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  • जयपुर की जनभावना: पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ किया जाए

    जयपुर की जनभावना: पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ किया जाए

    2024 के आम चुनाव को देखते हुए श्री राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के नाम से एक राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। लोकतंत्र में यह उनका अधिकार है और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने विचार रखने और जनसम्पर्क करने की पूरी स्वतंत्रता है।

    हालाँकि, यह यात्रा एक राष्ट्र-निर्माण या सर्वदलीय सामाजिक आंदोलन नहीं थी, बल्कि कांग्रेस पार्टी की एक राजनीतिक पहल थी। इसमें सभी समुदायों, विचारधाराओं और राजनीतिक दलों को समान रूप से शामिल नहीं किया गया था।

    ऐसे में जयपुर में एक प्रमुख पुलिया का नाम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर रखना न केवल एकतरफा निर्णय प्रतीत होता है, बल्कि यह जनता की निष्पक्ष भावनाओं के विरुद्ध भी है।

    जयपुरवासियों की यह माँग है कि उस पुलिया का नाम बदला जाए और उसे भारत के महानतम नेताओं में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, के नाम पर रखा जाए। अटल जी राजनीति से ऊपर उठकर जनहित और राष्ट्रहित की बात करते थे। वे सभी धर्मों, जातियों और विचारधाराओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं और एक सच्चे ‘राजपथ पुरुष’ के रूप में जाने जाते हैं।

    इसलिए उस पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ रखना एक सर्वमान्य और सम्मानजनक निर्णय होगा, जो राजनीति से परे, देशभक्ति और जनभावना को दर्शाता है।

  • ओम बिरला ने दी चेतावनी: “जनसमस्याओं के समाधान में कोताही न बरतें, ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करें”

    ओम बिरला ने दी चेतावनी: “जनसमस्याओं के समाधान में कोताही न बरतें, ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट करें”

    लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने सोमवार को कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र की पेयजल परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि गर्मी के मौसम में आमजन को निर्बाध जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने दो टूक कहा कि जनसमस्याओं के समाधान में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और प्रोजेक्ट्स को लटकाने वाले ठेकेदारों को चेतावनी देकर सुधार न होने की स्थिति में ब्लैकलिस्ट किया जाए।

    परियोजनाओं की प्रगति पर नाराजगी
    बैठक में नवनेरा, परवन-अकावद, बोराबास-मंडाना और रामगंजमंडी जलापूर्ति परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा हुई। देरी की शिकायतों पर श्री बिरला ने कहा कि अधूरे कामों को समर कंटीजेंसी योजना के तहत प्राथमिकता से पूरा किया जाए और अधिक संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए नए प्रस्ताव तैयार किए जाएं।

    50 वर्षों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनें
    लोकसभा अध्यक्ष ने अधिकारियों से कहा कि भविष्य की पेयजल परियोजनाएं बनाते समय अगले 50 वर्षों की संभावित जनसंख्या और जल जरूरतों को ध्यान में रखें। साथ ही, उन्होंने सड़क मरम्मत में हो रही लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि पाइपलाइन और सीवरेज कार्यों को समय से पहले पूरा किया जाए ताकि बार-बार सड़कें न तोड़ी जाएं।

    मीडिया रिपोर्ट्स पर त्वरित संज्ञान और कार्रवाई के निर्देश
    श्री बिरला ने मीडिया में प्रकाशित पेयजल आपूर्ति संबंधी खबरों पर गंभीरता से संज्ञान लेने और की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को भी इस कार्रवाई से अवगत कराया जाए।

    फील्ड मॉनिटरिंग और अवैध कनेक्शनों पर सख्ती
    पीएचईडी मंत्री श्री कन्हैयालाल चौधरी ने निर्देश दिए कि अवैध जल कनेक्शनों को पुलिस की सहायता से हटाया जाए और गारडदा परियोजना में जल उपलब्धता को ध्यान में रखकर ही कनेक्शन स्वीकृत किए जाएं। साथ ही, मलबे का उचित निस्तारण और क्षेत्रीय स्तर पर जल आपूर्ति की समीक्षा के लिए फील्ड विजिट को बढ़ावा देने की बात भी कही।

    उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
    बैठक में ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हीरालाल नागर, कोटा दक्षिण विधायक श्री संदीप शर्मा, जिला प्रमुख श्री मुकेश मेघवाल सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी शामिल रहे।

  • राजस्थान को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफ़ा: सड़क अवसंरचना पर भारी निवेश

    राजस्थान को केंद्र सरकार का बड़ा तोहफ़ा: सड़क अवसंरचना पर भारी निवेश

    केंद्र सरकार ने राजस्थान के लिए सड़क अवसंरचना पर 0.67 लाख करोड़ रुपये का विशाल बजट आवंटित किया है, जो केंद्र के कुल सड़क बजट (1.42 लाख करोड़ रुपये) का लगभग 47 प्रतिशत है। इस बजट से वर्ष 2025 में राजस्थान में 28 फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा, जिससे राज्य के आर्थिक विकास और परिवहन व्यवस्था में सुधार होगा।

    यह निवेश केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है, जहाँ राजस्थान ने स्वयं 87,438 करोड़ रुपये का निवेश करने का निर्णय लिया है। कुल मिलाकर, केंद्र और राज्य सरकारें इस वर्ष सड़क अवसंरचना पर 3.9 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखती हैं, जो वित्त वर्ष 96 के बाद से दूसरा सबसे बड़ा निवेश है।

  • जयपुर में बन रहा है देश का सबसे ऊंचा अस्पताल

    जयपुर में बन रहा है देश का सबसे ऊंचा अस्पताल

    सवाई मान सिंह अस्पताल (SMS) परिसर में 24 मंजिला आईपीडी टॉवर का निर्माण जोरों पर है। इस टॉवर की ऊंचाई 115.5 मीटर होगी और इसमें 1,200 बिस्तरों की सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं, यहां हेलीपैड भी होगा ताकि एयर एंबुलेंस की सुविधा मिल सके। इस परियोजना की लागत 456.80 करोड़ रुपये है और इसे जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा बनाया जा रहा है।

    मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 5 अप्रैल 2022 को इसका शिलान्यास किया था, और इसे सितंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था।

    हालांकि, अगस्त 2024 में हुई एक बैठक में आईपीडी टॉवर की ऊंचाई 24 मंजिला रखने का निर्णय लिया गया, और अस्पताल प्रशासन को 30 जून 2024 तक सभी ड्राइंग्स के अनुमोदन के निर्देश दिए गए थे।

    वर्तमान में, एसएमएस अस्पताल राजस्थान का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जिसमें लगभग 6,000 बिस्तर, 43 वार्ड, 300 से अधिक चिकित्सक और 700 से अधिक नर्सिंग स्टाफ हैं।

    इस नए आईपीडी टॉवर के निर्माण से एसएमएस अस्पताल की क्षमता और सुविधाओं में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी, जिससे मरीजों को और बेहतर चिकित्सा सेवाएं मिल सकेंगी।