Category: व्याख्या Explained

  • बिना एक गोली चले, सिर्फ सिंधु नदी का पानी रोकना ही पाकिस्तान का विनाश कर देगा।

    बिना एक गोली चले, सिर्फ सिंधु नदी का पानी रोकना ही पाकिस्तान का विनाश कर देगा।

    सिंधु जल संधि का अंत पाकिस्तान के लिए एक धीमा लेकिन निश्चित विनाश लेकर आएगा। 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक की मध्यस्थता में यह संधि हुई थी, जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान को 80% से अधिक पानी दे दिया था। भारत ने केवल तीन पूर्वी नदियाँ — रावी, व्यास और सतलुज — अपने उपयोग के लिए रखीं, जबकि सिंधु, चिनाब और झेलम का अधिकांश पानी पाकिस्तान के लिए छोड़ा गया। आज तक भारत ने इस संधि का पूरी ईमानदारी से पालन किया, जबकि पाकिस्तान ने हर मोर्चे पर भारत को घाव देने की कोशिश की। लेकिन अब समय बदल चुका है।

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का आधे से ज़्यादा हिस्सा कृषि पर निर्भर है। कपास, गेहूं, गन्ना और चावल — ये सारी फसलें पानी पर टिकी हैं। अगर भारत सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी पर अपने अधिकार का पूरी तरह से उपयोग करना शुरू कर दे, तो पाकिस्तान की खेती बर्बाद हो जाएगी। भारत चाहे तो बरसात के समय गेट खोलकर विनाशकारी बाढ़ पाकिस्तान में छोड़ सकता है, और सूखे के समय बांधों के गेट बंद कर पाकिस्तान को पानी की एक-एक बूँद के लिए तरसा सकता है। पाकिस्तान पहले ही हर साल भयानक बाढ़ों का सामना कर रहा है। 2022 की बाढ़ में पाकिस्तान की 30% फसलें तबाह हो गई थीं और 3 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए थे। पाकिस्तान की GDP का लगभग 2% सिर्फ उस एक बाढ़ में मिट्टी में मिल गया था। अगर भारत इस दबाव को रणनीतिक तरीके से बढ़ाए, तो पाकिस्तान के लिए हर साल का मानसून एक विनाशलीला बन जाएगा।

    भारत ने अपनी तरफ सिंधु बेसिन में बड़ी परियोजनाएँ बनानी शुरू कर दी हैं। किशनगंगा प्रोजेक्ट, रटल प्रोजेक्ट, पाकल डुल डैम — ये सब अब गति पकड़ रहे हैं। इनसे भारत को बिजली भी मिलेगी और पानी पर रणनीतिक नियंत्रण भी। पाकिस्तान ने पहले भी इन परियोजनाओं पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध किया, लेकिन हर बार हार का मुंह देखा। अब जब भारत संधि को लेकर कानूनी पुनर्विचार कर रहा है, तो पाकिस्तान की घबराहट चरम पर है।

    पाकिस्तान की आंतरिक हालत वैसे ही नाजुक है। महंगाई आसमान छू रही है, IMF ने नए ऋण देने से हाथ खींच लिया है, डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया लगातार गिर रहा है, और राजनीतिक अस्थिरता ने देश को हिलाकर रख दिया है। इन परिस्थितियों में अगर भारत ने पानी का प्रहार शुरू किया, तो न खेतों में हरियाली बचेगी, न कारखानों में काम, न ही शहरों में पीने का पानी।

    युद्ध में दुश्मन को हराने के लिए हमेशा गोलियों और बमों की ज़रूरत नहीं होती। कभी-कभी दुश्मन के जीवन का आधार काट देना सबसे कारगर हथियार बन जाता है। पाकिस्तान की नसों में बहता पानी ही उसकी अर्थव्यवस्था का खून है। अगर वह खून सूखने लगे, तो बिना एक भी गोली चलाए दुश्मन घुटनों पर आ सकता है।

    भारत अब बदल चुका है। अब न सीमाओं पर चुप्पी है, न समझौतों की राजनीति। अब चोट का जवाब चोट से दिया जाएगा, और वार वही होगा जो दुश्मन की आत्मा को झकझोर दे। सिंधु जल संधि के अंत की आहट से ही पाकिस्तान में बौखलाहट मच चुकी है। आने वाले समय में भारत रणनीतिक तरीके से अपने जल संसाधनों का पूर्ण उपयोग कर पाकिस्तान को उसी की साजिशों की कीमत चुकाने पर मजबूर करेगा।

    यह लड़ाई बंदूक से ही नहीं, बूंद-बूंद से जीती जाएगी। और जब खेतों में दरारें पड़ेंगी, जब नदियाँ रेत बन जाएँगी, जब शहरों में पानी के लिए हाहाकार मचेगा — तब पाकिस्तान को असली हार का एहसास होगा। दुश्मन को हराने का सबसे सुंदर तरीका है उसे उसके ही बोझ तले कुचल देना। और सिंधु का पानी अब भारत के लिए वही अस्त्र बन चुका है।

  • राजस्थान में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी एक जगह

    राजस्थान में विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी एक जगह

    राजस्थान सरकार छात्रों को उच्च शिक्षा और उनके शैक्षणिक विकास के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं संचालित करती है। इन योजनाओं का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर, मेधावी, और विशेष रूप से बालिकाओं को शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करना है। नीचे कुछ प्रमुख छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी दी गई है:

    1. मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना (Mukhyamantri Uchch Shiksha Chhatravritti Yojana)

    यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। जिन छात्रों ने 12वीं कक्षा में 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं और स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में नियमित रूप से अध्ययन कर रहे हैं, वे इस योजना के पात्र हैं। इस योजना के तहत, छात्रों को प्रति वर्ष ₹5,000 की छात्रवृत्ति दी जाती है, जबकि दिव्यांग छात्रों को प्रति वर्ष ₹10,000 की सहायता मिलती है। आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी के लिए यहां देखें।

    2. गार्गी पुरस्कार योजना

    इस योजना का उद्देश्य मेधावी बालिकाओं को प्रोत्साहित करना है। 10वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने पर ₹3,000 और 12वीं कक्षा में विज्ञान, वाणिज्य या कृषि संकाय में अध्ययन करने पर ₹5,000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

    3. इंदिरा प्रियदर्शिनी पुरस्कार योजना (Indira Scholarship Scheme)

    यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों की मेधावी बालिकाओं को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई है। 10वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली ग्रामीण बालिकाओं को इस योजना के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

    4. आपकी बेटी योजना

    इस योजना के तहत, सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 12 तक की बालिकाओं को वार्षिक वित्तीय सहायता दी जाती है। इसका उद्देश्य बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना और उन्हें स्कूल में बनाए रखना है।

    5. बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना

    यह योजना अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बालिकाओं को कक्षा 1 से 12 तक की शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

    6. साइकिल वितरण योजना

    राजस्थान सरकार दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली बालिकाओं को विद्यालय तक पहुंचने में सहायता करने के लिए साइकिलें वितरित करती है, ताकि उनकी शिक्षा में बाधा न आए।

    7. कस्तूरबा गांधी छात्रवृत्ति योजना

    यह योजना अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग की बालिकाओं को कक्षा 6 से 12 तक की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

    8. ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना

    इस योजना के तहत, दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को विद्यालय तक पहुंचने के लिए परिवहन वाउचर प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनकी शिक्षा में निरंतरता बनी रहे।

    9. इंस्पायर अवॉर्ड योजना

    यह योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि रखने वाले मेधावी छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता और पुरस्कार प्रदान करती है।

    इन योजनाओं के माध्यम से, राजस्थान सरकार छात्रों को उनकी शिक्षा में सहायता प्रदान कर रही है। आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी के लिए संबंधित योजना की आधिकारिक वेबसाइट या निकटतम शिक्षा विभाग कार्यालय से संपर्क करें।

  • राजस्थान में SC, ST और OBC प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं?

    राजस्थान में SC, ST और OBC प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं?

    राजस्थान में अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के नागरिकों को जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। यह प्रमाण पत्र सरकारी योजनाओं, आरक्षण, नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सरकारी लाभों के लिए आवश्यक होता है। इस लेख में हम राजस्थान में SC, ST और OBC प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, आवेदन प्रक्रिया और शुल्क की जानकारी देंगे।


    1. SC/ST/OBC प्रमाण पत्र क्या है और इसकी आवश्यकता क्यों होती है?

    जाति प्रमाण पत्र एक सरकारी दस्तावेज है, जो किसी व्यक्ति की जाति को प्रमाणित करता है। यह प्रमाण पत्र निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए आवश्यक होता है:

    सरकारी नौकरियों में आरक्षण के लिए
    शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षित सीटों के लिए
    सरकारी योजनाओं (छात्रवृत्ति, आवास योजना, लोन) के लाभ के लिए
    राजनीतिक आरक्षण (चुनाव लड़ने के लिए) के लिए


    2. SC, ST और OBC प्रमाण पत्र के लिए पात्रता

    SC/ST प्रमाण पत्र – केवल उन्हीं लोगों को मिलेगा, जो राजस्थान सरकार द्वारा अधिसूचित अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में आते हैं।

    OBC प्रमाण पत्र – यह उन जातियों के लिए जारी किया जाता है, जो राजस्थान सरकार या केंद्र सरकार की OBC सूची में शामिल हैं। साथ ही, अगर परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से अधिक है, तो वह क्रीमी लेयर OBC में आएंगे और आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।


    3. SC/ST/OBC प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज

    1. आधार कार्ड
    2. राशन कार्ड / परिवार पहचान पत्र
    3. स्थायी निवास प्रमाण पत्र (Domicile Certificate)
    4. जाति का प्रमाण (पूर्वजों का जाति प्रमाण पत्र या ग्राम पंचायत की रिपोर्ट)
    5. आय प्रमाण पत्र (OBC क्रीमी लेयर और नॉन-क्रीमी लेयर के लिए आवश्यक)
    6. पासपोर्ट साइज फोटो
    7. राजस्थान सरकार द्वारा जारी जाति सूची की प्रति (संबंधित जाति के लिए)

    🔹 नोट: अगर परिवार में पहले से किसी सदस्य के पास जाति प्रमाण पत्र है, तो उससे प्रक्रिया आसान हो जाती है।


    4. SC/ST/OBC प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया

    ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?

