जयपुर नगर निगम सीमा का 30 साल बाद विस्तार, 78 नए गांव हुए शामिल

जयपुर: राजस्थान सरकार ने जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज की सीमा विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के तहत जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 78 नए गांव जोड़े गए हैं, जिससे शहर की भौगोलिक सीमा और प्रशासनिक जिम्मेदारियों में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

यह पहली बार है जब 30 वर्षों के बाद नगर निगम की सीमा का विस्तार किया गया है। इससे जयपुर के शहरी विकास को नई दिशा मिलेगी और शहर की योजनाओं में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

कैसे हुआ सीमा विस्तार का फैसला?

जयपुर जिला निर्वाचन शाखा ने हाल ही में 80 गांवों को नगर निगम में जोड़ने का प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा था। इस प्रस्ताव को स्वायत्त शासन निदेशालय (Directorate of Local Bodies – DLB) के माध्यम से नगरीय विकास एवं आवासन मंत्रालय (UDH) के पास भेजा गया।

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UDH मंत्री के साथ विस्तृत चर्चा के बाद प्रस्ताव में संशोधन कर 78 गांवों को शामिल करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद राज्य सरकार ने इसे अंतिम मंजूरी दे दी।

किन गांवों को किया गया शामिल?

जयपुर के विभिन्न उपखंडों के 78 गांव अब नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आ गए हैं। इसमें जयपुर उपखंड के 22 राजस्व गांव शामिल हैं:

  • सरना डूंगर, लालचंदपुरा, बावड़ी, हाथोज, नारी का बास, पीथावास, मानचवा, पिंडोलाई, सबरामपुरा, निवारू, बोयतावाला, मंशारामपुरा, विजयपुरा, सुमेल, रूपा की नांगल, मालपुरा डूंगर, बल्लूपुरा, बीरमलपुरा उर्फ मुकुंदपुरा, बगराना, किशनपुरा, लालावासा

इस विस्तार का असर

  1. नगर निगम सेवाएं बढ़ेंगी – इन गांवों को अब सड़क, सफाई, जल आपूर्ति और सीवरेज जैसी सुविधाएं नगर निगम से मिलेंगी।
  2. शहरी विकास को मिलेगा बढ़ावा – नया मास्टर प्लान और अवसंरचना विकास परियोजनाएं शुरू हो सकती हैं।
  3. रियल एस्टेट को फायदा – निगम क्षेत्र में आने से इन इलाकों की जमीनों की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
  4. नए वार्डों का निर्माण संभव – वार्डों की संख्या और प्रशासनिक पुनर्गठन पर नए फैसले लिए जा सकते हैं।
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इस विस्तार के बाद जयपुर नगर निगम की सीमा और जनसंख्या दोनों में बढ़ोतरी होगी, जिससे आने वाले वर्षों में शहर का स्वरूप बदलेगा।

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