Category: राजस्थान Rajasthan

  • कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के एक ट्वीट ने गरमा दिया राजस्थान में माहोल

    कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत के एक ट्वीट ने गरमा दिया राजस्थान में माहोल

    राजस्थान के डिप्टी मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट साझा किए हैं, जिसके बाद विवाद बढ़ गया। सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें भी वायरल हो रही हैं, जिसमें दावा किया गया कि प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम पद से हटा दिया गया है। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है।

    आरजेडी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “बीजेपी का उपमुख्यमंत्री दिल्ली के पांच सितारा होटल में एक रशियन के साथ पकड़ा गया। मामला रफा-दफा करने का प्रयास जारी है।” हालांकि, इस पोस्ट में प्रेमचंद बैरवा का सीधा नाम नहीं लिया गया था, लेकिन इस विवाद ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है। इसी बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा खुलकर प्रेमचंद बैरवा के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने इस विवाद को फर्जी और बेबुनियाद बताया है और बैरवा के खिलाफ उठाए जा रहे सवालों को गलत ठहराया है।

    सुप्रिया श्रीनेत ने अपने रशियन विवाद पर किए गए पोस्ट और बीजेपी नेताओं के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, “यह कौन सा उड़ता तीर है, जो बीजेपी पकड़ रही है, मुझे पता नहीं। मैंने किसी का नाम नहीं लिया, तो क्लीन चिट किसे दी जा रही है? क्या यह चोर की दाढ़ी में तिनका नहीं है? जब मैंने आरोप ही नहीं लगाया, तो स्पष्टीकरण क्यों दिया जा रहा है?”

    श्रीनेत ने साफ किया कि उन्होंने बिना किसी का नाम लिए मात्र चार शब्द लिखे थे, और इससे भाजपा में हड़कंप मच गया। उन्होंने कहा, “मेरे मन में आया कि रशिया-यूक्रेन का युद्ध चल रहा है और मैं दिल्ली में रहती हूं। रोज ली मेरिडियन देखती हूं, और दिल्ली में जो किस्से कहानियां सुनती हूं, उससे मुझे राजस्थान की याद आ गई।”

    मदन राठौड़ और किरोड़ी लाल मीणा ने भी श्रीनेत की टिप्पणियों का विरोध करते हुए प्रेमचंद बैरवा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला फर्जी है और विपक्षी दलों द्वारा भाजपा के नेताओं को बदनाम करने की एक साजिश है। भाजपा के नेताओं ने कहा कि बैरवा का चरित्र और उनकी प्रतिष्ठा पर किसी भी तरह का सवाल उठाना गलत है, और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन हैं।

  • एसएसओ आईडी SSO ID कैसे बनाए और ईडब्ल्यूएस या अन्य योजनाओं के लिए आवेदन करे

    एसएसओ आईडी SSO ID कैसे बनाए और ईडब्ल्यूएस या अन्य योजनाओं के लिए आवेदन करे

    राजस्थान में SSO ID बनाने और EWS प्रमाण पत्र और अन्य सरकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने के आसान कदम:

    SSO ID क्या है?

    राजस्थान सरकार ने नागरिकों के लिए ऑनलाइन सेवाओं का लाभ उठाने के लिए एकल साइन-ऑन (SSO) पोर्टल शुरू किया है। SSO ID बनाकर, आप सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं, जैसे कि EWS प्रमाण पत्र।

    SSO ID कैसे बनाएं:

    1. SSO पोर्टल पर जाएं:अपने फोन या कंप्यूटर पर वेब ब्राउज़र खोलें और राजस्थान सरकार की SSO वेबसाइट पर जाएं: https://sso.rajasthan.gov.in

    2. नई आईडी के लिए रजिस्टर करें:होमपेज पर आपको ‘रजिस्टर’ का विकल्प दिखेगा। उस पर क्लिक करें।

    3. रजिस्ट्रेशन का तरीका चुनें:यहां तीन तरीके मिलते हैं:जनाधार (जनाधार कार्ड से)गूगल (गूगल अकाउंट से)फेसबुक (फेसबुक अकाउंट से)आप जनाधार से रजिस्टर कर सकते हैं या गूगल/फेसबुक से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

    4. जानकारी भरें:चुने हुए तरीके के अनुसार अपनी जानकारी भरें जैसे कि मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, और पासवर्ड।

    5. OTP वेरिफिकेशन:आपके मोबाइल नंबर या ईमेल पर एक OTP (वन टाइम पासवर्ड) आएगा। इसे वेबसाइट पर दर्ज करें और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करें।

    6. SSO ID तैयार:अब आपकी SSO ID बन चुकी है। इसे नोट कर लें क्योंकि यह आपको सरकारी सेवाओं के लिए लॉगिन करने में मदद करेगी।

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करें: 1. SSO पोर्टल पर लॉगिन करें:अपनी SSO ID और पासवर्ड का उपयोग करके SSO पोर्टल पर लॉगिन करें। 2. ई-मित्र सेवा का चयन करें:लॉगिन करने के बाद, डैशबोर्ड पर आपको कई सेवाओं के विकल्प दिखेंगे। इसमें से ‘ई-मित्र’ या ‘सर्टिफिकेट’ सेवा चुनें। 3. EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें:ई-मित्र सेवा के अंदर EWS प्रमाण पत्र के विकल्प पर क्लिक करें। 4. आवेदन फॉर्म भरें:अब EWS प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, और संपत्ति की जानकारी भरें। 5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आधार कार्ड), और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करें। 6. फॉर्म जमा करें और भुगतान करें:फॉर्म जमा करने के बाद, यदि कोई आवेदन शुल्क है, तो उसे ऑनलाइन भुगतान करें। 7. रसीद प्राप्त करें:सफलतापूर्वक आवेदन करने पर आपको एक रसीद मिलेगी। इसे संभालकर रखें। इससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

    राजस्थान में SSO ID बनाना और EWS प्रमाण पत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करना एक सरल प्रक्रिया है। ऊपर दिए गए चरणों का पालन करके आप आसानी से SSO ID बना सकते हैं और EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं।

  • ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र: आवेदन प्रक्रिया, आरक्षण और लाभ – राजस्थान में संपूर्ण जानकारी

    ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र: आवेदन प्रक्रिया, आरक्षण और लाभ – राजस्थान में संपूर्ण जानकारी

    ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) प्रमाण पत्र क्या है?