    राजस्थान सरकार ने SC, ST और OBC प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी है।

    चरण 1: राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल पर जाएं।
    चरण 2: SSO ID बनाएं और लॉगिन करें।
    चरण 3: ‘जाति प्रमाण पत्र’ का विकल्प चुनें।
    चरण 4: आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
    चरण 5: निर्धारित शुल्क का भुगतान करें और आवेदन सबमिट करें।
    चरण 6: आवेदन की रसीद डाउनलोड करें और ट्रैकिंग ID से स्टेटस चेक करें।
    चरण 7: प्रमाण पत्र तैयार होने के बाद उसे पोर्टल से डाउनलोड करें या ई-मित्र केंद्र से प्राप्त करें।


    ऑफ़लाइन आवेदन कैसे करें?

    चरण 1: नजदीकी तहसील कार्यालय, SDM कार्यालय, या जिला कलेक्टर कार्यालय जाएं।
    चरण 2: जाति प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
    चरण 3: फॉर्म भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
    चरण 4: आवेदन पत्र संबंधित अधिकारी (तहसीलदार/SDM) को जमा करें।
    चरण 5: जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद, प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा।


    5. आवेदन शुल्क और समय सीमा

    नोट: अगर आवेदन में कोई गलती होती है या अतिरिक्त दस्तावेज़ मांगे जाते हैं, तो इसमें अधिक समय लग सकता है।


    6. SC/ST/OBC प्रमाण पत्र की वैधता

    • SC/ST प्रमाण पत्र: आजीवन वैध (दोबारा बनवाने की जरूरत नहीं)।
    • OBC प्रमाण पत्र: 1 वर्ष तक वैध (प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण आवश्यक)।

    7. SC, ST और OBC प्रमाण पत्र से मिलने वाले लाभ

    सरकारी नौकरियों में आरक्षण – केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में SC/ST/OBC उम्मीदवारों को आरक्षण मिलता है।
    शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण – IIT, NIT, IIM, मेडिकल कॉलेज और अन्य विश्वविद्यालयों में आरक्षित सीटें मिलती हैं।
    छात्रवृत्ति योजनाएं – अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों को विभिन्न सरकारी छात्रवृत्ति योजनाओं का लाभ मिलता है।
    सरकारी योजनाओं का लाभ – विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे PM आवास योजना, मुद्रा लोन, SC/ST उद्यमिता योजनाओं में प्राथमिकता मिलती है।


    8. राजस्थान में जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

    क्रीमी लेयर और नॉन-क्रीमी लेयर का अंतर:

    • यदि OBC परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से अधिक है, तो वह क्रीमी लेयर में आएगा और OBC आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा।
    • यदि आय ₹8 लाख से कम है, तो वह नॉन-क्रीमी लेयर में आएगा और आरक्षण का लाभ मिलेगा।

    जाति प्रमाण पत्र बनवाने में देरी हो रही है?

    • आप अपने आवेदन की स्थिति राजस्थान सरकार के SSO पोर्टल पर चेक कर सकते हैं।
    • यदि प्रमाण पत्र समय पर नहीं बन रहा, तो संबंधित तहसीलदार या SDM कार्यालय में संपर्क करें।

    निष्कर्ष

    राजस्थान में SC, ST और OBC जाति प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया अब आसान हो गई है। आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए यह प्रमाण पत्र अनिवार्य है। यदि आप पात्र हैं, तो जल्द से जल्द अपना प्रमाण पत्र बनवाएं और इसका लाभ उठाएं।

  • भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण के नियम, पात्रता और लाभ

    भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण के नियम, पात्रता और लाभ

    भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण 2019 में लागू किया गया था। यह उन सामान्य वर्ग (General Category) के नागरिकों के लिए है, जो अन्य आरक्षित श्रेणियों (SC, ST, OBC) में नहीं आते और आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। इस लेख में हम भारत में EWS आरक्षण के नियमों, पात्रता मानदंडों, आवेदन प्रक्रिया और इससे मिलने वाले लाभों की जानकारी देंगे।


    EWS आरक्षण क्या है?

    EWS आरक्षण भारत सरकार द्वारा 2019 में 103वें संवैधानिक संशोधन के तहत लागू किया गया था। इसके तहत, शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण दिया जाता है। यह आरक्षण संविधान के अनुच्छेद 15(6) और 16(6) के तहत लागू किया गया है।


    EWS आरक्षण के लिए पात्रता मानदंड

    EWS आरक्षण का लाभ केवल उन्हीं सामान्य वर्ग के नागरिकों को मिलता है, जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं:

    1. वार्षिक पारिवारिक आय

    • परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।
    • यह आय सभी स्रोतों से (नौकरी, व्यवसाय, कृषि, किराया आदि) मिलाकर आंकी जाती है।

    2. भूमि और संपत्ति से जुड़े मानदंड

    आवेदक या उसके परिवार के पास निम्नलिखित से अधिक संपत्ति नहीं होनी चाहिए:

    • कृषि भूमि – 5 एकड़ से अधिक नहीं
    • आवासीय फ्लैट – 1000 वर्ग फीट से अधिक नहीं
    • आवासीय भूखंड
      • नगरपालिका क्षेत्र में 100 वर्ग गज से अधिक नहीं
      • गैर-नगरपालिका क्षेत्र में 200 वर्ग गज से अधिक नहीं

    3. अन्य आरक्षित वर्गों से संबद्धता

    • यदि कोई व्यक्ति SC, ST, या OBC आरक्षण के लिए पात्र है, तो वह EWS आरक्षण का लाभ नहीं ले सकता।

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया

    1. ऑनलाइन आवेदन:

    • भारत के विभिन्न राज्यों में EWS प्रमाण पत्र के लिए राज्य सरकारों के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया जा सकता है।
    • कॉमन पोर्टल: e-District या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट
    • आवश्यक विवरण भरें और दस्तावेज अपलोड करें।
    • शुल्क का भुगतान करें (यदि लागू हो) और आवेदन जमा करें।

    2. ऑफलाइन आवेदन:

    • निकटतम तहसील, जिला कलेक्टर कार्यालय या ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन करें।
    • आवेदन पत्र भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

    आवश्यक दस्तावेज

    EWS प्रमाण पत्र के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:

    1. आधार कार्ड
    2. पैन कार्ड
    3. जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    4. आय प्रमाण पत्र
    5. भूमि/संपत्ति के दस्तावेज
    6. निवास प्रमाण पत्र
    7. पासपोर्ट साइज फोटो

    EWS प्रमाण पत्र की वैधता

    • EWS प्रमाण पत्र 1 वर्ष के लिए वैध होता है।
    • इसे हर साल नवीनीकरण (renewal) कराना आवश्यक होता है।

    EWS आरक्षण के लाभ

    1. सरकारी नौकरियों में 10% आरक्षण
      • केंद्र और राज्य सरकार की नौकरियों में EWS उम्मीदवारों को अतिरिक्त 10% आरक्षण मिलता है।
      • यह आरक्षण पहले से मौजूद SC/ST/OBC कोटे से अलग है और सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए है।
    2. शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण
      • IIT, IIM, NIT, मेडिकल कॉलेज, विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में 10% सीटें EWS श्रेणी के लिए आरक्षित होती हैं।
      • प्रवेश परीक्षा में कटऑफ कम होता है और फीस में छूट मिल सकती है।
    3. सरकारी योजनाओं में प्राथमिकता
      • प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), मुद्रा लोन और अन्य सरकारी लाभों में EWS श्रेणी के नागरिकों को प्राथमिकता दी जाती है

    EWS आरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु

    • यह आरक्षण सभी राज्यों में समान रूप से लागू नहीं है। कुछ राज्य अपनी नीतियों के अनुसार संशोधन कर सकते हैं।
    • कई राज्यों में EWS कोटे की नौकरियों और सीटों को भरने की प्रक्रिया अभी जारी है और समय के साथ इसमें सुधार हो सकता है।
    • सभी केंद्रीय नौकरियों और परीक्षाओं (UPSC, SSC, बैंकिंग आदि) में EWS कोटा लागू होता है।

    निष्कर्ष

    EWS आरक्षण उन आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के नागरिकों को लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया था, जो शिक्षा और सरकारी नौकरियों में अवसर पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। यदि आप EWS श्रेणी के लिए पात्र हैं, तो जल्द से जल्द अपना प्रमाण पत्र बनवाएं और इस आरक्षण के लाभ उठाएं।

  • अगर आधार कार्ड खो जाए या न बना हो तो क्या करें?

    अगर आधार कार्ड खो जाए या न बना हो तो क्या करें?

    आधार कार्ड भारत में सबसे महत्वपूर्ण पहचान पत्रों में से एक है। यह सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सेवाओं और कई अन्य सुविधाओं के लिए आवश्यक होता है। अगर आपका आधार कार्ड खो जाए या अभी तक बना न हो, तो चिंता की कोई बात नहीं। यहां हम बताएंगे कि आधार कार्ड गुम हो जाने या नया आधार बनवाने की पूरी प्रक्रिया क्या है।


    1. अगर आधार कार्ड खो जाए तो क्या करें?

