेगा।”

    यह संघर्ष अब सिर्फ सीमाओं या घाटी तक सीमित नहीं है यह सैन्य रणनीति, तकनीकी श्रेष्ठता, और वैश्विक मान्यता की लड़ाई बन चुकी है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि बार-बार सीजफायर तोड़ने और आतंकी संगठनों को पनाह देने की कीमत बहुत भारी पड़ेगी।

  • भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    शनिवार शाम एक बड़े घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) घोषित कर दिया गया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीजफायर शनिवार शाम 5 बजे से लागू हो गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब दोनों देश जमीन, आकाश और समुद्र; तीनों क्षेत्रों में एक-दूसरे पर कोई सैन्य हमला नहीं करेंगे।

    12 मई को फिर होगी DGMO स्तर की बातचीत

    भारतीय और पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच अगली औपचारिक बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे होगी। इस संवाद का उद्देश्य युद्धविराम को स्थायी शांति की दिशा में ले जाना है।

    अमेरिका की मध्यस्थता, ट्रंप का ट्वीट

    इस सीजफायर के पीछे अमेरिका की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। शनिवार शाम 5:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके इस समझौते की जानकारी सार्वजनिक की। उन्होंने लिखा कि “दो परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष को रोकना विश्व शांति के लिए अनिवार्य है। अमेरिका इस दिशा में प्रयास करता रहेगा।”

    इसमें कोई शक नहीं कि युद्धविराम करवाने पाकिस्तान भागा भागा अमेरिका के पास गया है।

    परमाणु युद्ध की आशंका और वैश्विक चिंता

    भारत और पाकिस्तान, दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। बीते कुछ दिनों में स्थिति इतनी तेजी से बिगड़ी कि वैश्विक समुदाय को भय सताने लगा कि कहीं यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में न बदल जाए। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ शक्तिशाली हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का प्रदर्शन किया, जिससे तबाही के स्तर को लेकर आशंकाएं गहराने लगीं।

    दुनिया किसी भी कीमत पर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच सीधा युद्ध नहीं झेल सकती।

    भारतीय रक्षा प्रणाली की सफलता, पाकिस्तानी प्रयास विफल

    इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से रूस से आयातित S-400 प्रणाली, स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और ‘ध्रुव’ रडार नेटवर्क, ने अद्वितीय दक्षता से कार्य किया। पाकिस्तान की ओर से की गई मिसाइल और ड्रोन गतिविधियां भारतीय रक्षा तंत्र द्वारा कुशलतापूर्वक निष्क्रिय कर दी गईं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, न तो भारत की सैन्य संरचना को और न ही नागरिक ढांचे को कोई खास क्षति पहुंची।

    पाकिस्तान की घरेलू चुनौतियाँ और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की याचना

    पाकिस्तान इस समय बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में विद्रोहों से जूझ रहा है। घरेलू मोर्चे पर विफलता, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तानी सेना और राजनीतिक तंत्र को भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध के दौरान मिली नाकामी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने अमेरिका की शरण ली ताकि खुद को, अपनी सरकार को और सैन्य प्रतिष्ठान की ‘साख’ को बचाया जा सके।

    भारत की चेतावनी: आतंकी हमला मतलब युद्ध

    हालांकि यह एक युद्धविराम है, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह शत्रुता का अंत नहीं है। शनिवार शाम को विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा कि भविष्य में भारत पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध का कारण माना जाएगा। भारत सरकार और आम जनमानस अब ‘परोक्ष युद्ध’ (Proxy War) को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    क्या पाकिस्तान अब सुधरेगा?

    सवाल अब यही है; क्या पाकिस्तान इस बार अपनी हरकतों से बाज आएगा? क्या यह युद्धविराम लंबे समय तक टिका रहेगा या यह सिर्फ एक अस्थायी ठहराव है? भारत की तरफ से रुख स्पष्ट है, अब कोई भी उकसावे की कार्रवाई सीधे जवाबी हमले में बदलेगी।

    यह युद्धविराम निश्चित ही एक राहतभरी खबर है, लेकिन इसे स्थायी शांति का संकेत मान लेना जल्दबाज़ी होगी। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, आत्मरक्षा और प्रतिशोध में अब कोई संकोच नहीं रहेगा। दुनिया देख रही है कि क्या पाकिस्तान इस बार वाकई बदलने को तैयार है या एक और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।

  • पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    भारत-पाक तनाव के बीच राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीती रात पाकिस्तान ने जैसलमेर, पोकरण, पठानकोट और जम्मू सेक्टर में ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने जैसलमेर और पोकरण में घुसपैठ की कोशिश कर रहे ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।

    पाकिस्तान की ओर से जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहरों पर मिसाइलें दागी गईं। भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इन हमलों के बाद सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट की घोषणा की गई है। राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जिलों में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक बिजली बंद रखने का आदेश दिया गया है। गुजरात के भुज और कश्मीर के कई हिस्सों में भी पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया।

    भारतीय जवाबी कार्रवाई में 17 भारतीय कमिकाज़ी ड्रोन पाकिस्तान के लाहौर, शेखुपुरा, सियालकोट, गुजरांवाला, नारोवाल और चकवाल जैसे शहरों पर हमले कर चुके हैं। इन हमलों के जरिए भारतीय सेना पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली की प्रतिक्रिया की जांच कर रही है। पाकिस्तान के छह शहरों में ये हमले सफल माने जा रहे हैं।

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान का एक अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान भारतीय सेना द्वारा जम्मू सेक्टर में मार गिराया गया है। वहीं, चीन निर्मित जेएफ-17 विमान के गिराए जाने की भी अपुष्ट रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

    सरकार ने जनता से अपील की है कि वे सैन्य गतिविधियों की कोई भी फोटो या वीडियो न लें और न ही सोशल मीडिया पर साझा करें। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों को न्यूनतम ईंधन स्टॉक बनाए रखने का आदेश दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहा जा सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कोई अफरा-तफरी का समय नहीं है, बल्कि सतर्कता और संयम से काम लेने का है।

    धर्मशाला में चल रहे आईपीएल मैच को रद्द कर दिया गया है। मैच के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे और दर्शकों को सुरक्षित स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया।

    इस समय देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौकस है और भारत हर मोर्चे पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे अफवाहों से दूर रहें, आधिकारिक सूत्रों से ही खबरों की पुष्टि करें और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें।

    – F16 photo is representative.

  • भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत-पाकिस्तान के बीच इस समय युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। भारत ने पहलगाम हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने हमारे सैन्य बेस पर हमला करने की नाकाम कोशिश की।

    ऐसे समय में हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि हम इन तीन बातों का सख्ती से पालन करें और देशहित में अपने कर्तव्य को निभाएं:

    1. सेना के किसी भी मूवमेंट, बेस, कार्रवाई या उपकरण का वीडियो या फोटो ना खींचें, ना सोशल मीडिया पर डालें और ना ही किसी के साथ शेयर करें। इससे सुरक्षा में सेंध लग सकती है और दुश्मन को फायदा मिल सकता है।
    2. सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी जानकारी को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं। केवल सरकारी स्रोतों या प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों की वेबसाइट और खबरों से ही पुष्टि करें। जैसे कि अभी कई पुरानी जेट गिरने की तस्वीरें “अभी की” बताकर फैलाई जा रही हैं। इसके अलावा आपको कई फर्जी प्रोफाइल भी मिलेंगी जो भारतीय लगेंगी, हिंदी नाम, सेना से जुड़े बायो, सामान्य सी फोटो, लेकिन वे पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा फैलाने का काम कर रही होंगी। ऐसे झूठ और भ्रम से दूर रहें।
    3. सीमा पर सैनिक अपना फर्ज निभा रहे हैं, हमें अपने घर, कॉलोनी, शहर या गाँव में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के हर निर्देश को गंभीरता से लें और हर बात को बारीकी से समझें। कल ब्लैकआउट में लोगों का जबरदस्त सहयोग दिखा, पर फिर भी कहीं-कहीं लाइटें जलती रहीं। हमें एक-दूसरे को समझाना होगा, जागरूक करना होगा। बच्चों को भी तैयार करना होगा। घर में खाना, पानी, दवाइयाँ, टॉर्च, मोमबत्तियाँ आदि की व्यवस्था रखें, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सारा सामान जमा कर लें और ज़रूरतमंदों को कुछ ना मिले।

    यह वास्तव में नाज़ुक और गंभीर समय है। जीत हमेशा सच और सही की होती है, और पूरी दुनिया जानती है, हर भारतीय जानता है, यहाँ तक कि पाकिस्तान भी जानता है: सच और सही भारत है।