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाता है जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अंतर्गत आते हैं और सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, और अन्य सरकारी योजनाओं में आरक्षण के पात्र होते हैं। यह प्रमाण पत्र सामान्य वर्ग के ऐसे लोगों के लिए है, जो अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, या अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण का लाभ नहीं उठा रहे हैं। राजस्थान में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के तहत 10% आरक्षण का प्रावधान है।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए पात्रता:

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:

    1. आय सीमा: आवेदक की पारिवारिक वार्षिक आय ₹8 लाख से कम होनी चाहिए।

    2. भूमि स्वामित्व: आवेदक के पास कृषि भूमि 5 एकड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।

    3. आवासीय संपत्ति: आवेदक के पास शहरी क्षेत्रों में 1000 वर्ग फीट से अधिक का फ्लैट नहीं होना चाहिए, और अधिसूचित नगर पालिकाओं में 100 गज से अधिक का आवासीय प्लॉट नहीं होना चाहिए।

    4. अन्य संपत्ति: आवेदक के पास अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC), या अनुसूचित जनजाति (ST) के तहत आरक्षण का लाभ नहीं होना चाहिए।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन प्रक्रिया:

    1. ऑनलाइन आवेदन: इसके लिए आपको वेबसाइट के लिए एक SSO ID बनानी होगी। (अधिक जानकारी के लिए ये लेख पढ़े) सबसे पहले राजस्थान सरकार के ई-मित्र पोर्टल या आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं। ‘ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र’ के लिए आवेदन फॉर्म भरें। मांगी गई जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, संपत्ति की जानकारी आदि दर्ज करें।आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, भूमि या संपत्ति के दस्तावेज अपलोड करें। आवेदन शुल्क (यदि लागू हो) का भुगतान करें और फॉर्म जमा करें।

    2. ऑफलाइन आवेदन: नजदीकी एसडीएम (SDM) कार्यालय या तहसील कार्यालय में जाएं।वहां से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें और उसे ध्यानपूर्वक भरें। आवश्यक दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, संपत्ति के दस्तावेज, और फोटो संलग्न करें। आवेदन जमा करें और रसीद प्राप्त करें। इसके बाद, संबंधित अधिकारी द्वारा सत्यापन किया जाएगा।

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लाभ:

    1. सरकारी नौकरियों में आरक्षण: राजस्थान सरकार के विभिन्न विभागों और केंद्रीय सरकारी नौकरियों में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर उम्मीदवारों को 10% आरक्षण मिलता है।

    2. शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण: इंजीनियरिंग, मेडिकल, और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में भी ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलता है।

    3. सरकारी योजनाओं का लाभ: कई सरकारी योजनाओं और सुविधाओं में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र धारक को प्राथमिकता दी जाती है।

    4. आर्थिक सहायता: राजस्थान में कई योजनाओं के तहत ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र धारकों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और आवास में सब्सिडी या छूट मिलती है।

    दस्तावेज़ों की सूची:

    ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

    1. पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि) 2. आय प्रमाण पत्र 3. संपत्ति के दस्तावेज (भूमि या घर का विवरण) 4. राशन कार्ड (यदि लागू हो) 5. पासपोर्ट साइज फोटो 6. आवासीय प्रमाण पत्र (स्थायी निवास प्रमाण पत्र)

    समय सीमा और प्रमाण पत्र की वैधता:

    आमतौर पर, ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनने में 15 से 30 दिनों का समय लगता है।यह प्रमाण पत्र एक साल के लिए मान्य होता है, इसके बाद इसे नवीनीकृत करना पड़ता है।

    राजस्थान में ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य योजनाओं में आरक्षण का लाभ मिलता है। समय पर सही दस्तावेज़ जमा करके, इस प्रमाण पत्र का लाभ उठाया जा सकता है।

    SSO ID के माध्यम सेऑनलाइन आवेदन:

    EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कैसे करें:

    1. SSO पोर्टल पर लॉगिन करें: अपनी SSO ID और पासवर्ड का उपयोग करके SSO पोर्टल पर लॉगिन करें।

    2. ई-मित्र सेवा का चयन करें: लॉगिन करने के बाद, डैशबोर्ड पर आपको कई सेवाओं के विकल्प दिखेंगे। इसमें से ‘ई-मित्र’ या ‘सर्टिफिकेट’ सेवा चुनें।

    3. EWS प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करें: ई-मित्र सेवा के अंदर EWS प्रमाण पत्र के विकल्प पर क्लिक करें।

    4. आवेदन फॉर्म भरें: अब EWS प्रमाण पत्र का आवेदन फॉर्म खुलेगा। इसमें अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, पता, आय विवरण, और संपत्ति की जानकारी भरें।

    5. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें: फॉर्म के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आधार कार्ड), और निवास प्रमाण पत्र अपलोड करें।

    6. फॉर्म जमा करें और भुगतान करें: फॉर्म जमा करने के बाद, यदि कोई आवेदन शुल्क है, तो उसे ऑनलाइन भुगतान करें।

    7. रसीद प्राप्त करें: सफलतापूर्वक आवेदन करने पर आपको एक रसीद मिलेगी। इसे संभालकर रखें। इससे आप अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक कर सकते हैं।

  • मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दिसंबर 2024 में होगा ब्राह्मण एवं सर्व समाज का सामूहिक विवाह आयोजन

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत दिसंबर 2024 में होगा ब्राह्मण एवं सर्व समाज का सामूहिक विवाह आयोजन

    जयपुर, राजस्थान: राजस्थान ब्राह्मण महासभा प्रदेश महिला प्रकोष्ठ द्वारा दिसंबर 2024 में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक भव्य सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम विद्याधर नगर, सेक्टर 4 के परशुराम भवन में संपन्न होगा, जिसमें ब्राह्मण समाज के साथ-साथ सर्व समाज के युवक-युवतियों के विवाह कराए जाएंगे।इस योजना के तहत सरकार की ओर से विवाह उपरांत सर्व समाज की प्रत्येक वधु के खाते में ₹21,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे नवविवाहित जोड़े को शादी के बाद की आर्थिक जिम्मेदारियों में मदद मिलेगी।

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना: मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना राज्य सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से सरकार आर्थिक रूप से कमजोर या मिल जुल कर एक समोहिक उत्सव के तहत परिवारों को विवाह आयोजन में सहायता प्रदान करती है। योजना का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विषमता को कम करना और गरीब परिवारों को शादी जैसे महंगे आयोजन में आर्थिक सहारा देना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार द्वारा शादी के लिए आर्थिक मदद के अलावा, विवाह समारोह के आयोजन का खर्च भी उठाया जाता है। विवाह के दौरान आवश्यक वस्त्र और अन्य सामग्री भी दी जाती है, जिससे परिवारों पर बेहद कम आर्थिक भार पड़े।

    रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया: इच्छुक युवक-युवतियां इस सामूहिक विवाह के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन के लिए अपनी संपूर्ण जानकारी मोबाइल नंबर 9983350414 पर साझा करनी होगी। यह जानकारी महिला प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती अरुणा गौड़ द्वारा दी गई है।

    समारोह में भाग लेने के लिए पात्रता: आवेदक राजस्थान का निवासी होना चाहिए।विवाह योग्य युवक-युवतियों की उम्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार होनी चाहिए। कम आय वर्ग के परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी। सर्व समाज के लोग इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना समाज के सभी वर्गों के लिए समर्पित है और इसका उद्देश्य सभी समाज में समानता और भाईचारे को बढ़ावा देना है।

    रजिस्ट्रेशन और अधिक जानकारी के लिए मोबाइल:

    99833- 50414 पर सुबह 10 से श्याम 7 बजे तक संपर्क करे।

  • राजस्थान बजट में बेरोजगार का ध्यान, 25 लाख घरों को नल से जोड़ा जाएगा

    राजस्थान बजट में बेरोजगार का ध्यान, 25 लाख घरों को नल से जोड़ा जाएगा

    उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री श्रीमती दिया कुमारी ने राज्य का 2024 का बजट पेश किया। राजस्थान सरकार ने बेरोजगार युवाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। राज्य सरकार आगामी 5 वर्षों में 4 लाख युवाओं को रोजगार प्रदान करेगी। इसके लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह बजट गरीब, बेरोजगार युवा, महिलाएं और किसानों को समर्पित है। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए पेश किए गए इस बजट से राजस्थान विकसित राज्य की श्रेणी में अग्रसर होगा। बजट में चिकित्सा सुविधाओं का अधिक विस्तार करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 27 हजार 660 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। आमजन को अधिक राहत प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना मां योजना लागू किए जाने की घोषणा की गई है।

    राज्य सरकार प्रत्येक घर तक जल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के तहत 15 हजार करोड़ रुपए का बजट में प्रावधान किया गया है। योजना के तहत इसी वर्ष 25 लाख ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जाएगा।

  • राजस्थान में 5 साल पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य, न लगाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना

    राजस्थान में 5 साल पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट अनिवार्य, न लगाने पर 10,000 रुपये का जुर्माना

    राजस्थान परिवहन विभाग ने घोषणा की है कि 5 साल पुराने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) अनिवार्य कर दी गई है। यदि वाहन मालिक यह प्लेट अपने वाहनों पर नहीं लगाते हैं, तो उन पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।परिवहन विभाग ने ट्रैफिक डिपार्टमेंट को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जिन वाहनों के पंजीयन क्रमांक का अंतिम अंक 7 और 8 है, उन्हें 31 मई तक एचएसआरपी लगानी होगी। वहीं, जिन वाहनों का अंतिम अंक 9 और 0 है, उनके लिए अंतिम तिथि 30 जून 2024 निर्धारित की गई है।

    वाहन मालिक एचएसआरपी प्राप्त करने के लिए सियाम पोर्टल www.siam.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें निर्धारित शुल्क का भुगतान करना होगा और अपना स्लॉट बुक करना होगा। बुकिंग के बाद वाहन मालिक नजदीकी डीलर से एचएसआरपी प्राप्त कर सकते हैं।

    एचएसआरपी प्लेट्स लेजर कोटेड होती हैं और इन्हें केवल तोड़ने के बाद ही हटाया जा सकता है, जिससे वाहन चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। इसके अलावा, एचएसआरपी लगाने से इंटरनेट आधारित ट्रैफिक व्यवस्था को लागू करने, ई-चालान प्रक्रिया को सरल बनाने और संदिग्ध वाहनों को ट्रेस करने में भी मदद मिलेगी।

    परिवहन विभाग एक नया और अपडेटेड पोर्टल भी तैयार कर रहा है, जिसे आचार संहिता हटने के बाद सार्वजनिक रूप से लॉन्च किया जाएगा। इस नए पोर्टल से वाहन मालिकों को एचएसआरपी के लिए आवेदन करने में और अधिक सुविधा होगी।इस कदम से राज्य में वाहनों की सुरक्षा बढ़ाने और ट्रैफिक व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है हालाकि कुछ लोगो का कहना है की प्लेट लगाने के लिए समय कम दिया गया है।

  • राजस्थान में ड्रग तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, अब तक 34 करोड़ कीमत के नशीले पदार्थ हुए जब्त

    राजस्थान में ड्रग तस्करी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, अब तक 34 करोड़ कीमत के नशीले पदार्थ हुए जब्त

    राजस्थान में ड्रग तस्करी के खिलाफ पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर 15 मई से पूरे प्रदेश में ड्रग्स तस्करी के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत अब तक 476 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और करीब 35 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं।

    डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने जानकारी दी कि इस अभियान के दौरान 445 मामलों में 476 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और 34.97 करोड़ रुपये मूल्य के मादक पदार्थ भी बरामद किए गए हैं। इनमें 14.55 लाख किलोग्राम डोडा पोस्त, 1411 किलोग्राम डोडा, 197 किलोग्राम गांजा, 31 किलोग्राम गांजे के पौधे, 36 किलोग्राम अफीम, 9.7 किलोग्राम स्मैक, 3 किलोग्राम अफीम का दूध और 2.5 किलोग्राम हेरोइन सहित 7.96 किलोग्राम अन्य साइकोट्राफिक पदार्थ शामिल हैं।

    डीजीपी ने यह भी बताया कि जयपुर और जोधपुर के पुलिस उपायुक्तों के साथ-साथ जीआरपी अजमेर और जोधपुर सहित सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को उनके क्षेत्र में स्थित विद्यालय, महाविद्यालय और छात्रावासों के निकट डेयरी बूथ, पान की दुकान और चाय की थड़ी पर मादक पदार्थों के विक्रय पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

    इस व्यापक कार्रवाई से प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया है, जिससे समाज में नशे के दुष्प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पुलिस की इस सख्त कार्रवाई से न केवल तस्करों पर नकेल कसी गई है, बल्कि युवाओं को नशे के जाल से बचाने में भी मदद मिली है।

  • राजस्थान में हीट वेव से मौतों का आंकड़ा विवादित, मंत्री और विभाग के दावों में अंतर

    राजस्थान में हीट वेव से मौतों का आंकड़ा विवादित, मंत्री और विभाग के दावों में अंतर