    अगर आपका आधार कार्ड खो गया है, तो आप इसे ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं या पुनः प्रिंट करवा सकते हैं।

    (A) ऑनलाइन डाउनलोड करें (E-Aadhaar)

    1. UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
      • https://uidai.gov.in पर विजिट करें।
      • “My Aadhaar” सेक्शन में Download Aadhaar ऑप्शन पर क्लिक करें।
    2. आवश्यक विवरण भरें
      • आप आधार नंबर (Aadhaar Number) या नाम और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से खोज सकते हैं।
      • OTP (One Time Password) डालकर वेरीफाई करें।
    3. आधार डाउनलोड करें
      • वेरीफिकेशन के बाद ई-आधार पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।
      • इसे खोलने के लिए पासवर्ड आपके नाम के पहले चार अक्षर (कैपिटल लेटर में) और जन्म वर्ष होंगे (जैसे: “RAJU1990”)।

    (B) आधार पुनः प्रिंट करवाएं

    अगर आपको फिजिकल आधार कार्ड चाहिए तो UIDAI से इसे फिर से मंगाया जा सकता है।

    1. https://uidai.gov.in पर Order Aadhaar Reprint ऑप्शन चुनें।
    2. अपना आधार नंबर और सिक्योरिटी कोड भरें।
    3. मोबाइल नंबर पर आए OTP को वेरीफाई करें।
    4. ₹50 शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।
    5. 5-10 दिनों में आपका आधार कार्ड डाक से भेज दिया जाएगा।

    (C) आधार नाम या मोबाइल नंबर न हो तो क्या करें?

    अगर आपको आधार नंबर या रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर याद नहीं है, तो यह करें:

    1. https://uidai.gov.in पर जाएं और Retrieve Lost UID/EID ऑप्शन चुनें।
    2. अपना नाम और जन्म तिथि डालें।
    3. OTP से वेरीफाई करें और अपना आधार नंबर प्राप्त करें।
    4. इसके बाद “Download Aadhaar” ऑप्शन से पीडीएफ डाउनलोड कर सकते हैं।

    2. अगर आधार कार्ड अभी तक नहीं बना है तो क्या करें?

    (A) नया आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया

    अगर आपने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है, तो आपको नामांकन (Enrollment) करना होगा।

    1. नजदीकी आधार नामांकन केंद्र जाएं
      • UIDAI की वेबसाइट पर जाकर अपने नजदीकी आधार केंद्र का पता करें।
      • आप ई-मित्र, बैंक शाखाओं, डाकघरों, या सरकारी कार्यालयों में स्थित आधार केंद्रों पर भी जा सकते हैं।
    2. आवश्यक दस्तावेज लेकर जाएं
      • पहचान प्रमाण: (कोई एक)
        • पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, वोटर आईडी
      • पता प्रमाण: (कोई एक)
        • बिजली/पानी बिल, बैंक स्टेटमेंट, राशन कार्ड, पासपोर्ट
      • जन्म प्रमाण पत्र (आवश्यक नहीं लेकिन बच्चों के लिए जरूरी)
    3. बायोमेट्रिक और फोटो कैप्चर कराएं
      • आधार केंद्र पर आपकी फोटो, फिंगरप्रिंट, और आइरिस स्कैनिंग होगी।
    4. नामांकन पर्ची प्राप्त करें
      • आपको एक नामांकन पर्ची (Enrollment Slip) मिलेगी जिसमें आपका नामांकन नंबर (Enrollment ID – EID) होगा।
    5. स्टेटस चेक करें
      • https://uidai.gov.in पर Check Aadhaar Status में EID डालकर स्थिति जान सकते हैं।
    6. ई-आधार डाउनलोड करें
      • आधार बनने के बाद आप इसे ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।

    3. आधार संबंधी अन्य समस्याओं का समाधान

    (A) अगर मोबाइल नंबर रजिस्टर नहीं है तो क्या करें?

    • बिना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के आधार डाउनलोड नहीं कर सकते।
    • इसके लिए आधार केंद्र पर जाकर मोबाइल नंबर अपडेट करवाएं।

    (B) अगर आधार में कोई गलती है तो सुधार कैसे करें?

    • ऑनलाइन https://ssup.uidai.gov.in से नाम, पता, जन्म तिथि आदि अपडेट कर सकते हैं।
    • बायोमेट्रिक अपडेट के लिए आधार केंद्र जाना होगा।

    (C) अगर आधार OTP नहीं आ रहा तो क्या करें?

    • UIDAI हेल्पलाइन 1947 पर कॉल करें।
    • आधार केंद्र जाकर मोबाइल नंबर अपडेट करें।

    निष्कर्ष

    आधार कार्ड खोने या नया बनवाने की प्रक्रिया बहुत सरल है। आप ऑनलाइन डाउनलोड, पुनः प्रिंट, या निकटतम आधार केंद्र से नया आधार बनवा सकते हैं। अगर आपका आधार नंबर नहीं पता है तो आप UID/EID रिकवरी कर सकते हैं। मोबाइल नंबर अपडेट करने और अन्य सुधारों के लिए आधार केंद्र जाना जरूरी है।

    आधार से संबंधित किसी भी समस्या के लिए UIDAI हेल्पलाइन 1947 पर कॉल कर सकते हैं या https://uidai.gov.in पर विजिट कर सकते हैं।

  • राजस्थान राज्य में ईडब्ल्यूएस EWS आरक्षण के बारे में पूरी जानकारी

    राजस्थान राज्य में ईडब्ल्यूएस EWS आरक्षण के बारे में पूरी जानकारी

    राजस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए आरक्षण की व्यवस्था उन सामान्य वर्ग के नागरिकों को लाभान्वित करने के लिए की गई है, जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और अन्य आरक्षित श्रेणियों (जैसे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग) में शामिल नहीं हैं। इस लेख में, हम राजस्थान में EWS आरक्षण के नियमों, पात्रता मानदंडों, आवेदन प्रक्रिया और इससे मिलने वाले लाभों की जानकारी प्रदान करेंगे।

    EWS आरक्षण क्या है?

    EWS का अर्थ है आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग। यह आरक्षण उन सामान्य वर्ग के नागरिकों को दिया जाता है, जिनकी वार्षिक पारिवारिक आय और संपत्ति निर्धारित मानदंडों के भीतर होती है। राजस्थान में EWS श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण का प्रावधान है。

    EWS आरक्षण के लिए पात्रता मानदंड:

    1. आय सीमा: आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए। इस आय में सभी स्रोतों से होने वाली आय शामिल है, जैसे वेतन, कृषि, व्यवसाय आदि。
    2. भूमि स्वामित्व:
      • कृषि भूमि: परिवार के पास 5 एकड़ या उससे अधिक कृषि भूमि नहीं होनी चाहिए।
      • आवासीय संपत्ति:
        • शहरी क्षेत्रों में 1000 वर्ग फीट या उससे अधिक का आवासीय फ्लैट नहीं होना चाहिए।
        • अधिसूचित नगरपालिकाओं में 100 वर्ग गज या उससे अधिक का आवासीय भूखंड नहीं होना चाहिए।
        • अधिसूचित नगरपालिकाओं के बाहर 200 वर्ग गज या उससे अधिक का आवासीय भूखंड नहीं होना चाहिए。

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया:

    1. ऑनलाइन आवेदन:
      • राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल या आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं
      • SSO ID बनाएं और लॉगिन करें।
      • ‘ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र’ के लिए आवेदन फॉर्म भरें, जिसमें व्यक्तिगत जानकारी, आय विवरण और संपत्ति की जानकारी शामिल हो।
      • आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें, जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, भूमि या संपत्ति के दस्तावेज़ आदि।
      • आवेदन शुल्क का भुगतान करें (यदि लागू हो) और फॉर्म जमा करें।
    2. ऑफ़लाइन आवेदन:
      • अपने नजदीकी तहसील कार्यालय या ई-मित्र केंद्र पर जाएं।
      • वहां से EWS प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
      • फॉर्म को सही-सही भरें और आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ जमा करें।
      • आवेदन की रसीद प्राप्त करें, जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें।

    आवश्यक दस्तावेज़:

    • आधार कार्ड
    • राशन कार्ड
    • आय प्रमाण पत्र
    • भूमि या संपत्ति के दस्तावेज़
    • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    • निवास प्रमाण पत्र
    • पासपोर्ट साइज फोटो

    EWS प्रमाण पत्र की वैधता:

    मई 2022 में, राजस्थान सरकार ने EWS प्रमाण पत्र की वैधता एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दी है। हालांकि, प्रमाण पत्र की मान्यता के लिए आवेदक को प्रत्येक वर्ष निर्धारित मापदंडों को पूरा करने वाला शपथ पत्र देना होगा।

    EWS आरक्षण के लाभ:

    1. सरकारी नौकरियों में आरक्षण: राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों और केंद्रीय सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10% आरक्षण मिलता है।
    2. शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण: इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में EWS श्रेणी के छात्रों को 10% आरक्षण का लाभ मिलता है।
    3. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं में EWS प्रमाण पत्र धारकों को प्राथमिकता दी जाती है।

    निष्कर्ष:

    राजस्थान में EWS आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में समान अवसर प्रदान करता है। यदि आप उपरोक्त पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं, तो EWS प्रमाण पत्र प्राप्त करके इन लाभों का लाभ उठा सकते हैं।

  • 21 से 25 मार्च तक सीयूईटी पीजी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, इस लिंक से करें डाउनलोड

    21 से 25 मार्च तक सीयूईटी पीजी परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी, इस लिंक से करें डाउनलोड

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट पोस्टग्रेजुएट (CUET PG) 2025 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। यह परीक्षा 21 से 25 मार्च तक आयोजित की जाएगी। जिन स्टूडेंट्स ने इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वे आधिकारिक वेबसाइट exam.nta.ac.in/CUET-PG पर जाकर अपना एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

    कैसे करें एडमिट कार्ड डाउनलोड?

