प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नागपुर स्थित मुख्यालय केशव कंज पहुंचे। सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक वे संघ प्रमुखों और पदाधिकारियों के साथ रहे। इस दौरान उन्होंने संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और दूसरे सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) के स्मारक स्मृति मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे।
यह पहला मौका था जब प्रधानमंत्री के रूप में मोदी संघ मुख्यालय पहुंचे। इससे पहले, जुलाई 2013 में जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे और लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे थे, तब वे संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने नागपुर आए थे।
संघ के माधव नेत्रालय के विस्तार की आधारशिला
अपने दौरे के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने संघ के माधव नेत्रालय के एक्सटेंशन बिल्डिंग की आधारशिला भी रखी। यह परियोजना स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
34 मिनट का भाषण: इतिहास, भक्ति आंदोलन और राष्ट्रीय चेतना पर चर्चा
पीएम मोदी ने संघ मुख्यालय में 34 मिनट का संबोधन दिया, जिसमें उन्होंने देश के इतिहास, भक्ति आंदोलन, संतों की भूमिका, संघ की कार्यप्रणाली और भारत के विकास पर चर्चा की। उनके भाषण की प्रमुख बातें इस प्रकार रहीं—
- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 100 साल पहले संघ के रूप में जो बीज बोया गया था, वह आज एक विशाल वट वृक्ष बन चुका है। संघ भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना को निरंतर ऊर्जा प्रदान कर रहा है।
- उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों की निःस्वार्थ सेवा की सराहना करते हुए कहा, “हम देव से देश, राम से राष्ट्र का मंत्र लेकर चल रहे हैं। सेवा ही स्वयंसेवकों का जीवन है।”
- मोदी ने युवाओं में भारतीय धर्म-संस्कृति को मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने संघ के शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सेवा के कार्यों की सराहना की।
- पीएम मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि यह आयोजन भारतीय परंपरा, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
संघ और मोदी के रिश्ते पर चर्चा क्यों
पीएम मोदी और RSS के संबंध हमेशा से चर्चा में रहे हैं। संघ का वैचारिक आधार भाजपा के लिए भी महत्वपूर्ण रहा है। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टियों से अहम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा संघ और भाजपा के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में देखा जा रहा है। 2024 के चुनावों के बाद यह उनका पहला बड़ा संघ-संपर्क कार्यक्रम है, जिससे भविष्य की रणनीतियों को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं। संघ मुख्यालय की इस यात्रा के बाद क्या कोई नया संदेश निकलेगा?
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