राजस्थान में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से हो रही मौतों को लेकर अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 12 मौतों की बात कही है, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि हीट स्ट्रोक से केवल 6 लोगों की मौत हुई है।
दूसरी ओर, बाड़मेर, जालौर सहित अन्य शहरों के निवासियों का कहना है कि हीट स्ट्रोक और गर्मी के कारण मौतों का सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है और यह दो दर्जन से अधिक हो सकता है। गुरुवार को राज्य में तापमान चरम पर था, जिसमें बाड़मेर में 48.8 डिग्री, फलौदी में 48.6 डिग्री, जैसलमेर में 47.5 डिग्री, जोधपुर शहर में 47.4 डिग्री और चूरू में 47 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।
आपदा प्रबंधन विभाग ने हीट वेव से बचाव के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें विभिन्न विभागों को समन्वय स्थापित करने, चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने और पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। नरेगा श्रमिकों के लिए दिन के पीक हीटवेव में काम के समय में परिवर्तन किया गया है और सभी उद्योग स्थलों पर छाया-पानी की व्यवस्था की जा रही है।
इसके अतिरिक्त, स्कूलों के समय में हीटवेव को देखते हुए आवश्यक परिवर्तन की समुचित पालना करवाने और आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण उत्पन्न स्थितियों पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन मंत्री और विभाग के दावों में अंतर ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।
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