    1. आधिकारिक वेबसाइट: exam.nta.ac.in/CUET-PG पर जाएं।
    2. लिंक पर क्लिक करें: “CUET PG 2025 एडमिट कार्ड डाउनलोड करें” लिंक पर क्लिक करें।
    3. लॉगिन क्रेडेंशियल: आवेदन संख्या और जन्म तिथि डालें।
    4. सबमिट करें: सबमिट पर क्लिक करने के बाद आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर दिखाई देगा।
    5. डाउनलोड करें: एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और परीक्षा के दिन अपने साथ लाएं।

    CUET PG 2025 परीक्षा विवरण:

    • परीक्षा का आयोजन: कुल 43 शिफ्टों में, 157 विषयों के लिए ऑनलाइन मोड में होगी।
    • परीक्षा की शिफ्ट:
      • सुबह 9:00 से 10:30 बजे तक
      • दोपहर 12:30 से 2:00 बजे तक
      • शाम 4:00 से 5:30 बजे तक

    रजिस्ट्रेशन और परीक्षा पैटर्न:

    • रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 2 जनवरी से 8 फरवरी तक चली थी।
    • इस वर्ष CUET PG 2025 के लिए 4,12,024 आवेदन प्राप्त हुए हैं।

    CUET PG के लिए परीक्षा में सफलता पाने के लिए जरूरी है कि आप समय से एडमिट कार्ड डाउनलोड करें और सभी शर्तों का पालन करें।

  • राजस्थान में शादी का प्रमाणपत्र कैसे बनवाएं: एक आसान गाइड

    राजस्थान में शादी का प्रमाणपत्र कैसे बनवाएं: एक आसान गाइड

    शादी का प्रमाणपत्र (Marriage Certificate) एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज़ है, जो साबित करता है कि दो व्यक्तियों के बीच शादी हुई है। यह प्रमाणपत्र कई सरकारी प्रक्रियाओं, नाम बदलने, वीजा, या अन्य कानूनी कामों के लिए जरूरी हो सकता है। राजस्थान में शादी का प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आपको निम्नलिखित आसान कदमों का पालन करना होगा।

    शादी का प्रमाणपत्र राजस्थान में प्राप्त करने की प्रक्रिया

    1. आवश्यक दस्तावेज़

    राजस्थान में शादी का प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है। ये दस्तावेज़ निम्नलिखित हो सकते हैं:

    • पहचान प्रमाण (Identity Proof): जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट।
    • निवास प्रमाण (Address Proof): जैसे बिजली बिल, राशन कार्ड, आधार कार्ड।
    • तस्वीरें: शादी की दो पासपोर्ट साइज तस्वीरें।
    • शादी की तारीख का प्रमाण: शादी के समय की तारीख का प्रमाण (जैसे धार्मिक संगठन से शादी का प्रमाणपत्र, या गवाहों द्वारा साइन किया गया हलफनामा)।
    • गवाहों के दस्तावेज़: यदि गवाह मौजूद हैं तो उनके पहचान प्रमाण।

    2. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया

    राजस्थान सरकार ने अब ऑनलाइन आवेदन की सुविधा दी है, जिससे आप घर बैठे शादी का प्रमाणपत्र राजस्थान में बना सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए निम्नलिखित कदमों का पालन करें:

    1. राजस्थान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
    2. आवेदन फॉर्म भरें:
      • वेबसाइट पर दिए गए फॉर्म को ध्यान से भरें, जिसमें आपको अपनी शादी की तारीख, स्थान, दूल्हे-दुल्हन का नाम, और अन्य संबंधित जानकारी भरनी होती है।
    3. दस्तावेज़ अपलोड करें:
      • सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की गई कॉपियाँ अपलोड करें।
    4. शुल्क का भुगतान करें:
      • आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन माध्यम से करें।
    5. फॉर्म सबमिट करें:
      • सबमिट करने के बाद, आपको आवेदन की स्थिति की जानकारी दी जाएगी और कुछ दिनों के अंदर प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।

    3. ऑफलाइन आवेदन

    यदि आप ऑनलाइन आवेदन नहीं करना चाहते, तो आप ऑनलाइन शादी का प्रमाणपत्र के अलावा ऑफलाइन तरीके से भी आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:

    1. नगर निगम या तहसील कार्यालय पर जाएं:
      • नजदीकी नगर निगम या तहसील कार्यालय में जाएं और वहां शादी के प्रमाणपत्र का आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
    2. आवेदन पत्र भरें:
      • फॉर्म में सभी सही जानकारी भरें।
    3. दस्तावेज़ जमा करें:
      • सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की फोटो कॉपी आवेदन पत्र के साथ जमा करें।
    4. शुल्क का भुगतान करें:
      • ऑफलाइन आवेदन के लिए शुल्क का भुगतान संबंधित कार्यालय में करें।
    5. प्रमाणपत्र प्राप्त करें:
      • आवेदन स्वीकार होने के बाद कुछ दिनों में आपको शादी का प्रमाणपत्र मिल जाएगा।

    4. शादी के प्रमाणपत्र से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

    • अगर आपको किसी विशेष कारण से जल्दी प्रमाणपत्र चाहिए, तो तत्काल सेवा का विकल्प भी उपलब्ध हो सकता है, जिसके लिए अतिरिक्त शुल्क लिया जाता है।
    • अगर आप पुरानी शादी का प्रमाणपत्र प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप संबंधित कार्यालय से पुराने रिकॉर्ड का पता लगाकर इसे प्राप्त कर सकते हैं।

    राजस्थान में शादी का प्रमाणपत्र बनवाना अब बहुत सरल हो गया है। आप ऑनलाइन शादी का प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं या चाहें तो ऑफलाइन आवेदन भी कर सकते हैं। इसे बनवाने के लिए कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की जरूरत होती है और सही आवेदन प्रक्रिया को फॉलो करना होता है। शादी के प्रमाणपत्र के बिना आपको कई कानूनी कामों में समस्या हो सकती है, इसलिए इसे बनवाना बेहद महत्वपूर्ण है।

  • एसएसओ आईडी SSO ID कैसे बनाए और ईडब्ल्यूएस या अन्य योजनाओं के लिए आवेदन करे

    एसएसओ आईडी SSO ID कैसे बनाए और ईडब्ल्यूएस या अन्य योजनाओं के लिए आवेदन करे

    राजस्थान में SSO ID बनाने और EWS प्रमाण पत्र और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने के आसान कदम:

    SSO ID क्या है?

    राजस्थान सरकार ने नागरिकों के लिए ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एकल साइन-ऑन (SSO) पोर्टल शुरू किया है। SSO ID बनाकर, आप सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं, जैसे कि EWS प्रमाण पत्र।

    SSO ID कैसे बनाएं:

    1. SSO पोर्टल पर जाएं:अपने फोन या कंप्यूटर पर वेब ब्राउज़र खोलें और राजस्थान सरकार की SSO वेबसाइट पर जाएं: https://sso.rajasthan.gov.in

    2. नई आईडी के लिए रजिस्टर करें:होमपेज पर आपको ‘रजिस्टर’ का विकल्प दिखेगा। उस पर क्लिक करें।

    3. रजिस्ट्रेशन का तरीका चुनें:यहां तीन तरीके मिलते हैं:जनाधार (जनाधार कार्ड से)गूगल (गूगल अकाउंट से)फेसबुक (फेसबुक अकाउंट से)आप जनाधार से रजिस्टर कर सकते हैं या गूगल/फेसबुक से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

    4. जानकारी भरें:चुने हुए तरीके के अनुसार अपनी जानकारी भरें जैसे कि मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, और पासवर्ड।

    5. OTP वेरिफिकेशन:आपके मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इसे वेबसाइट पर दर्ज करें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।

    6. SSO ID तैयार:अब आपकी SSO ID बन चुकी है। इसे नोट कर लें क्योंकि यह आपको सरकारी सेवाओं के लिए लॉगिन करने में मदद करेगी।

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करें: 1. SSO पोर्टल पर लॉगिन करें:अपनी SSO ID और पासवर्ड का उपयोग करके SSO पोर्टल पर लॉगिन करें। 2. ई-मित्र सेवा का चयन करें:लॉगिन करने के बाद, डैशबोर्ड पर आपको कई सेवाओं के विकल्प दिखेंगे। इसमें से ‘ई-मित्र’ या ‘सर्टिफिकेट’ सेवा चुनें। 3. EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें:ई-मित्र सेवा के अंदर EWS प्रमाण पत्र के विकल्प पर क्लिक करें। 4. आवेदन फॉर्म भरें:अब EWS प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, और संपत्ति की जानकारी भरें। 5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आधार कार्ड), और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करें। 6. फॉर्म जमा करें और भुगतान करें:फॉर्म जमा करने के बाद, यदि कोई आवेदन शुल्क है, तो उसे ऑनलाइन भुगतान करें। 7. रसीद प्राप्त करें:सफलतापूर्वक आवेदन करने पर आपको एक रसीद मिलेगी। इसे संभालकर रखें। इससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

    राजस्थान में SSO ID बनाना और EWS प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना एक सरल प्रक्रिया है। ऊपर दिए गए चरणों का पालन करके आप आसानी से SSO ID बना सकते हैं और EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  • ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र: आवेदन प्रक्रिया, आरक्षण और लाभ – राजस्थान में संपूर्ण जानकारी

    ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र: आवेदन प्रक्रिया, आरक्षण और लाभ – राजस्थान में संपूर्ण जानकारी

    ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र क्या है?

