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  • मिलावटी मसालों पर सख्ती, जहरीले मसाले मिलने के बाद प्रदेशभर में कार्रवाई, 71 सैंपल लिए, 12 हजार किलो से अधिक मसाले सीज

    मिलावटी मसालों पर सख्ती, जहरीले मसाले मिलने के बाद प्रदेशभर में कार्रवाई, 71 सैंपल लिए, 12 हजार किलो से अधिक मसाले सीज

    जयपुर, 9 जून। सरकार की आमजन को शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध करवाने की पहल को लेकर राज्य में मिलावट के खिलाफ अभियान निरंतर जारी है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देश पर शनिवार को प्रदेशभर में मिलावटी मसालों के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस अभियान में हाल ही अनसेफ पाए गए नामी कम्पनियों के मसालों को सीज करने, दूसरे बैचों के सैम्पल लेने सहित अन्य मसाला कारोबारियों पर भी व्यापक कार्रवाई की गई।

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि विगत दिनों बड़ी मसाला कम्पनियों के यहां कार्रवाई कर सैम्पल लिए गए थे। इनमें से कुछ सैम्पल अनसेफ पाए गए। इसे देखते हुए शनिवार को सभी जिलों में अनसेफ पाए गए मसालों को सीज करने, दूसरे बैचों के सैम्पल लेने सहित अन्य कार्रवाई की गई है। कार्रवाई के दौरान रात करीब 8 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार 12 हजार किलो से अधिक मसाले सीज किए गए और 71 एन्फोर्समेंट सैंपल लिए गए।

    खाद्य सुरक्षा आयुक्त इकबाल खान ने बताया कि पेस्टीसाइड तथा इंसेक्टीसाइड की मानक से अधिक मात्रा होने से अनसेफ पाए गए मसालों के बाद पूरे राजस्थान में मसालों को लेकर विशेष अभियान के तहत कार्रवाई की गई । उन्होंने बताया कि रात 8 बजे तक प्राप्त सूचना के अनुसार प्रदेश में मसाले के 71 इंफोर्समेंट सैंपल लिए गए और लगभग 12061 किलो मसाले मिलावट का संदेह होने पर सीज किए गए। इस दौरान एमडीएच, शीबा ताजा, एवरेस्ट, हमदर्द, श्याम धनी, रामदेव व अन्य ब्राण्ड के पावभाजी मसाला, सांभर मसाला, गरम मसाला, चाट मसाला, सब्जी मसाला, रायता मसाला, चना मसाला आदि के सैंपल लिए गए एवं सीज करने की कार्रवाई की गई।

    विशेष अभियान के तहत संयुक्त आयुक्त खाद्य सुरक्षा एस एन धौलपुरिया के नेतृत्व में केंद्रीय दल ने पाली जिले में अरिहंत फूड प्रोडक्ट सरधना तथा किरण इंडस्ट्री ब्यावर पर कार्रवाई कर 7420 किलो मसाले सीज किए।

  • राजस्थान में मिलावटी खाने पे चोट। खाद्य विभाग कर रहा कार्यवाही पे कार्यवाही। 12000 लीटर नकली तेल घी जब्त।

    राजस्थान में मिलावटी खाने पे चोट। खाद्य विभाग कर रहा कार्यवाही पे कार्यवाही। 12000 लीटर नकली तेल घी जब्त।

    प्रदेश में मिलावट के खिलाफ निरन्तर अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त श्री इकबाल खान के निर्देशन में मुहाना मंडी क्षेत्र में खाद्य तेल कारोबारी के यहां कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान मुहाना मंडी में 6683 एवं निवाई स्थिति फैक्ट्री पर 6 हजार लीटर खाद्य तेल सीज किया गया।

    अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि मुहाना अनाज मंडी, जयपुर में टोंक जिले के निवाई से रणथंभौर ब्रांड का सरसों का खाद्य तेल आने की सूचना मिली थी। इस पर रेकी करवाई गई तो मुहाना मंडी में माल उतरता पाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के तहत तेल के सैंपल लिए गए और अमानक खाद्य तेल होने की आशंका पर 6683 लीटर तेल सीज किया गया। ओझा ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इस खाद्य तेल के सैंपल लिए गए थे, जिसमें तेल सब स्टैंडर्ड क्वालिटी का पाया गया था। आज यहां पकड़ा गया खाद्य तेल घटिया होने की आशंका चलते सीज किया गया है और सैंपल जांच के लिए भिजवाये गये हैं। कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।

    पकड़ा गया नकली तेल

    टोंक सीएमएचओ अशोक यादव को भी कार्रवाई से अवगत कराया गया। इसके बाद टोंक के सीएमएचओ द्वारा निवाई इंडस्ट्रियल एरिया स्थिति फैक्ट्री में पहुंचकर लगभग 6000 लीटर रणथम्भौर ब्रांड कच्ची घाणी तेल सीज किया गया। इस दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार भी शामिल रहे।

    बैकरी पर मिली एक्सपायरी डेट की सामग्री

    इसी प्रकार हवा सड़क, जयपुर स्थित विनायक बैकर्स के यहां भी कार्रवाई की गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री पवन गुप्ता और श्री नरेश शर्मा द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान बैकरी पर एक्सपायरी डेट की सामग्री मिली, जिन्हें सीज किया गया। फफूंद लगी ब्रेड पाई गई। इसके अलावा बैकरी पर साफ-सफाई की स्थिति ठीक नहीं पाई गई। कुकिंग ट्रे पर गदंगी पाई गई और ब्रेड को जमीन पर रखकर काटा जा रहा था। इस पर फ़ूड लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की जा रही है। टीम द्वारा ओवन को भी सीज किया गया और मौके पर ही नोटिस दिया गया।

  • एमडीएच चेयरमैन महाशय राजीव गुलाटी ने मसालों में ईटीओ की कथित मौजूदगी का किया खंडन, कहा हमे कोई नोटिस ही नहीं मिला।

    एमडीएच चेयरमैन महाशय राजीव गुलाटी ने मसालों में ईटीओ की कथित मौजूदगी का किया खंडन, कहा हमे कोई नोटिस ही नहीं मिला।

    गोपेन्द्र नाथ भट्ट नई दिल्ली: सिंगापुर एवं हांगकांग आदि विदेशी बाजारों में एमडीएच के तीन उत्पादों के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियों तथा उन पर लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए एमडीएच के चेयरमैन महाशय राजीव गुलाटी ने स्पष्ट रूप से कहा कि ये सभी दावे झूठे हैं और इनका कोई ठोस सबूत नहीं है। इसके अतिरिक्त, हम यह दावा करना चाहेंगे कि एमडीएच को सिंगापुर या हांगकांग के नियामक एजेन्सियों की तरफ से भी इस बारे में कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।

    उन्होंने बताया कि स्पाइस बोर्ड ऑफ इंडिया और एफएसएसएआई जैसी नोडल नियामक एजेन्सी को भी इस मामले के संबंध में हांगकांग या सिंगापुर के अधिकारियों की तरफ से कोई जानकारी या परीक्षण रिपोर्ट नहीं भेजी गई है। यह इस तथ्य की पुष्टि करता है कि एमडीएच के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार तथा तथ्यों से परे हैं और इस बारे में कोई भी ठोस सबूत मौजूद नहीं है। एमडीएच ने अपने खरीदारों और उपभोक्ताओं को आश्वस्त करने की दृष्टि से कहा कि एमडीएच अपने मसालों के भंडारण, प्रसंस्करण या पैकिंग के किसी भी चरण में एथिलीन ऑक्साइड (ईटीओ) का उपयोग नहीं करते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद प्रदान करने की हमारी प्रभावशाली 105 साल पुरानी विरासत अपना विश्वास बनाए रखने में हमारे समर्पण की पुष्टि करती है।

