Category: पर्यावरण Environment

  • कृषि विभाग द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पेड़’ अभियान के तहत लगाये जायेंगे एक लाख से ज्यादा पौधे

    कृषि विभाग द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पेड़’ अभियान के तहत लगाये जायेंगे एक लाख से ज्यादा पौधे

    राज्य में पर्यावरण संरक्षण को दृृष्टिगत रखते हुए हरियाली व पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृृत्व में हरित राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के लिए कृषि विभाग लगभग एक लाख पांच हजार छायादार व फलदार पौधे लगाने जा रहा है।

    कृषि आयुक्त श्री कन्हैया लाल स्वामी ने बताया कि ‘एक व्यक्ति एक पेड़’ या ‘एक परिवार एक पेड़’ अभियान के तहत कृषि विभाग द्वारा समस्त जिलों मे स्थित कृषि विभाग के कार्यालय परिसर एवं अन्य उपयुक्त स्थानों पर पौधे लगाये जायेंगे। इस अभियान को पूरे राज्य में आमजन की भागीदारी से सफल बनाने हेतु कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

    उन्होंने बताया कि अभियान के लिए फलदार एवं छायादार पाधों का चयन किया गया है। इनमें आम, अमरूद, आंवला, बील, जामुन, सीताफल, इमली, चीकू, शहतूत, मौसमी, नाशपती जैसे फलदार एवं नीम, पीपल, बरगद, गूलर, शीशम, बबूल, सहजन, खेजड़ी एवं रोहिड़ा शामिल हैं। पौधारोपण के बाद उसका 4 वर्ष तक देखभाल एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी विभाग द्वारा की जायेगी। लगाये गए पौधों की वृद्धि की भी नियमित समीक्षा की जाएगी।

  • यमुना स्वच्छता कार्य में असंतोष, हेमा मालिनी के सामने किया प्रदर्शन

    यमुना स्वच्छता कार्य में असंतोष, हेमा मालिनी के सामने किया प्रदर्शन

    “किसी घाट पर 1 रूपया लगा वो बताए यमुना ही मुख्य तीर्थ हैं फिर 35000 करोड़ तीर्थ विकास के एवं 19500 करोड़ यमुना के आये पैसे क्या कागजो में खर्च हो चुके। एक भी नाला टेप हुआ तो उसका नाम लिखे? यमुना को आये 1900 करोड़ औऱ एक माह पहले भी यमुना सफाई को 398+49 करोड़ रुपये आये है इसके अलावा 35000 करोड़ रुपए तीर्थ के विकास के लिए आये किसने रोड़ा लगाया उसके बाद तीर्थ के घाटों का नालो के टेप कराने में विकास के कार्य स्थानीय प्रशासन ने किए किसी ने रोड़ा नही लगाया पर काम शून्य नजर आ रहा है। छोटे कार्यो में आपस मतभेद के कारण कार्य नही हुआ।”

    ये शिकायतों की लंबी सूची सामने आई एक जन सभा में। श्रीधर पैलेस में आयोजित हेमा मालिनी की जनसभा में खड़े होकर विश्वधर्म रक्षक दल के विजय चतुर्वेदी ने सांसद से कहा कि अभी तक यमुना सफाई का करोडो रुपये का धन आपने नालो में बहा दिया हैं। उत्तर प्रदेश में एक बूंद भी यमुना जल उपलब्ध नही है। सरकार खोखले दावे करती रहती हैं।

    आरोपों को सुनकर ड्रीमगर्ल भी भड़क गई औऱ मंच से कहने लगी में आपको टीवी में देखती हूं आपको सुनती हूँ आपके समाचार पढ़ती हूँ आप केवल क्रिटिसाइज करने आते हैं, आप साथ देंगे तो हथिनीकुड़ से जल लाएंगे। दूसरी तरफ यह भी कहा बड़े कार्य के लिए में बड़े बड़े नेताओं से मिलती रहती हूं, इसलिये छोटे कार्य विधायक पार्षद के जिम्मे हैं इसलिए में जनता को नही मिल पाती।

    लोगो को कहना है को सांसद विगत में 31 नाले टेप करने की बात करती हैं अब 7 नालो की बात करती हैं, लोग कहते है की नालो को डाइवर्ट कर जैसिंग पुरा खादर में एक गंदा तालाब बना कर छोड़ दिया है। तालाब से सारी गंदगी सीधे यमुना में ही गिरती हैं। वर्तमान में नाले टेप की बातों से यमुना शुद्ध नही हो सकती क्योंकि सरकार सीवर ट्रीटमेंट प्लांटो पर मानसिकता बनाये हुए है।

    लोग कहते है की वास्तव में यमुना जल अमृत हैं उसे शुद्ध करने की जरूरत नही है सरकार के पास गंदे नालो को अन्यत्र ले जाने के लिए कोई ठोस योजना नही है। विजय चतुर्वेदी बोले की सांसद को एक तरफ यमुना भक्तों से मिलने का समय नही है दूसरी तरफ भाषण में कहती हैं आप साथ दोगे तो हथिनीकुंड से जल लाएंगे।