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अंतर्गत आते हैं और सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, और अन्य सरकारी योजनाओं में आरक्षण के पात्र होते हैं। यह प्रमाण पत्र सामान्य वर्ग के ऐसे लोगों के लिए है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण का लाभ नहीं उठा रहे हैं। राजस्थान में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के तहत 10% आरक्षण का प्रावधान है।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए पात्रता:

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:

    1. आय सीमा: आवेदक की पारिवारिक वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।

    2. भूमि स्वामित्व: आवेदक के पास कृषि भूमि 5 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।

    3. आवासीय संपत्ति: आवेदक के पास शहरी क्षेत्रों में 1000 वर्ग फीट से अधिक का फ्लैट नहीं होना चाहिए, और अधिसूचित नगर पालिकाओं में 100 गज से अधिक का आवासीय प्लॉट नहीं होना चाहिए।

    4. अन्य संपत्ति: आवेदक के पास अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), या अनुसूचित जनजाति (ST) के तहत आरक्षण का लाभ नहीं होना चाहिए।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया:

    1. ऑनलाइन आवेदन: इसके लिए आपको वेबसाइट के लिए एक SSO ID बनानी होगी। (अधिक जानकारी के लिए ये लेख पढ़े) सबसे पहले राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल या आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। ‘ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र’ के लिए आवेदन फॉर्म भरें। मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, संपत्ति की जानकारी आदि दर्ज करें।आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, भूमि या संपत्ति के दस्तावेज अपलोड करें। आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें और फॉर्म जमा करें।

    2. ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी एसडीएम (SDM) कार्यालय या तहसील कार्यालय में जाएं।वहां से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और उसे ध्यानपूर्वक भरें। आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, संपत्ति के दस्तावेज, और फोटो संलग्न करें। आवेदन जमा करें और रसीद प्राप्त करें। इसके बाद, संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लाभ:

    1. सरकारी नौकरियों में आरक्षण: राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों और केंद्रीय सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10% आरक्षण मिलता है।

    2. शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण: इंजीनियरिंग, मेडिकल, और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में भी ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलता है।

    3. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र धारक को प्राथमिकता दी जाती है।

    4. आर्थिक सहायता: राजस्थान में कई योजनाओं के तहत ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र धारकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और आवास में सब्सिडी या छूट मिलती है।

    दस्तावेज़ों की सूची:

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

    1. पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि) 2. आय प्रमाण पत्र 3. संपत्ति के दस्तावेज (भूमि या घर का विवरण) 4. राशन कार्ड (यदि लागू हो) 5. पासपोर्ट साइज फोटो 6. आवासीय प्रमाण पत्र (स्थायी निवास प्रमाण पत्र)

    समय सीमा और प्रमाण पत्र की वैधता:

    आमतौर पर, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनने में 15 से 30 दिनों का समय लगता है।यह प्रमाण पत्र एक साल के लिए मान्य होता है, इसके बाद इसे नवीनीकृत करना पड़ता है।

    राजस्थान में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य योजनाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है। समय पर सही दस्तावेज़ जमा करके, इस प्रमाण पत्र का लाभ उठाया जा सकता है।

    SSO ID के माध्यम सेऑनलाइन आवेदन:

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करें:

    1. SSO पोर्टल पर लॉगिन करें: अपनी SSO ID और पासवर्ड का उपयोग करके SSO पोर्टल पर लॉगिन करें।

    2. ई-मित्र सेवा का चयन करें: लॉगिन करने के बाद, डैशबोर्ड पर आपको कई सेवाओं के विकल्प दिखेंगे। इसमें से ‘ई-मित्र’ या ‘सर्टिफिकेट’ सेवा चुनें।

    3. EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें: ई-मित्र सेवा के अंदर EWS प्रमाण पत्र के विकल्प पर क्लिक करें।

    4. आवेदन फॉर्म भरें: अब EWS प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, और संपत्ति की जानकारी भरें।

    5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें: फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आधार कार्ड), और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करें।

    6. फॉर्म जमा करें और भुगतान करें: फॉर्म जमा करने के बाद, यदि कोई आवेदन शुल्क है, तो उसे ऑनलाइन भुगतान करें।

    7. रसीद प्राप्त करें: सफलतापूर्वक आवेदन करने पर आपको एक रसीद मिलेगी। इसे संभालकर रखें। इससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दिसंबर 2024 में होगा ब्राह्मण एवं सर्व समाज का सामूहिक विवाह आयोजन

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दिसंबर 2024 में होगा ब्राह्मण एवं सर्व समाज का सामूहिक विवाह आयोजन

    जयपुर, राजस्थान: राजस्थान ब्राह्मण महासभा प्रदेश महिला प्रकोष्ठ द्वारा दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक भव्य सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम विद्याधर नगर, सेक्टर 4 के परशुराम भवन में संपन्न होगा, जिसमें ब्राह्मण समाज के साथ-साथ सर्व समाज के युवक-युवतियों के विवाह कराए जाएंगे।इस योजना के तहत सरकार की ओर से विवाह उपरांत सर्व समाज की प्रत्येक वधु के खाते में ₹21,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे नवविवाहित जोड़े को शादी के बाद की आर्थिक जिम्मेदारियों में मदद मिलेगी।

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना राज्य सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से सरकार आर्थिक रूप से कमजोर या मिल जुल कर एक समोहिक उत्सव के तहत परिवारों को विवाह आयोजन में सहायता प्रदान करती है। योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विषमता को कम करना और गरीब परिवारों को शादी जैसे महंगे आयोजन में आर्थिक सहारा देना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार द्वारा शादी के लिए आर्थिक मदद के अलावा, विवाह समारोह के आयोजन का खर्च भी उठाया जाता है। विवाह के दौरान आवश्यक वस्त्र और अन्य सामग्री भी दी जाती है, जिससे परिवारों पर बेहद कम आर्थिक भार पड़े।

    रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया: इच्छुक युवक-युवतियां इस सामूहिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी संपूर्ण जानकारी मोबाइल नंबर 9983350414 पर साझा करनी होगी। यह जानकारी महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अरुणा गौड़ द्वारा दी गई है।

    समारोह में भाग लेने के लिए पात्रता: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए।विवाह योग्य युवक-युवतियों की उम्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार होनी चाहिए। कम आय वर्ग के परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। सर्व समाज के लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है और इसका उद्देश्य सभी समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।

    रजिस्ट्रेशन और अधिक जानकारी के लिए मोबाइल:

    99833- 50414 पर सुबह 10 से श्याम 7 बजे तक संपर्क करे।

  • नौ तपा: क्या है और क्यों होता है? भीषण गर्मी से अपने को कैसे बचाए?

    नौ तपा: क्या है और क्यों होता है? भीषण गर्मी से अपने को कैसे बचाए?

    नौ तपा भारतीय उपमहाद्वीप में एक प्रसिद्ध मौसमीय घटना है, जो हर साल मई के आखिरी सप्ताह से जून के पहले सप्ताह तक होती है। इसका नाम संस्कृत शब्दों से लिया गया है, जिसमें ‘नौ’ का मतलब ‘नौ दिन’ और ‘तपा’ का मतलब ‘गर्मी’ या ‘तपिश’ है। यह वह समय होता है जब गर्मी अपने चरम पर होती है, और सूरज की किरणें सीधी जमीन पर पड़ती हैं।

    नौ तपा क्या है?

    नौ तपा के दौरान, तापमान में अचानक वृद्धि होती है, और इस अवधि में सबसे ज्यादा गर्मी महसूस की जाती है। ये नौ दिन अत्यधिक गर्म और सूखे होते हैं, जिससे लोगों को बेहद असुविधा होती है। यह समय आमतौर पर 25 मई से 2 जून के बीच होता है।

    ये भी देखे: गर्मी इतनी की तपती जलती रेत में बीएसएफ के जवान ने सेका पापड़। बीकानेर में पारा 47 डिग्री। वीडियो वायरल।

    नौ तपा क्यों होता है?

    नौ तपा का मुख्य कारण पृथ्वी का झुकाव और सूर्य की स्थिति है। मई के अंत और जून की शुरुआत में, सूरज कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में सीधी धूप पड़ती है। इस समय, सूरज की किरणें लगभग सीधी होती हैं, जिससे दिन का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है।

    नौ तपा का प्रभाव

    नौ तपा का मुख्य प्रभाव अत्यधिक गर्मी और सूखे का होता है। इस दौरान, लोग धूप से बचने के लिए घरों में रहना पसंद करते हैं, और बाहर काम करने से बचते हैं। गर्मी के कारण लू लगने का खतरा भी बढ़ जाता है, इसलिए इस समय में हाइड्रेटेड रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीना महत्वपूर्ण होता है।

    कृषि पर भी नौ तपा का प्रभाव पड़ता है। खेतों में नमी की कमी हो जाती है, जिससे फसलें प्रभावित होती हैं। हालांकि, यह समय फसलों के पकने और उनकी कटाई के लिए उपयुक्त माना जाता है। इस अवधि के बाद, मानसून के आगमन की संभावना बढ़ जाती है, जो खेती के लिए आवश्यक नमी और पानी की पूर्ति करता है।

    नौ तपा के दौरान सावधानियां

    नौ तपा के दौरान अत्यधिक गर्मी से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

    • दिन के सबसे गर्म समय में बाहर निकलने से बचें।
    • हल्के और सूती कपड़े पहनें।
    • पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थों का सेवन करें।
    • धूप में निकलते समय सिर को ढक कर रखें।
    • अधिक शारीरिक श्रम से बचें।

    नौ तपा भारतीय मौसम चक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो गर्मियों की तीव्रता और मानसून की भविष्यवाणी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस अवधि के बाद आने वाली मानसूनी बारिश गर्मी से राहत दिलाती है और कृषि के लिए अनुकूल परिस्थितियां पैदा करती है।

