Category: समाचार News

देशभर की प्रमुख घटनाओं, नीतियों और बदलावों से जुड़ी ताज़ा व विश्वसनीय राष्ट्रीय समाचारों की प्रस्तुति।

  • AI171 विमान हादसा: एक राष्ट्रीय त्रासदी, एक मानवीय पुकार

    AI171 विमान हादसा: एक राष्ट्रीय त्रासदी, एक मानवीय पुकार

    12 जून 2025, भारत ने एक ऐसा दुःस्वप्न देखा जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।

    एयर इंडिया फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जहाँ कभी जीवन था, वहाँ अब मलबा है। जहाँ हँसी थी, वहाँ अब सन्नाटा है।

    एक चमत्कार: एक जीवित बचा व्यक्ति

    एकमात्र जीवित व्यक्ति का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बाकी सभी 241 यात्री और 11 में से 11 क्रू मेंबर के मारे जाने की आशंका है। इसमें कई छात्र, प्रवासी भारतीय, पर्यटक और परिवार शामिल हैं।

    जहाँ विमान गिरा, वहाँ की इमारत में मौजूद लोग भी चपेट में आए। अब तक 6 शव वहाँ से बरामद किए जा चुके हैं, और मलबा हटाने का काम अभी जारी है।
    संख्या और भी भयावह हो सकती है।

    अब तक क्या जानकारी सामने आई है:

    • टेकऑफ़ के कुछ मिनटों में ही विमान ने Mayday कॉल जारी की।
    • यह सिर्फ़ 625 फीट की ऊँचाई तक पहुँच सका।
    • तेज़ धमाका, काले धुएं का गुबार, और आग की लपटें मेघानी नगर में देखी गईं।
    • अहमदाबाद एयरपोर्ट फिर चालू कर दिया गया है।
    • NDRF, दमकल और मेडिकल टीमें मौके पर लगातार जुटी हुई हैं।
    • Air India, DGCA और Boeing द्वारा जांच शुरू हो चुकी है।
    • पायलट अनुभवी थे व सीनियर पायलट को 8000 घंटे उड़ान का अनुभव था।
    • बोइंग 787 की 10 साल में ये पहली दुर्घटना है।

    ब्लैक बॉक्स क्या बताएगा?

    अब सारा देश और पीड़ित परिवार ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। यही बताएगा कि इस दर्दनाक हादसे के पीछे की वास्तविक वजह क्या थी।

    इंसान बने रहना अब ज़रूरी है।

    कृपया किसी भी पीड़ित या शव की फोटो या वीडियो शेयर न करें। यह क्रूरता है। यह सिर्फ़ क्लिक्स के लिए किया गया अमानवीय कृत्य है, सोचिए, अगर वो आपका भाई होता? आपकी बेटी होती? आपकी माँ?

    उनके परिवार इन तस्वीरों को देखकर कैसे जिएँगे?

    क्या करें, क्या न करें:

    विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।
    फर्जी खबरों को रिपोर्ट करें।
    हेल्पलाइन (1800 5691 444) नंबर को फैलाएं।
    ब्लड डोनेशन, मेडिकल हेल्प, वॉलंटियर जानकारी शेयर करें।
    प्रार्थना करें। सभी के लिए।

    अफवाह न फैलाएं।
    राजनीतिक आरोप न लगाएं जब तक तथ्य न हों।
    किसी की पीड़ा को “कंटेंट” में न बदलें।
    शवों या घायलों की तस्वीरें पोस्ट न करें।

    अब सिर्फ़ एक धर्म, एक कर्तव्य है, मानवता।

    आज जाति, धर्म, राष्ट्र की दीवारें गिरानी होंगी।
    जो भी इस विमान में थे, वो हमारे जैसे ही थे।
    सपनों वाले, परिवारों वाले, इंसान।

    प्रार्थना करें, उनके लिए जो अब भी ज़िंदगी से लड़ रहे हैं। प्रार्थना करें, उन आत्माओं के लिए जो अब इस संसार में नहीं रहीं।

    “संवेदना की सबसे बड़ी परीक्षा यही है—दूसरों का दुःख देखकर अपना चैन खो देना।”

  • वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी पर संपत्ति छिपाने का आरोप

    वायनाड उपचुनाव में प्रियंका गांधी पर संपत्ति छिपाने का आरोप

    तिरुवनंतपुरम, 11 जून, 2025 – केरल उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए अपने नामांकन पत्र में अपनी संपत्ति के बारे में जानकारी छिपाने के आरोपों के संबंध में नोटिस जारी किया है। यह कार्रवाई भाजपा उम्मीदवार नव्या हरिदास द्वारा दायर याचिका के बाद की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि गांधी ने अपने नामांकन दस्तावेजों में अपनी संपत्ति का पूरा खुलासा नहीं किया है।

    न्यायालय का नोटिस वायनाड उपचुनाव को लेकर चल रहे राजनीतिक विमर्श में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है। आरोपों ने बहस को जन्म दिया है और चुनाव प्रक्रियाओं में पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। मामला अब आगे की जांच और अदालती कार्यवाही के लिए लंबित है।

    यह घटनाक्रम राजनीतिक दलों और जनता दोनों का ध्यान आकर्षित करने की संभावना है। मामले के परिणाम का राजनीतिक परिदृश्य, विशेष रूप से केरल पर प्रभाव पड़ सकता है।

  • ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरणा: जयपुर की 200 महिलाओं ने अरुणा गौड़ के साथ थामा भाजपा का दामन

    ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरणा: जयपुर की 200 महिलाओं ने अरुणा गौड़ के साथ थामा भाजपा का दामन

    जयपुर | 23 मई 2025 राजस्थान की राजनीति में शुक्रवार को एक अहम मोड़ तब आया जब जयपुर की 200 से अधिक ब्राह्मण और सर्व समाज की महिलाओं ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ली। इस अवसर पर पूर्व प्रदेश महासचिव कांग्रेस व वर्तमान में राजस्थान ब्राह्मण महासभा की प्रदेश महिला अध्यक्ष श्रीमती अरुणा गौड़ ने भावनात्मक भाषण के साथ भाजपा में प्रवेश की घोषणा की।

    इस कार्यक्रम में जयपुर की सांसद मंजू शर्मा और भाजपा जयपुर जिला अध्यक्ष अमित गोयल विशेष रूप से मंच पर मौजूद रहे और सभी महिलाओं का भाजपा परिवार में स्वागत किया।

    सभी 200 महिलाएं या तो समाज सेवा का कार्य कर रही है, प्रोफेशनल या जॉब में है या अपने घर गली मोहल्ला से ही आत्मनिर्भर हो किसी न किसी रूप में समाज को आगे बढ़ा रही है।

    कार्यक्रम की शुरुआत में अरुणा गौड़ ने मां भारती को नमन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम और पहलगांव आतंकी हमले के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा:

    “पहलगांव की नृशंस घटना ने हमें भीतर तक झकझोर दिया। जब माननीय मोदी जी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का ऐलान किया और राष्ट्र को ललकारा, तो हमें लगा कि अब मौन रहना देश के साथ अन्याय होगा। यही वह क्षण था जिसने हमें भाजपा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।”

    कार्यक्रम में 200 से अधिक महिला शक्ति भाजपा से जुड़ी।

    ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा:

    “7 मई को हुए ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों, 11 जहाजों, 3 रडार सिस्टम और 100 आतंकवादियों को समाप्त कर दिया। यह केवल सैन्य नहीं, बल्कि एक ऐतिहासिक मनोबल था।”

    कार्यक्रम में मंच से अरुणा गौड़ ने जिला अध्यक्ष अमित गोयल और सांसद मंजू शर्मा के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा:

    “इस कार्यक्रम को सफल बनाने में जिला अध्यक्ष श्री अमित गोयल जी की निर्णायक भूमिका रही, और मंच पर आदरणीय मंजू दीदी है, आपका स्नेह, अपनापन, सादगी और प्रेरणा भी हमें दिशा देती रही।”

    सांसद मंजू शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और भाजपा की जनहितकारी नीतियों से प्रेरित होकर महिलाएं बड़ी संख्या में पार्टी की ओर आकर्षित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ही वह दल है जहां महिलाओं को केवल सम्मान नहीं, बल्कि निर्णय लेने की जिम्मेदारी और मंच भी दिया जाता है। उन्होंने इस पर भी प्रकाश डाला कि देश के इतिहास में पहली बार एक महिला अधिकारी ने सैन्य अभियान की जानकारी साझा की, जो नारी सशक्तिकरण की दिशा में एक साहसिक और ऐतिहासिक कदम है।

    जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष अमित गोयल को फरसा भेट करते हुए अरुणा गौड़।

    जयपुर शहर भाजपा अध्यक्ष अमित गोयल ने भाजपा में शामिल हो रही सभी महिलाओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में “नारी शक्ति” को हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में महिलाओं की सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और सामाजिक भागीदारी में जो बढ़ोतरी हुई है, वह इस सरकार की स्पष्ट प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

    अरुणा गौड़ नायला गांव की सरपंच रह चुकी है जहां वर्ष 2000 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन आए थे। वे एमएलए और एमपी का चुनाव भी लड़ चुकी हैं। इनको इमरजेंसी के समय जे पी आंदोलन में शामिल होने की वजह से जेल भी जाना पड़ा था और बाद में कॉलेज में ब्लैकलिस्ट का सामना करना पड़ा। श्रीमती गौड़ के माता पिता स्वतंत्रता सेनानी थे और गोवा मुक्ति आंदोलन में शामिल थे और दोनों ही अध्यापक थे।

    समारोह का समापन “जय हिंद”, “ऑपरेशन सिंदूर जिंदाबाद” और “मोदी है तो मुमकिन है” जैसे नारों के साथ हुआ।

  • सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    सिर्फ कश्मीर ही नहीं, पंजाब में भी गहरी साजिश कर रहा है पाकिस्तान

    आज भारत को तोड़ने की जो साज़िशें चल रही हैं, वे केवल बाहरी नहीं, बल्कि मानसिक और सांस्कृतिक युद्ध के रूप में हमारे समाज के भीतर ज़हर घोलने का काम कर रही हैं। पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI लगातार कोशिश कर रही है कि भारत के साहसी,  देशभक्त समुदायों में से एक, सिख समुदाय, को भ्रमित किया जाए और देश से अलग करने की भावनाएं भड़काई जाएं।

    हाल ही में पाकिस्तान ने यह झूठ फैलाया कि भारतीय वायुसेना ने पंजाब में एक गुरुद्वारा पर हमला किया। सच्चाई इससे बिलकुल अलग थी। यह एक झूठा प्रचार था ताकि पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में भ्रम और गुस्सा फैलाया जा सके। पाकिस्तान जानता है कि अगर पंजाब अस्थिर होगा तो भारत को अंदर से चोट दी जा सकती है। यही वजह है कि अब वे कश्मीर के साथ-साथ पंजाब का नाम लेने लगे हैं।

    पाकिस्तान ने एक बार फिर वही पुरानी और घिनौनी साजिश दोहराई है, भारत को तोड़ने की, सिख और हिन्दू समुदायों में फूट डालने की। हाल ही में पाकिस्तान के DG ISPR (Inter Services Public Relations) ने एक झूठा और बेबुनियाद बयान दिया कि भारत के अधमपुर एयरबेस से अफगानिस्तान में सिख धर्मस्थलों पर 6 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी गईं। यह दावा न केवल हास्यास्पद है, बल्कि गहरी साजिश का हिस्सा भी है।

    इस दावे को खुद अफगानिस्तान ने खारिज कर दिया है। जमीन पर न कोई मिसाइल गिरी, न कोई धमाका हुआ, न कोई सिख स्थल नष्ट हुआ, और न ही कोई सबूत है। पाकिस्तान का इरादा स्पष्ट है, सिख भाइयों और बहनों के मन में भारत के खिलाफ गलतफहमी और गुस्सा पैदा करना।

    आज भी जब पाकिस्तान या ISI “खालिस्तान” की बातें करता है, तो उसका मकसद सिखों का भला नहीं, बल्कि भारत का विघटन होता है। अगर उन्हें सिख धर्म का सच में सम्मान होता, तो वे अपने देश में गुरुद्वारों को न उजाड़ते, न सिखों पर अत्याचार करते। उन्हें न गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से मतलब है, न खालसा के उस बलिदान से जो धर्म और इंसानियत की रक्षा के लिए हुआ था।

    लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। यह वही सरकार है, यह वही भारत है, जिसने सिखों की शान को सिर आंखों पर रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आदमपुर एयरबेस पर उतरे थे, वहीं से जहाँ पर पाकिस्तान ने झूठा आरोप लगाया। उन्होंने एयरफोर्स कर्मियों को संबोधित करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का ज़िक्र किया और पंजाब के वीरों को याद किया।

    मोदी जी ने कहा: “चिड़ियाँ ते मैं बाज तुड़ावां, गिद्धां तो मैं शेर बनावां, सवा लाख से एक लड़ावां, तबे गोविंद सिंह नाम कहावां।”

    यह सिर्फ एक भाषण नहीं था, यह एक संदेश था, सिख परंपरा, उनकी बहादुरी और भारत के प्रति उनके समर्पण का सम्मान। एक प्रधानमंत्री जो सिख बलिदानों को खुले मंच से सम्मान देता है, वही पाकिस्तान के झूठे प्रचार के सामने असली जवाब है।

    पाकिस्तान को यह समझ लेना चाहिए, भारत की सिख और हिन्दू आत्माएं एक हैं। हमें कोई भी अलग नहीं कर सकता। यह भूमि गुरु नानक की भी है और राम की भी। यह वही संस्कृति है जिसमें भेद नहीं, समरसता है। और यही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।

    भिंडरांवाले का मुद्दा आज भी पंजाब में कई लोगों के लिए भावनात्मक है, लेकिन अब ज़्यादातर इतिहासकार मानते हैं कि उसे 1980 के दशक में कांग्रेस और इंदिरा गांधी द्वारा, अकाली दल को कमजोर करने के लिए उभारा गया। लेकिन यह आग बाद में बेकाबू हो गई। यह भी सच है कि ऑपरेशन ब्लू स्टार जैसे कदम को शायद और संवेदनशीलता से संभाला जा सकता था, लेकिन एक बड़ा सवाल है, उस समय पंजाब में हथियार कौन पहुँचा रहा था? जवाब है, पाकिस्तान की ISI।

    पाकिस्तान ने 1980 और 90 के दशक में सिख युवाओं को गुमराह करने के लिए हथियार, ट्रेनिंग और धन दिया। उस हिंसा में हजारों निर्दोष लोग मारे गए। सीमा पार से आज तक ड्रग्स पंजाब में आ रही है, क्यों? हमारे सिख नौजवानों के भविष्य को बर्बाद करने के लिए। यही साजिश अलग रूप में दोहराई जा रही है, सोशल मीडिया, विदेशों से बैठे एजेंट्स और झूठे प्रचार के ज़रिए।

    सच्चाई यह है कि सिख और हिन्दू सिर्फ दो धर्म नहीं हैं, वे एक ही सांस्कृतिक जड़ से पनपे हैं, जिसे हम ‘सनातन संस्कृति’ कह सकते हैं। यह वह संस्कृति है जो गुरु नानक देव जी से लेकर कबीर, नामदेव, रविदास तक सभी को एक साथ जोड़ती है। यह संस्कृति हमें सिखाती है कि धर्म कोई दीवार नहीं, बल्कि एक पुल है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है, न कि तोड़ता।

    गुरु गोबिंद सिंह जी ने जब खालसा पंथ बनाया, तो वह किसी दूसरे धर्म के विरोध में नहीं था, बल्कि अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक था। उनके चारों साहिबज़ादों ने धर्म और देश की रक्षा में बलिदान दिया, यह बलिदान किसी सीमित सोच या खुद के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रवाद और एक सार्वभौमिक न्याय की भावना का था।

    हमारा भारत वह देश है जहां गुरु अर्जुन देव जी से लेकर गुरु तेग बहादुर जी ने धर्म की रक्षा के लिए प्राण दिए। वो हिन्दू बच्चों को जबरन मुसलमान बनाने के खिलाफ खड़े हुए, उन्होंने किसी एक धर्म के लिए नहीं, बल्कि पूरे मानव धर्म के लिए बलिदान दिया। यही भावना सिख धर्म और हिन्दू धर्म को एक सूत्र में पिरोती है।

    आज वही विरासत हमें पुकार रही है कि किसी झूठे प्रचार या बाहरी साज़िश का शिकार न बनें। पाकिस्तान में सिखों की हालत किसी से छुपी नहीं है, वहां गुरुद्वारों की स्थिति, जबरन धर्मांतरण और असमानता की घटनाएं आम हैं। जबकि भारत में, सिख समुदाय को सम्मान, सुरक्षा और समान अधिकार मिले हैं, चाहे वो राजनीति हो, सेना हो या समाज का कोई और क्षेत्र।

    भारतीय सेना में सिखों की भागीदारी गर्व की बात है। सिख रेजिमेंट भारत की सबसे वीर रेजिमेंटों में गिनी जाती है। कारगिल से लेकर आज तक सिख जवानों ने भारत के लिए अपनी जान दी है। क्या पाकिस्तान या कोई और देश उन्हें इतनी इज्जत दे सकता है?

