श्री राम नवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है, जो अप्रैल-मई में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था।
श्री राम नवमी का पर्व पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है। इस दिन भगवान राम के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है।
रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियाँ थीं, लेकिन बहुत समय तक कोई भी राजा दशरथ को सन्तान का सुख नहीं दे पायी थीं। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ ने ऋषि वशिष्ठ के निर्देश पर पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराया। यज्ञ के बाद महर्षि ऋष्यश्रृंग ने दशरथ की तीनों पत्नियों को खीर खाने को दी, जिसके बाद तीनों रानियाँ गर्भवती हो गयीं।
ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने श्रीराम को, कैकयी ने श्रीभरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों श्रीलक्ष्मण और श्रीशत्रुघ्न को जन्म दिया। भगवान श्रीराम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों का संहार करने के लिए हुआ था।
इस साल 2024 में रामनवमी 17 अप्रैल को धूमधाम और श्रद्धा से बनाई जायेगी।
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