  • हिंदी में व्याख्या – देश: भारत

    हिंदी में व्याख्या – देश: भारत

    भारत दक्षिण एशिया में स्थित एक प्रमुख देश है। यह विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा देश है। भारत का एक समृद्ध इतिहास, विविध संस्कृति, और विविध भूगोल है।

    भूगोल

    भारत का भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 3.287 मिलियन वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर में हिमालय पर्वत श्रृंखला है, जो इसे चीन, नेपाल और भूटान से अलग करती है। पूर्व में बांग्लादेश और म्यांमार, पश्चिम में पाकिस्तान और दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है। इसके प्रमुख भौगोलिक हिस्सों में उत्तरी मैदान, दक्कन का पठार, थार मरुस्थल, और तटीय क्षेत्र शामिल हैं।

    इतिहास

    भारत का इतिहास बहुत प्राचीन और समृद्ध है। हड़प्पा और मोहनजोदड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं से लेकर मौर्य, गुप्त, मुग़ल और ब्रिटिश काल तक, भारत ने कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं का अनुभव किया है। 1947 में भारत ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त की और स्वतंत्र भारत गणराज्य का गठन किया गया।

    राजनीति

    भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहां पर संसद सर्वोच्च विधायी संस्था है। इसमें दो सदन होते हैं: लोकसभा (निचला सदन) और राज्यसभा (ऊपरी सदन)। भारत का राष्ट्रपति राष्ट्र का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। वर्तमान में, नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं।

    अर्थव्यवस्था

    भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्रों पर आधारित है। सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि उत्पाद, वस्त्र, रत्न और आभूषण, और औषधि उद्योग भारत के प्रमुख आर्थिक क्षेत्र हैं। भारत की मुद्रा भारतीय रुपया है।

    संस्कृति

    भारत की संस्कृति विविध और रंगीन है। यहां विभिन्न धर्म, भाषाएं, नृत्य, संगीत, वास्तुकला, खान-पान और रीति-रिवाज हैं। हिंदी और अंग्रेजी भारत की आधिकारिक भाषाएं हैं, लेकिन यहां 22 अनुसूचित भाषाएं भी हैं। प्रमुख धर्मों में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, और जैन धर्म शामिल हैं।

    शिक्षा

    भारत में शिक्षा प्रणाली बहुत ही व्यापक है। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा में विभाजित, भारत के प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), और दिल्ली विश्वविद्यालय शामिल हैं। भारतीय शिक्षा प्रणाली ने विश्वभर में प्रसिद्ध वैज्ञानिक, इंजीनियर, और प्रबंधन विशेषज्ञ पैदा किए हैं।

    समाज और जनसंख्या

    भारत की जनसंख्या लगभग 1.4 अरब है, जिससे यह चीन के बाद सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बनता है। यहां विभिन्न जातीय समूह, भाषाई समूह और धार्मिक समूह मिलते हैं। भारत की विविधता उसके समाज की सबसे बड़ी विशेषता है, और यहां विभिन्न त्यौहार, जैसे दीवाली, होली, ईद, और क्रिसमस धूमधाम से मनाए जाते हैं।

    खेल

    क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है, लेकिन यहाँ फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, और कुश्ती जैसे खेल भी खेले जाते हैं। भारतीय क्रिकेट टीम ने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त की है।

    पर्यटन

    भारत में पर्यटकों के लिए कई आकर्षण स्थल हैं। ताजमहल, कुतुब मीनार, राजस्थान के किले, गोवा के समुद्र तट, केरल के बैकवाटर, और हिमालय के पर्वतीय स्थल प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।

    परिवहन

    भारत का परिवहन तंत्र बहुत विस्तृत है। यहाँ सड़क, रेल, वायु और समुद्री मार्गों की व्यापक व्यवस्था है। भारतीय रेलवे विश्व की सबसे बड़ी रेलवे प्रणालियों में से एक है।

    भारत एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति है और इसका सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक महत्व बढ़ता जा रहा है। विविधता में एकता भारत की सबसे बड़ी पहचान है और यह देश आगे भी विकास और प्रगति के पथ पर अग्रसर रहेगा।

    दैनिक दृष्टि व्याख्या, दैनिक दृष्टि न्यूज़ सेवा की एक मुहीम है जिससे की देश दुनिया की मुख्य जानकारियाँ हिंदी में सभी के लिए इंटरनेट पे उपलब्ध कराई जा सके.
  • CAA के बाद क्या है समान नागरिक कानून?

    CAA के बाद क्या है समान नागरिक कानून?

    भारत एक विभिन्नताओं वाला देश है। अनेकता में एकता ही इसकी पहचान है। यहां शादी, तलाक़, उत्तराधिकार और गोद लेने के मामलों में विभिन्न समुदायों में उनके धर्म, आस्था और विश्वास के आधार पर अलग-अलग क़ानून हैं। हालांकि, देश की आज़ादी के बाद से समान नागरिक संहिता या यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड (UCC) की मांग चलती रही है। इसके तहत इकलौता क़ानून होगा जिसमें किसी धर्म, लिंग और लैंगिक झुकाव की परवाह नहीं की जाएगी। यहां तक कि संविधान कहता है कि राष्ट्र को अपने नागरिकों को ऐसे क़ानून मुहैया कराने के ‘प्रयास’ करने चाहिए।

    लेकिन एक समान क़ानून की आलोचना देश का हिंदू बहुसंख्यक और मुस्लिम अल्पसंख्यक दोनों समाज करते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के शब्दों में कहें तो यह एक ‘डेड लेटर’ है। बीजेपी शासित उत्तराखंड की विधानसभा ने राज्य में यूसीसी लागू करने के लिए लाए गए विधेयक को पारित कर दिया है। राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन जाएगा। उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश और राजस्थान UCC पर चर्चा कर रहे हैं।

    अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करना, कश्मीर के विशेष दर्जे को समाप्त करना और UCC को लागू करना बीजेपी के चुनावी वादों में से एक रहे हैं। अयोध्या में मंदिर का वादा पूरा हुआ है और हाल में प्रधानमंत्री जी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा की जा चुकी है। कश्मीर से धारा 370 समाप्त कर दी गई है और CAA लागू हो गया है तो अब चर्चा UCC पर है। हिंदूवादी संगठन समान नागरिक संहिता की मांग मुस्लिम पर्सनल लॉ के कथित ‘पिछड़े’ क़ानूनों का हवाला देकर उठाते रहे हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत तीन तलाक़ वैध था जिसके तहत मुसलमान तुरंत तलाक़ दे सकते थे लेकिन मोदी सरकार ने साल 2019 में इसे आपराधिक बना दिया।

    बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र कहता है कि ‘जब तक भारत समान नागरिक संहिता नहीं अपना लेता है तब तक लैंगिक समानता नहीं हो सकती है।’ भारत में 90% जोड़े शादी के बाद पति के परिवार के साथ रहते हैं लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ‘असलियत बहुत ज़्यादा जटिल है.’ दूसरे शब्दों में कहें तो UCC बनाने के विचार ने उस पिटारे को खोल दिया है जिसके देश के हिंदू बहुमत के लिए भी अनपेक्षित नतीजे होंगे जिसका प्रतिनिधित्व करने का दावा बीजेपी करती है। “UCC मुसलमानों के साथ-साथ हिंदुओं की सामाजिक ज़िंदगी को प्रभावित करेगी.”

  • राजस्थान बजट 2024: सौर ऊर्जा से बिजली मुफ्त, महिला-बुजुर्गों को तोहफा और शिक्षा पर बड़े ऐलान

    राजस्थान बजट 2024: सौर ऊर्जा से बिजली मुफ्त, महिला-बुजुर्गों को तोहफा और शिक्षा पर बड़े ऐलान

    राजस्थान में भजनलाल सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है। डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने आज विधानसभा बजट पेश किया। भजनलाल सरकार बजट में महिला-बुजुर्ग और छात्रों के लिए कई ऐलान किए।

    बजट में 70,000 पदों पर भर्तियां करने, गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के तहत एक लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त अल्पकालिक ऋण देने, जयपुर के निकट हाईटेक सिटी विकसित करने, ‘लाडो प्रोत्साहन योजना’ के तहत गरीब परिवारों की बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपये का सेविंग बॉन्ड देने सहित कई घोषणाएं की गईं।

    वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके कार्यकाल में राज्य जहां एक ओर विपरीत वित्तीय स्थिति में आ गया, वहीं दूसरी ओर गलत नीतियों, भ्रष्टाचार, लचर कानून व्यवस्था, कुशासन एवं तुष्टिकरण के कारण प्रदेश के विकास की गति भी मंद हुई। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में राज्य पर कुल ऋण भार दोगुना होकर लगभग 5.79 लाख करोड़ रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि पूर्व सरकार ने 2.24 लाख करोड़ रुपये का कर्ज लिया लेकिन पूंजीगत व्यय केवल 93,577 करोड़ रुपये रहा।

    वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2024-25 के वार्षिक वित्तीय विवरण तथा अन्य बजट पत्रों के साथ कुछ अधिसूचनायें जारी की जा रही हैं तथा अनुदान मांगें भी प्रस्तुत की जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘चूंकि आगामी लोकसभा चुनाव के कारण बजट प्रस्तावों पर विधानसभा में चर्चा कराकर 31 मार्च, 2024 से पूर्व वार्षिक बजट पारित कराया जाना संभव नहीं है। अतः मैं, वित्त वर्ष 2024-25 के पहले चार महीनों के लिए यथा-31 जुलाई, 2024 तक व्यय हेतु लेखानुदान का प्रस्ताव प्रस्तुत कर रही हूं।” यानी वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा।

    राजस्थान बजट (लेखानुदान):

