आमजन को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए पेयजल, विद्युत् आपूर्ति, मानव एवं पशु स्वास्थ्य व्यवस्थाएं सुचारु रखें – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने प्रदेश में भीषण गर्मी को देखते हुए आमजन के लिए आवश्यक बिजली, पानी, स्वास्थ्य एवं अन्य आधारभूत सेवाओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के समस्त विभाग इस दौरान आमजन को होने वाली संभावित परेशानियों से बचाने और आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए अपनी तैयारियों को पुख्ता करें। 

श्री पंत गुरुवार को शासन सचिवालय में ग्रीष्म ऋतु में प्रदेश में जलापूर्ति, समर कंटिन्जेंसी प्लान की प्रगति एवं अन्य अन्तर्विभागीय विषयों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समर कंटिन्जेंसी के कार्यों को समय पर पूर्ण किया जाए, जिससे इन कार्यों का अधिकतम लाभ आमजन को मिल सके। किसी भी तरह की आपात स्थिति उत्पन्न होने पर सम्बंधित विभागों द्वारा त्वरित कार्यवाही को सुनिश्चित किया जाए। 

बैठक में उन्होंने सभी कार्मिकों की कार्यस्थलों पर उपस्थिति को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी कंट्रोल रूम चौबीसों घण्टे कार्यशील रहे एवं  प्राप्त शिकायतों का सम्बंधित विभाग द्वारा त्वरित निस्तारण किया जाए। श्री पंत ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सभी जिला प्रभारी अधिकारियों को 30 अप्रैल से पूर्व अपने जिलों का दौरा करने निर्देश दिए। चिकित्सा विभाग को लू एवं तापघात की स्थिति से निपटने के लिए चिकित्सालयों में उपचार के लिए आवश्यक सभी सेवाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। 

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उन्होंने पशुपालन विभाग को गौशालाओं में पर्याप्त चारे एवं पानी की व्यवस्था के साथ ही समय पर अनुदान राशि प्रदान करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पशु चिकित्सालयों में सभी आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाये। 

बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी श्री भास्कर ए सावंत ने कहा कि प्रदेश के समस्त 41 जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 142.36 करोड रुपये के 1,245 कार्य स्वीकृत करवाये गये हैं, इनमें से 672 कार्य प्रारम्भ कर दिए गए हैं एवं 157 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये जल गुणवत्ता जांच के नमूने लिये जाकर लगातार निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही राज्य एवं जिला स्तर पर पेयजल समस्याओं के त्वरित निराकरण हेतु नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं।

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अतिरिक्त मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा श्री आनंद कुमार ने कहा कि लू एवं तापाघात की स्थिति को देखते हुए जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गए हैं। जिला कलेक्टरों को आवश्यकतानुसार विद्यालयों के समय परिवर्तन हेतु निर्देश दिये गए हैं। मनरेगा में श्रमिकों हेतु छाया -पानी के आवश्यक प्रबंधन एवं समय परिवर्तन के लिए भी दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। जिला स्तर पर लू एवं तापाघात प्रभावितों के सहायता हेतु नियंत्रण कक्ष स्थापित किये गयें हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि विभाग द्वारा लू एवं तापाघात के मरीजों हेतु आईसीयू में बेड आरक्षित रखने एवं दवाइयों की समुचित मात्रा में उपलब्धता के निर्देश जारी किये गए है। सभी संस्थानों में सुचारू विद्युत आपूर्ति तथा स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। 

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डिस्कॉम्स अध्यक्ष सुश्री आरती डोगरा ने बताया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान होने वाली अधिक विद्युत खपत के प्रबंधन हेतु आवश्यकतानुसार बिजली क्रय की जा रही है। विभाग द्वारा पीएचईडी के लम्बित विद्युत कनेक्शनों को प्राथमिकता के आधार पर जारी किया जा रहा है।

शासन सचिव, पशुपालन श्री समित शर्मा ने कहा कि सभी पशु चिकित्सकों एवं कर्मचारियों को फील्ड में रहने एवं नगर निकायों को बेसहारा पशुओं के लिये छाया-पानी के आवश्यक प्रबंधन हेतु निर्देश जारी किये गए है। प्रबंध निदेशक, आर.सी.डी.एफ श्रीमती श्रुति भरद्वाज ने बताया कि गर्मी में दूध की आपूर्ति घट जाती है, इसे बढ़ाने हेतु पशुपालकों से अधिकाधिक दुग्ध संग्रहण के प्रयास किये जा रहे हैं।

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