    जय हिन्द।

  • ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तानी पंजाब प्रोविंस में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से की गई, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

    भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को सटीक हमले बताया है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। हमलों में बियोंड-विज़ुअल-रेंज हथियारों और घूमने वाले गोला-बारूद (लुटेरिंग म्यूनिशन) का प्रयोग किया गया और पहली बार राफेल लड़ाकू विमान से हमला किया गया, जो भारतीय वायुक्षेत्र से 1:44 AM IST पर छोड़े गए।

    पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध का कृत्य बताया है। पाकिस्तानी रिपोर्टों के अनुसार, मुज़फ़्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित कई स्थानों पर आठ लोगों की मौत हुई और 35 घायल हुए हैं, जिनमें कुछ नागरिक भी शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मजबूत जवाब देने की चेतावनी दी है। बयान है कि भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों में नागरिक इलाकों और एक मस्जिद को निशाना बनाया गया।

    पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है, जिसे भारतीय वायुसेना ने खंडन करते हुए कहा है कि सभी विमान और पायलट सुरक्षित हैं। सारी फोटो पुरानी क्रैश की निकली है।

    22 अप्रैल के हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 24 अप्रैल से नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों की सेनाओं में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं।

    इस सैन्य कार्रवाई के बाद उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह और धर्मशाला, को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

    भारत ने पानी छोड़ा, पाकिस्तान में 15 बहे

    चिनाब नदी में पानी क बहाव रोकने के बाद अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया गया है। इससे पाक के हेड मराला पर जलस्तर तेजी से बढ गया। कुछ घंटे पहले तक नदी लगभग सुखी थी और लोग इसे पैदल पार कर रहे थे। रिपोटर्स के मताबिक, पानी की तेज लहर में कम से कम 15 लाग बह गए। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बाढ का भी खतरा बढ़ गया है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अधिकतम सैन्य संयम की मांग की है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को हमलों की जानकारी दी।

    विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि परमाणु हथियारों से लैस इन दो पड़ोसी देशों के बीच यह स्थिति खतरनाक रूप ले सकती है। 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद यह एक बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। भारत के कदम की कई हलकों में कैलिब्रेटेड रिस्पॉन्स के रूप में सराहना हो रही है।

    टिप्पणी: यह लेख विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार स्रोतों की जानकारी का संक्षिप्त और संतुलित संयोजन है। चूंकि हालात अभी भी बदल रहे हैं, इसलिए ताजातरीन और विश्वसनीय जानकारी के लिए सरकारी और अंतरराष्ट्रीय आधिकारिक बयानों की पुष्टि करते रहें।

  • पाकिस्तान और चीन से निपटना है तो पड़ोसी देशों से संबंध मजबूत करने होंगे

    पाकिस्तान और चीन से निपटना है तो पड़ोसी देशों से संबंध मजबूत करने होंगे

    पाकिस्तान खुद बर्बाद हो रहा है, बलूचिस्तान और सिंध अलग होना चाहते हैं, उसकी पूरी अर्थव्यवस्था सेना और ब्याज चुकाने में खत्म हो रही है। ऐसे में जनता को एकजुट रखने के लिए उसे एक दुश्मन चाहिए, और वह दुश्मन है भारत।

    चीन ने भी अपने किसी पड़ोसी को नहीं छोड़ा। ताइवान को वो हथियाना चाहता है, रूस से भी।सीमा विवाद है, समुद्री विवाद कई देशों से है, और भूटान की कुछ ज़मीन तक वह हड़प चुका है।

    पाकिस्तान और चीन का साझा दुश्मन भारत है, इसलिए वे एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। अगर हम पाकिस्तान से युद्ध कर भी लें, तो चीन की ओर से मोर्चा खुलने का डर हमेशा बना रहेगा।

    इसलिए हमें अपने अन्य पड़ोसियों, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और भूटान, से संबंध सुधारने और उन्हें बेहद मजबूत करने की ज़रूरत है।

    बांग्लादेश के साथ सीमा को मज़बूत कर घुसपैठ रोकनी चाहिए। लेकिन जब हम उन्हें नीचा दिखाते हैं या शेख हसीना जैसी नेता का समर्थन करते हैं, जिनके राज में विपक्षियों को जेल में डाला या मार दिया गया, तो वहां भारत को समर्थन कैसे मिलेगा? हमें बांग्लादेश का व्यापारिक साझेदार बनना चाहिए, उसे ऋण देना चाहिए और निवेश बढ़ाना चाहिए ताकि वह भारत पर निर्भर हो सके। वहां से आने वाले गैर कानूनी प्रवासियों को एक द्विपक्षीय सरकारी नीति के तहत शांति और सम्मान से नियमित रुप से वापस भेजना चाहिए।।

