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  • ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तानी पंजाब प्रोविंस में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से की गई, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

    भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को सटीक हमले बताया है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। हमलों में बियोंड-विज़ुअल-रेंज हथियारों और घूमने वाले गोला-बारूद (लुटेरिंग म्यूनिशन) का प्रयोग किया गया और पहली बार राफेल लड़ाकू विमान से हमला किया गया, जो भारतीय वायुक्षेत्र से 1:44 AM IST पर छोड़े गए।

    पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध का कृत्य बताया है। पाकिस्तानी रिपोर्टों के अनुसार, मुज़फ़्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित कई स्थानों पर आठ लोगों की मौत हुई और 35 घायल हुए हैं, जिनमें कुछ नागरिक भी शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मजबूत जवाब देने की चेतावनी दी है। बयान है कि भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों में नागरिक इलाकों और एक मस्जिद को निशाना बनाया गया।

    पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है, जिसे भारतीय वायुसेना ने खंडन करते हुए कहा है कि सभी विमान और पायलट सुरक्षित हैं। सारी फोटो पुरानी क्रैश की निकली है।

    22 अप्रैल के हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 24 अप्रैल से नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों की सेनाओं में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं।

    इस सैन्य कार्रवाई के बाद उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह और धर्मशाला, को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

    भारत ने पानी छोड़ा, पाकिस्तान में 15 बहे

    चिनाब नदी में पानी क बहाव रोकने के बाद अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया गया है। इससे पाक के हेड मराला पर जलस्तर तेजी से बढ गया। कुछ घंटे पहले तक नदी लगभग सुखी थी और लोग इसे पैदल पार कर रहे थे। रिपोटर्स के मताबिक, पानी की तेज लहर में कम से कम 15 लाग बह गए। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बाढ का भी खतरा बढ़ गया है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अधिकतम सैन्य संयम की मांग की है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को हमलों की जानकारी दी।

    विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि परमाणु हथियारों से लैस इन दो पड़ोसी देशों के बीच यह स्थिति खतरनाक रूप ले सकती है। 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद यह एक बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। भारत के कदम की कई हलकों में कैलिब्रेटेड रिस्पॉन्स के रूप में सराहना हो रही है।

    टिप्पणी: यह लेख विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार स्रोतों की जानकारी का संक्षिप्त और संतुलित संयोजन है। चूंकि हालात अभी भी बदल रहे हैं, इसलिए ताजातरीन और विश्वसनीय जानकारी के लिए सरकारी और अंतरराष्ट्रीय आधिकारिक बयानों की पुष्टि करते रहें।

  • 7 मई 2025 की देशव्यापी मॉक ड्रिल: भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों की परीक्षा

    7 मई 2025 की देशव्यापी मॉक ड्रिल: भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों की परीक्षा

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 7 मई 2025 को पूरे देश में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है।

    यह अभ्यास 259 जिलों में एक साथ होगा, जिसमें हवाई हमले की चेतावनी, ब्लैकआउट अभ्यास, और आपातकालीन प्रतिक्रिया की ट्रेनिंग शामिल होगी। इस तरह का अभ्यास 1971 युद्ध के बाद पहली बार हो रहा है, और इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करना है।

    मॉक ड्रिल का ढांचा

    गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मॉक ड्रिल तीन श्रेणियों में आयोजित होगी:

    • श्रेणी ‘ए’: उच्च जोखिम वाले क्षेत्र (जैसे दिल्ली, मुंबई, जम्मू-कश्मीर)
    • श्रेणी ‘बी’: मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र
    • श्रेणी ‘सी’: प्रतीकात्मक अभ्यास वाले क्षेत्र

    प्रमुख शहरों में सायरन बजाकर हवाई हमले की चेतावनी दी जाएगी। रात के समय ब्लैकआउट अभ्यास होगा ताकि नागरिकों को बिजली कटौती की स्थिति में व्यवहार करने का अनुभव मिल सके। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षित स्थान पर जाने, और बचाव के उपायों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

    राज्यों की तैयारियां

    • उत्तर प्रदेश: 19 जिलों में ड्रिल होगी। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज में विशेष जागरूकता सत्र होंगे।
    • दिल्ली: मेट्रो स्टेशनों, मॉल्स और सार्वजनिक स्थलों पर ड्रिल होगी। पुलिस और सिविल डिफेंस तैनात।
    • महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे और नासिक में मॉक ड्रिल की व्यापक योजना। विश्वविद्यालयों में परीक्षा कार्यक्रम यथावत।
    • कर्नाटक और तेलंगाना: बेंगलुरु और हैदराबाद में प्रमुख अभ्यास।
    • पूर्वोत्तर: मणिपुर, असम में सीमित दायरे में अभ्यास।

    सैन्य और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    भारतीय वायुसेना 7-8 मई को सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अभ्यास करेगी। पाकिस्तान ने भी अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है, जिससे तनाव की स्थिति और संवेदनशील हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

    नागरिकों से अपील

    सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास केवल सुरक्षा तैयारियों की जांच और प्रशिक्षण के उद्देश्य से है, घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों से अफवाहों से दूर रहने और केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करने को कहा गया है।

    7 मई की मॉक ड्रिल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी, न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी। यह अभ्यास बताता है कि देश किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है, और नागरिक जागरूकता इसका अहम हिस्सा है।