    राजस्थान में भीषण गर्मी और हीट स्ट्रोक से हो रही मौतों को लेकर अलग-अलग आंकड़े सामने आ रहे हैं, जिससे लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने 12 मौतों की बात कही है, जबकि आपदा प्रबंधन विभाग का दावा है कि हीट स्ट्रोक से केवल 6 लोगों की मौत हुई है।

    दूसरी ओर, बाड़मेर, जालौर सहित अन्य शहरों के निवासियों का कहना है कि हीट स्ट्रोक और गर्मी के कारण मौतों का सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है और यह दो दर्जन से अधिक हो सकता है। गुरुवार को राज्य में तापमान चरम पर था, जिसमें बाड़मेर में 48.8 डिग्री, फलौदी में 48.6 डिग्री, जैसलमेर में 47.5 डिग्री, जोधपुर शहर में 47.4 डिग्री और चूरू में 47 डिग्री तापमान दर्ज किया गया।

    आपदा प्रबंधन विभाग ने हीट वेव से बचाव के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं। इसमें विभिन्न विभागों को समन्वय स्थापित करने, चिकित्सा सुविधाओं को सुनिश्चित करने और पीने के पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। नरेगा श्रमिकों के लिए दिन के पीक हीटवेव में काम के समय में परिवर्तन किया गया है और सभी उद्योग स्थलों पर छाया-पानी की व्यवस्था की जा रही है।

    इसके अतिरिक्त, स्कूलों के समय में हीटवेव को देखते हुए आवश्यक परिवर्तन की समुचित पालना करवाने और आउटडोर गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य में भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण उत्पन्न स्थितियों पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी हैं, लेकिन मंत्री और विभाग के दावों में अंतर ने स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है।

  • तपती जलती रेत में बीएसएफ के जवान ने सेका पापड़। बीकानेर में पारा 47 डिग्री। वीडियो वायरल।

    तपती जलती रेत में बीएसएफ के जवान ने सेका पापड़। बीकानेर में पारा 47 डिग्री। वीडियो वायरल।

    राजस्थान के बीकानेर में तापमान 47 डिग्री तक पहुंच गया है। इस भीषण गर्मी में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेत भट्टी की तरह धधक रही है, लेकिन मातृभूमि की सेवा करने वाले हमारे जवान डटे हुए हैं। बीकानेर की तपती रेत में जहां आम आदमी खड़ा भी नहीं रह सकता, वहां हमारे बीएसएफ जवान अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं।

    नीचे प्ले करके पूरा वीडियो देखिए:

    हाल ही में, बीकानेर की रेत में पापड़ भूनते हुए बीएसएफ जवान का एक वीडियो वायरल हुआ है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे जवान इस कठोर मौसम में भी अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों के दिलों में वीर जवानों के प्रति सम्मान और गर्व का भाव भर रहा है।

    बीएसएफ जवानों की यह दृढ़ता और साहस सचमुच काबिले तारीफ है। इस कठिन परिस्थिति में भी वे अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभा रहे हैं। वीरों को सलाम, जिन्होंने न सिर्फ देश की सीमाओं की रक्षा हर मौसम हर हाल में कर रहे है, बल्कि इस विपरीत परिस्थिति में भी अपने अदम्य साहस का परिचय दे रहे है। इस गर्मी में बीकानेर की रेत एक चुनौती बन गई है, लेकिन हमारे जवानों ने यह साबित कर दिया है कि वे किसी भी परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं।

    इस वीडियो ने न सिर्फ बीएसएफ जवानों के साहस को उजागर किया है, बल्कि पूरे देश में उनके प्रति गर्व और सम्मान की भावना को और बढ़ा दिया है। देशवासियों को अपने इन वीर जवानों पर गर्व है, जो हर परिस्थिति में देश की सुरक्षा के लिए तैयार रहते हैं। उनकी इस सेवा और बलिदान को हमारा सलाम।

  • राजस्थान में मिलावटी खाने पे चोट। खाद्य विभाग कर रहा कार्यवाही पे कार्यवाही। 12000 लीटर नकली तेल घी जब्त।

    राजस्थान में मिलावटी खाने पे चोट। खाद्य विभाग कर रहा कार्यवाही पे कार्यवाही। 12000 लीटर नकली तेल घी जब्त।

    प्रदेश में मिलावट के खिलाफ निरन्तर अभियान चलाया जा रहा है। मंगलवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण आयुक्त श्री इकबाल खान के निर्देशन में मुहाना मंडी क्षेत्र में खाद्य तेल कारोबारी के यहां कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान मुहाना मंडी में 6683 एवं निवाई स्थिति फैक्ट्री पर 6 हजार लीटर खाद्य तेल सीज किया गया।

    अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा ने बताया कि मुहाना अनाज मंडी, जयपुर में टोंक जिले के निवाई से रणथंभौर ब्रांड का सरसों का खाद्य तेल आने की सूचना मिली थी। इस पर रेकी करवाई गई तो मुहाना मंडी में माल उतरता पाया गया। खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2006 के तहत तेल के सैंपल लिए गए और अमानक खाद्य तेल होने की आशंका पर 6683 लीटर तेल सीज किया गया। ओझा ने बताया कि कुछ दिन पहले भी इस खाद्य तेल के सैंपल लिए गए थे, जिसमें तेल सब स्टैंडर्ड क्वालिटी का पाया गया था। आज यहां पकड़ा गया खाद्य तेल घटिया होने की आशंका चलते सीज किया गया है और सैंपल जांच के लिए भिजवाये गये हैं। कार्रवाई के दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी मौजूद रहे।

    पकड़ा गया नकली तेल

    टोंक सीएमएचओ अशोक यादव को भी कार्रवाई से अवगत कराया गया। इसके बाद टोंक के सीएमएचओ द्वारा निवाई इंडस्ट्रियल एरिया स्थिति फैक्ट्री में पहुंचकर लगभग 6000 लीटर रणथम्भौर ब्रांड कच्ची घाणी तेल सीज किया गया। इस दौरान खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुरेश कुमार भी शामिल रहे।

    बैकरी पर मिली एक्सपायरी डेट की सामग्री

    इसी प्रकार हवा सड़क, जयपुर स्थित विनायक बैकर्स के यहां भी कार्रवाई की गई। खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री पवन गुप्ता और श्री नरेश शर्मा द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान बैकरी पर एक्सपायरी डेट की सामग्री मिली, जिन्हें सीज किया गया। फफूंद लगी ब्रेड पाई गई। इसके अलावा बैकरी पर साफ-सफाई की स्थिति ठीक नहीं पाई गई। कुकिंग ट्रे पर गदंगी पाई गई और ब्रेड को जमीन पर रखकर काटा जा रहा था। इस पर फ़ूड लाइसेंस सस्पेंड करने की कार्रवाई की जा रही है। टीम द्वारा ओवन को भी सीज किया गया और मौके पर ही नोटिस दिया गया।

