12 जून 2025, भारत ने एक ऐसा दुःस्वप्न देखा जिसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है।
एयर इंडिया फ्लाइट AI171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर जो अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए रवाना हुई थी, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। जहाँ कभी जीवन था, वहाँ अब मलबा है। जहाँ हँसी थी, वहाँ अब सन्नाटा है।
एक चमत्कार: एक जीवित बचा व्यक्ति
एकमात्र जीवित व्यक्ति का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं है। बाकी सभी 241 यात्री और 11 में से 11 क्रू मेंबर के मारे जाने की आशंका है। इसमें कई छात्र, प्रवासी भारतीय, पर्यटक और परिवार शामिल हैं।
जहाँ विमान गिरा, वहाँ की इमारत में मौजूद लोग भी चपेट में आए। अब तक 6 शव वहाँ से बरामद किए जा चुके हैं, और मलबा हटाने का काम अभी जारी है।
संख्या और भी भयावह हो सकती है।
अब तक क्या जानकारी सामने आई है:
- टेकऑफ़ के कुछ मिनटों में ही विमान ने Mayday कॉल जारी की।
- यह सिर्फ़ 625 फीट की ऊँचाई तक पहुँच सका।
- तेज़ धमाका, काले धुएं का गुबार, और आग की लपटें मेघानी नगर में देखी गईं।
- अहमदाबाद एयरपोर्ट फिर चालू कर दिया गया है।
- NDRF, दमकल और मेडिकल टीमें मौके पर लगातार जुटी हुई हैं।
- Air India, DGCA और Boeing द्वारा जांच शुरू हो चुकी है।
- पायलट अनुभवी थे व सीनियर पायलट को 8000 घंटे उड़ान का अनुभव था।
- बोइंग 787 की 10 साल में ये पहली दुर्घटना है।
ब्लैक बॉक्स क्या बताएगा?
अब सारा देश और पीड़ित परिवार ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। यही बताएगा कि इस दर्दनाक हादसे के पीछे की वास्तविक वजह क्या थी।
इंसान बने रहना अब ज़रूरी है।
कृपया किसी भी पीड़ित या शव की फोटो या वीडियो शेयर न करें। यह क्रूरता है। यह सिर्फ़ क्लिक्स के लिए किया गया अमानवीय कृत्य है, सोचिए, अगर वो आपका भाई होता? आपकी बेटी होती? आपकी माँ?
उनके परिवार इन तस्वीरों को देखकर कैसे जिएँगे?
क्या करें, क्या न करें:
विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें।
फर्जी खबरों को रिपोर्ट करें।
हेल्पलाइन (1800 5691 444) नंबर को फैलाएं।
ब्लड डोनेशन, मेडिकल हेल्प, वॉलंटियर जानकारी शेयर करें।
प्रार्थना करें। सभी के लिए।
अफवाह न फैलाएं।
राजनीतिक आरोप न लगाएं जब तक तथ्य न हों।
किसी की पीड़ा को “कंटेंट” में न बदलें।
शवों या घायलों की तस्वीरें पोस्ट न करें।
अब सिर्फ़ एक धर्म, एक कर्तव्य है, मानवता।
आज जाति, धर्म, राष्ट्र की दीवारें गिरानी होंगी।
जो भी इस विमान में थे, वो हमारे जैसे ही थे।
सपनों वाले, परिवारों वाले, इंसान।
प्रार्थना करें, उनके लिए जो अब भी ज़िंदगी से लड़ रहे हैं। प्रार्थना करें, उन आत्माओं के लिए जो अब इस संसार में नहीं रहीं।
“संवेदना की सबसे बड़ी परीक्षा यही है—दूसरों का दुःख देखकर अपना चैन खो देना।”
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