राजस्थान में पहले चरण की सभी 12 सीटों पर मतदान हो गया है। मतदान 57.87 फीसदी हुआ है। राजस्थान में ये धारणा है कि विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो राज्य सरकार को नुकसान हो है और लोकसभा में वोटिंग प्रतिशत बढ़ता है तो भाजपा को फायदा मिलता है। ऐसे में इस बार पहले चरण की सीटों पर कम वोटिंग ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
राजनेतिक विश्लेषकों का मानना है की ज्यादा वोटिंग मोदी वेव और स्विंग की होती है जिससे भाजपा को फायदा होता है, वही काम वोट में कांग्रेस के वोट तो तटस्थ रहते है पर भाजपा को मिलने वाले ज्यादा वोट नही मिल पाते। 19 अप्रैल को डले वोट में सुबह तो काफी भीड़ दिखी पर फिर वोटिंग बूथ खाली से हो गए। गर्मी भी एक कारण थी। एक वोट रमेश शर्मा कहते है, “भाजपा वोटर गर्मी से नही आ रहे, सबको लग रहा है मोदी तो आयेंगे ही, मेरा एक वोट से क्या होगा”.

2009 में कांग्रेस का राजस्थान में वोट शेयर 47.2 और भाजपा का 36.6 फीसदी था। कांग्रेस ने तब यहां 20 सीटें जीती और कांग्रेस ने चार। वही 2014 में मोदी की लहर के कारण प्रदेश में भाजपा का वोट शेयर करीब 20 फीसदी तक बढ़ गया। भाजपा के लिए राजस्थान के 55.6 फीसदी वोटर्स ने मतदान किया। जबकि कांग्रेस का वोट 2009 की तुलना में 17 फीसदी गिरकर 30.7 फीसदी पर आ गया। पूरी 25 सीटें भाजपा की झोली में गईं।
पिछले 2019 की लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों का वोट शेयर बढ़ा। भाजपा को 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 58.4 फीसदी वोट मिले वहीं कांग्रेस को 4 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 34.2 प्रतिशत वोट दिए गए। पर वोट शेयर के बीच बड़ा अंतर होने के कारण भाजपा को दूसरी बार फिर 25 सीटों पर जीत मिली।
2023 के विधानसभा चुनाव में मालवीय नगर में एक वोटर आरती ने तब बताया था की “राज्य में कांग्रेस और केंद्र में भाजपा बड़िया है। कांग्रेस से स्कीम का लाभ मिलता है और मोदी से देश सही चलता है।”
वही इस सबके बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज राजस्थान और उत्तर प्रदेश के चुनावी दौरे पर रहेंगे। वह इन दोनों राज्यों में भाजपा की तीन जनसभाओं को संबोधित करेंगे। शाह सबसे पहले राजस्थान पहुंचेंगे और भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में जहाजपुर के शक्करगढ़ में भाजपा की जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह कोटा के सीएडी ग्राउंड में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के मथुरा पहुंचेंगे और वृंदावन में शाम चार बजे प्रियाकांत जू मंदिर ग्राउंड में पार्टी की जनसभा को संबोधित करेंगे।
आखरी चार चुनावों से ऐसा ही देखने को मिल रहा है की वोट प्रतिशत यदि 3 से 6 फीसदी तक बड़ता है तो फायदा भाजपा को मिलता है वहीं अगर वोट प्रतिशत कम होता है तो भाजपा को मिलने वाला नया और स्विंग वोट काम होता है जिससे कांग्रेस की वापसी की संभावना उत्पन होती है।
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