    500 इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएगी।

    जयपुर मेट्रो का सीतापुरा अंबाबाड़ी तक विस्तार की योजना।

    5 लाख से ज्यादा घरों में सोलर प्लांट लगाने की योजना।

    25 लाख परिवारों को नल के द्वारा पानी उपलब्ध करवाया जाएगा।

    70,000 ( सत्तर हजार) पदों पर युवाओं के लिए नई भर्ती की घोषणा।

    भर्ती परीक्षाओं के लिए RPSC एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड कैलेंडर जारी करेगा।

    जयपुर के पास हाइटेक सिटी बनाने की योजना।

    300 यूनिट तक बिजली फ्री गरीब बच्चों को kg से pg तक की शिक्षा फ्री। 9 से 12 की छात्राओं के लिए 1000 की सहायता।

    लाडो प्रोत्साहन योजना लागू होगी।

    गरीब बालिकाओं के जन्म पर एक लाख का बॉन्ड।

    सीनियर सिटीजन को रोडवेज बसों में 50% की छूट।

    मेडिकल कॉलेज का काम तेज गति से होगा।

    मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का नाम अब मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना होगा।

    मुख्यमंत्री विश्वकर्मा पेंशन योजना का एलान।

    सामाजिक सुरक्षा पेंशन 1150 रुपए की गई।

    पदोन्नति(डीपीसी) में 2 साल की छूट का प्रावधान।

    GPF की सूचना ऑनलाइन की जाएगी।

    पारिवारिक पेंशन की सूचना ऑनलाइन की जाएगी।

    RGHS में कार्मिकों एवं पेंशनरों को दवाईयों की डिलीवरी योजना प्रारंभ की जाएगी।

    गरीबों काे अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से 600 ग्राम भोजन देने का फैसला किया है। इसके लिए राजकीय सहायता प्रति थाली 17 रुपए से बढ़ाकर 22 रुपए की गई है, इससे 300 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च होंगे।

    पूछरी का लौठा,  डीग , गोवर्धन सहित 20 मंदिरों के विकास के लिए 300 करोड़ की योजना।

    तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिला आरक्षण 50 % और अन्य भर्ती भर्ती में महिला आरक्षण 30 % से बढ़ाकर 40% करने की योजना।

    राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को प्रति विद्यार्थी को 1000 रुपये।

    मिशन ओलंपिक 2028 की घोषणा, ‘जयपुर में 100 करोड़ से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा’, ’50 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को विशेष मदद दी जाएगी।

    ‘लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू होगी’, ‘लखपति दीदी योजना के तहत 5 लाख परिवारों की महिलाओं की आय को एक लाख से ज्यादा बढ़ाया जाएगा।

    आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के मानदेय में 10% की वृद्धि की जाएगी।मीसाबंदियों को ₹20000 की मासिक पेंशन व ₹4000 चिकित्सा सहायता प्रदान की जाएगी।

    गरीब परिवार में बेटी पैदा होने पर 1 लाख रुपए सेविंग बॉन्ड मिलेगा, महिलाओं को पहले प्रसव पर 5000 से बढ़ाकर 6000 रुपए किया जाएगा, ब्लॉक स्तर पर एक आंगनबाड़ी को आदर्श बनाया जाएगा।

    बालिकाओं के लिए 25-25 करोड़ की लागत से स्पोर्टस सेंटर खुलेंगे, 50 युवाओं को ओलिंपिक के लिए किया जाएगा ट्रेंड होगी।

  • अयोध्या जी में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा पर प्रधानमंत्री का पूर्ण संबोधन

    अयोध्या जी में श्री राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा पर प्रधानमंत्री का पूर्ण संबोधन

    सियावर रामचंद्र की जय।

    सियावर रामचंद्र की जय।

    श्रद्धेय मंच, सभी संत एवं ऋषिगण, यहां उपस्थित और विश्व के कोने-कोने में हम सबके साथ जुड़े हुए सभी रामभक्त, आप सबको प्रणाम, सबको राम-राम। आज हमारे राम आ गए हैं! सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, त्याग और तपस्या के बाद हमारे प्रभु राम आ गये हैं। इस शुभ घड़ी की आप सभी को, समस्त देशवासियों को, बहुत-बहुत बधाई। मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हुआ हूँ। कितना कुछ कहने को है… लेकिन कंठ अवरुद्ध है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है, चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब इस दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास है, अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है इसकी अनुभूति, देश के, विश्व के, कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी। ये क्षण अलौकिक है। ये पल पवित्रतम है। ये माहौल, ये वातावरण, ये ऊर्जा, ये घड़ी… प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है। 22 जनवरी, 2024 का ये सूरज एक अद्भुत आभा लेकर आया है। 22 जनवरी, 2024, ये कैलेंडर पर लिखी एक तारीख नहीं। ये एक नए कालचक्र का उद्गम है। राम मंदिर के भूमिपूजन के बाद से प्रतिदिन पूरे देश में उमंग और उत्साह बढ़ता ही जा रहा था। निर्माण कार्य देख, देशवासियों में हर दिन एक नया विश्वास पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हो रहा राष्ट्र, अतीत के हर दंश से हौसला लेता हुआ राष्ट्र, ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे। और ये कितनी बड़ी रामकृपा है कि हम इस पल को जी रहे हैं, इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं। आज दिन-दिशाएँ… दिग-दिगंत… सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। ये समय, सामान्य समय नहीं है। ये काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रहीं अमिट स्मृति रेखाएँ हैं।

    साथियों, हम सब जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहाँ पवनपुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए, मैं रामभक्त हनुमान और हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूँ। मैं माता जानकी, लक्ष्मण जी, भरत-शत्रुघ्न, सबको नमन करता हूं। मैं पावन अयोध्या पुरी और पावन सरयू को भी प्रणाम करता हूँ। मैं इस पल दैवीय अनुभव कर रहा हूँ कि जिनके आशीर्वाद से ये महान कार्य पूरा हुआ है… वे दिव्य आत्माएँ, वे दैवीय विभूतियाँ भी इस समय हमारे आस-पास उपस्थित हैं। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी कृतज्ञता पूर्वक नमन करता हूँ। मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गयी होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है, प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे।

    मेरे प्यारे देशवासियों, त्रेता में राम आगमन पर तुलसीदास जी ने लिखा है- प्रभु बिलोकि हरषे पुरबासी। जनित वियोग बिपति सब नासी। अर्थात्, प्रभु का आगमन देखकर ही सब अयोध्यावासी, समग्र देशवासी हर्ष से भर गए। लंबे वियोग से जो आपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया। उस कालखंड में तो वो वियोग केवल 14 वर्षों का था, तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। भारत के तो संविधान में, उसकी पहली प्रति में, भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं आभार व्यक्त करूंगा भारत की न्यायपालिका का, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना। साथियों,आज गाँव-गाँव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। पूरा देश आज दीवाली मना रहा है। आज शाम घर-घर राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से धनुषकोडि में रामसेतु के आरंभ बिंदु अरिचल मुनाई पर था। जिस घड़ी प्रभु राम समुद्र पार करने निकले थे वो एक पल था जिसने कालचक्र को बदला था। उस भावमय पल को महसूस करने का मेरा ये विनम्र प्रयास था। वहां पर मैंने पुष्प वंदना की। वहां मेरे भीतर एक विश्वास जगा कि जैसे उस समय कालचक्र बदला था उसी तरह अब कालचक्र फिर बदलेगा और शुभ दिशा में बढ़ेगा। अपने 11 दिन के व्रत-अनुष्ठान के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु राम के चरण पड़े थे। चाहे वो नासिक का पंचवटी धाम हो, केरला का पवित्र त्रिप्रायर मंदिर हो, आंध्र प्रदेश में लेपाक्षी हो, श्रीरंगम में रंगनाथ स्वामी मंदिर हो, रामेश्वरम में श्री रामनाथस्वामी मंदिर हो, या फिर धनुषकोडि… मेरा सौभाग्य है कि इसी पुनीत पवित्र भाव के साथ मुझे सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। सागर से सरयू तक, हर जगह राम नाम का वही उत्सव भाव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हुए हैं। राम, भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हुए हैं। हम भारत में कहीं भी, किसी की अंतरात्मा को छुएंगे तो इस एकत्व की अनुभूति होगी, और यही भाव सब जगह मिलेगा। इससे उत्कृष्ट, इससे अधिक, देश को समायोजित करने वाला सूत्र और क्या हो सकता है?

    मेरे प्यारे देशवासियों! मुझे देश के कोने-कोने में अलग-अलग भाषाओं में रामायण सुनने का अवसर मिला है, लेकिन विशेषकर पिछले 11 दिनों में रामायण अलग-अलग भाषा में, अलग-अलग राज्यों से मुझे विशेष रूप से सुनने का सौभाग्य मिला। राम को परिभाषित करते हुये ऋषियों ने कहा है- रमन्ते यस्मिन् इति रामः॥ अर्थात्, जिसमें रम जाया जाए, वही राम है। राम लोक की स्मृतियों में, पर्व से लेकर परम्पराओं में, सर्वत्र समाये हुए हैं। हर युग में लोगों ने राम को जिया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी-अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। और ये रामरस, जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है। प्राचीन काल से भारत के हर कोने के लोग रामरस का आचमन करते रहे हैं। रामकथा असीम है, रामायण भी अनंत हैं। राम के आदर्श, राम के मूल्य, राम की शिक्षाएं, सब जगह एक समान हैं।