  • लोकसभा आचार संहिता लागू होने के बाद रिकॉर्ड 800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जब्ती

    लोकसभा आचार संहिता लागू होने के बाद रिकॉर्ड 800 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जब्ती

    राजस्थान में अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में लगभग 904.32 करोड़ रुपये कीमत की जब्तियां की हैं। निर्वाचन विभाग के निर्देश पर लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 806.18 करोड़ रुपये से ज्यादा है।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं। इसी क्रम में प्रदेश भर में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही हैं। श्री गुप्ता ने बताया कि 1 मार्च से अब तक राजस्थान में 3 जिलों में 40-40 करोड़ रूपये से अधिक, 10 जिलों में 30-30 करोड़ रुपये और 13 जिलों में 20-20 करोड़ रुपये मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं और नकदी जब्त की गई है।

    श्री गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, 1 मार्च, 2024 से अब तक 39.46 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 130.81 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, 44.86 करोड़ रुपये कीमत की शराब और 51.38 करोड़ रुपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 636.85 करोड़ रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 94 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च, 2024 से अब तक 38.51 करोड़ रुपये से अधिक नकद, 83.92 करोड़ रुपये मूल्य की ड्रग्स, 38.87 करोड़ रुपये कीमत की शराब और 43.51 करोड़ रुपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है। साथ ही, 600.62 करोड़ रुपये कीमत की अन्य सामग्री तथा 74 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं।

    इन संदिग्ध वस्तुओं के अवैध परिवहन पर कार्रवाई करने वाली कार्यकारी एजेंसियों में राज्य पुलिस, राज्य एक्साइज, नारकोटिक्स विभाग एवं आयकर विभाग प्रमुख हैं। इन जांच एवं निगरानी एजेंसियों और विभागों द्वारा प्रदेश भर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदेहास्पद मामले पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है।

  • राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों से भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा

    राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों से भाजपा ने उम्मीदवारों की घोषणा

    राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों से भाजपा ने उम्मीदवार की घोषणा की है। निम्न जनप्रतिनिधियों को टिकट मिला है। 10 सीटो पे घोषणा जल्द संभव है।

    बीकानेर- अर्जुन राम मेघवाल

    चुरू- देवेंद्र झाझंडिया

    सीकर- स्वामी सुमेधानंद सरस्वती

    अलवर- भूपेंद्र यादव

    भरतपुर- रामस्वरुप कोली

    नागौर- ज्योति मिर्धा

    पाली- पीपी चौधरी

    जोधपुर- गजेंद्र सिंह शेखावत

    बाड़मेर- कैलाश चौधरी

    जालौर- लुंबाराम चौधरी

    उदयपुर- मन्नालाल रावत

    बांसवाड़ा- महेंद्रजीत सिंह मालवीय

    चित्तौड़गढ़- सीपी जोशी

    कोटा- ओम बिरला

    झालावाड़-बारां- दुष्यंत सिंह

  • मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संवेदनशील फैसला, अब सीएम के काफिले के लिए नहीं रोका जाएगा शहर में यातायात

    मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का संवेदनशील फैसला, अब सीएम के काफिले के लिए नहीं रोका जाएगा शहर में यातायात

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा बुधवार शाम को जब जयपुर एयरपोर्ट से ओटीएस स्थित मुख्यमंत्री निवास लौट रहे थे, तब उनका काफिला आम लोगों के वाहनों की तरह रास्ते में लाल बत्ती पर रुक गया। मुख्यमंत्री को ट्रैफिक लाइट्स पर यातायात नियमों का पालन करते हुए हरी बत्ती होने का इंतजार करते देख आस-पास के राहगीर हैरत में आ गए।

    दरअसल, मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उनके मूवमेंट के समय आमजन को होने वाली परेशानी को दूर करते हुए लाल बत्ती पर अपना काफिला रुकवाने का फैसला किया है। इसके बाद, बाड़मेर यात्रा के बाद एयरपोर्ट से लौटते वक्त उनका काफिला ओटीएस चौराहे के पास ट्रैफिक के बीच लाल बत्ती पर रुका। मुख्यमंत्री ने उनके काफिले की वजह से यातायात रोक दिए जाने से आम लोगों को होने वाली परेशानी को देखते हुए पुलिस महानिदेशक श्री उत्कल रंजन साहू से बात की थी। पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप जयपुर पुलिस आयुक्त को इस संबंध में निर्देश दिए हैं।

    उल्लेखनीय है कि अब तक मुख्यमंत्री के काफिले की रवानगी से पहले शहर में यातायात रोक लिया जाता था जिससे आमजन को कई बार ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री ने एक बार पहले भी अपना काफिला रुकवाकर एम्बुलेंस को आगे निकलवाया था। अब उनकी इस पहल से गंभीर मरीजों को भी जाम से राहत मिलेगी।

  • 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा- गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री भजनलाल

    100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा- गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता: मुख्यमंत्री भजनलाल

    21 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार 100 दिवसीय कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि सेवाभाव एवं संवेदनशीलता के साथ चिकित्सालयों में मरीजों का उपचार करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करने की दृष्टि से आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह मंदिर जन स्वास्थ्य की मुख्य धुरी के रूप में कार्य करेंगे। इसमें योगा और वेलनेस गतिविधियां भी संचालित की जाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेशवासियों का अच्छा स्वास्थ्य और गुणवत्तापूर्ण उपचार राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि चिकित्सक अस्पतालों में समय पर पहुंचे और रोगियों एवं उनके परिवारजनों के साथ अच्छा व्यवहार रखे। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कार्यों में अनावश्यक देरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच सुविधाएं उपलब्ध है, लेकिन हमारा प्रयास है कि लोग स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित हो। उन्होंने स्वच्छता पर विशेष जोर देकर कहा कि खुले में खाद्य पदार्थों की बिक्री पर रोक लगाए तथा मिलावट करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। खाद्य सामग्री विक्रेताओं को कानूनों की जानकारी दी जानी चाहिए। श्री शर्मा ने सवाई मानसिंह अस्पताल में भी पीएम जन औषधि केन्द्र खोलने और आयुष्मान आरोग्य केंद्रों के निर्माण कार्य समयबद्ध पूरा करने के निर्देश दिए।