  • पाकिस्तान और चीन से निपटना है तो पड़ोसी देशों से संबंध मजबूत करने होंगे

    पाकिस्तान और चीन से निपटना है तो पड़ोसी देशों से संबंध मजबूत करने होंगे

    पाकिस्तान खुद बर्बाद हो रहा है, बलूचिस्तान और सिंध अलग होना चाहते हैं, उसकी पूरी अर्थव्यवस्था सेना और ब्याज चुकाने में खत्म हो रही है। ऐसे में जनता को एकजुट रखने के लिए उसे एक दुश्मन चाहिए, और वह दुश्मन है भारत।

    चीन ने भी अपने किसी पड़ोसी को नहीं छोड़ा। ताइवान को वो हथियाना चाहता है, रूस से भी।सीमा विवाद है, समुद्री विवाद कई देशों से है, और भूटान की कुछ ज़मीन तक वह हड़प चुका है।

    पाकिस्तान और चीन का साझा दुश्मन भारत है, इसलिए वे एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। अगर हम पाकिस्तान से युद्ध कर भी लें, तो चीन की ओर से मोर्चा खुलने का डर हमेशा बना रहेगा।

    इसलिए हमें अपने अन्य पड़ोसियों, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और भूटान, से संबंध सुधारने और उन्हें बेहद मजबूत करने की ज़रूरत है।

    बांग्लादेश के साथ सीमा को मज़बूत कर घुसपैठ रोकनी चाहिए। लेकिन जब हम उन्हें नीचा दिखाते हैं या शेख हसीना जैसी नेता का समर्थन करते हैं, जिनके राज में विपक्षियों को जेल में डाला या मार दिया गया, तो वहां भारत को समर्थन कैसे मिलेगा? हमें बांग्लादेश का व्यापारिक साझेदार बनना चाहिए, उसे ऋण देना चाहिए और निवेश बढ़ाना चाहिए ताकि वह भारत पर निर्भर हो सके। वहां से आने वाले गैर कानूनी प्रवासियों को एक द्विपक्षीय सरकारी नीति के तहत शांति और सम्मान से नियमित रुप से वापस भेजना चाहिए।।

    नेपाल में एक बार फिर राजशाही की मांग उठ रही है। हमें वहां की जनता की भावनाओं के अनुसार पक्ष लेना चाहिए। नेपाली युवाओं की सेना में भर्ती और व्यापार को दोगुना करना चाहिए। छोटी-छोटी बातों को नज़रअंदाज़ कर उन्हें अपना बनाना चाहिए। नेपाल आधिकारिक रूप से एकमात्र हिन्दू और हिंदी राष्ट्र हैं। हमें इसके लिए उनका कंधा थपथपाते रहना चाहिए।

    श्रीलंका में राजीव गांधी ने तमिलों की परवाह न करते हुए वहां की सरकार का समर्थन किया, जिससे एलटीटीई ने उनकी हत्या कर दी। आज तक श्रीलंका में दोनों तरफ से कुछ हद तक ये बात ज़िंदा है। हमें वहां की जनता का दिल जीतना होगा और तमिलों के अधिकारों की रक्षा भी करनी होगी। व्यापार और निवेश यहां भी हमारे हित में रहेगा।

    अफगानिस्तान के नागरिक भारत से प्रेम करते हैं। हमें किसी भी हाल में समुद्र के रास्ते वहां व्यापार बनाए रखना चाहिए। वहां सड़क, बांध, अस्पताल और सहायता जारी रखनी चाहिए और वहां के नागरिकों को भारत में शिक्षित करना चाहिए।

    भूटान से हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं। हमें इन्हें संजो कर रखना होगा।

    म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ माहौल है। वहां के बौद्ध हमारा समर्थन चाहते हैं। हमें उनके साथ सीमा सुरक्षा, हथियारों और ड्रग्स को रोकने की साझेदारी करनी चाहिए, सरकार को पूर्ण समर्थन देना चाहिए और रोहिंग्या को शरण न देकर उन्हें चिन्हित कर वापस भेजना चाहिए।

    मालदीव में भारत विरोधी सुर उठ रहे हैं। ऐसे नेता और पार्टियों को हमें ‘साम, दाम, दंड, भेद’ से साधना होगा। मालदीव अभी भी भारत पर निर्भर है, और हमें इस निर्भरता को और मज़बूत करना चाहिए। फिर जनता के समर्थन से एक बेहतर सरकार को बढ़ावा देना होगा।

    हर जगह व्यापार, सहायता, सेना और शिक्षा का आदान-प्रदान बेहद महत्वपूर्ण है। साफ शब्दों में कहें तो, किसी को आप पर इतना निर्भर बना दीजिए कि वह आपके बिना न रह सके। तभी हम अपनी चारों सीमाएं मज़बूत कर पाएंगे।

    चीन का अमेरिका से व्यापार लगभग ठप हो गया है, पाकिस्तान में उसका बड़ा निवेश है, भारत में वह 150 अरब डॉलर से ज़्यादा का सामान बेचता है, वह कभी भारत-पाक का बड़ा युद्ध नहीं चाहेगा।

    हमें ज़मीनी हकीकत को समझकर हर दिन, हर हफ्ते, हर साल हर दिशा में काम करना होगा और भारत विरोधी ताकतों को सिर उठाने से पहले ही कुचल देना होगा।