    नेपाल में एक बार फिर राजशाही की मांग उठ रही है। हमें वहां की जनता की भावनाओं के अनुसार पक्ष लेना चाहिए। नेपाली युवाओं की सेना में भर्ती और व्यापार को दोगुना करना चाहिए। छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर उन्हें अपना बनाना चाहिए। नेपाल आधिकारिक रूप से एकमात्र हिन्दू और हिंदी राष्ट्र हैं। हमें इसके लिए उनका कंधा थपथपाते रहना चाहिए।

    श्रीलंका में राजीव गांधी ने तमिलों की परवाह न करते हुए वहां की सरकार का समर्थन किया, जिससे एलटीटीई ने उनकी हत्या कर दी। आज तक श्रीलंका में दोनों तरफ से कुछ हद तक ये बात ज़िंदा है। हमें वहां की जनता का दिल जीतना होगा और तमिलों के अधिकारों की रक्षा भी करनी होगी। व्यापार और निवेश यहां भी हमारे हित में रहेगा।

    अफगानिस्तान के नागरिक भारत से प्रेम करते हैं। हमें किसी भी हाल में समुद्र के रास्ते वहां व्यापार बनाए रखना चाहिए। वहां सड़क, बांध, अस्पताल और सहायता जारी रखनी चाहिए और वहां के नागरिकों को भारत में शिक्षित करना चाहिए।

    भूटान से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। हमें इन्हें संजो कर रखना होगा।

    म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ माहौल है। वहां के बौद्ध हमारा समर्थन चाहते हैं। हमें उनके साथ सीमा सुरक्षा, हथियारों और ड्रग्स को रोकने की साझेदारी करनी चाहिए, सरकार को पूर्ण समर्थन देना चाहिए और रोहिंग्या को शरण न देकर उन्हें चिन्हित कर वापस भेजना चाहिए।

    मालदीव में भारत विरोधी सुर उठ रहे हैं। ऐसे नेता और पार्टियों को हमें ‘साम, दाम, दंड, भेद’ से साधना होगा। मालदीव अभी भी भारत पर निर्भर है, और हमें इस निर्भरता को और मज़बूत करना चाहिए। फिर जनता के समर्थन से एक बेहतर सरकार को बढ़ावा देना होगा।

    हर जगह व्यापार, सहायता, सेना और शिक्षा का आदान-प्रदान बेहद महत्वपूर्ण है। साफ शब्दों में कहें तो, किसी को आप पर इतना निर्भर बना दीजिए कि वह आपके बिना न रह सके। तभी हम अपनी चारों सीमाएं मज़बूत कर पाएंगे।

    चीन का अमेरिका से व्यापार लगभग ठप हो गया है, पाकिस्तान में उसका बड़ा निवेश है, भारत में वह 150 अरब डॉलर से ज़्यादा का सामान बेचता है, वह कभी भारत-पाक का बड़ा युद्ध नहीं चाहेगा।

    हमें ज़मीनी हकीकत को समझकर हर दिन, हर हफ्ते, हर साल हर दिशा में काम करना होगा और भारत विरोधी ताकतों को सिर उठाने से पहले ही कुचल देना होगा।

  • जल प्रहार: पाकिस्तान की नींव हिला देने वाला सर्जिकल स्ट्राइक चालू!

    जल प्रहार: पाकिस्तान की नींव हिला देने वाला सर्जिकल स्ट्राइक चालू!

    चेनाब नदी सूखी! हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने। सैटेलाइट इमेजेस में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान के सियालकोट के पास बहने वाली चेनाब नदी लगभग सूख चुकी है। वजह? भारत द्वारा सिंधु जल संधि की सस्पेंशन! लेकिन असर सिर्फ पीने के पानी तक सीमित नहीं है, यह हमला पाकिस्तान की आर्थिक और कृषि रीढ़ पर है।

    पाकिस्तान की कृषि पर जल सर्जिकल स्ट्राइक का असर:

    पंजाब और सिंध प्रांत, जो पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था का केंद्र हैं, उनकी खेती का लगभग पूरा दारोमदार सिंधु नदी प्रणाली पर है। अब जब भारत ने पानी का प्रवाह रोका है, तो असर कुछ ऐसा है:

    • कॉटन (रुई):
      पाकिस्तान के कुल उत्पादन का 99% इसी क्षेत्र से आता है।
      नतीजा: टेक्सटाइल इंडस्ट्री का पतन तय।
    • चावल (बासमती):
      90% उत्पादन पंजाब और सिंध से।
      नतीजा: किसान कर्ज में डूबेंगे, निर्यात चौपट।
    • गेहूं:
      92% उत्पादन इन्हीं क्षेत्रों से।
      नतीजा: खाद्य सुरक्षा खतरे में।

    ये है असली सर्जिकल स्ट्राइक: बिना गोली, बगैर शोर के!

    जब पानी की एक-एक बूंद पर नियंत्रण होता है, तो दुश्मन की सांसें खुद ही रुकने लगती हैं। यही तो है भारत की नई नीति: “न पानी देंगे, न मैदान!”

    जब देश अपनी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठा रहा है, तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेताओं का चेहरा लटक गया है। कभी उल्टे बयानों से पाकिस्तान को ऑक्सीजन, कभी खुद अपने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष, आखिर इनकी पीड़ा किसके लिए है?

    आज पूरा भारत एकजुट है

    ओवैसी, उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी भारत के पक्ष में खड़े हैं, लेकिन कांग्रेस की चुप्पी सबसे ज़्यादा बोल रही है।

    “भारत अब बदल चुका है, अब कोई न पानी छीन सकता है, न आत्मसम्मान!”

    जल ही जीवन है। अब भारत तय करेगा, किसे जीवन देना है, और किसे सजा।

  • 24 से 36 घंटे में पाकिस्तान पर हमला कर सकता हैं भारत

    24 से 36 घंटे में पाकिस्तान पर हमला कर सकता हैं भारत

    भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़ ने सोमवार को दावा किया कि उनके पास “ठोस और विश्वसनीय खुफिया जानकारी” है कि भारत अगले 24 से 36 घंटों के भीतर पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने कहा कि भारत यह हमला 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बहाने कर सकता है।

    टारड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा, “पाकिस्तान को विश्वसनीय खुफिया सूचना मिली है कि भारत निराधार और झूठे आरोपों के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है।”

    इससे पहले भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को “दुष्ट राष्ट्र (rogue state)” करार दिया था और उसके रक्षा मंत्री के बयानों को “चौंकाने वाला नहीं” बताया था। भारत का आरोप है कि 22 अप्रैल के पहलगाम हमले, जिसमें 26 हिंदू तीर्थयात्रियों की जान गई थी, में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठनों का हाथ है।

    पाकिस्तान के इस नए बयान ने दोनों देशों के बीच पहले से ही गर्म माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया है। भारत की ओर से अभी इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

    पृष्ठभूमि में क्या चल रहा है?

    • भारत ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित किया है।
    • वाघा-अटारी सीमा को बंद कर दिया गया है।
    • कश्मीर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और कई पर्यटक स्थलों को बंद कर दिया गया है।
    • पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया है और भारतीय नागरिकों को वीज़ा जारी करना भी रोक दिया है।

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
    संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत से समाधान निकालने की अपील की है।

    क्या होगा आगे?
    अगले 24 से 36 घंटे बेहद संवेदनशील हो सकते हैं। यदि पाकिस्तान का दावा सच होता है, तो दक्षिण एशिया एक बार फिर सैन्य टकराव की कगार पर खड़ा है। लेकिन भारत की चुप्पी और रणनीति क्या होगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

  • बिना एक गोली चले, सिर्फ सिंधु नदी का पानी रोकना ही पाकिस्तान का विनाश कर देगा।

    बिना एक गोली चले, सिर्फ सिंधु नदी का पानी रोकना ही पाकिस्तान का विनाश कर देगा।

    सिंधु जल संधि का अंत पाकिस्तान के लिए एक धीमा लेकिन निश्चित विनाश लेकर आएगा। 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में यह संधि हुई थी, जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान को 80% से अधिक पानी दे दिया था। भारत ने केवल तीन पूर्वी नदियाँ — रावी, व्यास और सतलुज — अपने उपयोग के लिए रखीं, जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम का अधिकांश पानी पाकिस्तान के लिए छोड़ा गया। आज तक भारत ने इस संधि का पूरी ईमानदारी से पालन किया, जबकि पाकिस्तान ने हर मोर्चे पर भारत को घाव देने की कोशिश की। लेकिन अब समय बदल चुका है।