    गुलाटी के अनुसार गुणवत्ता और सुरक्षा के प्रति एमडीएच की प्रतिबद्धता कम्पनी के दिवंगत संस्थापक अध्यक्ष महाशय धर्मपाल गुलाटी द्वारा निर्धारित मानकों को बनाए रखने के प्रति हमारे समर्पण में झलकती है, जिनकी विरासत को उनके बेटे एमडीएच ग्रुप के अध्यक्ष महाशय राजीव गुलाटी आगे बढ़ा रहे हैं। उनका सिद्धांत केवल उत्पादों को बढ़ावा देना और बेचना नहीं है, बल्कि अपने पिता की 105 साल पुरानी विश्वसनीयता को बनाये रखना भी है। वे स्वयं भी इन उत्पादों का उपभोग करते हैं, जो कि कंपनी के सुरक्षित और स्वस्थ मसालों के उत्पादन के बारे में पूर्ण निष्ठा को दर्शाता है।

    महाशय धर्मपाल गुलाटी 98 साल की उम्र तक उन्हीं मसालों का सेवन करते रहे जिनका उन्होंने उत्पादन किया और बाजारों में उतारे। भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण पुरस्कृत महाशय जी के प्रयासों की मान्यता बाजार में सुरक्षित और स्वस्थ उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एमडीएच की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। हम अपने उपभोक्ताओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि एमडीएच घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन करता है, एमडीएच अनुपालन और उपभोक्ता सुरक्षा के प्रति अपने समर्पण की पुष्टि करता है।राजीव गुलाटी ने कहा कि एमडीएच की टैगलाइन, ”असली मसाला सच, सच, एमडीएच एमडीएच और ”भारत के असली मसाले, अपने ग्राहकों को प्रामाणिक, उच्च गुणवत्ता वाले मसाले प्रदान करने के लिए हमारी वास्तविक प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। विश्वसनीयता और उत्कृष्टता के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के साथ आश्वासन का यह संदेश, हमारे मूल्यवान ग्राहकों के मन में दृढ़ता से गूंजने की संभावना है, जिससे एमडीएच उत्पादों में उनका विश्वास मजबूत होगा।

  • नेस्ले मिला रहा है भारत और गरीब देशों में बेचे जाने वाले शिशु आहार में चीनी। यूरोप और ब्रिटेन में नहीं।

    नेस्ले मिला रहा है भारत और गरीब देशों में बेचे जाने वाले शिशु आहार में चीनी। यूरोप और ब्रिटेन में नहीं।

    नेस्ले भारत और गरीब देशों में बेचे जाने वाले शिशु आहार में चीनी मिलाता है, लेकिन यूरोप और ब्रिटेन में नहीं पब्लिक आई और आईबीएफएएन (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नेस्ले एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले अपने शिशु आहार उत्पादों में चीनी मिलाता है, जबकि यूरोप और ब्रिटेन में बेचे जाने वाले उत्पादों में चीनी नहीं होती है।

    भारत में, जहां 2022 में नेस्ले की बिक्री $250 मिलियन से अधिक हो गई हैं ये सामने आया है की सभी सेरेलाक बेबी अनाज में चीनी मिलाई जाती है, प्रति सर्विंग औसतन लगभग 3 ग्राम। जांच में पाया गया कि जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में नेस्ले द्वारा बेचे गए छह महीने के बच्चों के लिए सेरेलेक गेहूं आधारित अनाज में कोई अतिरिक्त चीनी नहीं थी, जबकि ऐसे ही उत्पाद में इथियोपिया में प्रति सर्विंग 5 ग्राम और थाईलैंड में 6 ग्राम से अधिक चीनी होती है जिससे बच्चो की इसकी लत लग सकती है व ये उनके स्वास्थ्य की खराब हो सकता है।

    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जीवन में जल्दी चीनी के संपर्क में आने से शर्करा वाले उत्पादों के लिए जीवन भर प्राथमिकता और आदत पैदा हो सकती है, जिससे मोटापे और अन्य पुरानी बीमारियों के विकास का खतरा बढ़ सकता है।

    ऐसे ही खबर आ रही है की भारत में नेस्ले की चॉकलेट में भी चीनी ज्यादा और कोको की मात्रा विदेशी सामान से कम है।