    आज ज़रूरत है कि हम इस षड्यंत्र को पहचानें। पंजाब और सिखों को अलग दिखाने वाली हर सोच दरअसल भारत को कमजोर करने की कोशिश है। हमें यह याद रखना चाहिए, हम सिख हों, हिन्दू हों, मुसलमान हों, ईसाई हों, हम सभी भारतीय हैं, और हमारी जड़ें एक ही सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी हैं।

    भाईचारा, एकता और न्याय, यही असली खालसा की पहचान है। यही सनातन संस्कृति का सार है। झूठे प्रचार और नफरत फैलाने वाली ताकतों को नकारिए, एक-दूसरे का हाथ थामिए, और मिलकर कहिए, हम सब एक हैं। अगर हम अपनी सांझी विरासत को याद रखें, अगर हम अपने पूर्वजों के बलिदानों को समझें, तो कोई ताकत हमें न तो तोड़ सकती है, न झुका सकती है।

  • न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    न्यू यॉर्क टाइम्स ने पूरी दुनिया के सामने रखा पाक पर भारतीय सफलता का साक्ष्य

    दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अखबारों में से एक, न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) ने सैटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं, जो चीख-चीख कर बता रही हैं कि भारत का हमला कितना सटीक था, कितना अचूक था और कितना भीतर था!

    NYT चूँकि अपने लेखों के लिए पैसे माँगता है, इसीलिए मैं एक-एक कर उन ‘Before And After’ पहले और बाद वाली सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण के साथ ही समझाता हूँ कि कैसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल रहा।

    ये दिखाता है कि हम जब जहाँ चाहें पाकिस्तान में उसी क्षण वार कर सकते हैं। आइए…

    भोलारी एयरबेस

    भोलारी एयरबेस: ये सारी की सारी HD सैटेलाइट तस्वीरें हैं। ये पाकिस्तान की सबसे बड़ी पोर्ट सिटी कराची से 100 मील की दूरी पर स्थित है। यहाँ भारत ने एक एयरक्राफ्ट हैंगर को उड़ा दिया। ये वो इमारत थी जहाँ एयरक्राफ्ट को रखा और मेंटेन किया जाता है। अंदर रखे एयरक्राफ्ट्स का क्या हुआ होगा, समझ जाइए।भारत ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया है!

    नूर खान एयरबेस

    आइए, अब चलते हैं नूर खान एयरबेस की तरफ: ये पाकिस्तान के सबसे संवेदनशील इलाक़ों में से एक है। पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय और वहाँ के प्रधानमंत्री का दफ्तर से ये कुछ ही दूरी पर स्थित है। साथ ही यहाँ से कुछ ही दूरी पर पाकिस्तान का परमाणु जखीरा है, उसकी देखभाल करने वाली यूनिट है। यहाँ की एक महत्वपूर्ण इमारत को भी भारत ने एकदम सटीक निशाना बनाकर तबाह कर दिया।

    रहीम यार खान एयरफील्ड

    रहीम यार खान एयरफील्ड:10 मई को पाकिस्तान ने एक नोटिस जारी करके कहा कि रहीम यार खान एयरबेस का रनवे चालू नहीं है। कारण – भारत ने रनवे को ही तबाह कर दिया। बनाते रहे अब…जहाँ जो चाहे हमने उसे उड़ा दिया!

    सरगोधा एयरबेस

    सरगोधा एयरबेस: ये पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में स्थित है।यहाँ रनवे के एक नहीं बल्कि दो हिस्से को हमारे हवाई हमले से उड़ा दिया गया। फिर भी हमारे अपने ही देश के लोग हमारी ही वायुसेना पर शक कर रहे थे और दुनिया भर में पाकिस्तान के दावे को सच मान रहे थे।

    उधमपुर एयरबेस

    अब अगर मैं भारत की बात नहीं करूँगा तो लोग कहेंगे कि एक ही पक्ष का दिखाया, दूसरे का क्या? पाकिस्तान ने उधमपुर एयरबेस को निशाना बनाए जाने का दावा किया। पता है आपको, सैटेलाइट इमेज में क्या निकला? उस एयरपोर्ट पर एक तिनका भी नहीं हिला है। सब वैसे का वैसे ही है।

    जो जम्मू के उधमपुर एयरबेस का कुछ नहीं कर पाए, वो और भीतर क्या उखाड़ पाए होंगे, सोचिए न।

    इन सबके बावजूद अगर कोई भारतीय सेना की क्षमता पर शक करता है तो वो देशद्रोही है, और कुछ नहीं!

    भारतीय सेना ने तो सबूत दिया सो दे ही दिया, पाकिस्तान के दावों पर हमारे अपने लोग कैसे विश्वास कर सकते हैं? हमारी ताक़त वैसी है जहाँ हम अब चीन को भी ठोकने की स्थिति में हैं। हमारा एयर डिफेंस ऐसा है जो इजरायल के ‘आयरन डोम’ को टक्कर देता है।

    – सिद्धार्थ गौड़ (संपादक, न्यूज सेवा)

  • मोदी पहुंचे सेना के बीच, ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी

    मोदी पहुंचे सेना के बीच, ऑपरेशन सिंदूर के लिए बधाई दी

    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वायु सेना स्टेशन आदमपुर जाकर हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मुलाकात की। इस अवसर पर श्री मोदी ने कहा, “साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक वीर जवानों से मिलना विशिष्ट अनुभव रहा।”

    प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया;”आज सुबह, मैं एएफएस आदमपुर गया और हमारे बहादुर वायु योद्धाओं और सैनिकों से मिला। साहस, दृढ़ संकल्प और निडरता के प्रतीक उन लोगों के साथ समय बिताना बहुत ही विशेष अनुभव था। भारत हमारे सशस्त्र बलों के प्रति हमेशा आभारी रहेगा, जो हमारे देश के लिए सब कुछ करते हैं।”

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    नई दिल्ली, 12 मई 2025 – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को संबोधित किया और ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ की सफलता तथा आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि आज हर आतंकी यह जान चुका है कि भारत की बेटियों और बहनों के सिन्दूर से खेलने का अंजाम कितना भयानक हो सकता है। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को न्याय की दिशा में देश का अडिग संकल्प बताया।

    प्रधानमंत्री ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ निर्दोषों पर नहीं, बल्कि भारत की अखंडता और सामाजिक एकता पर भी हमला था। उन्होंने बताया कि कैसे छुट्टियां मना रहे नागरिकों को उनके धर्म पूछकर उनके परिवार के सामने मौत के घाट उतारा गया। इस अमानवीय कृत्य ने देश को झकझोर कर रख दिया और सभी वर्गों ने एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई की मांग की।

    प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 6 और 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें बहावलपुर और मुरिदके जैसे वैश्विक आतंक के अड्डों को नष्ट किया गया। इन हमलों में 100 से अधिक खूंखार आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें कई दशकों से भारत के खिलाफ साजिश रचने वाले शामिल थे।

    उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने जवाबी हमले में भारत के स्कूलों, मंदिरों, गुरुद्वारों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत की अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकतर मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया। इसके बाद पाकिस्तान ने वैश्विक समुदाय से हस्तक्षेप की अपील की और भारत से डी-एस्केलेशन की मांग की।

    प्रधानमंत्री ने बताया कि 10 मई को पाकिस्तान की सेना ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क कर सैन्य कार्रवाई रोकने की गुहार लगाई और आतंकवाद तथा सैन्य हमलों को बंद करने का वादा किया। भारत ने फिलहाल अपनी जवाबी कार्रवाई को स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन यह अंतिम नहीं है। भारत पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर रखेगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ अब आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थायी नीति का प्रतीक है। उन्होंने भारत की सुरक्षा नीति के तीन स्तंभों की घोषणा की:

    1. निर्णायक प्रतिकार – भारत पर किसी भी आतंकी हमले का जवाब भारत अपनी शर्तों पर देगा, आतंक के मूल स्रोतों पर हमला करेगा।
    2. परमाणु धमकियों की कोई मान्यता नहीं – परमाणु हमले की आड़ में छिपे आतंकी ठिकानों पर भी सटीक जवाब दिया जाएगा।
    3. आतंकी और उनके संरक्षकों में कोई भेद नहीं – अब भारत आतंकी संगठनों और उन्हें संरक्षण देने वाली सरकारों को एक ही नजर से देखेगा।

    प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना के अधिकारी खुलेआम मारे गए आतंकियों के जनाज़ों में शरीक होते हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवाद में लिप्त है। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को बचना है तो उसे अपने आतंकवादी ढांचे को पूरी तरह से खत्म करना होगा।

    प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों की सजगता और वीरता की सराहना की। उन्होंने बताया कि भारत अब रेगिस्तानी, पहाड़ी और आधुनिक डिजिटल युद्ध क्षमताओं में अग्रणी बन चुका है और ‘मेक इन इंडिया’ रक्षा उपकरणों ने हाल की कार्रवाई में अपनी प्रभावशीलता साबित की है।

    बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध के उपदेशों का स्मरण करते हुए कहा कि शांति की राह शक्ति से होकर जाती है। उन्होंने कहा कि भारत की एकता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है और आतंकवाद के खिलाफ यह लड़ाई भी इसी भावना से लड़ी जाएगी।

    अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री ने फिर से भारतीय सैनिकों की बहादुरी को नमन किया और देशवासियों की एकता को सलाम करते हुए कहा कि यह भारत की नई रणनीतिक दिशा है – न आतंक बर्दाश्त होगा, न आतंकवादियों को बख्शा जाएगा।

  • ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

    ऑपरेशन सिंदूर और भारत पाक युद्ध: लाइव अपडेट्स

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    ये भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर देश को संबोधित किया, आतंक के खिलाफ नई नीति का ऐलान

    Live:

    मोदी पहुंचे सेना से मिलने:

  • कितने भी सबूत दे लो, कांग्रेस के लिए काफी नहीं

    कितने भी सबूत दे लो, कांग्रेस के लिए काफी नहीं

    भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम के बाद सीमा पर स्थिति थोड़ी स्थिर हुई है, लेकिन कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने पहलगाम घटना पर अपने बेवजह और असंवेदनशील बयान से नया विवाद खड़ा कर दिया है। जब देश सुरक्षा की चुनौतियों का सामना कर रहा है, तो राजस्थान के सीमावर्ती बाड़मेर क्षेत्र के सांसद ने इस गंभीर मुद्दे को हल्के में लिया।

    भास्कर की खबर के अनुसार बेनीवाल ने अपनी ताजा टिप्पणी में पर्यटकों की हत्या के घटनाक्रम पे सवाल उठाए है, जिसमें उनका उनके धर्म पूछने के बाद हत्या कर दी गई थी। उनका तर्क है कि ऐसा कोई सवाल पूछा गया इसका कोई ठोस सबूत नहीं है। क्या सच में, बेनीवाल जी, कितने सबूत चाहिए?

    इस घटना में अनेक लोगों को उसकी पत्नी के सामने धर्म पूछकर मारा गया, और कुछ मामलों में तो लोगों को नंगा करके धर्म की जांच भी की गई। क्या इन घटनाओं को नकारना उचित है, जब इतने सारे लोग इसी तरह मारे गए? क्या यह पर्याप्त सबूत नहीं है, बेनीवाल जी? क्या विधवाएं गलत बोल रही है? बेनीवाल यह तक कह रहे हैं कि मोदी को इस घटना के बारे में बताना वाला बयान भी गलत है! 

    क्या यह वाकई उचित है? क्या उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि जब सेना ऑपरेशन करती है, तो क्या उन्हें यह पता होता है कि कैमरा लेकर सबूत भी जुटाने होंगे? कांग्रेस का एकमात्र काम है, हर मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेना और जनता में भ्रम पैदा करना। ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने दुश्मन को माकूल जवाब दिया, बलिदान भी दिया, लेकिन फिर भी कुछ विपक्षी नेताओं के लिए सबूत जुटाना जरूरी था जो उन्होंने जुटाया।

    बेनीवाल के बयान सिर्फ इस घटना के प्रति असंवेदनशीलता ही नहीं, बल्कि देश में सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ कार्रवाई को भी कमजोर करते हैं। कांग्रेस के नेताओं के लिए हर मुद्दे पर सवाल उठाना एक बेहद खतरनाक प्रवृत्ति है। क्या कांग्रेस इन घटनाओं को नकारकर यह संदेश दे रही है कि धर्म के आधार पर हत्या कोई बड़ी बात नहीं है? राहुल गांधी कहते है हम सरकार के साथ खड़े है, ये साथ खड़े है आप?

    पाकिस्तान को कुछ कहने की जरूरत नहीं है, हमारे खुद कुछ नेता ही बातों को तोड़ मरोड़ के पेश करने के लिए काफी है। यह देश के अंदर ही असहमति और भ्रम फैलाने का काम करता है। हमें इस तरह के बयानों का विरोध करना चाहिए और उन लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए जो इन हिंसक घटनाओं का शिकार हुए हैं।

    यह असंवेदनशीलता है। इस घटना को केवल एक सुरक्षा चूक कहकर, यह कहना कि यह सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते खतरे को नहीं दिखाता, उन पीड़ितों के साथ अन्याय है। हमें अब और बहस नहीं चाहिए, हमें कार्रवाई, जिम्मेदारी और न्याय चाहिए थी उन लोगों के लिए जिनकी जान इतनी बेरहमी से ली गई। और ऑपरेशन सिंदूर में वो हासिल हुई।

    बेनीवाल के बयान भारतीय राजनीति में अब भी मौजूद अस्वीकृति की जहरीली संस्कृति को दर्शाते हैं। यह समय है कि कांग्रेस अपनी सोच, नेतृत्व और अपनी जिम्मेदारी की पुनः मूल्यांकन करे। एक दुनिया में जहां हर सबूत, हर जीवित गवाह की कहानी और हर पीड़ित की प्रार्थना मायने रखती है, यह दुखद है कि एक जन प्रतिनिधि जमीन पर हो रही वास्तविकता से इतना दूर है।

  • भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाक में युद्धविराम। पाक के चीनी हथियार फैल। अगला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध माना जाएगा।

    भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सीधी पहल पर युद्धविराम की घोषणा की गई। ट्रंप ने स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाते देख दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से व्यक्तिगत संपर्क किया और कुछ ही घंटों में संघर्षविराम लागू हो गया, हालांकि पाकिस्तान मानने वाला नहीं था।

    यह कदम ऐसे समय में आया जब भारत ने पाकिस्तान की कई अग्रिम चौकियों पर आक्रामक कार्रवाई की थी, और युद्ध का खतरा वैश्विक स्तर पर चिंता का कारण बन गया था।

    सीजफायर का उल्लंघन: पाकिस्तान ने चार घंटे में तोड़ा भरोसा

    शांति का यह क्षण मात्र चार घंटे ही टिक पाया। रात 9 बजे के करीब, पाकिस्तान ने जम्मू, पुंछ, और राजौरी सेक्टरों में भारी गोलीबारी और ड्रोन हमले शुरू कर दिए। भारतीय गांवों और पोस्टों को निशाना बनाया गया। यह सीधा उल्लंघन उस युद्धविराम का था जो अमेरिकी हस्तक्षेप से लागू हुआ था।

    पाकिस्तान की इस हरकत ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह न शांति चाहता है, न समझौतों का सम्मान करता है। भारत ने पहले संयम दिखाया लेकिन जैसे ही आक्रामकता बढ़ी, जवाबी कार्रवाई शुरू हो गई।

    दूसरी बार सीजफायर: जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान झुका

    भारत ने न सिर्फ सीमावर्ती पोस्टों पर, बल्कि पाकिस्तान के भीतर गहरे सैन्य ठिकानों पर सटीक प्रहार किया। एयर मार्शल भारती ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने चकलाला (नूर खान), रफीकी और रहरयार खान जैसे एयरबेस को निशाना बनाया, ये सभी पाकिस्तान की सामरिक क्षमताओं के केंद्र हैं।

    पाक के विभिन्न सैन्य ठिकाने जिन्हें भारतीय सेना ने निशाना बनाया।

    नूर खान एयरबेस, जो इस्लामाबाद से महज़ 10 किमी दूर है, पाकिस्तान के VIP और सामरिक परमाणु बलों का संचालन केंद्र माना जाता है। यहां लड़ाकू विमानों में हवा में ही ईंधन भरने वाले विमान भी है, जिनका सफाया होना पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों की रेंज कम कर देता। इसके अलावा, भारत ने उनके मिलिट्री कम्युनिकेशन नेटवर्क और एयर डिफेंस सिस्टम को भी ध्वस्त किया।