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आधे से ज़्यादा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। कपास, गेहूं, गन्ना और चावल — ये सारी फसलें पानी पर टिकी हैं। अगर भारत सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी पर अपने अधिकार का पूरी तरह से उपयोग करना शुरू कर दे, तो पाकिस्तान की खेती बर्बाद हो जाएगी। भारत चाहे तो बरसात के समय गेट खोलकर विनाशकारी बाढ़ पाकिस्तान में छोड़ सकता है, और सूखे के समय बांधों के गेट बंद कर पाकिस्तान को पानी की एक-एक बूँद के लिए तरसा सकता है। पाकिस्तान पहले ही हर साल भयानक बाढ़ों का सामना कर रहा है। 2022 की बाढ़ में पाकिस्तान की 30% फसलें तबाह हो गई थीं और 3 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। पाकिस्तान की GDP का लगभग 2% सिर्फ उस एक बाढ़ में मिट्टी में मिल गया था। अगर भारत इस दबाव को रणनीतिक तरीके से बढ़ाए, तो पाकिस्तान के लिए हर साल का मानसून एक विनाशलीला बन जाएगा।

    भारत ने अपनी तरफ सिंधु बेसिन में बड़ी परियोजनाएँ बनानी शुरू कर दी हैं। किशनगंगा प्रोजेक्ट, रटल प्रोजेक्ट, पाकल डुल डैम — ये सब अब गति पकड़ रहे हैं। इनसे भारत को बिजली भी मिलेगी और पानी पर रणनीतिक नियंत्रण भी। पाकिस्तान ने पहले भी इन परियोजनाओं पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध किया, लेकिन हर बार हार का मुंह देखा। अब जब भारत संधि को लेकर कानूनी पुनर्विचार कर रहा है, तो पाकिस्तान की घबराहट चरम पर है।

    पाकिस्तान की आंतरिक हालत वैसे ही नाजुक है। महंगाई आसमान छू रही है, IMF ने नए ऋण देने से हाथ खींच लिया है, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया लगातार गिर रहा है, और राजनीतिक अस्थिरता ने देश को हिलाकर रख दिया है। इन परिस्थितियों में अगर भारत ने पानी का प्रहार शुरू किया, तो न खेतों में हरियाली बचेगी, न कारखानों में काम, न ही शहरों में पीने का पानी।

    युद्ध में दुश्मन को हराने के लिए हमेशा गोलियों और बमों की ज़रूरत नहीं होती। कभी-कभी दुश्मन के जीवन का आधार काट देना सबसे कारगर हथियार बन जाता है। पाकिस्तान की नसों में बहता पानी ही उसकी अर्थव्यवस्था का खून है। अगर वह खून सूखने लगे, तो बिना एक भी गोली चलाए दुश्मन घुटनों पर आ सकता है।

    भारत अब बदल चुका है। अब न सीमाओं पर चुप्पी है, न समझौतों की राजनीति। अब चोट का जवाब चोट से दिया जाएगा, और वार वही होगा जो दुश्मन की आत्मा को झकझोर दे। सिंधु जल संधि के अंत की आहट से ही पाकिस्तान में बौखलाहट मच चुकी है। आने वाले समय में भारत रणनीतिक तरीके से अपने जल संसाधनों का पूर्ण उपयोग कर पाकिस्तान को उसी की साजिशों की कीमत चुकाने पर मजबूर करेगा।

    यह लड़ाई बंदूक से ही नहीं, बूंद-बूंद से जीती जाएगी। और जब खेतों में दरारें पड़ेंगी, जब नदियाँ रेत बन जाएँगी, जब शहरों में पानी के लिए हाहाकार मचेगा — तब पाकिस्तान को असली हार का एहसास होगा। दुश्मन को हराने का सबसे सुंदर तरीका है उसे उसके ही बोझ तले कुचल देना। और सिंधु का पानी अब भारत के लिए वही अस्त्र बन चुका है।

  • पहलगाम हमला: पाकिस्तान की नाकामी की बौखलाहट का खतरनाक चेहरा!

    पहलगाम हमला: पाकिस्तान की नाकामी की बौखलाहट का खतरनाक चेहरा!

    पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ने एक बार फिर दुनिया को दिखा दिया है कि पाकिस्तान की फितरत कभी नहीं बदल सकती!
    जब भारत आगे बढ़ता है, जब कश्मीर शांति और विकास की राह पर चलता है, तभी पाकिस्तान जैसे बौखलाए दुश्मन अपनी नापाक हरकतों पर उतर आते हैं।

    जेडी वेंस का भारत दौरा बना परेशानी की जड़!

    अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस अपने भारत दौरे पर थे। उनकी पत्नी भारतीय मूल की हैं। वेंस, जिनका रवैया अन्य विश्व नेताओं के मुकाबले भारत के प्रति कहीं ज़्यादा सकारात्मक है, इस दौरे में व्यापार और रक्षा साझेदारी पर चर्चा कर रहे थे।

    पाकिस्तान को यह साफ दिखाई दे रहा था, अमेरिका में भी भारत की पकड़ मज़बूत होती जा रही है।

    मोदी का सऊदी अरब दौरा भी बना पाकिस्तान की जलन का कारण

    उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीसरा अहम दौरा सऊदी अरब में चल रहा था। तेल, सुरक्षा और निवेश जैसे क्षेत्रों में जबरदस्त समझौते हो रहे थे। ऐसे समय में जब अमेरिका रूस से तेल लेने वालों पर और सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है। भारत का हर कदम पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर और भी अकेला कर रहा था।

    घाटी में बहती विकास की हवा, पाकिस्तान को लगी मिर्ची

    धारा 370 हटने के बाद पाकिस्तान ने जो सपना देखा था, घाटी में आग, खून, विद्रोह, वो चकनाचूर हो गया।

    आज कश्मीर में पर्यटन के रिकॉर्ड टूट रहे हैं, नौजवान सेना और पुलिस में भर्ती हो रहे हैं,
    और अब तो वंदे भारत ट्रेन से कश्मीर भी जल्द पूरे देश से जुड़ने जा रहा है।

    घाटी अब टूरिज्म हब बन रही है, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो रहा है, और सेना की तेज़ तैनाती भी संभव हो रही है, ये सब बातें पाकिस्तान की रातों की नींद हराम कर रही हैं!

    घाटी जल्द ही रेल्वे से पूरे देश से जुड़ जाएगी।

    पाकिस्तान समर्थक तत्वों की आखिरी कोशिश!

    पहलगाम हमला उन बचे-खुचे पाकिस्तान समर्थकों की आखिरी कोशिश है जो घाटी को फिर से हिंसा में झोंकना चाहते हैं। लेकिन हम सब समझते है कि:

    पूरा कश्मीर आतंकी नहीं है।
    हमें उन लोगों को अलग करना है जो पाकिस्तानी एजेंडे पर काम करते हैं।
    पर अगर हम सब कश्मीरियों से नफरत करेंगे तो वहां न रोजगार रहेगा, न विकास। और जब काम और रोटी नहीं होती, तो फिर खाली हाथ क्या थामेंगे… आप समझ सकते हैं।

    पाकिस्तान अब डर के साए में!

    पहलगाम का जवाब अब बहुत जल्द मिलने वाला है।
    सूत्रों के मुताबिक:

    • भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर पाकिस्तान के नज़दीक बढ़ रहा है,
    • अर्जुन टैंक युद्ध अभ्यास में जुटे हैं,
    • राफेल और सुखोई जैसे फाइटर जेट्स भी अपनी शक्ति का प्रदर्शन कर रहे हैं।

    पाकिस्तान ने एलओसी पर बौखलाहट में फायरिंग बढ़ा दी है, उनके फाइटर जेट बेस से उधम मचा रहे हैं। पर कब 10-15 ब्रह्मोस मिसाइलें पीओके के आतंकी अड्डों पर कब कहर बरपाएंगी, पाकिस्तान को खबर भी नहीं होगी!

    भारत देगा हर हमले का मुँहतोड़ जवाब!

    अब नया भारत है। चोट सहेगा नहीं — सीधा वार करेगा!
    कश्मीर भारत का था, है और रहेगा!
    आतंकवादियों के साथ जो खड़े हैं, उनके लिए अब कोई रहम नहीं!

