पहलगाम टूरिस्ट हमले के बाद भारत ने सुरक्षा रणनीति को हाई अलर्ट पर कर दिया है। छह आतंकियों के घरों को गिराने के बाद अब सैन्य तैयारी अपने चरम पर है। सुरक्षा बलों द्वारा कश्मीर के कई ज़िलों में तलाशी अभियान जारी है, और इसके समानांतर भारतीय सेनाएं ऑल-आउट मिलिट्री मूवमेंट शुरू कर चुकी हैं।
भारतीय नौसेना का INS Vikrant विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर पाकिस्तान की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही थार रेगिस्तान में अर्जुन टैंकों की बड़ी युद्धाभ्यास गतिविधियाँ देखी गई हैं। भारतीय वायुसेना के राफेल, सुखोई और तेजस जैसे फाइटर जेट्स ने दिनभर सीमावर्ती इलाकों में गश्त की।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह “प्रेशर बिल्डिंग ऑपरेशन” है, जिससे न केवल पाकिस्तान को कूटनीतिक संदेश दिया जा रहा है, बल्कि संभावित घुसपैठ या युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए पूरी तैयारी भी की जा रही है।
आतंकियों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ एक्शन
अब तक लश्कर और जैश से जुड़े 6 आतंकियों के घरों को गिराया जा चुका है — जिनमें आसिफ शेख, आदिल ठोकर, हारिस अहमद (लश्कर) और अहसान उल हक (जैश) प्रमुख नाम हैं। ये सभी या तो पहलगाम हमले से जुड़े थे या पाकिस्तान से ट्रेनिंग लेकर लौटे थे।
सेना और जनता की साझा चेतावनी
The Resistance Front (TRF) द्वारा हमले की जिम्मेदारी पहले ली गई, फिर इनकार कर देना एक बार फिर आतंक के नकाब को उजागर करता है। वहीं आम कश्मीरियों के बीच डर और गुस्से का माहौल है, पर इस बार देश के बहुसंख्यक वर्ग में संवेदनशीलता के साथ संयम और सख्ती दोनों की मांग उठ रही है।
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