जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव व राज्य का दर्जा जल्द, यूसीसी लागू और एक साथ चुनाव भी होगा: अमित शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कई महत्वपूर्ण बाते की हैं, जो देश के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है। उनके बयान ने जम्मू-कश्मीर, यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी), और नक्सलवाद के मुद्दों पर सरकार की योजनाओं को स्पष्ट किया है।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव: अमित शाह ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर से पहले विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। यह निर्णय जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण होगा। शाह ने यह भी कहा कि चुनावों के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश से राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा। धारा 370 हटने के बाद दुबारा से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग थी। लद्दाख पे फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं है।

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यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC): शाह ने अपने इंटरव्यू में यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा की सरकार आने के बाद अगले पांच साल में पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू किया जाएगा। यूसीसी का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून लागू करना है, चाहे उनका धर्म या जाति कुछ भी हो। जैसे की हिंदू या मुसलमान नागरिकों पे पारिवारिक और शादी को लेकर एक से कानून लागू होंगे।

शाह एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए।

इसके अलावा, शाह ने यह भी कहा कि सभी चुनाव एक साथ करवाए जाएंगे, जिससे चुनाव प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाया जा सके। इस कदम से जनता का धन बचेगा और बार बार चुनावी आचार संहिता लगने से लोगो के काम नहीं रुकेंगे। पर कई राज्य सरकारों को एक साल का समय ज्यादा और कुछ 1 साल पहले भंग करना होगा ताकि सारे चुनाव 2029 से हर 5 साल पे हो सके। बता दे, देश आजाद होने के बाद कई साल तक, चुनाव साथ ही होते थे।

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नक्सलवाद की समस्या: अमित शाह ने नक्सलवाद के मुद्दे पर भी बात की और आश्वासन दिया कि अगले 2-3 साल में देश में नक्सलियों की समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है और जल्द ही देश नक्सलवाद मुक्त होगा। यह घोषणा उन क्षेत्रों के लोगों के लिए राहत की खबर है, जो लंबे समय से नक्सली हिंसा का सामना कर रहे हैं।

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