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर जायेंगे पाकिस्तान

    विदेश मंत्री एस. जयशंकर जायेंगे पाकिस्तान

    भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आगामी पाकिस्तान यात्रा, जो 15-16 अक्टूबर को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए हो रही है, पर सबकी नजर है। यह यात्रा महत्वपूर्ण है क्योंकि यह लगभग एक दशक में पहली बार है जब कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान का दौरा कर रहा है। आखिरी बार ऐसी यात्रा दिसंबर 2015 में हुई थी, जब सुषमा स्वराज ने इस्लामाबाद में एक सम्मेलन में हिस्सा लिया था।

    जयशंकर की पाकिस्तान में उपस्थिति खास मायने रखती है, विशेषकर कश्मीर विवाद के चलते जो दोनों देशों के संबंधों में तनाव का एक प्रमुख कारण बना हुआ है।SCO शिखर सम्मेलन का फोकस क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग पर होगा, जिसमें चीन, रूस और मध्य एशियाई देशों जैसे सदस्य देश भाग लेंगे। जयशंकर की उपस्थिति महत्वपूर्ण मुद्दों पर संवाद के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकती है और क्षेत्र में स्थिरता लाने के व्यापक लक्ष्य में योगदान दे सकती है।

    पाकिस्तान ने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया, और अब जयशंकर भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह निर्णय रणनीतिक भी है और भारत-पाकिस्तान संबंधों की जटिलताओं का परिणाम है।

    दोनों देशों के बीच 1947 के बाद से तीन युद्ध हो चुके हैं, जिनमें से दो कश्मीर के मुद्दे पर लड़े गए हैं। जैसे ही जयशंकर इस्लामाबाद की ओर रवाना होते हैं, कई लोगों को उम्मीद है कि यह यात्रा कुछ पुराने मुद्दों को हल करने और तनावपूर्ण संबंधों में रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान कर सकती है। पर पाकिस्तान, उसकी सेना और सरकार से भारतीय समुदाय को व्यावहारिक उम्मीद बेहद कम है।

  • पाकिस्तान में है देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता मंदिर हर साल होती है विशाल यात्रा और मेला

    पाकिस्तान में है देवी सती के 51 शक्तिपीठों में से एक हिंगलाज माता मंदिर हर साल होती है विशाल यात्रा और मेला

    हिंगलाज माता मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के लसबेला इलाके के हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह हिंदू देवी सती को समर्पित 51 शक्तिपीठों में से एक है। यह मंदिर पिछले तीन दशकों में काफी लोकप्रिय हुआ है और पाकिस्तान के कई हिंदू समुदायों के बीच आस्था का केंद्र बन गया है। कहते है के देवी सती के शरीर के 50 हिस्से हुए थे जिसमे की सिर यहां हिंगलाज में है। वही हाथ पाकिस्तान के कब्जे वाले आजाद कश्मीर के श्रद्धा पीठ में।

    हिंगलाज माता मंदिर एक छोटी प्राकृतिक गुफा में बना हुआ है, जहाँ एक मिट्टी की वेदी बनी हुई है। देवी की कोई मानव निर्मित छवि नहीं है, बल्कि एक छोटे आकार के शिला की हिंगलाज माता के प्रतिरूप के रूप में पूजा की जाती है।

    हिंगलाज माता को एक शक्तिशाली देवी माना जाता है जो अपने सभी भक्तों के लिए मनोकामना पूर्ण करती है।

    स्थानीय मुस्लिम भी हिंगलाज माता पर आस्था रखते हैं और मंदिर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने मंदिर को “नानी का मंदिर” कहते है। हर साल माता के मंदिर तक एक यात्रा और फिर मेला भरता है।

    मंदिर के पास 4 दिन तक रहने वाले भक्तो के लिए बलूचिस्तान की सरकार तंबू, खाना पीना और सुरक्षा उपलब्ध कराती है। मेले में आने वाले सैकड़ों भक्त तो अपने घर से ही माता का मंदिर तक के कई सौ किलोमीटर के सफर को तप्ती रेत में नंगे पांव चल के पूरा करतें है।

    मंदिर के पास के ही एक प्राकृतिक भाप के स्रोत वाले पहाड़ पे लोग चढ़ के उसकी गरम मिट्टी से मूरत बनाते है और उसे अपने चेहरे पे लगाते है।

    फिलहाल विभिन्न स्रोतों के अनुसार पाकिस्तान में करीब 40 लाख हिंदू ही बचे है। इस यात्रा में करीब 1 लाख हिंदू भाग लेंगे। बलूचिस्तान की आम जनता भारत को पसंद करती है और पाकिस्तान की सेना और सरकार के भेदभाव की वजह से उनके खिलाफ है।