ब्रिटिश मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन के कारण कई लोगों की मृत्यु और गंभीर बीमारियां हुई हैं। 51 मुकदमे ब्रिटिश हाईकोर्ट में चल रहे हैं और वही विभिन्न पीड़ितों ने कंपनी से ₹1000 करोड़ का हर्जाना मांगा है। हाईकोर्ट में जमा दस्तावेजों में, एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उनकी वैक्सीन से दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) हो सकता है, जिससे रक्त के थक्के और प्लेटलेट की कमी हो सकती है।
एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन, जिसे भारत में कोविशील्ड के नाम से जाना जाता है, के दुर्लभ लेकिन गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह दुष्प्रभाव थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) है। टीटीएस के लक्षणों में तेज या लगातार सिरदर्द, धुंधला दिखना, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पैरों में सूजन, लगातार पेट की परेशानी, छोटे-छोटे रक्त के धब्बे या इंजेक्शन स्थल के आसपास आसानी से चोट लगना शामिल हैं।
यदि आप कोविशील्ड लेने के बाद इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। कोविशील्ड के लाभ अभी भी दुर्लभ दुष्प्रभावों से कहीं ज्यादा हैं। इस वैक्सीन ने भारत सहित दुनिया भर में लाखों लोगों को कोविड-19 से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।यह जानकारी साझा करना महत्वपूर्ण है ताकि लोग कोविशील्ड के संभावित दुष्प्रभावों से अवगत रहें और यदि वे अनुभव करते हैं तो तुरंत चिकित्सा सहायता ले सकें। यह भी याद रखना महत्वपूर्ण है कि कोविशील्ड के लाभ अभी भी दुर्लभ दुष्प्रभावों से कहीं ज्यादा हैं।
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