जल प्रहार: पाकिस्तान की नींव हिला देने वाला सर्जिकल स्ट्राइक चालू!

चेनाब नदी सूखी! हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने। सैटेलाइट इमेजेस में स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान के सियालकोट के पास बहने वाली चेनाब नदी लगभग सूख चुकी है। वजह? भारत द्वारा सिंधु जल संधि की सस्पेंशन! लेकिन असर सिर्फ पीने के पानी तक सीमित नहीं है, यह हमला पाकिस्तान की आर्थिक और कृषि रीढ़ पर है।

पाकिस्तान की कृषि पर जल सर्जिकल स्ट्राइक का असर:

पंजाब और सिंध प्रांत, जो पाकिस्तान की कृषि व्यवस्था का केंद्र हैं, उनकी खेती का लगभग पूरा दारोमदार सिंधु नदी प्रणाली पर है। अब जब भारत ने पानी का प्रवाह रोका है, तो असर कुछ ऐसा है:

  • कॉटन (रुई):
    पाकिस्तान के कुल उत्पादन का 99% इसी क्षेत्र से आता है।
    नतीजा: टेक्सटाइल इंडस्ट्री का पतन तय।
  • चावल (बासमती):
    90% उत्पादन पंजाब और सिंध से।
    नतीजा: किसान कर्ज में डूबेंगे, निर्यात चौपट।
  • गेहूं:
    92% उत्पादन इन्हीं क्षेत्रों से।
    नतीजा: खाद्य सुरक्षा खतरे में।

ये है असली सर्जिकल स्ट्राइक: बिना गोली, बगैर शोर के!

जब पानी की एक-एक बूंद पर नियंत्रण होता है, तो दुश्मन की सांसें खुद ही रुकने लगती हैं। यही तो है भारत की नई नीति: “न पानी देंगे, न मैदान!”

जब देश अपनी सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठा रहा है, तो सबसे बड़े विपक्षी दल के नेताओं का चेहरा लटक गया है। कभी उल्टे बयानों से पाकिस्तान को ऑक्सीजन, कभी खुद अपने प्रधानमंत्री पर कटाक्ष, आखिर इनकी पीड़ा किसके लिए है?

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आज पूरा भारत एकजुट है

ओवैसी, उमर अब्दुल्ला जैसे नेता भी भारत के पक्ष में खड़े हैं, लेकिन कांग्रेस की चुप्पी सबसे ज़्यादा बोल रही है।

“भारत अब बदल चुका है, अब कोई न पानी छीन सकता है, न आत्मसम्मान!”

जल ही जीवन है। अब भारत तय करेगा, किसे जीवन देना है, और किसे सजा।

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