    अमेरिकी और चीनी सैन्य तकनीक की विफलता: भारत की रणनीतिक बढ़त

    भारत की कार्रवाइयों में एक और बड़ी बात उभरकर सामने आई है, पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए अमेरिकी और चीनी हथियार तंत्र की विफलता। पाकिस्तानी पोस्ट्स पर तैनात अमेरिकी और चीन के डिटेक्शन रडार भारत के लो-फ्लाइंग ड्रोन्स और स्टील्थ मिसाइलों को पकड़ने में असफल रहे।

    यह भी सामने आया है कि पाकिस्तान द्वारा दागी गई एक चीनी-निर्मित एयर-टू-एयर मिसाइल रेगिस्तान में जा गिरी और उसे DRDO की टीम ने कब्जे में लेकर रिसर्च के लिए सुरक्षित कर लिया है। माना जा रहा है कि इस मिसाइल का निष्क्रिय होना न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि चीन के लिए भी बड़ी शर्मिंदगी है।

    भारत ने इन विफल तकनीकों का लाभ उठाते हुए पाकिस्तान की वायुसेना की सप्लाई और कंट्रोल लाइनों को पूरी तरह ठप कर दिया। इससे पहले ही, अमेरिका के ऊर्जा विभाग का एक विशेष विमान, जो माना जाता है कि परमाणु विकिरण की ट्रैकिंग करता है, पाकिस्तान में लैंड करता देखा गया; क्या भारत ने कोई संवेदनशील परमाणु साइट को निशाना बनाया? यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन पाकिस्तानी नेतृत्व की घबराहट और अमेरिकी हस्तक्षेप का अचानक सक्रिय हो जाना, शायद इसका संकेत देता है।

    अमेरिकी ऊर्जा विभाग का प्लेन पाकिस्तान पहुंचा।

    नाली चाहे सोने की हो, बहता तो मल ही है

    भारत में इन घटनाओं के बाद आम जनमानस में पाकिस्तान को लेकर फिर वही पुरानी कहावतें गूंजने लगीं: “कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं होती”, “कितना भी सुंदर समझौता हो, पाकिस्तान उसे तोड़ेगा ही” और “नाली चाहे सोने की बना दो, बहेगा तो मल ही”।

    यह शब्द महज कहावतें नहीं, बल्कि भारत के दशकों के अनुभव का निचोड़ हैं। पाकिस्तान ने एक बार फिर दिखा दिया कि वह किसी भी भरोसे या शांति प्रक्रिया के योग्य नहीं है।

    आखिरी चेतावनी: अगली हरकत, सीधा युद्ध

    भारत सरकार और सेना ने अब यह साफ कर दिया है कि आगे किसी भी प्रकार का आतंकी हमला, चाहे वह प्रॉक्सी वॉर के जरिए हो या ISI-प्रायोजित ग्रुप्स द्वारा, सीधे युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी।

    अब भारत “स्ट्रैटजिक पेशेंस” की नीति से बाहर आ चुका है। हमारा रुख साफ हो चुका है, अगली बार “शुरू पाकिस्तान करेगा, लेकिन खत्म भारत करेगा।”

    यह संघर्ष अब सिर्फ सीमाओं या घाटी तक सीमित नहीं है यह सैन्य रणनीति, तकनीकी श्रेष्ठता, और वैश्विक मान्यता की लड़ाई बन चुकी है। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि बार-बार सीजफायर तोड़ने और आतंकी संगठनों को पनाह देने की कीमत बहुत भारी पड़ेगी।

  • भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर घोषित, ट्रंप ने की मध्यस्थता; भविष्य में आतंकी हमला युद्ध माना जाएगा: भारत

    शनिवार शाम एक बड़े घटनाक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम (सीजफायर) घोषित कर दिया गया है। भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीजफायर शनिवार शाम 5 बजे से लागू हो गया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब दोनों देश जमीन, आकाश और समुद्र; तीनों क्षेत्रों में एक-दूसरे पर कोई सैन्य हमला नहीं करेंगे।

    12 मई को फिर होगी DGMO स्तर की बातचीत

    भारतीय और पाकिस्तानी सेना के डायरेक्टर जनरल्स ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) के बीच अगली औपचारिक बातचीत 12 मई को दोपहर 12 बजे होगी। इस संवाद का उद्देश्य युद्धविराम को स्थायी शांति की दिशा में ले जाना है।

    अमेरिका की मध्यस्थता, ट्रंप का ट्वीट

    इस सीजफायर के पीछे अमेरिका की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। शनिवार शाम 5:30 बजे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके इस समझौते की जानकारी सार्वजनिक की। उन्होंने लिखा कि “दो परमाणु शक्तियों के बीच संघर्ष को रोकना विश्व शांति के लिए अनिवार्य है। अमेरिका इस दिशा में प्रयास करता रहेगा।”

    इसमें कोई शक नहीं कि युद्धविराम करवाने पाकिस्तान भागा भागा अमेरिका के पास गया है।

    परमाणु युद्ध की आशंका और वैश्विक चिंता

    भारत और पाकिस्तान, दोनों ही परमाणु हथियार संपन्न देश हैं। बीते कुछ दिनों में स्थिति इतनी तेजी से बिगड़ी कि वैश्विक समुदाय को भय सताने लगा कि कहीं यह संघर्ष पूर्ण युद्ध में न बदल जाए। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ शक्तिशाली हथियारों और मिसाइल प्रणालियों का प्रदर्शन किया, जिससे तबाही के स्तर को लेकर आशंकाएं गहराने लगीं।

    दुनिया किसी भी कीमत पर दो परमाणु संपन्न देशों के बीच सीधा युद्ध नहीं झेल सकती।

    भारतीय रक्षा प्रणाली की सफलता, पाकिस्तानी प्रयास विफल

    इस संघर्ष के दौरान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली, विशेष रूप से रूस से आयातित S-400 प्रणाली, स्वदेशी ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और ‘ध्रुव’ रडार नेटवर्क, ने अद्वितीय दक्षता से कार्य किया। पाकिस्तान की ओर से की गई मिसाइल और ड्रोन गतिविधियां भारतीय रक्षा तंत्र द्वारा कुशलतापूर्वक निष्क्रिय कर दी गईं। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, न तो भारत की सैन्य संरचना को और न ही नागरिक ढांचे को कोई खास क्षति पहुंची।

    पाकिस्तान की घरेलू चुनौतियाँ और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की याचना

    पाकिस्तान इस समय बलूचिस्तान, सिंध और खैबर पख्तूनख्वा में विद्रोहों से जूझ रहा है। घरेलू मोर्चे पर विफलता, आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता के बीच पाकिस्तानी सेना और राजनीतिक तंत्र को भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। युद्ध के दौरान मिली नाकामी और अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते पाकिस्तान ने अमेरिका की शरण ली ताकि खुद को, अपनी सरकार को और सैन्य प्रतिष्ठान की ‘साख’ को बचाया जा सके।

    भारत की चेतावनी: आतंकी हमला मतलब युद्ध

    हालांकि यह एक युद्धविराम है, भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यह शत्रुता का अंत नहीं है। शनिवार शाम को विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में कहा कि भविष्य में भारत पर होने वाला कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध का कारण माना जाएगा। भारत सरकार और आम जनमानस अब ‘परोक्ष युद्ध’ (Proxy War) को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

    क्या पाकिस्तान अब सुधरेगा?