    वृद्ध रोगियों के लिए अलग व्यवस्था के निर्देश

    मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में चिकित्सा क्षेत्र में अच्छे कार्य हुए हैं, उनका अध्ययन कर यहां भी लागू करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में पुरूष और महिला वार्डों की तरह वृद्धजन रोगियों के लिए अलग सुविधाएं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्तदान शिविरों की संख्या बढ़ाने के लिए सामाजिक संस्थानों और जनप्रतिनिधियों आदि का सहयोग प्राप्त करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत स्वास्थ्य शिविरों में अधिकाधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी पात्र व्यक्ति लाभ से वंचित नहीं रहे। श्री शर्मा ने पीएम जनऔषधि केन्द्रों की संख्या बढ़ाकर प्रचार-प्रसार करने, चिकित्सालयों में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता की नियमित जांच करने, स्वच्छता का विशेष ध्यान रखने और हर दिन अलग-अलग रंग की बैडशीट बिछाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने जांच व्यवस्था सुचारू रखने के लिए जांच मशीनों का समय-समय पर मेंटिनेंस कराने के निर्देश दिए।

    खुलेंगे नशा मुक्ति परामर्श केन्द्र, नशे की दवाइयां बेची तो लाइसेंस होगा रद्द

    श्री शर्मा ने कहा कि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को उन जिलों में नशा मुक्ति परामर्श केंद्र खोलने के निर्देश दिए, जहां ऐसे मामले अधिक सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए चिकित्सा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, पुलिस विभाग और जिला प्रशासन विषय विशेषज्ञों के जरिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कराए। साथ ही, उन्होंने नशीली दवाइयों की अवैध बिक्री पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा ऐसे विक्रेताओं के लाइसेंस रद््द करने के निर्देश दिए। उन्होंने मनोरोगियों के उपचार के लिए विशेषज्ञों और सामाजिक संस्थाओं को जोड़ने के लिए कहा। जिला कलक्टर, एडीएम, एसडीएम करेंगे चिकित्सालयों की जांचश्री शर्मा ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि जिला कलक्टर के जरिए जिला चिकित्सालयों का सप्ताह में एक बार निरीक्षण कराना सुनिश्चित करे। साथ ही, एडीएम, एसडीएम, सीएमएचओ, पीएमओ भी चिकित्सालयों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि राज्य स्तरीय टीम गठित कर प्रदेश में औचक निरीक्षण कराएं। इसके लिए विभाग एक चैकलिस्ट भी तैयार करे।

    चिकित्सा शिक्षकों की होगी शीघ्र नियुक्ति

    श्री शर्मा ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों के लिए चिकित्सा शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की नियुक्ति शीघ्र की जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न कारणों से लम्बित भर्तियों को भी पारदर्शिता के साथ पूरा करें। उन्होंने कहा कि जल्द ही भर्ती प्रक्रियाओं को पूरा करने का प्रयास होगा। श्री शर्मा ने विभाग द्वारा मेडिकल कॉलेजों में ई-स्मार्ट कक्षाएं शुरू कराने की कार्ययोजना के लिए सराहना की। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने 100 दिवसीय कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, वृद्धावस्था विशेषज्ञ इकाई, मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सकों की स्थिति, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम, आयुष्मान भव के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिर, स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण, जनजातीय नागरिकों की सिकल सैल एनीमिया स्क्रीनिंग और काउंसलिंग, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम, आयुष्मान शहरी स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों, पीएम भारतीय जन औषधि केंद्रों, खाद्य कारोबारियों को स्वच्छ एवं स्वस्थ खाद्य पदार्थ के निर्माण, भंडारण, परिवहन एवं विक्रय से सम्बंधित प्रशिक्षण देने, खाद्य अनुज्ञा पत्र रजिस्ट्रेशन, जांच मशीनों से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

  • सदन में सार्थक चर्चाओं से जनहित में आएंगे बेहतर परिणाम, लोकतंत्र भारत की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा: प्रबोधन कार्यक्रम का समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष

    सदन में सार्थक चर्चाओं से जनहित में आएंगे बेहतर परिणाम, लोकतंत्र भारत की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा: प्रबोधन कार्यक्रम का समापन सत्र में लोकसभा अध्यक्ष

    जयपुर, 16 जनवरी। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कहा कि सदनों में सार्थक चर्चाएं होने से ही जनता के हित में बेहतर परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि जन आकांक्षाओं पर खरा उतरें और जनकल्याण का दायित्व निभाएं। पक्ष-विपक्ष मिलकर जनता के हित में कार्य करेंगे तो ही राज्य को विकास के पथ पर अग्रसर कर पाएंगे। लोकसभा अध्यक्ष मंगलवार को राजस्थान विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के समापन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने सत्र की अध्यक्षता की जबकि मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

    लोकसभा अध्यक्ष ने नवनिर्वाचित विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनता ने इस विश्वास के साथ आपको चुनकर भेजा है कि आप अपने संवैधानिक दायित्वों का भली प्रकार से निर्वहन करेंगे। विधायक जितना अधिक समय सदन में देंगे, वे उतनी ही अधिक तार्किकता से अपनी बात रख पाएंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थान विधानसभा की गौरवशाली परम्पराएं और परिपाटियां रहीं हैं। यह देश के अन्य विधान मंडलों के लिए भी मार्गदर्शक की भूमिका निभाती रही है। उन्होंने कहा कि यह साबित हो चुका है कि लोकतंत्र ही शासन की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है और यह भारत की जीवनशैली का हिस्सा रही है। लोकतंत्र की कार्यशैली हमारे विचारों और कार्यों में भी झलकती है। हमारी लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं पूरी दुनिया के लिए मिसाल है।

    श्री बिरला ने कहा कि विधायक केवल अपने क्षेत्र के मुद्दों और समस्याओं तक ही सीमित नहीं रहें बल्कि उन्हें राज्य के प्रमुख मुद्दों पर व्यापक रूप से चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को प्रतिपक्ष के मुद्दों पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। श्री बिरला ने सदन में गतिरोध को अनुचित बताते हुए कहा कि सार्थक चर्चाओं से ही सरकार के कामकाज में जवाबदेही और पारदर्शिता आ पाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायकों द्वारा अपने क्षेत्रों में किये गए नवाचारों पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए। इससे एक-दूसरे के अनुभवों से सीखने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम नई तकनीकों को अपनाएं। हम जितना अधिक तकनीक का उपयोग करेंगे उतना ही बेहतर संवाद कर पाएंगे।

