नेस्ले मिला रहा है भारत और गरीब देशों में बेचे जाने वाले शिशु आहार में चीनी। यूरोप और ब्रिटेन में नहीं।

नेस्ले भारत और गरीब देशों में बेचे जाने वाले शिशु आहार में चीनी मिलाता है, लेकिन यूरोप और ब्रिटेन में नहीं पब्लिक आई और आईबीएफएएन (इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क) द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि नेस्ले एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में बेचे जाने वाले अपने शिशु आहार उत्पादों में चीनी मिलाता है, जबकि यूरोप और ब्रिटेन में बेचे जाने वाले उत्पादों में चीनी नहीं होती है।

भारत में, जहां 2022 में नेस्ले की बिक्री $250 मिलियन से अधिक हो गई हैं ये सामने आया है की सभी सेरेलाक बेबी अनाज में चीनी मिलाई जाती है, प्रति सर्विंग औसतन लगभग 3 ग्राम। जांच में पाया गया कि जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में नेस्ले द्वारा बेचे गए छह महीने के बच्चों के लिए सेरेलेक गेहूं आधारित अनाज में कोई अतिरिक्त चीनी नहीं थी, जबकि ऐसे ही उत्पाद में इथियोपिया में प्रति सर्विंग 5 ग्राम और थाईलैंड में 6 ग्राम से अधिक चीनी होती है जिससे बच्चो की इसकी लत लग सकती है व ये उनके स्वास्थ्य की खराब हो सकता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि जीवन में जल्दी चीनी के संपर्क में आने से शर्करा वाले उत्पादों के लिए जीवन भर प्राथमिकता और आदत पैदा हो सकती है, जिससे मोटापे और अन्य पुरानी बीमारियों के विकास का खतरा बढ़ सकता है।

ऐसे ही खबर आ रही है की भारत में नेस्ले की चॉकलेट में भी चीनी ज्यादा और कोको की मात्रा विदेशी सामान से कम है।

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