    प्रिय देशवासियों, आज इस ऐतिहासिक समय में देश उन व्यक्तित्वों को भी याद कर रहा है, जिनके कार्यों और समर्पण की वजह से आज हम ये शुभ दिन देख रहे हैं। राम के इस काम में कितने ही लोगों ने त्याग और तपस्या की पराकाष्ठा करके दिखाई है। उन अनगिनत रामभक्तों के, उन अनगिनत कारसेवकों के और उन अनगिनत संत महात्माओं के हम सब ऋणी हैं। साथियों,आज का ये अवसर उत्सव का क्षण तो है ही, लेकिन इसके साथ ही ये क्षण भारतीय समाज की परिपक्वता के बोध का क्षण भी है। हमारे लिए ये अवसर सिर्फ विजय का नहीं, विनय का भी है। दुनिया का इतिहास साक्षी है कि कई राष्ट्र अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं। ऐसे देशों ने जब भी अपने इतिहास की उलझी हुई गांठों को खोलने का प्रयास किया, उन्हें सफलता पाने में बहुत कठिनाई आई। बल्कि कई बार तो पहले से ज्यादा मुश्किल परिस्थितियां बन गईं। लेकिन हमारे देश ने इतिहास की इस गांठ को जिस गंभीरता और भावुकता के साथ खोला है, वो ये बताती है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से बहुत सुंदर होने जा रहा है। वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए। रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं, ये निर्माण किसी आग को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है। राम मंदिर समाज के हर वर्ग को एक उज्जवल भविष्य के पथ पर बढ़ने की प्रेरणा लेकर आया है। मैं आज उन लोगों से आह्वान करूंगा… आईये, आप महसूस कीजिए, अपनी सोच पर पुनर्विचार कीजिए।

    राम आग नहीं है, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं।

    प्रधानमंत्री मोदी

    साथियों, आज जिस तरह राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा के इस आयोजन से पूरा विश्व जुड़ा हुआ है, उसमें राम की सर्वव्यापकता के दर्शन हो रहे हैं। जैसा उत्सव भारत में है, वैसा ही अनेकों देशों में है। आज अयोध्या का ये उत्सव रामायण की उन वैश्विक परम्पराओं का भी उत्सव बना है। रामलला की ये प्रतिष्ठा ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ के विचार की भी प्रतिष्ठा है।साथियों, आज अयोध्या में, केवल श्रीराम के विग्रह रूप की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। ये श्रीराम के रूप में साक्षात् भारतीय संस्कृति के प्रति अटूट विश्वास की भी प्राण प्रतिष्ठा है। ये साक्षात् मानवीय मूल्यों और सर्वोच्च आदर्शों की भी प्राण प्रतिष्ठा है। इन मूल्यों की, इन आदर्शों की आवश्यकता आज सम्पूर्ण विश्व को है। सर्वे भवन्तु सुखिन: ये संकल्प हम सदियों से दोहराते आए हैं। आज उसी संकल्प को राममंदिर के रूप में साक्षात् आकार मिला है। ये मंदिर, मात्र एक देव मंदिर नहीं है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं। राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं। राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं। राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं। राम प्रवाह हैं, राम प्रभाव हैं। राम नेति भी हैं। राम नीति भी हैं। राम नित्यता भी हैं। राम निरंतरता भी हैं। राम विभु हैं, विशद हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। और इसलिए, जब राम की प्रतिष्ठा होती है, तो उसका प्रभाव वर्षों या शताब्दियों तक ही नहीं होता। उसका प्रभाव हजारों वर्षों के लिए होता है। महर्षि वाल्मीकि ने कहा है- राज्यम् दश सहस्राणि प्राप्य वर्षाणि राघवः। अर्थात, राम दस हजार वर्षों के लिए राज्य पर प्रतिष्ठित हुए। यानी हजारों वर्षों के लिए रामराज्य स्थापित हुआ। जब त्रेता में राम आए थे, तब हजारों वर्षों के लिए रामराज्य की स्थापना हुई थी। हजारों वर्षों तक राम विश्व पथप्रदर्शन करते रहे थे। और इसलिए मेरे प्यारे देशवासियों, आज अयोध्या भूमि हम सभी से, प्रत्येक रामभक्त से, प्रत्येक भारतीय से कुछ सवाल कर रही है। श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया…अब आगे क्या? सदियों का इंतजार तो खत्म हो गया…अब आगे क्या? आज के इस अवसर पर जो दैव, जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हुई हैं, हमें देख रही हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे? नहीं, कदापि नहीं। आज मैं पूरे पवित्र मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है। ये सुखद संयोग है कि हमारी पीढ़ी को एक कालजयी पथ के शिल्पकार के रूप में चुना गया है। हज़ार वर्ष बाद की पीढ़ी, राष्ट्र निर्माण के हमारे आज के कार्यों को याद करेगी। इसलिए मैं कहता हूं- यही समय है, सही समय है। हमें आज से, इस पवित्र समय से, अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर अब हम सभी देशवासी, यहीं इस पल से समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार, ‘मानस के साथ ही जनमानस’ में भी हों, यही राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है।साथियों,आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हमारी चेतना का विस्तार… देव से देश तक, राम से राष्ट्र तक होना चाहिए। हनुमान जी की भक्ति, हनुमान जी की सेवा, हनुमान जी का समर्पण, ये ऐसे गुण हैं जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा और समर्पण के ये भाव, समर्थ-सक्षम,भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेंगे। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार ! दूर-सुदूर जंगल में कुटिया में जीवन गुजारने वाली मेरी आदिवासी मां शबरी का ध्यान आते ही, अप्रतिम विश्वास जागृत होता है। मां शबरी तो कबसे कहती थीं- राम आएंगे। प्रत्येक भारतीय में जन्मा यही विश्वास, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगा। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार! हम सब जानते हैं कि निषादराज की मित्रता, सभी बंधनों से परे है। निषादराज का राम के प्रति सम्मोहन, प्रभु राम का निषादराज के लिए अपनापन कितना मौलिक है। सब अपने हैं, सभी समान हैं। प्रत्येक भारतीय में अपनत्व की, बंधुत्व की ये भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार!

    साथियों, आज देश में निराशा के लिए रत्तीभर भी स्थान नहीं है। मैं तो बहुत सामान्य हूं, मैं तो बहुत छोटा हूं, अगर कोई ये सोचता है, तो उसे गिलहरी के योगदान को याद करना चाहिए। गिलहरी का स्मरण ही हमें हमारी इस हिचक को दूर करेगा, हमें सिखाएगा कि छोटे-बड़े हर प्रयास की अपनी ताकत होती है, अपना योगदान होता है। और सबके प्रयास की यही भावना, समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार बनेगी। और यही तो है देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार!

    साथियों, लंकापति रावण, प्रकांड ज्ञानी थे, अपार शक्ति के धनी थे। लेकिन जटायु जी की मूल्य निष्ठा देखिए, वे महाबली रावण से भिड़ गए। उन्हें भी पता था कि वो रावण को परास्त नहीं कर पाएंगे। लेकिन फिर भी उन्होंने रावण को चुनौती दी। कर्तव्य की यही पराकाष्ठा समर्थ-सक्षम, भव्य-दिव्य भारत का आधार है। और यही तो है, देव से देश और राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार। आइए, हम संकल्प लें कि राष्ट्र निर्माण के लिए हम अपने जीवन का पल-पल लगा देंगे। रामकाज से राष्ट्रकाज, समय का पल-पल, शरीर का कण-कण, राम समर्पण को राष्ट्र समर्पण के ध्येय से जोड़ देंगे। मेरे देशवासियों, प्रभु श्रीराम की हमारी पूजा, विशेष होनी चाहिए। ये पूजा, स्व से ऊपर उठकर समष्टि के लिए होनी चाहिए। ये पूजा, अहम से उठकर वयम के लिए होनी चाहिए। प्रभु को जो भोग चढ़ेगा, वो विकसित भारत के लिए हमारे परिश्रम की पराकाष्ठा का प्रसाद भी होगा। हमें नित्य पराक्रम, पुरुषार्थ, समर्पण का प्रसाद प्रभु राम को चढ़ाना होगा। इनसे नित्य प्रभु राम की पूजा करनी होगी, तब हम भारत को वैभवशाली और विकसित बना पाएंगे।

    मेरे प्यारे देशवासियों, ये भारत के विकास का अमृतकाल है। आज भारत युवा शक्ति की पूंजी से भरा हुआ है, ऊर्जा से भरा हुआ है। ऐसी सकारात्मक परिस्थितियां, फिर ना जाने कितने समय बाद बनेंगी। हमें अब चूकना नहीं है, हमें अब बैठना नहीं है। मैं अपने देश के युवाओं से कहूंगा। आपके सामने हजारों वर्षों की परंपरा की प्रेरणा है। आप भारत की उस पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं…जो चांद पर तिरंगा लहरा रही है, जो 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करके, सूर्य के पास जाकर मिशन आदित्य को सफल बना रही है, जो आसमान में तेजस… सागर में विक्रांत…का परचम लहरा रही है। अपनी विरासत पर गर्व करते हुए आपको भारत का नव प्रभात लिखना है। परंपरा की पवित्रता और आधुनिकता की अनंतता, दोनों ही पथ पर चलते हुए भारत, समृद्धि के लक्ष्य तक पहुंचेगा।

    मेरे साथियों, आने वाला समय अब सफलता का है। आने वाला समय अब सिद्धि का है। ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भारत के उत्कर्ष का, भारत के उदय का, ये भव्य राम मंदिर साक्षी बनेगा- भव्य भारत के अभ्युदय का, विकसित भारत का! ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य, सत्य प्रमाणित हो, अगर लक्ष्य, सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो, तब उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। ये भारत का समय है और भारत अब आगे बढ़ने वाला है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं। हम सब ने इस युग का, इस कालखंड का इंतजार किया है। अब हम रुकेंगे नहीं। हम विकास की ऊंचाई पर जाकर ही रहेंगे। इसी भाव के साथ रामलला के चरणों में प्रणाम करते हुए आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं। सभी संतों के चरणों में मेरे प्रणाम।

    सियावर रामचंद्र की जय।

    सियावर रामचंद्र की जय।

    सियावर रामचंद्र की जय।