  • पीएम सूर्य घर योजना: राजस्थान में नागरिकों को सतत मुफ्त बिजली का सपना साकार

    पीएम सूर्य घर योजना: राजस्थान में नागरिकों को सतत मुफ्त बिजली का सपना साकार

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए राजस्थान में करीब 17 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में जयपुर शहर को नया खातीपुरा सैटेलाइट स्टेशन भी मिला है। साथ ही रेलवे, सड़क, ऊर्जा, पेयजल, खनिज सहित अन्य कई विभागों के प्रोजेक्ट्स भी शामिल है।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की केंद्र की भाजपा सरकार ने एक बहुत ही महत्वपूर्ण नई योजना पीएम सूर्य घर की शुरुआत की है। इसके तहत सरकार की तैयारी है की हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का इंतजाम हर नागरिक के खुद के घर में ही हो जाए। इसके लिए केंद्र सरकार हर नागरिक की आर्थिक मदद करेगी।

    उन्होंने कहा की इसकी शुरुआत में देशभर में एक करोड़ परिवारों को जोड़ा जाएगा। इसमें केंद्र सरकार छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए हर परिवार के बैंक खाते में सीधे मदद भेजेगी। इस योजना में करीब 75 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका फायदा मिडिल क्लास और निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को सीधे मिलेगा। उनकी घर की बिजली सतत तौर से मुफ्त हो जाएगी। सोलर पैनल लगाने के लिए बैंक से सस्ता लोन दिलाया जाएगा। राजस्थान सरकार ने भी 5 लाख घरों में सोलर पैनल लगाने की योजना बनाई है।

  • प्रधानमंत्री ने 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की

    प्रधानमंत्री ने 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सूर्यवंशी भगवान श्री राम की प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर अपनी अयोध्या यात्रा के तुरंत बाद, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापित करने के लक्ष्य के साथ “प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना” शुरू करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।

    प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान कहा कि सूर्य की ऊर्जा का उपयोग छत वाले प्रत्येक घर द्वारा अपने बिजली के बिल को कम करने और उन्हें अपनी बिजली की जरूरतों के लिए वास्तव में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया जा सकता है।प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का लक्ष्य निम्न और मध्यम आय वाले व्यक्तियों को रूफटॉप सौर ऊर्जा की स्थापना के माध्यम से बिजली उपलब्ध करना है, साथ ही अतिरिक्त बिजली उत्पादन के लिए अतिरिक्त आय का अवसर उपलब्ध करना है।

    प्रधानमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि आवासीय क्षेत्र के उपभोक्ताओं को बड़ी संख्या में रूफटॉप सौर ऊर्जा अपनाने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाना चाहिए।

    फिलहाल कई राज्य ज्यादातर नागरिकों को 100 यूनिट हर महीने बिजली के बिल पे छुट दे रहे है जिससे लगभग हर महीने, हर उपभोक्ता सरकार को 400 से 500 रुपए का नुकसान हो रहा है व कुल मिलाकर ये घाटा हजारों करोड़ में पहुंच चुका है।

    अगर हर घर इस योजना में 1 किलोवाट का सिस्टम भी लगाए जिसे छत पे 10X10 फीट की जगह चाहिए, तो ये सिस्टम हर महीने 100 यूनिट बिजली पैदा कर सकता है। अगर सरकार ऐसे सिस्टम के लिए 50,000 रुपए की सब्सिडी भी दे तो ये योजना सरकार को अगले 15 साल में 10,000 करोड़ रुपए बचा सकती है और सब्सिडी सिस्टम खत्म कर सकती है।

  • राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान 2 फरवरी से जनता के लिए खुलेगा

    राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान 2 फरवरी से जनता के लिए खुलेगा

    उद्यान उत्सव-1, 2024 के तहत राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान 2 फरवरी से 31 मार्च, 2024 तक आम जनता के लिए खुला रहेगा। रखरखाव के लिए निर्धारित सोमवार के दिन को छोड़कर सप्ताह में शेष छह दिन जनता इस उद्यान को देखने जा सकती है।

    अमृत उद्यान निम्नलिखित दिनों में विशेष श्रेणियों के लिए खुला रहेगा:· 22 फरवरी – दिव्यांग व्यक्तियों के लिए· 23 फरवरी – रक्षा, अर्धसैनिक और पुलिस बलों के कर्मियों के लिए· 1 मार्च – महिलाओं और आदिवासी महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) के लिए· 5 मार्च – अनाथालयों के बच्चों के लिए आगंतुकों को 1000 बजे से 1600 बजे के बीच छह घंटे के निर्धारित समय में भ्रमण की अनुमति होगी। दो पूर्वाह्न स्लॉट (1000 बजे से 1200 बजे) की क्षमता सप्ताह के दिनों में 7,500 आगंतुकों और सप्ताहांत पर प्रत्येक स्लॉट में 10,000 आगंतुकों की होगी। दोपहर के चार स्लॉट (12:00 बजे से 16:00 बजे) की क्षमता सप्ताह के दिनों में प्रत्येक स्लॉट में 5,000 आगंतुकों और सप्ताहांत पर 7,500 आगंतुकों की होगी।

