नई दिल्ली/श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया है। हमले में नौसेना के जवानों समेत कई सुरक्षाकर्मी वीरगति को प्राप्त हुए, और देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। इस हमले के जवाब में केंद्र सरकार ने त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान पर पांच कड़े कदम उठाए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारत अब केवल निंदा तक सीमित नहीं रहेगा।
मोदी सरकार के 5 बड़े फैसले:
- सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने पाकिस्तान के साथ दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है। अब पाकिस्तान को मिलने वाला पानी रोका जाएगा और उसका उपयोग जम्मू-कश्मीर व पंजाब में किया जाएगा।
- अटारी बॉर्डर सील: पंजाब में भारत-पाक सीमा पर अटारी बॉर्डर को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यात्री और मालवाहक आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
- पाक नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश: देश में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने को कहा गया है। इसमें छात्र, पर्यटक और व्यापारी सभी शामिल हैं।
- पाक डिफेंस अटैचेज निष्कासित: दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत रक्षा संबंधी अधिकारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
- डिप्लोमैटिक स्टाफ घटाकर 30 किया जाएगा: भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के राजनयिक स्टाफ को 30 तक सीमित करने का निर्णय लिया गया है।
सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की सुगबुगाहट
सूत्रों की मानें तो सीमापार जवाबी कार्रवाई की तैयारी जोरों पर है। सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमा के पास सैन्य गतिविधियां तेज हो गई हैं और सर्जिकल स्ट्राइक 2.0 की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सरकार का स्पष्ट संदेश
गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी डटे हुए हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार समन्वय चल रहा है। केंद्र सरकार का रुख साफ है, अब आतंकवाद के प्रति “शून्य सहिष्णुता” की नीति पर सख्ती से अमल किया जाएगा।
देश भर में आक्रोश
देश के कोने-कोने से वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। सोशल मीडिया पर लोग एक सुर में सरकार से करारा जवाब देने की मांग कर रहे हैं। इस बार सिर्फ जवाब नहीं, बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
भारत शांति चाहता है, लेकिन आत्मसम्मान से समझौता नहीं करेगा।
Leave a Reply