    श्री बिरला ने कहा कि विधानसभा में प्रश्न लगाने की प्रक्रिया ऑनलाइन तथा विधानसभा पेपरलेस होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधान मंडल का प्रमुख कार्य कानून बनाना है। कानून और नियम बनते समय सदस्यों को विशेष रूप से ध्यान देकर व्यापक चर्चा करनी चाहिए। कानून पर जितनी अधिक चर्चा होगी, वह उतना ही कल्याणकारी और प्रभावी बनेगा।

    विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि सोलहवीं विधानसभा में प्रथम बार निर्वाचित सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम अधिक महत्वपूर्ण है। उन्हें इससे लोकहित के मुद्दे उठाने, विधेयक पारित कराने तथा अन्य प्रक्रियाओं की जानकारी मिलेगी। विभिन्न सत्रों में विषय विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी से संसदीय कार्यप्रणाली के बारे में उनकी समझ बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि सदन में मर्यादित आचरण और सदन का समय बहुत महत्वपूर्ण है। सदन की कार्यवाही सुचारू रुप से चलाना पक्ष और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है। श्री देवनानी ने कहा कि सदन में जनता की समस्याएं उठाने के लिए आपको पूरा समय मिलेगा, लेकिन सदन की कुछ मर्यादाएं भी हैं जिनका आपको पालन करना होगा।श्री देवनानी ने कहा कि विधानसभा में 21 समितियां गठित होती हैं, जिनका सदस्य और सभापति बनने का अवसर विधायकों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये समितियां शक्तिशाली होती हैं, इन्हें और अधिक प्रभावी बनाना आप पर निर्भर है। उन्होंने विधायकों से इन समितियों में सक्रिय रूप से भूमिका निभाने का आह्वान किया।

    मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि विभिन्न सत्रों में हुई सार्थक चर्चा में संसदीय प्रक्रियाओं, विधियों, कार्य संचालन नियमों और समितियों के कार्यों की जानकारी से हमें प्रदेश के विकास के लिए दिशा मिली है। कार्यक्रम में वरिष्ठ विशेषज्ञों द्वारा साझा किए अनुभवों से हमें सदन के बहुमूल्य समय का सर्वोत्तम उपयोग करने में मदद मिलेगी। श्री शर्मा ने उपराष्ट्रपति के उद्बोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन को चलाने की जिम्मेदारी पक्ष और विपक्ष दोनों की होती है। इसलिए हमारा आचरण अनुकरणीय और आदर्श होना चाहिए। हमें भारत की संविधान सभा से प्रेरणा लेनी चाहिए। श्री शर्मा ने सदन के सदस्यों की तरफ से उपराष्ट्रपति को विश्वास दिलाया कि सदन उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली में पारंगत होने के लिए निरंतर सीखते रहना चाहिए। जनप्रतिनिधि के रूप में हमें जनहित के मुद्दों को नियमों के तहत उठाना चाहिए।

    संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने कार्यक्रम में सभी का आभार व्यक्त किया। विधानसभा अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने पौधा भेंट कर लोकसभा अध्यक्ष का स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने लोकसभा अध्यक्ष एवं संसदीय कार्य मंत्री ने मुख्यमंत्री को स्मृति चिह्न भेंट किया। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्रीगण, मंत्रीगण, विधायकगण तथा संसदीय नियम एवं प्रक्रियाओं के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

  • उपराष्ट्रपति 16 जनवरी, 2024 को राजस्थान के जयपुर, करौली और धौलपुर का दौरा करेंगे

    उपराष्ट्रपति 16 जनवरी, 2024 को राजस्थान के जयपुर, करौली और धौलपुर का दौरा करेंगे

    उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ 16 जनवरी, 2023 को राजस्थान के जयपुर, करौली और धौलपुर का दौरा करेंगे। वो आज जयपुर पहुंचे जहा मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने उनका स्वागत किया। अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान श्री धनखड़ 16 वीं राजस्थान विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे।अपनी यात्रा के दौरान, उपराष्ट्रपति श्री महावीरजी मंदिर, हिंडौन सिटी करौली, राजस्थान जाएंगे। उपराष्ट्रपति राजस्थान के धौलपुर स्थित धौलपुर मिलिट्री स्कूल का भी दौरा करेंगे।

  • मुख्यमंत्री भजनलाल का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन संभव

    मुख्यमंत्री भजनलाल का भीलवाड़ा दौरा- आमजन एवं सरकार के सम्मिलित प्रयासों से ही पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन संभव

    जयपुर, 14 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा ने वृक्षों को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाली अमृता देवी को नमन करतेे हुए कहा कि खेजड़ली गांव में अमृता देवी विश्नोई सहित 363 लोगों द्वारा वृक्षों को बचाने के लिए दी गई प्राणों की आहूति पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा उदाहरण है। प्रकृति प्रेम की इससे अनूठी मिसाल संसार में कहीं नहीं मिलती है। हम सब के लिए यह गर्व का विषय है कि वे राजस्थान की धरती से थीं। मुख्यमंत्री रविवार को भीलवाड़ा में हरित संगम पर्यावरण मेले में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान लाखों पौधें लगाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर काम कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण की महत्ती आवश्यकता को देखते हुए हरित संगम जैसे आयोजन बहुत जरूरी हैं। ऐसे संगमों से पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलती है। वृक्षों के महत्व को समझते हुए हमें ज्यादा से ज्यादा पौधें लगाने चाहिए।

    हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति- श्री शर्मा ने कहा कि हमारी प्रकृति ही हमारी संस्कृति है। हम वृक्षों, नदियों, पहाड़ों की पूजा करते हैं। वैदिक काल से ही हमारे यहां पर्यावरण और खास तौर पर वृक्षों के संरक्षण को विशेष महत्व दिया गया है। ऋषि मुनियों ने वृक्षों के नीचे बैठकर ही चिंतन मनन किया। वनों में बनें गुरूकुलों ने देश को महान शासक, राजगुरू, सेनापति और विद्वान दिए। उन्होंने कहा कि वृक्षों का संरक्षण और संवर्द्धन परोपकार का कार्य है। वनांे में हजारों प्रजातियों के जीव-जन्तु प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार जीवन-यापन करते हैं। इससे हमें प्रकृति और प्राणियों के बीच संतुलन का महत्व पता चलता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से हम प्रभावित हैं। राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रतिबद्ध है और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। हमारे और आपके सम्मिलित प्रयासों से ही स्थिति में आमूल-चूल परिवर्तन हो सकता है।

    पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व

    मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण भावी पीढ़ियों के लिए हमारा दायित्व भी है। कुछ आसान से कदम उठाकर हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। हमें घर में तथा आस-पास अधिक से अधिक पौधें लगाकर अन्य लोगों को भी इस दिशा में प्रेरित करना चाहिए। वृक्ष संरक्षण, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने, पानी की बर्बादी रोकने और बच्चों को पर्यावरण के बारे में जागरूक करने जैसे कदमों से भावी पीढ़ी को हम एक सुरक्षित एवं सुनहरा कल दे सकते हैं। मैं आशान्वित हूं कि हरित संगम 2024 का संदेश जन-जन तक पहुंचेगा और लोगों में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागृति पैदा होगी।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित चित्र प्रदर्शनी ‘भीलवाड़ा फ्लॉवर शो’ का अवलोकन भी किया। साथ ही, मेले में लगी स्टॉल्स का अवलोकन किया। इस दौरान श्री शर्मा ने पर्यावरण संगोष्ठी में भी भाग लिया। उन्होंने वीर बाल पुरस्कार भी प्रदान किए। इस अवसर पर अमृतादेवी पर्यावरण नागरिक संस्थान के श्री त्रिलोक चन्द छाबड़ा सहित संस्थान के विभिन्न पदाधिकारी, पर्यावरणविद्, पर्यावरण संरक्षक एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

  • राम-राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है – उपराष्ट्रपति

    राम-राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है – उपराष्ट्रपति

    भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई अज्ञानी, इतिहास से अनभिज्ञ, हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक है।उन्होंने कहा कि राम और राम-राज्य का आदर्श भारत के संविधान में निहित है और संविधान के निर्माताओं ने इसको पराकाष्ठा पर रखा है। श्री धनखड़ ने बताया कि हमारे संविधान में बीस से ज्यादा चित्र हैं, और उनमें मौलिक अधिकारों के ऊपर जो चित्र है उसमें राम-लक्ष्मण-सीता हैं। जो लोग भगवान राम का निरादर कर रहे हैं, वास्तव में वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं, जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से प्रभु राम के उन चित्रों को वहां रखा है।

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि समाज तभी स्वस्थ रहेगा जब समाज के सभी अंग एक साथ रहेंगे। हमारी संस्कृति यही कहती है सब मिलकर काम करो एकजुटता से रहो। उन्होंने कहा “जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं, तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए जहर फैलाना चाहते हैं, वे ही 35 बनाम 1 की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं।”

    श्री धनखड़ ने कहा कि वह लोग समाज के दुश्मन नहीं, बल्कि खुद के भी दुश्मन हैं और उनका आचरण अमर्यादित ही नहीं, घातक है। उन्होंने आगे कहा कि “मेरा आपसे अनुरोध है कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की दरकार नहीं है, क्योंकि वह अपने हैं। उनको जागरूक करने की दरकार है, उनको समझाने की दरकार है, सही रास्ते पर लाने की दरकार है। और यह काम संस्थागत तरीके से नहीं अपने पड़ोस में होना चाहिए, अपने समाज में होना चाहिए, जिस वर्ग से हम जुड़े हुए हैं वहां होना चाहिए।” उन्होंने आह्वान किया कि हम सबका परम कर्तव्य है कि समाज को जोड़ने का कार्य करें।उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने राजस्थान के नए नेतृत्व के प्रति विश्वास जताया। आज जयपुर में आयोजित नेशनल इलेक्ट्रो होम्योपैथी सेमिनार के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने भरोसा जताया कि नए नेतृत्व में राजस्थान प्रगति में देश का सर्वोच्च राज्य होगा।

    अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने आधुनिक जीवन शैली के कारण हो रही बीमारियों की रोकथाम में आयुर्वेद जैसे वैकल्पिक पारंपरिक चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। इस अवसर पर अपने भाषण में उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने व्यवसायियों और उद्योगों से आर्थिक राष्ट्रवाद अपनाने का आह्वाहन किया और इसके लिए तीन मंत्र भी दिए।उन्होंने कहा कि जब विदेशों में निर्मित दिए और खिलौने आयात किए जाते हैं तो हम देश के शिल्पियों के हाथ से अवसर छीनते हैं। उन्होंने उद्योगों से कहा कि वे देश की प्रगति के लिए सिर्फ अपरिहार्य सामान का ही आयात करें।उपराष्ट्रपति ने देश से कच्चे माल के निर्यात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हम कच्चे माल की जगह value added सामान का निर्यात करें जिसके निर्माण में देश के कामगारों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।तीसरा, उन्होंने कहा कि हम अपने ही धन के ट्रस्टी हैं उसका सार्थक और आवश्यक उपयोग ही करें, फिजूलखर्च और दिखावे से बचें। अधिक धन होना हमको संसाधन व्यर्थ बर्बाद करने की अनुमति नहीं देता।इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री श्री प्रेमचंद्र बैरवा, चुरू के सांसद श्री राहुल कास्वां सहित अनेक पदाधिकारी और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

  • मुख्यमंत्री ने मनाया पंजाबी समाज के साथ लोहड़ी का त्योहार

    मुख्यमंत्री ने मनाया पंजाबी समाज के साथ लोहड़ी का त्योहार

    जयपुर, 13 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा शनिवार को जयपुर में गोकाष्ठ लोहड़ी महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने लोहड़ी को प्रज्वलित कर प्रदेश की समृद्धि एवं उन्नति की कामना की। उन्होंने सभी लोगों को लोहड़ी की बधाई देते हुए कहा कि राजस्थान के पंजाबी समुदाय के बीच आकर इस हर्षोल्लास के पर्व को मनाना सौभाग्य की बात है। किसान की फसल पकने पर मनाया जाने वाला लोहड़ी का त्योहार सुख एवं समृद्धि का उत्सव है। सभी आयु वर्ग के लोग एक जैसे उत्साह के साथ इस त्योहार को मनाते हैं, इससे सामाजिक भाईचारा, परिवार की एकजुटता और पुरानी पीढ़ी द्वारा नई पीढ़ी में संस्कारों का संचार प्रबल होता है।

    उन्होंने कहा कि पंजाबी समाज सेवा एवं धर्म के कार्यों में अग्रणी रहता है। इस समाज के लोगों द्वारा गरीब-निर्धन परिवारों को चिन्हित कर उनके लिए उचित व्यवस्थाएं की जाती है, जो कि अनुकरणीय है। इस अवसर पर विधायक श्री गोपाल शर्मा एवं श्री बालमुकुन्द आचार्य तथा श्री रवि नय्यर, श्री चन्द्र मोहन बटवाड़ा सहित पंजाबी समाज के प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।