    इसके लिए https://visit.rashtrapatibhavan.gov.in/visit/amrit-udyan/rE पर बुकिंग की जा सकती है।

    वॉक-इन आगंतुकों को सुविधा काउंटरों के साथ-साथ राष्ट्रपति भवन के गेट नंबर 12 के पास स्वयं सेवा केंद्र पर अपना पंजीकरण कराना होगा। सभी आगंतुकों के लिए प्रवेश और निकास राष्ट्रपति संपदा के गेट नंबर 35 से होगा, जहां नॉर्थ एवेन्यू राष्ट्रपति भवन से मिलता है। आगंतुकों की सुविधा हेतु केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन से गेट नंबर 35 तक शटल बस सेवा सुबह 9.30 बजे से शाम 5.00 बजे के बीच हर 30 मिनट के अंतराल पर उपलब्ध रहेगी।

    भ्रमण के दौरान, आगंतुक बोनसाई उद्यान, संगीतमय फव्वारा, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन से गुजरेंगे। निकास स्थान पर उनके लिए फूड कोर्ट होंगे। आगंतुक मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक चाबियां, पर्स/हैंडबैग, पानी की बोतलें और शिशुओं के लिए दूध की बोतलें ले जा सकते हैं। सार्वजनिक मार्ग पर विभिन्न स्थानों पर पेयजल, शौचालय और प्राथमिक चिकित्सा/चिकित्सा सुविधाओं का प्रावधान किया जाएगा।

  • मुख्यमंत्री भजनलाल का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन संभव

    मुख्यमंत्री भजनलाल का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन संभव

    जयपुर, 14 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वृक्षों को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाली अमृता देवी को नमन करतेे हुए कहा कि खेजड़ली गांव में अमृता देवी विश्नोई सहित 363 लोगों द्वारा वृक्षों को बचाने के लिए दी गई प्राणों की आहूति पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रकृति प्रेम की इससे अनूठी मिसाल संसार में कहीं नहीं मिलती है। हम सब के लिए यह गर्व का विषय है कि वे राजस्थान की धरती से थीं। मुख्यमंत्री रविवार को भीलवाड़ा में हरित संगम पर्यावरण मेले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान लाखों पौधें लगाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर काम कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण की महत्ती आवश्यकता को देखते हुए हरित संगम जैसे आयोजन बहुत जरूरी हैं। ऐसे संगमों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलती है। वृक्षों के महत्व को समझते हुए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधें लगाने चाहिए।

    हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति- श्री शर्मा ने कहा कि हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति है। हम वृक्षों, नदियों, पहाड़ों की पूजा करते हैं। वैदिक काल से ही हमारे यहां पर्यावरण और खास तौर पर वृक्षों के संरक्षण को विशेष महत्व दिया गया है। ऋषि मुनियों ने वृक्षों के नीचे बैठकर ही चिंतन मनन किया। वनों में बनें गुरूकुलों ने देश को महान शासक, राजगुरू, सेनापति और विद्वान दिए। उन्होंने कहा कि वृक्षों का संरक्षण और संवर्द्धन परोपकार का कार्य है। वनांे में हजारों प्रजातियों के जीव-जन्तु प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार जीवन-यापन करते हैं। इससे हमें प्रकृति और प्राणियों के बीच संतुलन का महत्व पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से हम प्रभावित हैं। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हमारे और आपके सम्मिलित प्रयासों से ही स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता है।

    पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व भी है। कुछ आसान से कदम उठाकर हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। हमें घर में तथा आस-पास अधिक से अधिक पौधें लगाकर अन्य लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए। वृक्ष संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने, पानी की बर्बादी रोकने और बच्चों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करने जैसे कदमों से भावी पीढ़ी को हम एक सुरक्षित एवं सुनहरा कल दे सकते हैं। मैं आशान्वित हूं कि हरित संगम 2024 का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा और लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागृति पैदा होगी।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित चित्र प्रदर्शनी ‘भीलवाड़ा फ्लॉवर शो’ का अवलोकन भी किया। साथ ही, मेले में लगी स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस दौरान श्री शर्मा ने पर्यावरण संगोष्ठी में भी भाग लिया। उन्होंने वीर बाल पुरस्कार भी प्रदान किए। इस अवसर पर अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान के श्री त्रिलोक चन्द छाबड़ा सहित संस्थान के विभिन्न पदाधिकारी, पर्यावरणविद्, पर्यावरण संरक्षक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।