जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 7 मई 2025 को पूरे देश में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है।
यह अभ्यास 259 जिलों में एक साथ होगा, जिसमें हवाई हमले की चेतावनी, ब्लैकआउट अभ्यास, और आपातकालीन प्रतिक्रिया की ट्रेनिंग शामिल होगी। इस तरह का अभ्यास 1971 युद्ध के बाद पहली बार हो रहा है, और इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करना है।
मॉक ड्रिल का ढांचा
गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मॉक ड्रिल तीन श्रेणियों में आयोजित होगी:
- श्रेणी ‘ए’: उच्च जोखिम वाले क्षेत्र (जैसे दिल्ली, मुंबई, जम्मू-कश्मीर)
- श्रेणी ‘बी’: मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र
- श्रेणी ‘सी’: प्रतीकात्मक अभ्यास वाले क्षेत्र
प्रमुख शहरों में सायरन बजाकर हवाई हमले की चेतावनी दी जाएगी। रात के समय ब्लैकआउट अभ्यास होगा ताकि नागरिकों को बिजली कटौती की स्थिति में व्यवहार करने का अनुभव मिल सके। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षित स्थान पर जाने, और बचाव के उपायों की ट्रेनिंग दी जाएगी।
राज्यों की तैयारियां
- उत्तर प्रदेश: 19 जिलों में ड्रिल होगी। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज में विशेष जागरूकता सत्र होंगे।
- दिल्ली: मेट्रो स्टेशनों, मॉल्स और सार्वजनिक स्थलों पर ड्रिल होगी। पुलिस और सिविल डिफेंस तैनात।
- महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे और नासिक में मॉक ड्रिल की व्यापक योजना। विश्वविद्यालयों में परीक्षा कार्यक्रम यथावत।
- कर्नाटक और तेलंगाना: बेंगलुरु और हैदराबाद में प्रमुख अभ्यास।
- पूर्वोत्तर: मणिपुर, असम में सीमित दायरे में अभ्यास।
सैन्य और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारतीय वायुसेना 7-8 मई को सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अभ्यास करेगी। पाकिस्तान ने भी अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है, जिससे तनाव की स्थिति और संवेदनशील हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
नागरिकों से अपील
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास केवल सुरक्षा तैयारियों की जांच और प्रशिक्षण के उद्देश्य से है, घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों से अफवाहों से दूर रहने और केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करने को कहा गया है।
7 मई की मॉक ड्रिल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी, न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी। यह अभ्यास बताता है कि देश किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है, और नागरिक जागरूकता इसका अहम हिस्सा है।
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