    सवाल अब यही है; क्या पाकिस्तान इस बार अपनी हरकतों से बाज आएगा? क्या यह युद्धविराम लंबे समय तक टिका रहेगा या यह सिर्फ एक अस्थायी ठहराव है? भारत की तरफ से रुख स्पष्ट है, अब कोई भी उकसावे की कार्रवाई सीधे जवाबी हमले में बदलेगी।

    यह युद्धविराम निश्चित ही एक राहतभरी खबर है, लेकिन इसे स्थायी शांति का संकेत मान लेना जल्दबाज़ी होगी। भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, आत्मरक्षा और प्रतिशोध में अब कोई संकोच नहीं रहेगा। दुनिया देख रही है कि क्या पाकिस्तान इस बार वाकई बदलने को तैयार है या एक और भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है।

  • ऑपरेशन सिंदूर पर RSS का बयान: केंद्र सरकार और सेना को बधाई, देशवासियों से एकता और सतर्कता की अपील

    ऑपरेशन सिंदूर पर RSS का बयान: केंद्र सरकार और सेना को बधाई, देशवासियों से एकता और सतर्कता की अपील

    पहुलगाम में निहत्थे हिन्दू पर्यटकों पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए गए “ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने एक सशक्त बयान जारी किया है। संघ ने इस सर्जिकल कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों को बधाई देते हुए कहा है कि इस कदम से पूरे देश की आत्मगौरव और मनोबल को नई ऊंचाई मिली है।

    संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले द्वारा जारी इस संयुक्त बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों और उनके समर्थन तंत्र के विरुद्ध की गई यह निर्णायक सैन्य कार्रवाई न केवल न्याय सुनिश्चित करती है, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए आवश्यक और अपरिहार्य है।

    धार्मिक स्थलों और नागरिक बस्तियों पर हमलों की निंदा
    संघ ने भारतीय सीमा पर धार्मिक स्थलों और नागरिक क्षेत्रों पर पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे बर्बर हमलों की तीव्र निंदा की है और पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। संघ ने इन्हें अमानवीय और क्रूर हमला बताया जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय मूल्यों के खिलाफ है।

    संघ की देशवासियों से अपील
    इस संकट की घड़ी में, संघ ने सभी देशवासियों से सरकार और प्रशासन द्वारा जारी निर्देशों का पूर्ण पालन करने की अपील की है। साथ ही नागरिकों से आह्वान किया है कि वे सजग रहें और समाज में एकता और सौहार्द बनाए रखें ताकि राष्ट्रविरोधी ताकतों की कोई भी साजिश सफल न हो पाए।

    बयान में यह भी कहा गया है कि हर नागरिक को अपनी देशभक्ति का परिचय देना चाहिए और सेना एवं नागरिक प्रशासन के साथ जहाँ भी, जैसे भी आवश्यकता हो, सहयोग के लिए तत्पर रहना चाहिए। यह समय है जब हमें राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।

    मुख्य बातें:

    • संघ ने “ऑपरेशन सिंदूर” का स्वागत किया
    • पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई को बताया आवश्यक
    • धार्मिक स्थलों पर पाक हमलों की निंदा
    • नागरिकों से सतर्कता, सहयोग और एकता बनाए रखने की अपील
  • पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    पाक ने कल रात और आज श्याम किया बॉर्डर पर मिसाइल और ड्रोन से हमला, हमारी सेना ने सभी मार गिराए। पाक के F16/जेफ17 विमान तबाह।

    भारत-पाक तनाव के बीच राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीती रात पाकिस्तान ने जैसलमेर, पोकरण, पठानकोट और जम्मू सेक्टर में ड्रोन और मिसाइल हमले करने की कोशिश की, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। भारतीय वायुसेना ने जैसलमेर और पोकरण में घुसपैठ की कोशिश कर रहे ड्रोन को हवा में ही मार गिराया।

    पाकिस्तान की ओर से जम्मू, श्रीनगर, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, भटिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज जैसे शहरों पर मिसाइलें दागी गईं। भारतीय S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इन हमलों के बाद सीमावर्ती जिलों में ब्लैकआउट की घोषणा की गई है। राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर जिलों में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक बिजली बंद रखने का आदेश दिया गया है। गुजरात के भुज और कश्मीर के कई हिस्सों में भी पूरी तरह से ब्लैकआउट किया गया।

    भारतीय जवाबी कार्रवाई में 17 भारतीय कमिकाज़ी ड्रोन पाकिस्तान के लाहौर, शेखुपुरा, सियालकोट, गुजरांवाला, नारोवाल और चकवाल जैसे शहरों पर हमले कर चुके हैं। इन हमलों के जरिए भारतीय सेना पाकिस्तान की एयर डिफेंस प्रणाली की प्रतिक्रिया की जांच कर रही है। पाकिस्तान के छह शहरों में ये हमले सफल माने जा रहे हैं।

    सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान का एक अमेरिकी एफ-16 लड़ाकू विमान भारतीय सेना द्वारा जम्मू सेक्टर में मार गिराया गया है। वहीं, चीन निर्मित जेएफ-17 विमान के गिराए जाने की भी अपुष्ट रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं।

    सरकार ने जनता से अपील की है कि वे सैन्य गतिविधियों की कोई भी फोटो या वीडियो न लें और न ही सोशल मीडिया पर साझा करें। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों को न्यूनतम ईंधन स्टॉक बनाए रखने का आदेश दिया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहा जा सके। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह कोई अफरा-तफरी का समय नहीं है, बल्कि सतर्कता और संयम से काम लेने का है।

    धर्मशाला में चल रहे आईपीएल मैच को रद्द कर दिया गया है। मैच के दौरान ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगे और दर्शकों को सुरक्षित स्टेडियम से बाहर निकाल दिया गया।

    इस समय देश की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह चौकस है और भारत हर मोर्चे पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की स्थिति में है। नागरिकों से अनुरोध है कि वे अफवाहों से दूर रहें, आधिकारिक सूत्रों से ही खबरों की पुष्टि करें और एक जिम्मेदार नागरिक की तरह व्यवहार करें।

    – F16 photo is representative.

  • भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत – पाक के बीच युद्ध जैसी स्थिति। हर भारतीय को सजग रहना होगा।

    भारत-पाकिस्तान के बीच इस समय युद्ध जैसी स्थिति बन गई है। भारत ने पहलगाम हमले का मुँहतोड़ जवाब दिया है, लेकिन उसके बाद पाकिस्तान ने हमारे सैन्य बेस पर हमला करने की नाकाम कोशिश की।

    ऐसे समय में हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी बनती है कि हम इन तीन बातों का सख्ती से पालन करें और देशहित में अपने कर्तव्य को निभाएं:

    1. सेना के किसी भी मूवमेंट, बेस, कार्रवाई या उपकरण का वीडियो या फोटो ना खींचें, ना सोशल मीडिया पर डालें और ना ही किसी के साथ शेयर करें। इससे सुरक्षा में सेंध लग सकती है और दुश्मन को फायदा मिल सकता है।
    2. सोशल मीडिया पर चल रही किसी भी जानकारी को बिना पुष्टि के आगे न बढ़ाएं। केवल सरकारी स्रोतों या प्रतिष्ठित समाचार एजेंसियों की वेबसाइट और खबरों से ही पुष्टि करें। जैसे कि अभी कई पुरानी जेट गिरने की तस्वीरें “अभी की” बताकर फैलाई जा रही हैं। इसके अलावा आपको कई फर्जी प्रोफाइल भी मिलेंगी जो भारतीय लगेंगी, हिंदी नाम, सेना से जुड़े बायो, सामान्य सी फोटो, लेकिन वे पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा फैलाने का काम कर रही होंगी। ऐसे झूठ और भ्रम से दूर रहें।
    3. सीमा पर सैनिक अपना फर्ज निभा रहे हैं, हमें अपने घर, कॉलोनी, शहर या गाँव में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। सरकार के हर निर्देश को गंभीरता से लें और हर बात को बारीकी से समझें। कल ब्लैकआउट में लोगों का जबरदस्त सहयोग दिखा, पर फिर भी कहीं-कहीं लाइटें जलती रहीं। हमें एक-दूसरे को समझाना होगा, जागरूक करना होगा। बच्चों को भी तैयार करना होगा। घर में खाना, पानी, दवाइयाँ, टॉर्च, मोमबत्तियाँ आदि की व्यवस्था रखें, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम सारा सामान जमा कर लें और ज़रूरतमंदों को कुछ ना मिले।

    यह वास्तव में नाज़ुक और गंभीर समय है। जीत हमेशा सच और सही की होती है, और पूरी दुनिया जानती है, हर भारतीय जानता है, यहाँ तक कि पाकिस्तान भी जानता है: सच और सही भारत है।

    जय हिन्द।

  • ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में 100km अंदर तक हमला किया

    भारत ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान-शासित कश्मीर (पीओजेके) और पाकिस्तानी पंजाब प्रोविंस में नौ ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। यह सैन्य कार्रवाई “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से की गई, जो 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में हुई, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे, और एक नेपाली नागरिक भी शामिल था।

    भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इन हमलों को सटीक हमले बताया है, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। हमलों में बियोंड-विज़ुअल-रेंज हथियारों और घूमने वाले गोला-बारूद (लुटेरिंग म्यूनिशन) का प्रयोग किया गया और पहली बार राफेल लड़ाकू विमान से हमला किया गया, जो भारतीय वायुक्षेत्र से 1:44 AM IST पर छोड़े गए।

    पाकिस्तान ने इन हमलों को युद्ध का कृत्य बताया है। पाकिस्तानी रिपोर्टों के अनुसार, मुज़फ़्फराबाद, कोटली और बहावलपुर सहित कई स्थानों पर आठ लोगों की मौत हुई और 35 घायल हुए हैं, जिनमें कुछ नागरिक भी शामिल हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज़ शरीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मजबूत जवाब देने की चेतावनी दी है। बयान है कि भारत के आतंकी ठिकानों पर हमलों में नागरिक इलाकों और एक मस्जिद को निशाना बनाया गया।

    पाकिस्तानी सेना ने दो भारतीय लड़ाकू विमानों और एक ड्रोन को मार गिराने का दावा किया है, जिसे भारतीय वायुसेना ने खंडन करते हुए कहा है कि सभी विमान और पायलट सुरक्षित हैं। सारी फोटो पुरानी क्रैश की निकली है।

    22 अप्रैल के हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। 24 अप्रैल से नियंत्रण रेखा (LoC) पर दोनों देशों की सेनाओं में गोलीबारी की घटनाएं बढ़ी हैं।

    इस सैन्य कार्रवाई के बाद उत्तर भारत के कई हवाई अड्डों, श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह और धर्मशाला, को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

    भारत ने पानी छोड़ा, पाकिस्तान में 15 बहे

    चिनाब नदी में पानी क बहाव रोकने के बाद अचानक बड़ी मात्रा में पानी छोड़ दिया गया है। इससे पाक के हेड मराला पर जलस्तर तेजी से बढ गया। कुछ घंटे पहले तक नदी लगभग सुखी थी और लोग इसे पैदल पार कर रहे थे। रिपोटर्स के मताबिक, पानी की तेज लहर में कम से कम 15 लाग बह गए। पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बाढ का भी खतरा बढ़ गया है।

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है, वहीं संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने अधिकतम सैन्य संयम की मांग की है। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो को हमलों की जानकारी दी।

    विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि परमाणु हथियारों से लैस इन दो पड़ोसी देशों के बीच यह स्थिति खतरनाक रूप ले सकती है। 2003 के संघर्षविराम समझौते के बाद यह एक बड़ी सैन्य कार्रवाई मानी जा रही है। भारत के कदम की कई हलकों में कैलिब्रेटेड रिस्पॉन्स के रूप में सराहना हो रही है।

    टिप्पणी: यह लेख विभिन्न प्रतिष्ठित समाचार स्रोतों की जानकारी का संक्षिप्त और संतुलित संयोजन है। चूंकि हालात अभी भी बदल रहे हैं, इसलिए ताजातरीन और विश्वसनीय जानकारी के लिए सरकारी और अंतरराष्ट्रीय आधिकारिक बयानों की पुष्टि करते रहें।

  • 7 मई 2025 की देशव्यापी मॉक ड्रिल: भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों की परीक्षा

    7 मई 2025 की देशव्यापी मॉक ड्रिल: भारत-पाक तनाव के बीच सुरक्षा तैयारियों की परीक्षा

    जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए क्रूर आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर हिंदू पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 7 मई 2025 को पूरे देश में एक व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है।

    यह अभ्यास 259 जिलों में एक साथ होगा, जिसमें हवाई हमले की चेतावनी, ब्लैकआउट अभ्यास, और आपातकालीन प्रतिक्रिया की ट्रेनिंग शामिल होगी। इस तरह का अभ्यास 1971 युद्ध के बाद पहली बार हो रहा है, और इसका उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी स्थिति के लिए मानसिक और व्यावहारिक रूप से तैयार करना है।

    मॉक ड्रिल का ढांचा

    गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मॉक ड्रिल तीन श्रेणियों में आयोजित होगी:

    • श्रेणी ‘ए’: उच्च जोखिम वाले क्षेत्र (जैसे दिल्ली, मुंबई, जम्मू-कश्मीर)
    • श्रेणी ‘बी’: मध्यम जोखिम वाले क्षेत्र
    • श्रेणी ‘सी’: प्रतीकात्मक अभ्यास वाले क्षेत्र

    प्रमुख शहरों में सायरन बजाकर हवाई हमले की चेतावनी दी जाएगी। रात के समय ब्लैकआउट अभ्यास होगा ताकि नागरिकों को बिजली कटौती की स्थिति में व्यवहार करने का अनुभव मिल सके। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा, सुरक्षित स्थान पर जाने, और बचाव के उपायों की ट्रेनिंग दी जाएगी।

    राज्यों की तैयारियां

    • उत्तर प्रदेश: 19 जिलों में ड्रिल होगी। लखनऊ, वाराणसी, प्रयागराज में विशेष जागरूकता सत्र होंगे।
    • दिल्ली: मेट्रो स्टेशनों, मॉल्स और सार्वजनिक स्थलों पर ड्रिल होगी। पुलिस और सिविल डिफेंस तैनात।
    • महाराष्ट्र: मुंबई, पुणे और नासिक में मॉक ड्रिल की व्यापक योजना। विश्वविद्यालयों में परीक्षा कार्यक्रम यथावत।
    • कर्नाटक और तेलंगाना: बेंगलुरु और हैदराबाद में प्रमुख अभ्यास।
    • पूर्वोत्तर: मणिपुर, असम में सीमित दायरे में अभ्यास।

    सैन्य और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    भारतीय वायुसेना 7-8 मई को सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़े स्तर पर अभ्यास करेगी। पाकिस्तान ने भी अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है, जिससे तनाव की स्थिति और संवेदनशील हो गई है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, रूस और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।

    नागरिकों से अपील

    सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास केवल सुरक्षा तैयारियों की जांच और प्रशिक्षण के उद्देश्य से है, घबराने की जरूरत नहीं है। लोगों से अफवाहों से दूर रहने और केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करने को कहा गया है।

    7 मई की मॉक ड्रिल भारत के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा होगी, न केवल सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी। यह अभ्यास बताता है कि देश किसी भी स्थिति से निपटने को तैयार है, और नागरिक जागरूकता इसका अहम हिस्सा है।

  • जयपुर की जनभावना: पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ किया जाए

    जयपुर की जनभावना: पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ किया जाए

    2024 के आम चुनाव को देखते हुए श्री राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के नाम से एक राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की। लोकतंत्र में यह उनका अधिकार है और इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने विचार रखने और जनसम्पर्क करने की पूरी स्वतंत्रता है।

    हालाँकि, यह यात्रा एक राष्ट्र-निर्माण या सर्वदलीय सामाजिक आंदोलन नहीं थी, बल्कि कांग्रेस पार्टी की एक राजनीतिक पहल थी। इसमें सभी समुदायों, विचारधाराओं और राजनीतिक दलों को समान रूप से शामिल नहीं किया गया था।

    ऐसे में जयपुर में एक प्रमुख पुलिया का नाम ‘भारत जोड़ो यात्रा’ पर रखना न केवल एकतरफा निर्णय प्रतीत होता है, बल्कि यह जनता की निष्पक्ष भावनाओं के विरुद्ध भी है।

    जयपुरवासियों की यह माँग है कि उस पुलिया का नाम बदला जाए और उसे भारत के महानतम नेताओं में से एक, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी, के नाम पर रखा जाए। अटल जी राजनीति से ऊपर उठकर जनहित और राष्ट्रहित की बात करते थे। वे सभी धर्मों, जातियों और विचारधाराओं के बीच लोकप्रिय रहे हैं और एक सच्चे ‘राजपथ पुरुष’ के रूप में जाने जाते हैं।

    इसलिए उस पुल का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेतु’ रखना एक सर्वमान्य और सम्मानजनक निर्णय होगा, जो राजनीति से परे, देशभक्ति और जनभावना को दर्शाता है।

  • केरल में मंच पर मोदी-थरूर की नज़दीकी: विपक्ष में नई हलचल का संकेत?

    केरल में मंच पर मोदी-थरूर की नज़दीकी: विपक्ष में नई हलचल का संकेत?

    मोदी और थरूर की गर्मजोशी ने बयाँ किया कुछ और: विजिंजम पोर्ट उद्घाटन में राजनीति की नई लहर? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब केरल के तटवर्ती शहर तिरुवनंतपुरम में विजिंजम अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का उद्घाटन करने पहुँचे, तो मंच पर जो दृश्य सामने आया, वह केवल विकास की कहानी नहीं कह रहा था, वह राजनीति के एक नए अध्याय की ओर भी इशारा कर रहा था।

    कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जो इस क्षेत्र के प्रतिनिधि हैं, खुद प्रधानमंत्री का स्वागत करने एयरपोर्ट पहुँचे। दिल्ली एयरपोर्ट की अव्यवस्था के कारण मोदी की उड़ान में देरी हुई, जिसे थरूर ने सोशल मीडिया पर “डिसफंक्शनल” बताया, लेकिन उनके स्वागत में कोई कटुता नहीं थी। इसके उलट, थरूर ने गर्व से कहा कि वे इस परियोजना का समर्थन “शुरुआत से ही करते आए हैं।”

    समारोह के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्षी गठबंधन INDI पर व्यंग्य किया, खासकर मंच पर मौजूद थरूर और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की उपस्थिति की ओर इशारा करते हुए कहा, “कुछ लोगों की नींद उड़ने वाली है।” ये शब्द केवल विपक्ष पर वार नहीं थे; ये एक संकेत भी थे, और शायद एक संदेश भी।

    लेकिन जो सबसे अधिक चर्चा में रहा, वह था मोदी और थरूर के बीच का संवाद। बाकी नेताओं से संक्षिप्त अभिवादन के विपरीत, प्रधानमंत्री ने थरूर से गर्मजोशी से हाथ मिलाया। सोशल मीडिया पर इस क्षण ने हलचल मचा दी, क्या यह सिर्फ औपचारिकता थी या मोदी की रणनीतिक सियासत का हिस्सा?

    थरूर अक्सर कांग्रेस की मुख्यधारा से अलग राय रखते रहे हैं, चाहे वह मोदी की वैक्सीन डिप्लोमेसी की तारीफ़ हो या रूस-यूक्रेन मुद्दे पर सरकार के रुख को सराहना। ऐसे में, मोदी का थरूर की ओर विशेष ध्यान देना सिर्फ शिष्टाचार नहीं लगता।

    राजनीतिक विश्लेषक इसे मोदी की विपक्ष को भीतर से तोड़ने की शैली का हिस्सा मानते हैं, उन चेहरों को मंच पर स्थान देना जो अपने दलों में अलग थिंकिंग के लिए जाने जाते हैं।

    जहाँ मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अपने भाषण में बंदरगाह के आर्थिक महत्व पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं असली सुर्खियाँ मोदी और थरूर के बीच के क्षणों ने बटोरीं।

    विजिंजम बंदरगाह आने वाले समय में भारत के समुद्री व्यापार को नई दिशा देगा, लेकिन 2 मई की शाम, यह बंदरगाह एक और संदेश लेकर आया, राजनीति में दरारें जहाँ हों, वहाँ संवाद की संभावनाएँ भी होती हैं।

  • जल प्रहार: पाकिस्तान की नींव हिला देने वाला सर्जिकल स्ट्राइक चालू!

    जल प्रहार: पाकिस्तान की नींव हिला देने वाला सर्जिकल स्ट्राइक चालू!

    चेनाब नदी सूखी! हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने। सैटेलाइट इमेजेस में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान के सियालकोट के पास बहने वाली चेनाब नदी लगभग सूख चुकी है। वजह? भारत द्वारा सिंधु जल संधि की सस्पेंशन! लेकिन असर सिर्फ पीने के पानी तक सीमित नहीं है, यह हमला पाकिस्तान की आर्थिक और कृषि रीढ़ पर है।

    पाकिस्तान की कृषि पर जल सर्जिकल स्ट्राइक का असर:

    पंजाब और सिंध प्रांत, जो पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था का केंद्र हैं, उनकी खेती का लगभग पूरा दारोमदार सिंधु नदी प्रणाली पर है। अब जब भारत ने पानी का प्रवाह रोका है, तो असर कुछ ऐसा है:

    • कॉटन (रुई):
      पाकिस्तान के कुल उत्पादन का 99% इसी क्षेत्र से आता है।
      नतीजा: टेक्सटाइल इंडस्ट्री का पतन तय।
    • चावल (बासमती):
      90% उत्पादन पंजाब और सिंध से।
      नतीजा: किसान कर्ज में डूबेंगे, निर्यात चौपट।
    • गेहूं:
      92% उत्पादन इन्हीं क्षेत्रों से।
      नतीजा: खाद्य सुरक्षा खतरे में।

    ये है असली सर्जिकल स्ट्राइक: बिना गोली, बगैर शोर के!

    जब पानी की एक-एक बूंद पर नियंत्रण होता है, तो दुश्मन की सांसें खुद ही रुकने लगती हैं। यही तो है भारत की नई नीति: “न पानी देंगे, न मैदान!”

    जब देश अपनी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठा रहा है, तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेताओं का चेहरा लटक गया है। कभी उल्टे बयानों से पाकिस्तान को ऑक्सीजन, कभी खुद अपने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष, आखिर इनकी पीड़ा किसके लिए है?

    आज पूरा भारत एकजुट है

    ओवैसी, उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी भारत के पक्ष में खड़े हैं, लेकिन कांग्रेस की चुप्पी सबसे ज़्यादा बोल रही है।

    “भारत अब बदल चुका है, अब कोई न पानी छीन सकता है, न आत्मसम्मान!”

    जल ही जीवन है। अब भारत तय करेगा, किसे जीवन देना है, और किसे सजा।

  • क्या कांग्रेस के सर कटे पोस्टर ने इस गंभीर समय में भी उनकी राजनीतिक सोच की पोल खोल दी?

    क्या कांग्रेस के सर कटे पोस्टर ने इस गंभीर समय में भी उनकी राजनीतिक सोच की पोल खोल दी?

    देश की सुरक्षा को लेकर माहौल संवेदनशील है। सीमाओं पर तनाव है, और ऐसे वक्त में सभी राजनीतिक विचारधाराएं—चाहे असदुद्दीन ओवैसी हों या उमर अब्दुल्ला—एक सुर में राष्ट्रीय एकता की बात कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस द्वारा जारी किया गया एक पोस्टर चर्चा में आ गया।

    इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए “modi missing hai” लिखा गया, लेकिन उसी तस्वीर में जो इंसान दिखाया गया है उसका सिर नहीं है और इसीलिए डिज़ाइन के कुछ हिस्से, सोशल मीडिया पर एक खास सन्दर्भ में देखे गए, जिसे कई लोगों ने ‘सर तन से जुदा’ जैसी कट्टरपंथी सोच से जोड़ के देखा।

    और मोदी गुम है कहाँ? हर रोज मीटिंग हो रही है, प्रधानमंत्री मोदी जनता के साथ सीधे संवाद कर रहे हैं। सेना को सीधे कार्रवाई करने के आदेश दिए जा चुके हैं। अब क्या कांग्रेस ये चाहती है कि सारे प्लान खुले में पेपर भी बताए जाएं।

    अभी दो दिन पहले ही आतंकवादियों ने ऐसा ही सिर कटा पोस्टर जारी किया था जिसको यहां पूरा दिखाया भी नहीं जा सकता। क्या इतना सा भी ज्ञान नहीं है कॉंग्रेस की सोशल मीडिया टीम में?

    हालांकि कांग्रेस का कहना है कि उनका मकसद प्रधानमंत्री पर तंज कसना था, न कि किसी भी तरह की हिंसा को बढ़ावा देना। विवाद बढ़ने पर कांग्रेस ने बिना कोई सार्वजनिक सफाई दिए पोस्टर डिलीट कर दिया। यही चुप्पी अब सवालों के घेरे में है।

    अगर पार्टी का इरादा गलत नहीं था, तो उसे हटाया क्यों गया? और अगर शब्द या डिज़ाइन के चुनाव में गलती हुई, तो उसकी ज़िम्मेदारी क्यों नहीं ली गई?

    राजनीतिक आलोचना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन विचार और विमर्श की मर्यादा बनाए रखना भी ज़रूरी है, खासतौर पर तब, जब देश आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दों से जूझ रहा हो। ऐसे समय में संदिग्ध प्रतीकों और शब्दों का चयन, चाहे अनजाने में ही क्यों न हो, राजनीतिक सूझबूझ पर सवाल खड़े करता है।

    संवेदनशील समय में, शब्द केवल शब्द नहीं होते, वे संदेश बन जाते हैं। और यही बात हर दल को समझनी होगी।